अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कविता International Yoga Day Poem in Hindi
योग
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नित्य योग, स्वस्थ
जीवन का आधार।
योग से होता,
स्वास्थ्य का सृजन,
निरोगी काया,स्वस्थ मन।
ध्यान से हो मन एकाग्रचित,
दूर हो जाए अशांति,
हालात हो जैसे भी,
मन होता नही व्यथित।
चित्त रहे सर्वदा हर्षित।
परे रहे वृद्धत्व,
योग से कायम रहे
प्यारा यौवन,
ब्रम्मुहुर्त से प्रारंभ दिनचर्या,
योग से करें दिन की शुरुआत,
रहे संपूर्ण दिवस ताजगी,
कर के देखिए योगा,
तत्पश्चात ज्ञात होगा कि,
ये बातें नहीं महज कागजी,
योग है यथार्थ में संजीवनी।
(स्वरचित)
सविता राज
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(मुजफ्फरपुर,बिहार )
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