Motivational Poem in Hindi : Aao Gussa Tyage Hum Prem Sauhard Ki Baat Kare
प्रेम और सौहार्द बढ़ाने वाली कविता | समाज सुधार पर कविता
आओ! गुस्सा त्यागें,
हम प्रेम– सौहार्द की बातें करें।
कुछ खट्टी, कुछ मीठी,
यादों के साथ,
मैं तेरे दिल में बस जाऊंगी,
जब मुझे तू याद करेगा,तो
मैं चाहकर भी !
तेरे पास वापस न आ पाऊंगी, सब छोड़ चली जाऊंगी,
कल किसने देखा है?
आओ! गुस्सा त्यागें, हम प्रेम सौहार्द की बातें करें।
जिंदगी! चार दिन की है,
जाने कौन! कितने दिन का मेहमान,
आओ ! अपनी खुशियां,अपनों के साथ बांट लें,
अगर, मन में कोई गांठ हो, तो उसे खोल दो!
एक –दूजे के साथी हैं,
हम दूसरे का सहारा बने,
आओ ! गुस्सा त्यागें, हम प्रेम– सौहार्द की बात करें।
( मौलिक रचना )
चेतना चितेरी, प्रयागराज, उत्तरप्रदेश।
मोबाइल नंबर _ 8005313636
पता_ A—2—130, बद्री हाउसिंग स्कीम न्यू मेंहदौरी कॉलोनी तेलियरगंज,प्रयागराज
पिन कोड —211004
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