अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर कविता शायरी और दोहे International Tea Day Shayari and Poetry
आज अन्तर्राष्ट्रीय चाय दिवस की बधाई
पहले यह दिवस 15 दिसंबर को मनाया जाता था। भारत के सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 मई निर्धारित कर दिया है। प्रस्तुत हैं चाय पर कुछ दोहे
चाय पर दोहे
आदत है उनकी हुई, हरदम चाहें चाय।
तलब लगी है जोर की, पीछे देना राय।।
सुबह सुबह अवश्य मिले, शाम को भी जरूर।
दुपहरिया भी प्राप्त हो, गदगद दिखे हजूर।।
चाय बने इसके लिए, याद रखो कुछ बात।
कड़कदार सारे पिएँ, मानें न जात- पात।।
पानी पहले खौलता, फिर डालो तुम चाय।
जब रंग शराबी लगे, दूध डाल मुस्काय।।
खुशबू भी यदि चाहिए, इलायची को कूट।
मिलकर मिश्रण अब बने, मिष्टी जाए छूट।।
चाय तुरत हाजिर करे, पधारे मेहमान।
झटपट फटाफट बनती, मुस्काए जजमान।।
इर्द गिर्द बातें सभी, मध्य रखी हो चाय।
मकसद सारा सफल हो, अब जग जीता जाय।।
संदर्भ : अन्तरराष्ट्रीय चाय दिवस
(21 मई)
'मीनू' मीना सिन्हा
राँची, झारखंड
International Tea Day Shayari in Hindi – चाय दिवस पर शायरी
चाय दिवस
हाय रे हाय,
ताजा गरम चाय।
नमकीन पकौड़े बिस्कुट,
सुंदर सुबह का सुंदर ज्वाय।।
जहाँ है आय,
वहाँ सुंदर चाय।
जीवन जहाँ गरीबी,
कोई कहीं नहीं उपाय।।
पैसे नहीं चेट,
भरता नहीं पेट।
नहीं घर नहीं खेत,
चाय कैसे होगा भेंट।।
पैसे जब पास हो,
भोजन की तलाश हो।
जीवन भी जब झकास हो,
तब चाय की पूरी यह आश हो।।
चाय है शान,
किंतु पैसेवालों की।
चाय तो है अरमान भी,
केवल ऐश करनेवालों की।।
चाय है ट्वाय,
पर किस्मतवालों की।
खाने को जिनको दाने नहीं,
चाय कहाँ नसीब है कंगालों की।।
हम नहीं विवश,
मनाने को चाय दिवस।
अमीरी गरीबी जब हो सम,
तब चायदिवस हो महादिवस।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560
चाय की तलब शायरी | Tea Lover Shayari in Hindi
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चाय की तलब बहुत खोटी,
पति बना उठाए पत्नी को,
मोनो सोई ले, आटी-पाटी।
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रात खाये होटल की दाल रोटी,
गैस नहीं खाना बनाने को,
धी चुपड़ी खायें धी था खांटी।
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चाय कड़क पी कर सोना आँखें मलते।
थर्मस में रखी थी पी पड़ोसन के चलते।।
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डॉ. कवि कुमार निर्मल
कड़क मसालेदार चाय पर शायरी
याद आये जब हो खटनी
पसंद होय अपनी अपनी
कड़क हो या मसालेदार
चुक्के वाली हो या स्टार
सुबह होवे क्रूड माइण्ड
भजन कर मेरे प्यारे यार
रविवार का मित्रों नमस्कार
डॉ. कवि कुमार निर्मल
रोमांटिक चाय पर शायरी | Chai Par Shayari in Hindi
ख़्याल था कि खुश हो वे मुस्कुराएंगे।
प्यारे हाथों से मीठी चाय बना पिलाएंगे।
तोहफ़ा पटक एक ओर जब झोला थमाया।
देर रात हुई पर दुकान खुलवाकर चीनी मंगवाया।
थका-मांदा जैसे-तैसे पाँच किलो स्कुटी पर रख वापस आया।
वो गहरी नींद में मानो बेहोश पड़ी थी।
हिलाया जब तो झुंझला कर बोल रही थी।
सुनो एक कप चाय बना कर जरा पिलादो।
फिर पालक पनीर की बनी सब्जी और रखें पराठे खा लो।
पर मुझे नींद आ रही चाय पी कर सो जाने दो।।
के० के०
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के उपलक्ष में मेरी रचना : मैं और मेरी चाय
" मैं और मेरी चाय "
कप हाथ में ले चाय की चुस्की लेते,
दोस्तों के साथ महफिल हम जमाते।
लंबी-लंबी छोड़ कर लड़ाते थे गप्पे,
चाय की टपरी पे आधी जिंदगी बिताते।
टांग खींच कर उनकी खूब करते मस्ती,
पता ही नहीं चलता कब घंटों बीत जाते।
खुद की सुना कर सुनते थे दोस्तों की,
मजाक से ही अपना मन हल्का करते।
यारों के साथ इतने हो जाते मशरूफ,
खुशी बांट कर औरों का गम भुलाते।
इसी तरह बस हल्का करते थे मन,
यारों को कसकर गले हम लगाते।
कल फिर मिलेंगे 'सुमित' इतना कह पाते,
सब अपने अपने घर को थे चले जाते।
सुमित मानधना 'गौरव', सूरत।
Shayari on Chai in Hindi : Tea Shayari Status in Hindi
चाय और दोस्ती शायरी
चाय का साथे जमके..........
*
कुछ हमहूँ कहीं तोहके, कुछ तुहूँ कहऽ हमके।
आवऽ मिलके मौज उड़ाईं, चाय का साथे जमके।।
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दोस्ती के शुरूआत अभी बा, हौले हाथ बढ़ावऽ।
चाय बा अच्छा मिलल बहाना मिलके नैन मिलावऽ।।
*
करऽ इरादा पक्का नाहीं, दूसर कोई धमके।
आवऽ मिलके नैन मिलावऽ, चाय का साथे जमके।।
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सुनऽ बिजेन्दर चाय प्रेम के, पहिला हऽ शुरुआत।
एकरा साथे बात बनावऽ, तबे बनी बात।।
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चाय का साथे चाह बढ़ावऽ, तहरो रिस्ता चमके।
आवऽ मिलके नैन मिलावऽ, चाय का साथे जमके।।
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बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेन्दर बाबू
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