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डाॅक्टर भीमराव अंबेदकर जयंती, महावीर जयंती और बिहारी त्यौहार सतुआनी पर कविता

डाॅक्टर भीमराव अंबेदकर जयंती, महावीर जयंती और बिहारी त्यौहार सतुआनी पर कविता

समस्त साहित्य काव्य से जुड़े माताओं, बहनों एवं बंधुओं को हहृदयतल से सादर सहर्ष नमन के साथ डाॅक्टर भीमराव अंबेदकर जयंती, महावीर जयंती और समस्त बिहारी माताओं, बहनों तथा बंधुओं को बिहारी त्यौहार सतुआनी की हार्दिक शुभकामनाएँ। इन्हीं से संबंधित एक रचना का प्रयासः
स्वाधीनता संग्राम के थे नायक,
भारतीय संविधान के महानायक।
नमन डाॅक्टर भीमराव अंबेदकर,
समता परिचायक शुभ फलदायक।।
समता का सपना ही संयोनेवाले,
सबको समरूप तुम देखनेवाले।
बौद्धधर्म तुम ही अपनाने वाले,
सुख शांति का संदेश देनेवाले।।
आज का दिवस यह महादिवस,
दो महाविभूतियों का जन्म जहाँ।
तीसरे बिहारी त्यौहार सतुआनी,
ऐसा दिवस बहुत ही कम यहाँ।।
समता का द्योतक थे अंबेदकर,
सुख शांति द्योतक जैन महावीर।
किसान त्यौहार आज सतुआनी,
संदेशदाता रखने सदा ही धीर।।
कोटि नमन ऐसे महादिवस को,
कोटि नमन अंबेदकर महावीर।
नमन बिहारी त्यौहार सतुआनी,
नमन आज सायं पूड़ी और खीर।।
सतुआनी के शुभ अवसर पर,
प्रथम होता यह गंगा का स्नान।
नहा धोकर हम मेला हैं घूमते,
फिर बैठ हम सतुआ खाते सान।।
गंगा तट पर मेले का आयोजन,
बच्चों में मेले की है खुशियाली।
सतुआनी है मेष संक्रान्ति दिवस,
कृपा बरसाए सबपर माँ काली।।
कृपा हो माँ का एक बार फिर से,
अंबेदकर महावीर का हो पुनर्जन्म।
राष्ट्र में छाए समता का विचारधारा,
विश्व में छाए सुख शांति जन्माजन्म।।
अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना

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