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बाल मनुहार की कविता Bal Manuhar Shayari Poetry बाल मनुहार की शायरी

बाल मनुहार की कविता Bal Manuhar Shayari Poetry बाल मनुहार की शायरी


बाल मनुहार
हम छोटे बालक,
पर है मनभावन।
ओस बिंदु से हम,
मनमोहक सावन।।

घर आँगन महके,
ठुमक-ठुमक नाचे।
सुखद आगमन पर,
शहनाई बाजे।।

दादा-दादी भी,
मंद-मंद मुस्काये।
बड़ी बुआ मन से,
मंगल गीत गाये।।

मात-पिता मन में,
खुशियाँ बरसाये।
ढ़ोल नगाडों से,
स्वागत करवाये।।

संस्कार संस्कृति की,
आभा बिखराई।
है कामना यही,
सुखी रहो भाई।।
रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)

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