इंसान पर शायरी और कविता Insaan Shayari Poetry In Hindi
इन्सानियत की खुशबू Insaan Shayari
इन्सानियत की खुशबू
(मुक्तछंद काव्य रचना)
गर आसमां भी आएं कभी मुठ्ठी में,
तुझे ये धरती हमेशा याद रहें
बेईमानी की ना हो तेरी बुनियाद,
इन्सानियत की खुशबू सदा तेरे कर्मों से महकती रहे।
ज़मीर अपना हमने कभी बेचा नहीं,
बेईमानी की दौलत हमने कमाई नहीं।
गुज़र गई जिंदगी सारी ईमानदारी में,
औरों की खुशियां हमने कभी छिनी नहीं।
सच्चाई की राहों में होती है बड़ी मुश्किलें,
मगर वो रास्ता कभी बर्बादी की ओर जाता नहीं।
यही सच्चाई की पुंजी लेकर हम जिएं,
उसी सच्चाई को कभी तुम भूलना नहीं।
बुरे कर्मों से पल में मिलता है सबकुछ,
मगर उस बुराई का अंत एक दिन जरूर होता है।
धन का लालच ही ले जाता है बुराईयों के राहों पर,
उसी बुराईयों से तुझे हमेशा दूर ही रहना है।
गर आसमां भी आएं कभी मुठ्ठी में,
तुझे ये धरती हमेशा याद रहें
ये सच्चाई की बुनियाद कभी होती नहीं कमजोर,
बस इन्सानियत की खुशबू सदा तेरे कर्मों से महकती रहे।
प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद महाविद्यालय लातूर
9730661640
महाराष्ट्र
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