Prernadayak : Kavita Samadhan To Karna Hoga
समाधान तो करना होगा : प्रेरणादायक कविता Motivational Poem Hindi
समाधान तो करना होगा
उलझने बहुत है जीवन में
राह ना सूझे कुछ कहीं भी,
मानते हैं हम तो यह
तुम को दूर भगा कर
उजियारा लाना ही होगा
समस्याएं चाहे जितनी उलझी हों
पर समाधान तो करना होगा।
साम दाम दंड भेद
राजनीतिक और कूटनीतिक सभी अपनाकर
रिश्तो को सुलझाना होगा
तोड़ना तो बहुत आसान है प्यारे
जोड़ें रखना थोड़ा मुश्किल है
पर मुश्किलों से डरे हम क्यों
बातें तो सुलझानी होगी
समाधान तो करना होगा।
युद्ध रोकना मुश्किल है
दोनो पक्षों में किसकी गलती
यह तो कहना मुश्किल है
मानवता को शर्मसार कर रहे
इंसानियत को बेच खाई
जब कोई समझने को तैयार नहीं
फिर भी समाधान तो करना होगा।
कभी बल तो कभी छल का
प्रयोग तो करना होगा
समाधान तो करना ही होगा।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
समस्या और समाधान के संदर्भ में अब आइए पढ़ते हैं उदयपुर के प्रसिद्ध कवि श्री श्याम मठपाल जी की सुंदर प्रेरणादायक कविता:
समाधान तो करना होगा : हिंदी कविता
सपने गगन को छू रहे हैं, हर पल अब मरना होगा।
तनाव में जी रहा आदमी, समाधान तो करना होगा।
संतोष नहीं है जीवन में, मार काट सी मची हुई है।
अन्धकार में डूब रहा है, सबको ही अब तरना होगा।
भाव मन के सूख गए हैं, पातों को अब झरना होगा।
दिग्भर्मित सी दिशाएँ सारी, फिर से कुछ पढ़ना होगा।
तार तार हैं रिश्ते अब सारे, स्वार्थ की दुनियाँ ये सारी।
संस्कार की माटी के संग, आज नया कुछ गढ़ना होगा।
क्रोध में जलता है मानव, क्या सदा ही जलना होगा।
हर तरफ अब चिंगारी है, प्रेम का कोई पलना होगा।
निर्भय हो गए अपराधी, न्याय अभी जंजीरों में है।
वचन कहाँ निभाते कोई, कब तक यहाँ छलना होगा।
भय में सारे लोग जीते, कब तक सबको डरना होगा।
अहंकार में डूबा निर्लज, पाठ फिर से लिखना होगा।
त्यागी जीवन जी ले कोई, भारत से सीखे तो कोई।
विकार आदमी के दुश्मन, इनसे सबको लड़ना होगा।
काँप रही है धरती अपनी, कैसे हमको बचना होगा।
हिंसक बन कर जीता मानव, शीतल कोई झरना होगा।
शोलों पर बैठी ये दुनियाँ, हथियारों का लगा अम्बार।
हार कहाँ मानी है हमने, समाधान को करना होगा।।
श्याम मठपाल, उदयपुर
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