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हिंदी कहानी : जूही की महक Hindi Kahani Juhi Ki Mahak

हिंदी कहानी : जूही की महक Hindi Kahani Juhi Ki Mahak

कहानी - जूही की महक : भाग १
श्याम कुंवर भारती

श्याम कुंवर भारती

लेखक- श्याम कुंवर भारती
कड़ाके की ठंड और ऊपर से जमकर बारिश ने मौसम में काफी सिहरन पैदा कर दिया था। ऐसे सर्द और भींगे मौसम में ट्रेन हाफते कांपते उस छोटे से स्टेशन पर मुंह से भाप छोड़ते हुए रुकी। ट्रेन रुकते ही जूही ने अपनी कलाई घड़ी पर नजर डाली रात के साढ़े बारह बज चुके थे। उसने जल्दी से अपना सामान उठाया और बारिश में भीगते हुए अंदर प्लेटफार्म के सेड में पहुंच गई। लगभग आधा भींग चुकी थी। ऊपर से ठंड भी ज्यादा थी वो कांपने लगी थी।

जूही ने इधर उधर नजर दौड़ाई प्लेटफार्म पर बहुत कम लोग थे। उसे चिंता होने लगी थी उसे इस नई जगह का कोई अंदाजा नहीं था। उसकी नई बहाली हुई थी बीडीओ के पोस्ट पर उसे अपने निवास पर जाना मगर उसका मोबाइल भी बंद हो चुका था। पैसेंजर ट्रेन में मोबाइल चार्ज करने की कोई सुविधा भी थी ऊपर से बारिश की वजह से तीन चार घंटे लेट आई थी। अभी भी बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी। आखिर वो अपने निवास तक कैसे जायेगी। उसे लेने उसके ऑफिस की गाड़ी और ड्राइवर आने वाला था मगर मोबाइल बंद होने से किसी से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। पता नही सब आए भी होंगे या नहीं।

उसे डर भी लग रहा था अब क्या करेगी। तभी उसकी नजर वहा एक छोटे से चाय के स्टाल पर नजर पड़ी। उसने सोचा ठंड तो लग रही है चलो चाय पीते हैं कुछ तो राहत मिलेगी।

चाय स्टॉल पर पहुंची और उसने एक चाय मांगा। वहा दो चार और लोग चाय पी रहे थे। सब लोग चाय पीकर चले गए।

स्टाल पर दुकानदार और जूही रह गए। चाय वाला लगभग एक पच्चीस साल का नौजवान लड़का था। देखने से पढ़ा लिखा और सभ्य लग रहा था। जूही को चाय पीकर काफी राहत महसूस हुई उसने चाय पीते हुए उस लड़के से अपने निवास का पता बताते हुए पूछा - मुझे इस पते पर जाना है कैसे जा सकते हैं। मगर उसने अपना परिचय भी दिया।

उस लड़के ने जूही को ध्यान से देखते हुए कहा- मैडम अभी रात के एक बज रहे हैं इस समय आपको कुछ भी नही मिलेगा। आज ट्रेन लेट आई है इसलिए मै भी इतना देर रुका हुआ हूं वर्ना मैं भी आठ नौ बजे अपनी दुकान बन्द कर अपने घर चला जाता हूं।

अब इसके बाद कोई ट्रेन नही आती है इसलिए स्टेशन बिल्कुल खाली और सुनसान हो जाता है।

सुनकर जूही और चिंतित हो जाती है।
मगर एक उपाय है उस लड़के ने कहा जहा आपको जाना है मुझे भी वही जाना है मेरे पास मोटर साइकिल भी है। अगर आप चाहे तो आपको मैं आपको आपके घर तक छोड़ सकता हूं। लेकिन पूरे पांच सौ रुपए लूंगा। क्योंकि यह भी मेरा धंधा है। ट्रेन लेट आने पर मैं अक्सर एक दो यात्रियों को देर रात उनके घर तक पहुंचाने का काम करता हूं।

सुनकर जूही को थोड़ी राहत तो हुई मगर एक भय भी हुआ की एक जवान और अनजान लड़के के साथ मैं अकेले इतनी रात में कैसे चल सकती हूं।

जूही को सोचते देख इस लड़के ने कहा ज्यादा सोचिए मत मैडम मुझ पर विश्वास करे। मुझे मेरा पांच सौ रुपया किराया दे और चले। अब मैं अपनी दुकान बंद कर जैसे ही बारिश रुकेगी अपने घर चला जाऊंगा अगर कोई सवारी मिल गई तो मैं आपको फिर भी ले जा पाऊंगा।

तभी वहा स्टेशन मास्टर आते है चाय पीने। चाय पिलाओ धीरज। मैं भी चाय पीकर अपने क्वार्टर जाऊंगा। धीरज ने उनको प्रणाम किया और जूही के बारे में बताया। स्टेशन मास्टर ने कहा देखो बेटी धीरज ठीक कह रहा है। तुम इसपर विश्वास कर सकती हो। इसकी यह भी रोजी रोटी है। और इसे एक चायवाला मत समझना यह जल्दी ही पुलिस ऑफिसर बनने वाला है। अपने परिवार का सारा खर्च ये चाय बेचकर और सवारी ढोकर चलाता है। रात में तुम यहां अकेले नही रह सकती।

स्टेशन मास्टर की बात सुनकर जूही को थोड़ा विश्वास हुआ।
वो धीरज की मोटर साइकिल पर पीछे बैठ गई। अभी भी हल्की बूंदा बूंदी हो रही थी। चारो तरफ घुप अंधेरा था। सामने बाइक की हेड लाइट से उजाला हो रहा था।

दोनो अभी कुछ ही दूर गये होंगे की सामने सड़क पर एक पेड़ गिरा हुआ था और रास्ता बंद हो गया था। धीरज ने अपनी बाइक रोक दिया। तभी चार पांच लोगों ने दोनों पर हमला कर दिया। धीरज उन बदमाशों से उलझ गया। काफी देर तक सबमें मार पीट चली। जूही डर से घबड़ा गई थी। उसकी समझ में नही आ रहा था क्या करे। आखिर कार धीरज ने सबको मार भगाया मगर इस दरम्यान उसे काफी चोट आ गई थी। हाथ और सिर जख्मी हो गाए थे जहा से खून भी बह रहा था।

अपने जख्मों की परवाह न करते हुए धीरज ने पेड़ की कुछ टहनियों को तोड़ कर थोड़ा सा रास्ता बनाया और अपनी बाइक को ठेलकर पार कराया और फुर्ती से जूही को बैठाकर बाइक स्टार्ट कर वहा से भाग निकला।

रास्ते में उसने बताया आज पहली बार ऐसी घटना घटी है। में कल शुबह ही पुलिस थाने में इसकी रिपोर्ट करूंगा और मामले की जांच करवाऊंगा।

जूही को अब धीरज पर विश्वाश होने लगा था। उसने काफी मार भी खाई थी। उसे बचाया भी और उसके साथ कोई गलत हरकत भी नहीं किया।

जूही के पूछने पर धीरज ने बताया उसके धर में उसकी मां और एक छोटी बहन और एक छोटा भाई है। घर की जिम्मेवारी वही निभाता है। खुद पढ़ता भी है और अपने भाई बहन को भी पढ़ाता है। कुछ प्राइवेट तियुसन भीं कर लेता है।

वो एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहता है। उसकी भी तैयारी कर रहा है।

बातो बातो मे कब दोनों शहर पहुंच गए पता ही नही चला। धीरज जूही को उसके बताए पता पर ले गया मगर वहा कोई नही था बंगला में ताला बंद था। जूही बड़ी उदास हो गई।

धीरज ने कहा मैडम अगर आपको एतराज न हो तो आज रात आप मेरे घर पर गुजार ले कल मैं आपको फिर यहां पहुंचा दूंगा।

जूही ने बड़ी मुश्किल से हामी भर दिया। धीरज को अब काफी दर्द महसूस होने लगा था कई जगह से अभी भी खून बह रहा था।

जैसे ही धीरज अपने घर पहुंचा उसकी मां उसे देखते ही रोने लगी। उसके भाई बहन भी रोने लगे। वास्तव में धीरज ने काफी बहादुरी का काम किया था। जूही भी उसकी हालत देखकर चिंतित हो रही थी। सबने उसे बिछावन पर किसी तरह लिटाया। उसकी मां ने अपनी बेटी से पानी गर्म करने के कहा और अपने आंचल से धीरज का घाव पोछने लगी थी।

मगर किसी का ध्यान जूही पर नही गया। जूही भी धीरज के घावों को धोने में उसकी मां की मदद करने में जुट गई।
आप पढ़ रहे हैं लेखक: श्याम कूवंर भारती, की रचना...

जूही की महक : एक लड़की के संघर्ष की कहानी हिंदी

भाग २ कहानी
जूही की महक - Juhi Ki Mahak
धीरज ने सबको परेशान होते देख समझाते हुए कहा मां तुम चिंता मत करो मुझे कुछ नहीं हुआ है हल्की फुल्की चोट आई है सब जल्दी ठीक हो जाएंगे।

तब तक उसकी छोटी बहन गुड़िया गर्म पानी लाकर दे दी। और जाते हुए बोली मैं सबके लिए चाय बनाकर लाती हूं।

धीरज की मां ने उसके जख्मों पर गर्म पानी से सेंकाई की तो उसे बहुत आराम लगा और सो गया।

जूही ने उसकी मां को खुद ही अपना परिचय दिया मगर अपना पद नही बताया। इतना जरूर बताया उसकी नई नौकरी लगी है। मुझे कल ही हर हाल में ज्वाइनिंग लेनी है। फिर उसने स्टेशन से लेकर अब तक हुई घटना के बारे में बता दिया।

सुनकर धीरज की मां बहुत दुखी हुई और बोली मेरा बेटा वैसा बड़ा बहादुर है लोगो की मदद की इसकी आदत है।

गुड़िया चाय लेकर आ चुकी थी। धीरज की मां ने जूही को चाय देते हुए कहा लो बेटी तुम भी चाय पि लो और हाथ मुंह धोकर फ्रेस हो लो तब तक मैं खाना तैयार करती हूं।

धीरज ने अपने छोटे बेटे गुड्डू को कहा तुम जूही दीदी के साथ यहां रुको और अपने भईया को देखते रहना। मैं और गुड़िया रसोई में जाते है।

थोड़ी देर में धीरज की मां ने जूही को खाना खाने के लिए बुलाया उसे बड़ी जोर की भूख लगी थी खाना टेस्टी लगा तो जल्दी जल्दी खा कर धीरज के पास आ गई वो अभी तक सो रहा था। उसे उसकी इस हालत पर बड़ा दुख हो रहा था।

धीरज की मां ने उसे गुड़िया के कमरे में सोने के लिए गुड़िया के साथ भेज दिया। रात लगभग तीन बज चुके थे।

शुबहु उठकर जूही ने अपना सामान उठाया और धीरज की मां को डेढ़ हजार रुपए देते हुए कहा आंटी इसमें से पांच सौ रुपए धीरज का भाड़ा और एक हजार रूपए उसके इलाज के लिए है। अब मैं चलती हूं। मुझे देर हो जायेगी। क्या इधर कोई ऑटो मिल जायेगा। धीरज की मां ने पैसे लेते हुए कहा धीरज अभी भी सो रहा है। उसके उठने पर मिल के जाती।

नही आंटी मुझे जाने दीजिए फिर उसने धीरज और उसकी मां का मोबाइल नंबर लिया।

धीरज की मां के कहने पर गुड्डू एक ऑटो रिक्शा बुला लाया था।

जूही जैसे ही अपने आवास पर पहुंची तो देखी गेट खुला हुआ था। दो चार और लोग वहा मौजूद थे। जूही को देखते ही सब लोग लपक के उसके पास आए उसका अभिवादन कर उसका सामान उठा लिया।

उसमे से एक ने कहा मैडम अच्छा हुआ वर्ना हमलोग स्टेशन जाने वाले थे। रात में काफी वारिस हुई और सड़क पर पेड़ गिर जाने की वजह से आपको लेने गई गाड़ी लौट आई थी। आपका फोन भी बंद था। हमलोग काफी चिंता कर रहे थे। यहां हमलोगो ने आपका रात बारह बजे तक इंतजार किया की शायद आप किसी तरह आ जायेंगी। आप नही आई तो हमलोग अपने घर चले गए थे। अभी एक घंटा पहले आए है। जूही ने उनकी बातो को ध्यान से सुना और जो हुआ सब बता दिया।

मैं दस बजे ऑफिस पहुंचूंगी। उसने पूछा यहां का ऑफिस इंचार्ज कौन है। जी मैं हूं मैडम मेरा नाम सोमनाथ मांझी है।

जूही ने सोमनाथ से कहा आप दस बजे ऑफिस के सभी स्टाफ को बुला ले। मुझे चार्ज लेने के साथ मीटिंग भी करनी है।

उससे पहले एक काम करे अस्पताल फोन करके एक एंबुलेंस बुला ले और पता लीजिए धीरज नाम का जो लड़का रात में घायल हुआ है उसके घर का पता है। उसे फौरन अस्पताल भेजकर उसका बेहतर इलाज कराएं। मैं उसकी मां को फोन कर देती हूं। और हा मीटिंग में थाना प्रभारी को भी बुला ले। सब तैयारी कर मुझे एक घंटा में रिपोर्ट करे तब तक मैं तैयार हो जाती हूं।

दस बजे जूही अपने प्रखंड कार्यालय में प्रखंड विकास पदाधिकारी की कुर्सी पर चार्ज लेकर बैठ चुकी थी।

मीटिंग शुरू होती ही उसने अपने कार्यालय के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों का परिचय लेने के बाद उस क्षेत्र के थाना प्रभारी से रात की घटना का जिक्र करते हुए कहा सबसे पहले स्टेशन से लेकर शहर तक के रास्ते में रात में एक दो बार गस्ति शुरू करा दे ताकि कोई अपराधिक घटनाएं न घटे। उसके बाद रात में जिन लुटेरों ने हम दोनो पर हमला किया था उन्हे हर हाल में गिरफ्तार करे। ठीक है मैडम मैं अभी इसके लिए उचित कार्रवाई करता हूं। थाना इंचार्ज ने जूही के आदेश का पालन करते हुए कहा है और उसका अभिवादन करके चला गया।

जूही ने अपने ऑफिस इंचार्ज सोमनाथ को बुलाकर आदेश दिया -प्रखंड अंतर्गत जितनी भी योजनाएं जी ग्रामीण क्षेत्र के विकाश और गरीबों की कल्याणकारी योजनाएं है उनकी पूरी रिपोर्ट मुझे तैयार कराकर आज ही दे जिसमे राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भी योजनाएं शामिल हो। यह भी उल्लेख करे किस योजना का कितना काम हो चुका है और कितना बाकी है। बड़े बाबू सोमनाथ ने हा में सिर हिलाकर जाने लगा तभी जूही ने कहा बड़े बाबू सुधीर को एंबुलेंस द्वारा अस्पताल भेजवा दिए थे की नहीं। जी मैडम बड़े बाबू ने जवाब दिया। ठीक है मैं शाम को उसे देखने अस्पताल जाऊंगी आप मेरे ड्राइवर को गाड़ी लेकर तैयार रहने बोले और बाकी स्टाफ को मैंने जो कहा है वो रिपोर्ट तैयार करने बोल दे।

इधर ऑफिस के सारे स्टाफ में हड़कंप मचा हुआ था। सब आपस में खुसर फुसर कर रहे थे नई वीडियो मैडम तो बड़ी कड़क और तेज तर्रार है भाई आते ही बड़ी तेजी से भिड़ गईं है काम में अब सारी फाइल खंगलवा रही हैं फिर पैसे का भी हिसाब मांगेगी। देख लो भाईयो सब हिसाब किताब भी ठीक कर लो।

तभी चपरासी ने आकर बड़े बाबू से कहा मैडम आपको अभी बुला रही हैं। ठीक है चलो मैं आता हूं।

जूही के ऑफिस में आते ही बड़े बाबू ने देखा जूही मैडम के पास दस पन्द्रह महिलाएं खड़ी है। जूही ने कहा बड़े बाबू इन महिलाओं की शिकायत है उन्होंने विधवा और वृद्धा पेंशन हेतु कई महीने पहले आवेदन दिया था मगर अभी तक इनकी पेंशन शुरू नही हो पाई है। आप इन सबको जो पेंशन का काम देखते है उनके पास ले जाए और जांच करवाए अबतक इन सबका काम क्यों नही हुआ।

एक काम और करे हमारे प्रखंड के अंतर्गत सबसे पिछड़ा और नजदीक का क्षेत्र जहा हो मैं उसका आज ही भ्रमण करना चाहती हूं। आप इन सबको भेजकर क्षेत्र भ्रमण की तैयारी करे साथ में जेई साहब को भी ले ले। पंचायत के मुखिया और ग्रामीणों को खबर करे मैं आ रही हूं सबकी समस्याये सुनने। ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर को बुलाए जिला मुख्यालय में एक पत्र भेजना है।

सबके जाते ही ऑपरेटर भागता हुआ आया जी मैडम आपने बुलाया था। जूही ने उसे लगा डी डी साहब को एक पत्र लिखकर रेलवे स्टेशन से लेकर शहर तक भेपर। लाइट लगाने हेतु फंड और स्वीकृति मांगनी है। तुरंत तैयार कर लाओ और मुझसे साइन कराकर तुरंत भेजो।

शाम सात बजे जूही सरकारी अस्पताल अपनी सरकारी गाड़ी से पहुंची साथ में बड़ा बाबू भी थे। गाड़ी से उतरते ही जूही लपकते हुए अस्पताल की तरफ भागी पीछे पीछे बड़ा बाबू भी भागते चल रहे थे। जूही ने बड़ा बाबू से पूछा सुधीर कहा भर्ती है बड़े बाबू उसे सुधीर के बेड के पास ले गए। सुधीर चुपचाप बेड पर लेटा हुआ था। सिर और हाथ में पट्टी बंधी हुई थी। उसकी मां उसके सिरहाने बैठकर उसे दवा खिला रही थी। जूही के आते ही उसकी मां उठकर खड़ी हो गई और दोनों हाथ जोड़ दी। जूही ने उसे रोकते हुए हुए कहा क्या कर रही है आंटी आप मुझे हाथ जोड़े जैसे घर पर मुझे मेरे नाम से बुला रही थी मेरे नाम से उसी तरह बुलाए मुझे अच्छा लगेगा।

तुमने मुझे बताया नही बेटी तुम यहां की वीडियो साहिबा बनकर आई हो। कोई भूल हुई हो तो क्षमा करना बेटी।

अरे नही आंटी आप सबसे कोई गलती नहीं हुई है। बल्कि आप सबने मेरी मदद ही किया है।

जूही को देखकर सुधीर ने भी हाथ जोड़ दिया और उठने की कोशिश करने लगा मगर जूही ने ही आगे बढ़कर उसका हाथ पकड़ कर लेटे रहने को कहा और उसकी बगल में बेड पर ही बैठ गई। सुधीर ने धीरे से कहा मैडम आपने एक बार भी मुझे अपना परिचय नहीं दिया की आप हमारे प्रखंड की प्रखंड विकाश पदाधिकारी बन कर आई है।

बता देती तो तुम क्या करते मेरी मदद नही करते या गुंडों से नही लड़ते या ज्यादा भाड़ा लेते जूही ने मुस्कुराते हुए कहा। सुधीर कुछ बोल नहीं पाया।

तब तक जैसे ही अस्पताल में प्रभारी डॉक्टर को पता चला वीडियो मैडम खुद आई हुई है वो भागता हुआ आया। जूही को प्रणाम किया और अपनी पूरी टीम के साथ खड़ा हो गया। जूही ने पूछा कोई चिंता वाली बात तो नहीं है डॉक्टर साहब।

प्रभारी ने कहा चिंता वाली बात तो नही है मेडम मगर अंदरूनी चोट ज्यादा लगी है जिसे ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा।

अगर जरूरत पड़ी तो हम इसे जिला के सदर अस्पताल भी भेज सकते हैं जूही ने कहा।

जी मैडम इसकी नौबत नहीं आयेगी मैं पूरी कोशिश करूंगा बेहतर इलाज हो जाए। आप चिंता न करे।

जूही ने सबको बाहर जाने को कहा मुझे सुधीर से थोड़ी बात करनी है। इतना सुनते ही सब लोग कमरे से बाहर चले गए।

सबके जाते ही जूही ने सुधीर से कहा मैने थाना को सूचित कर दिया है उन गुंडों की धर पकड़ करने और रात में गस्ति करने के लिए। और जिला मुख्यालय को भी लिख दिया है सड़क के किनारे भेेपर लाइट लगाने के लिए।

अब तुम ठीक हो जाने के बाद चाय नही बेचोगे और न जान जोखिम में डालकर अपनी बाइक पर सवारी ढोने का काम करोगे।

सुधीर चुपचाप जूही की बात सुन रहा था।

तभी उसने अपनी जेब से जूही का दिया हुआ पन्द्रह सौ रुपए उसके हाथ में थमाते हुए कहा इसे रख ले मैडम मुझे शर्मिंदा न करे।

जूही ने लौटाते हुए कहा यह तुम्हारा है रखो नही तो मैं दुबारा नही आऊंगी।

पहले ठीक हो लो फिर बात करेंगे। अब तुम आराम करो मैं चलती हूं दिनभर भागम भाग करके थक गई हूं। रात में सोई भी नही ठीक से यह लो मेरा नंबर जब जरूरत पड़े मुझे फोन कर लेना इतना कहकर उसने एक निगाह सुधीर पर डाला और हाथ में पकड़े थैले को उसके बगल के स्टूल पर रखते हुए कहा यह फल है खा लेना। इतना कहकर जूही उसके कमरे से निकल गई।

आप पढ़ रहे हैं — जूही की महक : एक लड़की के संघर्ष की कहानी लेखक: श्याम कूवंर भारती, की रचना

जूही की महक - लेखक श्याम कुंवर भारती
भाग ३
तीन चार दिनों में सुधीर बिल्कुल स्वस्थ हो गया मगर जबतक वो अस्पताल में भर्ती रहा जूही प्रतिदिन उसे देखने जरूर जाती थी । साथ में कुछ फल फूल जरूर लेकर जाती थी और उसका हाल चाल पूछती थी।

कुछ ही दिनो मे जूही एक ईमानदार वीडियो के नाम से काफी प्रसिद्ध हो चुकी थी। हर पंचायत में उसने जनता दरबार लगा कर गरीबों की समस्याएं सुनकर उनका निपटारा करती थी की उनको दूर दराज से ब्लॉक ऑफिस आकर पैसा न खर्च करना पड़े।उनको अपना काम धंधा हर्जा न करना पड़े ।सरकार की हर कल्याणकारी योजनाओं का सबको पूरा लाभ मिले इसका पूरा ख्याल रखती थी।

उसने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्रखंड स्तर के सभी विभागों की नियमित मासिक बैठक तय कर दिया ताकि बैठक में सभी विभागों में आम लोगो की योजनाओं का निष्पादन किया जा सके।

अब आम लोगो को किसी भी काम के लिए बार बार ऑफिस का चक्कर नही लगाना पड़ रहा था।

धीरज स्वस्थ होते ही रविवार के दिन बाइक उठाया और अपनी चाय की दुकान खोलने स्टेशन पहुंच गया।

स्टेशन मास्टर ने तीन चार दिन नही आने का कारण पूछा तो उसने उस रात की सारी घटना बता दिया।मास्टर ने बड़ा अफसोस जाहिर किया और खुशी भी जताया की तुम बच गए।
सुधीर ने जब बताया कि उस रात जिसे वो अपनी बाइक पर ले गया वो और कोई नही नई वीडियो साहिबा थी।मगर उन्होंने उस रात किसी को बताया भी नहीं।

सुनकर स्टेशन मास्टर को बड़ा आश्चर्य हुआ।सुधीर ने आगे बताया कि जूही मेडम ने जिला प्रशासन को स्टेशन से लेकर शहर तक लाइटिंग के लिए पत्र लिख दिया है।साथ ही अब पुलिस रात में हमेशा निगरानी करेगी स्टेशन मार्ग की ।सुनकर स्टेशन मास्टर काफी खुश हुआ।

करीब दस बजे जूही ने सुधीर को फोन किया।सुधीर ने उसका अभिवादन किया ।जूही ने पूछा अभी कहा हो सुधीर।सुधीर ने बता दिया स्टेशन पर अपनी चाय की दुकान पर है।इतना सुनते ही जूही भड़क गई ।चाय की दुकान खोलने मना की थी न तुमको फिर क्यों खोला।तुम रुको मैं वही आ रही हूं।सुधीर कोई जवाब देता इससे पहले जूही ने फोन काट दिया।

करीब आधे घंटे बाद जूही अपनी सरकारी गाड़ी से वहा स्टेशन पहुंच गई और दनदनाते हुए सुधीर की दुकान पर पहुंच गई उसको देखते ही सुधीर अपनी टेबल से उठ खड़ा हुआ और टेबुल को साफ कर उसकी तरफ रख दिया और कहा बैठिए मैडम।

जूही ने गुस्से से कहा मैं बैठने नही आई हूं तुमसे बात करने आई हूं।मेडम बात भी कर लेंगे पहले आप बैठिए तो चाय पीजिए फिर बात करतें है।सुधीर ने बड़े अदब से जूही को सम्मान देते हुए कहा।

उस रात आपको पहचान भी पाया और न आपने बताया इसका मुझे बड़ा अफसोस है।। अगर आज आप एक वीडियो के रूप मे मेरी दुकान पर आई है तो मुझे अपनी सेवा करने का मौका दे मैडम।

जूही ने उसकी बाते अनसुनी करते हुए गुस्से से कहा - जब मैने तुम्हे मना किया था दुकान नही खोलने तो फिर तुमने क्यों दुकान खोले।

सुधीर ने हाथ जोड़कर कहा मैडम मुझे पता है आपने मना किया था मगर मेरे पास इसके कोई उपाय भी नही है ।आपको तो पता ही है मेरे परिवार की जिमीवारी मुझपर ही है।अगर धंधा नहीं करूंगा तो घर कैसे चलेगा मैडम।

जूही का गुस्सा अभी भी ठंडा नहीं हुआ - मुझे सब पता है मैं कोई पागल नहीं हूं जो तुमको यूं ही मना की थी कुछ सोचकर ही कहा था।

उसकी आवाज सुनकर स्टेशन पर इधर उधर घूम रहे लोग जमा होने लगे।स्टेशन मास्टर को जैसे ही पता चला नई वीडियो मैडम सुधीर की चाय दुकान पर आई है वो भी भागा भागा आया उसने जूही को प्रणाम किया मगर जूही ने उसकी तरफ कोई ध्यान नही दिया।

सुधीर ने हाथ जोड़कर कहा- मैडम अपना गुस्सा ठंडा कीजिए सब लोग देख रहे है आप शांत हो। आराम से बात करते हैं।

मेरा गुस्सा तभी ठंडा होगा जब तुम अभी के अभी अपनी दुकान बन्द करो और मेरे साथ चलो।

तुमको पुलिस ऑफिसर बनना है। क्या तुमको लगता है चाय बेचकर बन जाओगे।कभी नही बन पाओगे। जूही ने फिर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा।

सुधीर को कुछ समझ में नही आ रहा था क्या करे क्या न करे। भिड़ भी जमा हो रही थी।उसने कुछ सोचा ठीक है मैडम आप बैठिए चाय पीजिए मैं दुकान बंद कर आपके साथ चलता हूं । आप शांत हो।इतना सुनकर जूही थोड़ी शांत हुई और टेबुल पर बैठ गई।

केवल चाय पिलाओगे बिस्कुट नहीं खिलाओगे। जूही ने मुस्कुराते हुए सुधीर से कहा।

जी जी मैडम लीजिए बिस्कुट भी खाइए। सुधीर ने एक प्लेट में कुछ बिस्कुट उसकी तरफ बढ़ा दिया।

तुम भी बिस्कुट खाओ और अपने लिए भी चाय ले लो मैं अकेले चाय नहीं पीऊंगी।

जी ठीक है मैडम मैं भी लेता हूं। सुधीर ने फुर्ती से एक कप चाय अपने लिए भी कतेली से डाल लिया और बिस्कुट निकालने लगा। जूही ने उसे रोकते हुए कहा मेरी प्लेट से बिस्कुट लो।

सुधीर ने संकोच करते हुए बिस्कुट उठा लिया। पता नही मैडम का गुस्सा फिर भड़क उठे।
चाय पीते ही जूही उठ खड़ी हुई और बोली मैं बाहर गाड़ी में तुम्हारा इंतजार कर रही हूं तुम तुरंत अपनी दुकान बंद कर आओ।

हिंदी कहानी जूही की महक भाग ४

लेखक श्याम कुंवर भारती
थोड़ी देर में सुधीर जूही की गाड़ी के पास स्टेशन से बाहर आया जहा वो उसका इंतजार कर रहा था। मैडम आप चले मैं अपनी बाइक से आता हूं उसने जूही से अनुरोध किया।

तुम्हारी बाइक मेरा ड्राइवर ले आएगा अगर तुम मेरी गाड़ी चला सकते हो तो बोलो चला लोगे। जूही ने पूछा।

जी मैडम मैं फोर व्हीलर भी चला लेता हूं सुधीर ने जवाब दिया।
ठीक है फिर उसने अपने ड्राइवर से कहा - रामु तुम सुधीर की बाइक लेकर मेरे निवास पर लगाकर अपने घर चले जाना मैं सुधीर के साथ जिला जा रही हूं दो तीन घंटे में लौट आऊंगी। डी डी सी साहब से उनके निवास पर मिलना है।

ठीक है मैडम रामु ने कहा और सुधीर से उसकी बाइक की चाबी लेकर चला गया। सुधीर अब ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया और गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दिया।

सुधीर को चुपचाप गाड़ी चलाता देख जूही ने पूछा तुम चुप क्यों हो। लगता है मेरी डांट से नाराज हो गए हो। जूही सामने वाली सीट पर सुधीर के बगल में बैठी हुई थी।

अरे नही मैडम मैं आपसे क्यों नाराज होने लगा। सुधीर ने जवाब दिया।

और पूछोगे नही हम दोनों कहा जा रहे है। जूही ने पूछा। पूछना क्या है मैडम अभी तो आपने बताया न हमलोग जिला जा रहे हैं डीडीसी साहब के निवास पर। वैसे भी आप जहा चलेंगी मैं तो आपका ड्राइवर बन ही चुका हूं सुधीर ने कहा।

इतना सुनते ही जूही जोर जोर से हंसने लगी। अरे नही मैं तुम्हे अपना ड्राइवर क्यों बनाऊंगी। दरअसल मैं डीडीसी साहब के यहां तुम्हारे लिए ही जा रही हूं। साथ ही आज मैं तुम्हारे साथ अकेले में बिताना चाहती हूं। तुमसे अपने बारे में और तुम्हारे बारे में बात करना चाहती हूं। जूही ने गंभीर होकर कहा।

सुधीर मैने सुना है जिला में सीटी पार्क बहुत सुंदर है और संडे को बड़ी भीड़ भाड़ रहती है। वहा एक रेस्टुरेंट भी है। साहब से मिलकर हम दोनो वही चलेंगे और साथ में खाना खायेंगे। मगर चिंता मत करो सारा खर्चा मैं करूंगी।

ऐसी बात नही मैडम शुबह में तीन चार ट्रेनें आती है। आज मैं पांच सौ रुपए की कमाई कर चुका हूं। इतने रूपए में तो आपको खिला ही सकता हूं।

अच्छा तो तुम अपनी सारी कमाई मुझ पर खर्च दोगे तो घर जाकर अपनी मां को क्या दोगे। इतना कहकर जूही हसने लगी।

सुधीर कुछ नही बोला। नाराज मत होना मैं तो मजाक कर रही थी। मां से याद आया तुम अपनी मां के फोन कर बता दो की तुम मेरे साथ जिला जा रहे हो चिंता न करें। जूही ने सुधीर को याद दिलाया।

सुधीर ने अपनी मां को फोन कर सब बता दिया।
सुधीर बताओ तुम दिन भर में कितना कमा लेते हो जूही ने पूछा। तुमसे हिस्सा लेने के लिए नही बस ऐसे ही जानकारी के लिए पूछी। जूही ने हंसते हुए पूछा।

मैडम कोई फिक्स आमदनी नही होती है। कभी पांच सौ कभी रात में एक दो सवारी मिल गई तो उसका भाड़ा पांच सौ से हजार रूपए मिल जाता है। औसतन हजार पांच सौ कभी दो तीन सौ पर ही गुजारा करना पड़ता है सुधीर ने कहा।

मतलब महीने का बीस पच्चीस हजार कमा लेते हो। जूही ने हिसाब लगाते हुए कहा। जी मेडम बस यही समझ लीजिए सुधीर ने कहा।

लेकिन मैं चाहती हूं तुम पुलिस ऑफिसर बनने से पहले महीने का एक डेढ़ लाख कमाई कर लो।

चाय बेचना और रात में अपनी बाइक से सवारी ढोना बंद कर दो। इसमें जान का भी जोखिम है। जैसे उस रात हुआ। जूही ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा।

मैं तुम्हारी ईमानदारी बहादुरी शराफत और मेहनत से बहुत प्रभावित हूं सुधीर। तुमने उस रात अंजान जगह में मेरी जान ही नही इज्जत भी बचाई और मेरा साथ दिया इस दरम्यान तुम काफी घायल भी हो गए। तुम्हारी जान भी जा सकती थी। जूही ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा।

मेडम उस रात आप मेरी सवारी थी। आपने मुझ पर लड़की होकर भरोसा किया। मैं आपका भरोसा कैसे तोड़ सकता था। और फिर ये तो मेरा धंधा भी था। मैं अपने धंधे से बेईमानी कैसे कर सकता था। उस रात आपकी जगह कोई और सवारी होती तो भी उसके लिए वैसे ही लड़ता जैसे आपके लिए लड़ा और आपकी मदद किया। यह तो आपका बड़प्पन है जो मुझे इतना सम्मान दे रही हैं। सुधीर ने अपना विचार प्रकट करते हुए कहा। 
इसलिए तो मैं तुमसे प्रभावित हूं। जूही ने उसकी तरफ देखते हुए कहा।

अब तुम मेरी योजना सुनो जो तुम्हारे लिए बनाई है। पहली तो यह की एक सवारी गाड़ी तुम्हे बैंक से लोन लेकर दिलवा दूं जो दिन भर स्टेशन से शहर तक सवारी ढोते रहेगी तुम एक ड्राइवर रख लेना। इससे यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी और तुम्हे आमदनी भी होगी। दूसरा की यदि तुम चाहो तो तुम ब्लॉक और जिला का टेंडर लेकर काम कर सकते हो। मेरे यहां बहुत सारी योजनाएं चलती है कई लोग ठिका का काम करते है जैसे भवन निर्माण, सड़क निर्माण, चेक डेम कुंआ तालाब आदि। इससे तुम्हे काफी आमदनी हो सकती है। मुझे विश्वास है तुम पूरी ईमानदारी से काम करोगे और मेरे रहते तुम्हे किसी को एक रुपया कमीसन भी नही देना होगा। तीसरी योजना है की यदि डीडीसी साहब चाहेंगे तो तुम्हे जिला कार्यालय में कांट्रेक्ट पर अच्छी जॉब दिला सकते है। जब तक तुम करना चाहो कर सकते हो। फिर तुम्हारी पुलिस में नियुक्ति होते ही सब छोड़ सकते हो।

जूही ने अपनी योजना सुनाते हुए कहा।
अब तुम बोलो तुम्हारी क्या योजना है जूही ने सुधीर से पूछा।
जी मैडम मैं क्या बोलूं। चाय दुकान तो आपने बंद ही करा दिया है। मुझे अपने परिवार के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा। आपको जैसा उचित लगे करे। सुधीर ने हामी भरते हुए कहा।

एक बात और मेरी एक बड़ी खराब आदत है सुधीर मैं जिसको मानती हूं अगर उसने मेरी बात नही मानी तो मेरा गुस्सा आ जाता हैं जैसे आज आया और तुमने मेरी डांट सुन लिया। अब आगे से ध्यान रखना। जूही ने हंसते हुए कहा।

जी ठीक है मैडम सुधीर ने धीरे से कहा।
बातो ही बातो मे दोनो कब जिला पहुंच गए पता ही नही चला।
जूही ने सुधीर को डीडीसी साहब से मिलवा दिया। उन्होंने सुधीर का सारा पेपर ऑफिस में जमा करने को कहा और आश्वाशन दिया कि यथा संभव मदद करेंगे।
इसके बाद दोनो सिटी पार्क चले गए दोनो ने साथ खाना खाया। फिर दोनों गुलाबो की खूबसूरत क्यारियों को देखते हुए पूरे पार्क का आनंद लेने लगे।

कहानी : जूही की महक भाग - ५

लेखक - श्याम कुंवर भारती
जूही ने कहा चलो कही धूप में बैठते है थोड़ी बात चीत करके फिर वापस चलेंगे। सुधीर ने कहा ठीक है मैडम।

दोनो थोड़े दुर पर एक सीमेंट की बनी बेंच पर बैठ गए। बात जूही ने शुरू किया - तुम हमेशा कम बोलते हो या मेरे साथ हो इसलिए। नही मैडम आप बोलिए न मैं सुन रहा हूं सुधीर ने जल्दी से कहा।

तुम नहीं पूछोगे मगर मैं खुद ही अपने परिवार के बारे में बताती हूं। मेरे परिवार में मेरे माता पिता और तीन छोटी बहने है। मेरी पढ़ाई लिखाई सच कहो तो मेरी मां ने ही कराया है। मेरे पिताजी एक किसान है ज्यादा खेती बाड़ी नही है। मेरे पिता की एक एक्सीडेंट में एक हाथ और एक पैर डैमेज हो जाने से उनसे कोई बड़ा काम नही हो पाता है। इसलिए मेरी मां ने सब्जियां उगाना शुरू किया। मां के काम में हम चारो बहने मदद करती थी। सब्जियों से अच्छी आमदनी हो जाती थी। व्यापारी खेत से ही सब्जियां खरीद ले जाते थे। लाभ होने पर मेरी मां दूसरे किसानों की जमीन भाड़े पर लेकर सब्जियां उपजाने लगी। इंटर पास करने के बाद मैने एक प्राइवेट स्कूल में टीचर के रूप में पढ़ाना शुरू किया और खुद भी पढ़ती थी। घर ठीक चल रहा था। मेरी तीनों बहनें भी सरकारी स्कूल में पढ़ने लगी। लेकिन मेरी मां को शुगर और हार्ट की बिमारी ने घर का बजट बिगाड़ दिया। सरकारी अस्पताल में इलाज तो फ्री हो जाता था मगर दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती थी। कई डॉक्टरों से दिखाया मगर ठीक नहीं हो रही थी। बाद में थोड़ा आराम तो हुआ मगर डॉक्टर ने कहा जिंदगी भर दवा खानी पड़ेगी। जब तक दवा खायेगी ठीक रहेगी मगर बंद करते ही फिर बिमारी बढ़ जायेगी। मां को डॉक्टर ने हल्का फुल्का काम करने का सलाह दिया। मेरे पापा केवल खेतों की देखभाल करते थे बाकी काम हम सभी बहनों को ही करना पड़ता था। इस तरह मेरे पूरे परिवार की जिम्मेवारी मुझपर ही आ गई। आजतक निभा रही हूं। मुझे ही अपनी तीनो बहनों की पढ़ाई लिखाई करानी है फिर विवाह भी करना है।

इस नौकरी के लिए मुझे बड़ी मुश्किल हुई। परीक्षा की तैयारी मां का इलाज और पापा की देखभाल करना पैसे भी कमाना तीनो बहनों को भी संभालना बड़ा मुश्किल होती थी फिर भी मैंने हिम्मत नही हारी। तैयारी करती रही। लेकिन इस दरम्यान खेती बाड़ी का काम बंद हो गया। लाचार होकर मेरी मां को मेरे मामा जी से कर्जा लेना पड़ा। अंततः भगवान ने साथ दिया मेरी परीक्षा सफल हुई और मेरा चयन हो गया।

सुधीर को जूही की कहानी सुनकर बड़ा दुख हुआ और गर्व भी की जूही एक संघर्ष शील लड़की है। समस्यायो से घबड़ाती नही बल्कि उनका मुकाबला करती है।

अब घर और खेती बाड़ी की क्या स्थिति हैं मैडम सुधीर ने पूछा। 
चयन होने के बाद मैने कुछ महिला मजदूरों को खेती बाड़ी में लगा दिया है मेरा भी काम हो जायेगा और उनको भी एक रोजगार मिल जायेगा।

मुझे दो तीन महीने लगेंगे घर का कर्जा भरने में जूही ने गंभीर होकर कहा।

इतने दिन क्यों मैडम अब तो आप वीडियो हो गई है अब आपको पैसे की क्या कमी है सुधीर ने पूछा।

मेरी तनख्वाह क्या लाखो रुपए है। दूसरी बात मैं एक रुपया किसी से कोई घुस या कमीसन नही लेती हूं। नियम के मुताबिक जो काम सही होता है मैं तुरंत कर देती हूं खासकर गरीबों का तो मैं खुद ही बुला बुला कर करती हूं क्योंकि मैं भी तो एक गरीब परिवार से हूं। मुझे गरीबों के दुख का अंदाजा है।

जी मैडम मुझ आप पर गर्व महसूस हो रहा है। सुधीर ने जूही की तारीफ करते हुए कहा। थैंक यू सुधीर। मगर मुझे मैं हनेसा वीडियो बनकर ही नही रहना चाहती हूं। पहले घर के हालत सुधार लूं फिर आगे की भी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं। मेरा सपना आई ए एस अफसर बनना है। जूही ने अपना सपना सुधीर को बताते हुए कहा।

वाह बहुत सुंदर मैडम भगवान आपकी इक्षा जरूर पूरा करे। अगर आपका सपना पूरा हो गया तो आप आम लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बनेंगी।

मुझे तुम्हारी बाते सुनकर बड़ी हिम्मत मिल रही है सुधीर थैंक यू।

लेकिन मैं अकेले नही बनना चाहती हूं। अब मेरे साथ तुम भी सामिल हो गए हो सुधीर तुम्हे भी तो आई पी एस अफसर बनना है न।

अचानक सुधीर ने घड़ी देखते हुए कहा मैडम शाम के सात बज चुके है। देखिए बात चीत में समय का ध्यान ही नही रहा।

जूही ने कहा ठीक कहा तुमने सुधीर फिर उसने अपने चारो तरफ नजर उठा कर देखा शाम का धुंधलका बढ़ चुका था। ठंड बढ़ गई थी। पार्क में इक्का दुक्का ही लोग रह गए थे। ठीक है चलो चलते है। जूही ने कहा और उठ खड़ी हुई और सुधीर भी खड़ा हो गया।

जल्दी चलिए मैडम काफी देर हो गई है। अब पार्क के भी बंद होने का समय हो गया है।

दोनो जल्दी जल्दी पार्क के गेट की तरफ बढ़ने लगे। जूही ने ठंड का अनुभव किया। सुधीर मुझे बहुत ठंड लग रही है। कही चाय मिलेगी क्या। चाय पीने से थोड़ी राहत होती। जी मैडम आप गाड़ी में बैठिए मैं आपको यहां की सबसे बेहतरीन चाय चौक पर पिलाता हूं उसने बोलेरो गाड़ी की पिछली सीट का दरवाजा खोलते हुए कहा। लेकिन जूही ने आगे वाली सीट का दरवाजा खोलकर कहा मैं आगे ही बैठूंगी तुम चलो गाड़ी स्टार्ट करो।

सुधीर ने वैसा ही किया। गाड़ी स्टार्ट करके उसने आगे बढ़ा दिया। चौक पर जाकर उसने सड़क के किनारे गाड़ी रोक दिया और कहा आप बैठे रहिए मैडम मैं दुकान से चाय लेकर आता हूं। जूही ने हां में सिर हिला दिया। थोड़ी देर में सुधीर मिट्टी की प्याली में चाय ले आया और जूही को पकड़ा दिया। तुम भी अपनी चाय लेकर आओ जूही ने उसके हाथ से चाय लेते हुए कहा। जी मेडम इतना कहकर सुधीर वापस चला गया और अपनी चाय लेते आया। जूही ने चाय पीते हुए कहा चाय वाकई बहुत अच्छी है बड़ा आराम लग रहा है मगर तुमसे बेहतर नही है उसने मुस्कुराते हुए कहा। सुधीर भी हंसने लगा। थैंक यू मैडम।

तभी बादल के गरजने की आवाज आने लगी। लगता है आज फिर बारिश होने वाली है जल्दी चाय पीजिए मैडम यहां से निकलना पड़ेगा। सुधीर ने जल्दी जल्दी चाय पीते हुए जूही से कहा।

तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो सुधीर हमारे पास गाड़ी है और सबसे बड़ी बात है तुम साथ में हो और जूही हंसने लगी।

ऐसी बात नही है मैडम रास्ते में जंगल पड़ता है एक तो पानी बरस गया गाड़ी चलाना मुश्किल होगा दूसरा अगर गाड़ी खराब हो गई तो दिक्कत हो जायेगी सुधीर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा।

अच्छा लो चाय के पैसे देकर आओ और चलो जल्दी जूही ने सुधीर को पचास रुपए का नोट देते हुए कहा।

अब इतना शर्मिंदा न करे मैडम मैने चाय का पैसा दे दिया है सुधीर ने ड्राइविंग सीट पर बैठकर गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा।

चलो ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी।
दोनो दो तीन किलोमीटर ही गए होंगे की जोरो की बारिश शुरू हो गई। एक तो शाम का ठंड का मौसम ऊपर तेज ठंडी हवाओं के साथ जोरदार बारिश जूही ठंड से कांपने लगी। सुधीर ने कहा मैडम आप अपनी खिड़की का सीसा ऊपर चढ़ा ले बारिश के झोंको से आप भींग जायेंगी। आपको सर्दी लग जायेगी।

थोड़ा भींगने दो न सुधीर मुझे बारिश के पानी में भीगने में बड़ा मजा आता है। जूही ने सुधीर को देखकर मुस्कुराते हुए कहा।

सुधीर अंदर से परेशान होने लगा था अजीब जिद्दी लड़की है भला कोई कहेगा ये वीडियो है। बच्ची जैसी हरकत कर रही है। मगर उसकी शख्सियत से वो प्रभावित भी था। उसने जूही को समझाते हुए कहा मैडम जिद मत कीजिए सीसा चढ़ा लीजिए ये बरसात का मौसम नही है जाड़ा में बारिश हो रही है आप बीमार हो जाएंगी।

बीमार हो भी जाऊंगी तो क्या तुम जो हो मेरा इलाज कराने के लिए। जूही ने मजाक करते हुए कहा।

अरे यार आज कहा फंस गया अब मैं कैसे समझाएं इनको सुधीर ने मन ही मन झल्लाते हुए सोचा। अभी थोड़ी देर पहले कितना गंभीर लग रही थी और अभी देखो हद कर रही है।

सुधीर ने जल्दी पहुंचने के चक्कर में एक्सीलेटर पर पैर दबाना शुरू कर दिया। गाड़ी तूफान स्पीड में भागी जा रही थी।

जूही आधा भींग चुकी थी मगर सीसा बंद नही किया और छींकने लगी। देखिए लग गई न सर्दी आपको। सुधीर ने चिंता जाहिर करते हुए। देखा जूही कांप भी रही थी उसने गाड़ी रोक दिया और हाथ बढ़ाकर सीसा ऊपर चढ़ा दिया और अपना लेदर का जैकट देते हुए मैडम कोई ऐतराज न हो तो लीजिए मेरा जैकेट ओढ़ लीजिए आपको थोड़ा आराम लगेगा। जूही ने बिना कहे उसका जैकेट ले लिया और अपने ऊपर ओढ़ लिया सुधीर ने राहत की सांस ली और गाड़ी स्टार्ट कर फूल स्पीड में दौड़ा दिया। अभी वे दोनों जंगल के रास्ते से गुजर रहे थे बाहर काफी अंधेरा था। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी।

सुधीर गाड़ी भगाए जा रहा था तभी गाड़ी ने झटका लेना शुरू किया और कुछ दूर जाकर रुक गई। सुधीर ने कई चाबी घुमाकर स्टार्ट करने का कोशिश किया मगर गाड़ी स्टार्ट नही हुई। उसने परेशान होकर जूही की तरफ देखा वो अपना सिर सीट पर टिका कर आराम से सो रही थी। कमाल है यार इतनी बारिश में जंगल में गाड़ी खड़ी हो गई है और मैडम बेफिक्र होकर आराम सो रही हैं। उसने मन ही मन सोचा। मगर उसका चेहरा बड़ा मासूम लगा। उसपर उसे नाज भी था और एक जवान लड़की को उसपर इतना विश्वाश देखकर उसे खुद पर भी गुमान हुआ। उसने उसे सोने दिया। उसने अपने एक दोस्त को फोन लगाया। फोन लगते ही उसने सब बताते हुए पूछा तुम तो गाड़ी मेकेनिक हो यार बताओ क्या करूं। उसके दोस्त ने बताया हो सकता गाड़ी के कार्बोरेटर में कचड़ा आ गया हो जिससे तेल इंजन तक नही पहुंच पा रहा है इसलिए गाड़ी बंद हो गई हैं। फिर उसने कुछ उपाय बताते हुए कहा तुम गाड़ी का बोनट इस तरह से खोलो ताकि वर्षा का पानी इंजन पर न पड़े और जैसा बताए है कर के देखी अगर स्टार्ट हो गई तो ठीक है वरना मैं दूसरी गाड़ी लेकर आ जाऊंगा गाड़ी को टोचन कर ले आयेंगे तुम चिंता मत करो।

सुधीर ने गाड़ी का गेट खोल दिया और बाहर आ गया पानी में भींगते हुए उसने वैसा ही किया जैसा उसके दोस्त ने बताया था और फिर बोनट बंद कर ड्राइविंग सीट पर आकर बैठ गया और गाड़ी स्टार्ट किया है वो बहुत खुश हुआ गाड़ी स्टार्ट हो चुकी थी उसने अपने दोस्त को बता दिया की गाड़ी स्टार्ट हो चुकी है वो चिंता न करे।

अचानक जूही फिर छिकने लगी और उसकी नींद टूट गई और सुधीर की तरफ देखकर बोली अरे तुम इतना भींग कैसे गए सुधीर। सुधीर ने जब कारण बताया तो वो उसे डांटते हुए बोली अरे तो तुमने मुझे जगाया क्यों नही।

मैने आपको जगाना सही नही समझा मैडम और आप चिंता न करे सब ठीक है आप आराम से बैठे।

करीब आधे घंटे में सुधीर अपने घर पहुंच गया। घर पर उसकी मां और भाई बहन उसका इंतजार कर रहे थे। उसकी मां ने देखा जूही और और सुधीर दोनो पानी में भीग चुके है उसने कारण पूछा। सुधीर ने कहा मां रास्ते में गाड़ी खराब हो गई थी इसलिए हम दोनों भींग गए तुम चिंता मत करो।

सुधीर की मां ने जूही से कहा जूही बेटी तुम अंदर जाकर मेरी साड़ी पहन लो तबतक मैं खाना लगाती हूं खाना खाकर अपने घर जाना।

नही आंटी मैं ठीक हूं जूही ने कहा और फिर छींकने लगती है उसके आंख नाक से पानी बहने लगा था।

उसके ना करने पर सुधीर ने धीरे से उसके कान मे कहा मेरी मां आपसे कम जिद्दी नही है। चुप चाप जाकर कपड़े बदल ले खाना खा ले। मां आपको हल्दी दूध उबाल कर दे देगी और तेल गर्म करें लगा भी देगी आपकी बहुत आराम लगेगा मैडम। कल शुवह आपको आपके घर छोड़ दूंगा। अगर नही मानी तो आप मेरी मां की डांट सुनेगी।
जूही मुस्कुराकर बोली ठीक है आंटी।

कहानी

जूही की महक भाग 6

लेखक श्याम कुंवर भारती
शुबह जब धीरज की छोटी बहन गुड़िया जूही को चाय लेकर उसके कमरे में गई और जूही को जगाना चाहा तो देखी जूही को तेज बुखार है। उसने जूही को उठाते हुए कहा लीजिए मैडम चाय पीजिए लेकिन आप को तो तेज बुखार है और आपने किसी को बताया भी नही। आप चाय पीजिए मैं मां को बुलाकर लाती हूं। जूही उठना चाही मगर उठ नही सकी। उसने धीरे से कहा तुम चाय टेबुल पर रख दो गुड़िया मैं पी लुंगी।

गुड़िया चाय टेबल पर रखकर भागती हुई बाहर निकल गई। थोड़ी ही देर में धीरज और उसकी मां कमरे में भागते हुए आए। धीरज की मां ने जूही का सिर छूकर कहा अरे बेटी तुमको तो सच में बहुत तेज बुखार है। फिर उसने सहारा देकर जूही को उठाया और बैठाते हुए टेबल से चाय देते हुए बोली तुम चाय पियो बेटी थोड़ा आराम मिलेगा।

धीरज थोड़ा चिंतित दिख रहा था वो अपनी मां को बता भी नही पा रहा था की जूही की बीमारी का कारण वो खुद ही है।

उसने कहा मैडम आप चाय पीकर तैयार हो ले मां आपके साथ चलेगी मैं आपको डॉक्टर के यहां लेकर चलता हूं। डॉक्टर के यहां से आपके आपके आवास पर चलना होगा। आपके ऑफिस को भी खबर करना होगा। आपके निवास पर मेरी मां भी रहेगी।

जूही ने धीरे से कहा ठीक कह रहे हो। सबसे पहले तुम मेरे बड़े बाबू को फोन कर दो नंबर मैं दे रही हूं वो सबको खबर कर देंगे और जिला को भी रिपोर्ट करना होगा।

धीरज की मां जूही को लेकर गाड़ी में बैठ गई। धीरज जूही को लेकर डॉक्टर के निवास पर पहुंच गया। जूही को देखकर उसने तत्परता दिखाई और तुरंत उसका जांच किया। और बताया इनको ठंड लग गई है। सबसे पहले मैडम को ठंड से बचाना है और मैं कुछ दवाई लिख कर दे रहा हूं आप फौरन इनकी नाश्ते के बाद खिला देना। इस तरह दिन में तीन बार देते रहना। सिर पर कान तक ढकने वाली टोपी पहना दे और गले में मफलर बांध दे। घर ले जाकर कंबल ओढ़ा दे। दो तीन बार पैरो में गर्म तेल की मालिश भी करना है।

धीरज की मां ने कहा ठीक है डॉक्टर साहब।
फिर धीरज सबको लेकर जूही के आवास पर पहुंच गया। वहा बड़े बाबू सबका इंतजार कर रहे थे।

कहानी

जूही की महक भाग 7

लेखक श्याम कुंवर भारती
जूही की बीमार होने की खबर लगते ही उसके ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी उसे देखने के लिए आने लगे थे।

मगर सुधीर ने उसकी हालत को देखते हुए बड़े बाबू सोमनाथ से कहा बड़े बाबू बेहतर है सबको आप समझा कर ऑफिस भेज दे और मैडम को आराम करने दिया जाए। बाकी आपको जहा जिसे सूचना देनी है दे दे।

आप ठीक कह रहे हैं धीरज जी मैं देखता हूं सबको।
इधर धीरज की मां ने जूही का पूरा ख्याल रखा। दवा और अच्छी देखभाल से जूही दो दिनों में पूरी तरह ठीक हो गई।

तीसरे दिन उसने ऑफिस का काम संभाल लिया। पिछले सारे काम निपटा कर उसने अपने जूनियर इंजीनियर ( जे ई कनीय अभियंता) को बुलाकर कहा जेई साहब सामादायिक भवन निर्माण का काम जो आया है जिसकी लागत लगभग दस लाख रुपए है उसे अभिकर्त्ता के रूप में एग्रीमेंट कर ले मगर काम धीरज करेगा।

वो अभी नया है उसे ठेकेदारी का अनुभव नही। उसे आप अपने साथ रखकर काम करवाए मगर ध्यान रखे काम में कोई शिकायत न हो। काम की गुणवत्ता उत्तम स्तर की हो ताकी कोई हमलोगो पर अंगुली उठाने न सके।

काम पूरा हो जाने पर जो राशि बच जाए उसे धीरज के दे दे।
जेई ने कहा ठीक है मैडम मैं इकरारनामा करवाने की तैयारी करता हूं और धीरज को बुलाकर उसे काम समझा देता हूं। जेई के जाने के बाद बड़ा बाबू सोमनाथ आता है।

उसने धीरे से कहा मैडम विधायक मदन मोहन गुप्ता बहुत गड़बड़ी करवा रहे हैं। गरीबी रेखा की सूची में अपने सारे लोगो को सामिल करवाए हैं जो कही से भी गरीब नहीं है। सबके घर में चार चक्का गाड़ी है। पक्का मकान है। एसी फ्रीज कूलर सब है। इसी तरह राशन कार्ड में भी भारी गड़बड़ी हुई है। जो इनके पार्टी के नही है या इनको भोट नहीं देते है ऐसे गरीब लोगो को बिलकुल छटवा दिए है।

जब मैने अपने कर्मचारियों से पूछा कि आप लोगो को सरकार का नियम पता है फिर भी क्यों गड़बड़ी हुई। सबने कहा विधायक जी दबंग नेता है हम लोगो से जबरजस्ती करवाया गया है हमलोग क्या करते।

सुनकर जूही बहुत नाराज होती है और आदेश देती है की सभी योजनाओं की सूची के पुनर्निरीक्षण करवाए अगर सरकार के मापदंड पर सही नही पाई जाती हैं तो सारी सूची को रद्द करवाए और साथ ही जिला मुख्यालय को सारी रिपोर्ट भेजकर आदेश प्राप्त करने का एक अनुरोध पत्र मेरी तरफ से बनवा कर लाए मैं साइन कर देती हूं।

लेकिन मैडम इससे विधायक जी नाराज हो जायेंगे। वे किसी भी ऑफिसर को कुछ नही समझते और नही इज्जत देते हैं। उनसे उलझना ठीक नहीं होगा। बड़े बाबू ने हिचकिचाते हुए कहा।

तो क्या करे हम लोग सब कुछ जान कर भी हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे इससे तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। और जरूरत मंद सरकार की लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जायेंगे। मैं किसी से डरने वाली नही हूं। मैं जैसा कह रही हूं वैसा करे। आगे जो होगा देखा जाएगा। जूही ने निडर होकर कहा। बड़े बाबू अनमने ढंग से चला गया।

ऑफिस में जाकर बड़े बाबू ने अपने स्टाफ से कहा मैडम मेरी बात नही समझ रही है। विधायक से उलझना चाहती हूं। आप लोगो को पता ही है उसके बारे में कैसा आदमी है।

मैडम को पूरी सर्वे सूची को चुपचाप जिला मुख्यालय अग्रेतर कार्यवाई हेतु भेज देना चाहिए था। मैंने तो उन्हे जानकारी के लिए बताया। अब अगर वो जांच करवाती है तो विधायक को मालूम पड़ जायेगा और कुछ भी कर सकता है।

मैडम की अभी नई नौकरी है अभी उनको ऐसे लोगो से उलझने से बचना चाहिए।

बड़े बाबू आप ज्यादा दिमाग मत लगाए जो हो रहा है होने दे। या तो विधायक का होस ठिकाने आयेगा या मैडम को नुकसान उठाना पड़ेगा।

पता नही इस मामले में जिला मुख्यालय कितना मदद करेगा मैडम का भगवान जाने क्योंकि सभी विधायक जी से डरते है। बड़े बाबू के सहायक ने कहा।

तीन दिन बाद जेई ने धीरज को सारा काम समझा दिया और एक दूसरा एग्रीमेंट धीरज से कराकर उसे एक लाख रुपए का चेक देते हुए कहा। इसमें से पचास हजार रूपए मेटेरियल के लिए है तुम सीमेंट बालू इंटा छड़ और कंक्रीट का एडवांस कर दो और बाकी पैसा लेबर पेमेंट के लिए है। दो दिन बाद तुम काम शुरू कर दो। ध्यान रहे काम पूरी ईमानदारी से करना। जैसा मैंने बताया है उसी तरह सीमेंट मसाला बनाना है। ठीक है सर धीरज ने जेई का आभार व्यक्त किया और कहा सर मैं आपको शिकायत का मौका नही आने दूंगा।

उसने मन ही मन जूही का भी आभार व्यक्त किया की मैडम ने जो कहा वो कर दिखाया।

कुछ ही दिनो मे सामुदायिक भवन काफी हद तक तैयार हो गया था। हर सप्ताह धीरज को एडवांस पेमेंट मिल जाता था जिससे उसे काम करने में दिक्कत नही हुई न घर से पूंजी लगानी पड़ी। 
जूही ने जिला मुख्यालय जाकर डीडीसी से मुलाकात कर विधायक के बारे में सब बताया और पूछा आप बताएं सर मैं क्या करूं। मैं इस मामले को छोड़ नही सकती।

डीडीसी ने उसे समझाते हुए कहा देखो जूही विधायक से सब अधिकारी परेशान है मगर कोई भी डर से उसका विरोध नही करता है। इसलिए तुम भी उससे मत उलझो सारी रिर्पोट यहां भेज दो हमलोग भी उसे राज्य सरकार के पास उचित कार्यवाइ हेतु भेज देंगे मतलब हम लोग भी अपने सिर जिम्मेवारी नहीं लेंगे।

जूही ने कहा लेकिन सर यह सब कब तक चलेगा आखिर हमलोग काम कैसे करेंगे। अगर सरकार की तरफ से कोई जांच हुई तो सबसे पहले मैं ही फसूंगी। इसलिए मुझे जांच करने का आदेश दे मैं गलत पाए जाने पर पूरी सूची रद्द कर दूंगी। जूही ने निर्णायक स्वर में कहा।

डीडीसी ने कुछ देर सोचा और बोला तुम थोड़ी देर रुको मैं डीसी साहब ( डिप्टी कमिश्नर)से मिलकर आता हूं फिर बताता हूं।

जूही ने कहा ठीक है सर।
डीडीसी अपने चेंबर से निकलकर डीसी साहब के चेंबर में चले गए और कहा और जूही की सारी बात बताने के बाद कहा सर आप तो जानते है ब्लॉक से लेकर जिला तक सभी अधिकारी विधायक से परेशान है। उसने किसी को नही छोड़ा है बात बात पर सबको गाली गलौज करना, हाथ छोड़ देना धमकी देना और सरकार के नियम विरुद्ध काम करना उसके लिए आम बात हो गई है।

सर यही मौका है उससे निपटने का। हम लोग को केवल इतना ही करना है जरूरत पड़ने पर पुलिस फोर्स जितना जूही मांगे उपलब्ध करा देना है। अगर विधायक ने उसका विरोध किया या धरना प्रदर्शन किया वो उससे निपट लेगी। मैं जूही से विधायक के खिलाफ जांच कराने का अनुरोध पत्र मांग लेता हूं और आपके पास भेजता हूं आप उसे जांच का आदेश दे दे। बाकी मैं समझ लूंगा सर। साथ ही आप एसपी और डीएसपी को भी सतर्क रहने बोल दे।

डीसी साहब ने डीडीसी साहब की पूरी बात सुनने के बाद कहा जूही को बुलवाए। थोड़ी ही देर में जूही डीसी साहब के सामने खड़ी थी। डीसी साहब नेकहा हम सब तुम्हारे साथ है तुम्हे जो भी करना है करो बहुत हो चुकी विधायक की मनमानी। मैं राज्य सरकार को भी तुम्हारी शिकायत के आधार पर एक पत्र भेज देता हूं ताकी बाद में हम सबको कोई दिक्कत न हो।

जूही ने कहा जी सर बहुत आभार आपका।
अब तुम जाओ डीडीसी साहब ने कहा। जूही सबको प्रणाम कर बाहर निकल गई।


कहानी

जूही की महक भाग 8

लेखक श्याम कुंवर भारती

जूही ने अपने आवास पर अपने ऑफिस के बड़े बाबू को फोन कर बुलाया। उसने सुधीर को भी फ़ोन कर आने को कहा।

थोड़ी देर में बड़े बाबू हाजिर हो गए। उसने बड़े बाबू से कहा - बड़े बाबू मेरी जिला में सबसे बात हो गई है आप चिंता न करे जिला विधायक के मामले में मेरी मदद करेगा। लेकिन विधायक के मामले में हम सब को सोच समझकर काम करना होगा। आप पहले विधायक जी से मेरी मीटिंग करवाने की व्यवस्था करे। इसके बाद मामले से संबंधित जितने अधिकारी और कर्मचारी है उनकी मीटिंग रखे। साथ ही प्रखंड अंतर्गत जितने भी मुखिया और पंचायत समिति के सदस्य है उनके साथ भी मीटिंग कराए। दो तीन दिन में सब तैयारी कर मुझे रिपोर्ट करे। बड़े बाबू ने कहा जी मैडम मैं सब तैयारी करवाकर आपके सूचित करता हूं। और एक काम और करना है अभी सुधीर आता होगा किसी बैंक से बात कर देखे अगर कोई मेरी अनुशंसा पर उसे सवारी ढोने के लिए चार चक्का वाहन के लिए ऋण दे सकता है तो बात कर मुझे बताएं। मुझे जहा बोलेंगे मैं साइन कर दूंगी। जी जरूर मैडम मैं बैंक किसी कर्मचारी को भेजकर पता करता हूं। वैसे लगभग बैंकों में प्रखंड का लाखों करोड़ों रुपए पड़े हुए हैं उनको छोटा सा लोन देने में कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। फिर भी मैं बात कर आपको बताता हूं इतना कहकर वो चला गया।

तभी सुधीर भी पहुंच गया। उसने जूही को प्रणाम कर पूछा जी मैडम आपने बुलाया। जूही ने सुधीर को देखकर मुस्कुराते हुए कहा अभी तो आए हो। थोड़ा ठहर तो जाओ कुछ वक्त तो लगेगा हाल ए दिल सुनाने में। सुनते ही सुधीर ने कहा - वाह वाह मैडम आप तो शायरी भी कर लेती है। बस ऐसे ही सुनी सुनाई बोल लेती हूं। आओ बैठे जूही ने खुश होते हुए कहा। सुधीर के बैठते ही उसने पूछा - आंटी और तुम्हारे भाई बहन कैसे है। माफ करो इधर इतना बीजी हो गई हूं की तुमसे बात नही कर पा रही थी। सब बहुत अच्छे हैं मैडम। मेरी मां हमेशा आपकी चिंता करते रहती है। आपने मुझे आते ही दस लाख का काम दिला दिया है मैडम मैं कैसे आपका शुक्रिया अदा करूं। सुधीर ने आभार प्रकट करते हुए कहा।

तुमको शुक्रिया करना है तो एक काम करो या तो तुम मुझे चाय बनाकर पिलाओ या मैं बनाकर पिलाती हूं। मेरी रसोइया आज नही आई है। खाना भी आज तुम्हारी मां के हाथ का ही बना खाऊंगी।

सुनते ही सुधीर ने कहा जी जरूर मैडम मेरे रहते आप क्यों चाय बनाएंगी। अभी मैं तुरंत आपके लिए सबसे मजेदार चाय बनाकर पिलाता हूं। जूही ने कहा तो आओ रसोई में। फिर दोनो रसोई घर में चले गए। जूही ने बता दिया चाय चीनी कहा रखा हुआ है। सुधीर चाय बनाने लगा। जूही ने कहा तुम एक दो दिन के बाद मेरे ऑफिस के बड़े बाबू से मिल लेना। तुम्हारे लिए सवारी गाड़ी के लिए लॉन दिलाने हेतु उनको बोल दिया है। तुम उनसे मिलकर फार्म भरवाकर बैंक मैनेजर को दे देना मैं भी उसमे साइन कर दूंगी। उम्मीद है तुम्हारा लॉन पास हो जायेगा। तुम गाड़ी लेकर एक ड्राइवर रख लेना और शहर से स्टेशन तक चलाते रहना। मगर याद रहे मेरी अनुशंसा पर तुम्हे लॉन मिलेगा तो तुम्हे बैंक का कर्जा समय पर चुका देना।

जी जरूर मैडम। । मगर आपके सारी बाते कैसे याद रहती है। मैं तो भूल ही गया था की आपने मुझे गाड़ी दिलाने को कहा था। सुधीर ने खुश होते हुए कहा।

अच्छा एक बात बताओ जूही ने पूछा सच सच बताना। जी पूछिए मैडम।

तुमने किसी लड़की से प्यार किया है क्या। सुनते ही सुधीर सुनते ही चौक गया। उसने सोचा मैडम ने ये कैसा सवाल कर दिया।

अरे नही मैडम इन सब बातो के लिए फुर्सत ही कहा मिली। मेरे पापा के गुजरने के बाद घर की सारी जिम्मेवारी मेरे कंधो पर आ गई। फिर मैं घर और अपनी पढ़ाई में उलझ कर रह गया।

तभी तो स्टेशन पर चाय बेच रहा था।
सुधीर ने गंभीर होकर कहा।

फिर भी किसी लड़की ने तुम्हे प्रपोज किया हो। जूही ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा।
जी मैडम एक लड़की है वो मुझे बहुत परेशान करती है। मगर इतने बड़े बाप की बेटी है की उससे बचकर रहना पड़ता है मुझे।

इतना सुनते ही जूही उछल पड़ी क्या कहा कौन है वो लड़की। सच सच बताओ क्या तुम भी उससे प्यार करते हो। अगर झूठ बोला तो मैं तुम्हारी जान ले लूंगी और उसने लपक कर सुधीर का कालर पकड़ लिया।

इस अचानक हमले से सुधीर घबड़ा गया। उसे जूही से इस हरकत की जरा भी उम्मीद नही थी।

मैं सच कह रहा हूं मैडम मेरा विश्वास करे। मैं आपसे झूठ क्यों बोलूंगा।

जूही ने उसकी आंखों में देखा उसे उसकी बातो में सच्चाई नजर आई। ठीक है थोड़ी देर के लिए मैं मान लेती हूं तुम सच कह रहे हो अब उसका नाम बताओ।

जया उसका नाम जया है मैडम। सुधीर ने धीरे से कहा।
और वो दिखती कैसी है जूही ने उत्सुकतावस पूछा। मुझे उसका फोटो दिखाओ जूही ने उसका कॉलर पकड़े हुए पूछा।

जी दिखाता हूं मैडम। वो मुझे हमेशा कोई न कोई फोटो भेजते रहती है।

फिर सुधीर ने अपनी जेब से मोबाइल निकाल कर जूही को जया का फोटो दिखा दिया। फोटो में जया बेहद खूबसूरत और स्मार्ट लग रही थी।

ठीक है जूही ने जया का फोटो देखते हुए कहा। इससे तुम कब मिले जो ये तुम्हारी दीवानी हो गई। मैडम कॉलेज में मिले थे तबसे ये मेरे पीछे पड़ी हुई है। बहुत बिगड़ी हुई लडकी है। हर तरह का नशा करती है। इससे कॉलेज में सभी डरते थे। क्योंकि इसका बाप भी बडा दबंग और खतरनाक नेता है। उससे भी क्षेत्र में सभी डरते है मैडम।

क्या नाम है उसके पिता का बताओ जल्दी जूही ने पूछा।
विधायक मन मोहन गुप्ता है मैडम।

इतना सुनते ही जूही ने सुधीर का कॉलर झटके से छोड़ दिया और आश्चर्य से सुधीर को देखती रह गई। उसके मुंह से निकला क्या बोल रहे हो तुम।
फिर उसने अपना सिर पकड़ लिया।
क्या हुआ मैडम आप इतना टेंशन में क्यों आ गई उसने चाय का कप उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा।

जूही ने चाय का कप पकड़ते हुए कहा - कुछ नहीं।
अच्छा छोड़ो इन सारी बातों को चलो बैठक खाने में वही बैठकर चाय पीते है।
जूही अब काफी गंभीर हो गई थी।

कल मेरे ऑफिस में छुट्टी है। कल तुम्हारी मां, भाई और बहन के साथ तुम भी चलोगे सिटी सेंटर मोल में। जूही ने कहा और अब तुम जाओ। अब मैं भी तैयार होकर ऑफिस जाती हूं। दिन का खाना मैं तुम्हारे ही साथ खाऊंगी। तुम हम दोनो का खाना यही ले आना दो बजे। रात को तुम्हारे घर पर आऊंगी और बाकी बाते वही करूंगी। कल के बाद मैं बहुत बीजी हो जाऊंगी।

ठीक है मैडम सुधीर ने हामी भरते हुए कहा।
एक बात और सुधीर कहना चाहती हूं अगर मुझे कुछ हो जाए तो मेरी लाश को मेरे घर जरूर पहुंचा देना और मेरे क्रिया क्रम में तुम जरूर शामिल होना। जूही ने गंभीर होकर कहा। तुम मेरे घर का पता और मेरी मां बहन का नंबर ले लो।

अरे ये आप क्या बोल रही हैं मैडम मरे आपके दुश्मन। आपको क्यों कुछ होने लगा आप तो पूरे प्रखंड में सबकी चहेती और लोकप्रिय वीडियो के रूप में जानी जाती है। सुधीर ने चिंतित होकर कहा।

समय का कोई ठिकाना नहीं है मेरा बच्चा मेरे बाबू जूही ने सुधीर के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा मेरी जल्दी ही विधायक से जंग छिड़ने वाली है मेरे साथ कुछ भी हो सकता है। इसलिए तुमको पहले अगाह कर रही हूं मगर तुम इन सब मामलों से दूर ही रहना। मैं नही चाहती मेरी वजह से तुम्हे कोई आंच आए।

क्या बात कर रही है मेडम आप को कुछ हो जाए और मैं देखता रहूं यह तो कभी नहीं हो सकता है। मैं हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा मरते दम तक। मेरे साथ कोई रिश्ता न होते हुए भी आपने मेरे लिए जितना किया है और कर रही है उसको मैं कभी नहीं भूल सकता। सुधीर ने दृढ़ स्वर में कहा।

वाह मेरे लाल तुमको आज बड़ा प्यार आ रहा है मुझपर क्या बात है कही मुझसे प्यार तो नही कर बैठे हो। जूही ने हंसते हुए कहा।

नही मैडम ऐसी बात नही है बल्कि मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं।

अच्छा चलो जल्दी से निकलो यहां से वरना मुझे ऑफिस के लिए देर हो जायेगी मेरे पास समय कम है बहुत काम करना है।

और तुम्हारा मुंह क्यों लटक गया है जानी। जाओ हीरो की तरह अपना काम संभालो और खुश रहो।

कमाल है मैडम कभी आप मरने की बात करती है कभी मजाक करती है कैसे कर लेती है ये सब। सुधीर ने उदास स्वर में कहा।

इसी का नाम जिंदगी है मेरा बच्चा समझो और जाओ। इतना कह कर सुधीर को अपने कमरे से धकेल कर बाहर कर दिया और हसते हुए कहा दो बजे खाना लेकर आ जाना।
सुधीर उदास चेहरा लिए वहा से चला गया।
लेखक श्याम कुंवर भारती

कहानी

जूही की महक भाग-9

लेखक- श्याम कुंवर भारती

अगले दिन जूही ने सुधीर की मां और भाई बहन को शहर के सिटी सेंटर स्थित मॉल में ले गई और सबके लिए कपड़े खरीद दिए। सुधीर की मां ने मना भी किया मगर उसने कहा अगर आप लोग नही लोगे तो मैं आपके हाथ का बना खाना कभी नही खाऊंगी और न आपके घर जाऊंगी। सुनकर बेचारी चुप हो गई बोली ठीक है बेटी जैसी तेरी मर्ज़ी।

इसके बाद वो सुधीर के लिए एक जिंस पेंट और टी शर्ट लेने गई मगर सुधीर अड़ गया बोला मैडम अब मैं आपकी मदद से कमाने लगा हूं उपहार तो मुझे आपको देना चाहिए उल्टे आप मुझे दे रही है।

जूही ने उसे डांटते हुए कहा चुपचाप रहो जो दे रही हूं ले लो जरा भी ना नुकुर किया तो तुम्हारी जान ले लूंगी।

ठीक है मैडम लेकिन मेरी एक शर्त है आपको भी मुझसे एक गिफ्ट लेनी होगी। सुधीर ने ज़िद किया।

अच्छा तो तुम्हारे पास इतना पैसा हो गया है की तुम मुझे गिफ्ट दोगे। अरे बुद्धू लड़की को गिफ्ट देने लगे तो तुम्हारी जेब ही नही तुम्हारा बैंक खाता भी खाली हो जायेगा। क्योंकि कुछ भी दोगे कभी खुश ही नही होगी जूही ने हंसते हुए कहा।

मुझे इन सब बातो का कोई अनुभव नहीं है क्योंकि आजतक किसी लड़की को मैंने कोई गिफ्ट दिया ही नही है। मगर आज आपको मैं देना चाहता हूं। सुधीर ने जूही को मनाते हुए कहा।

जूही ने काफी ना नुकूर करने के बाद उसकी बात मान ही लिया। सुधीर ने भी जूही को एक सुंदर सलवार सूट और एक जिंस पेंट और टी शर्ट खरीद कर जूही को दे दिया। जूही ने मुस्कुराकर कहा थैंक यू सुधीर।

फिर सबके साथ एक अच्छे रेस्टुरेंट में खाना खाया और फिर वापस सब सुधीर के घर आ गए। रात का खाना खाकर जूही ने सुधीर से कहा तुम मुझे अपनी बाइक से थोड़ा मुझे बाजार ले चलो मुझे कुछ जरूरी सामान घर के लिए लेना है। वहा से तुम मुझे मेरे आवास पर छोड़ देना।

सुधीर ने कहा ठीक है मैडम चलिए चलते है। जूही सुधीर की बाइक पर पीछे बैठ गई। जूही ने बाजार से जरूरी सामान ले लिया और अपने आवास पर आ गई।

जूही ने सुधीर को बीस हजार रुपए एक पुर्जा देते हुए कहा- तुम कल बैंक जाकर मेरी मां के बैंक खाते में जमा कर देना मैं मां को बोल दूंगी।

सुधीर ने कहा ठीक है मेडम। अब तुम जाओ रात के नौ बजे है। मुझे कई लोगो से फोन पर बात करनी है।

ठीक है मेडम अपना ख्याल रखना इतना कहकर सुधीर उसे प्रणाम कर चला गया।

घर के अंदर आते ही जूही ने डीडीसी के फोन लगाया और अपने कल के कार्यक्रम के बारे में बताया। सर मैं कल सबसे बैठक कर और राय मशवरा करके विधायक जी के साथ मीटिंग कर उनको मनाने की कोशिश करूंगी की उन्होंने सरकार के नियम के खिलाफ जोर जबरजस्ती जो सर्वे करवाया है उसे रद्द कर फिर से नियमानुसार सर्वे करवाने में सहयोग करे।

डीडीसी ने कहा संभलकर उससे बात करना जूही बहस बाजी मत करना वो बहुत मुंह फट है उसकी जुबान में लगाम नहीं है बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देता है।

आप चिंता न करें सर मैं सब संभाल लूंगी। जूही ने कहा और उनको गुड नाईट बोल सोने चली गई।

सोते समय उसने कल के कार्यक्रम के बारे में सोचा और कुछ निर्णय लिया।

फिर वो सुधीर के बारे में सोचने लगी कितना सीधा शरीफ और भोला लड़का है। मेहनती और ईमानदार है। जूही उसे कितना परेशान करती है उसका मजाक उड़ाती है मगर बेचारा मैडम मैडम करते रहता है। सोचते हुए वो मुस्कुराने लगी और नींद की आगोश में चली गईं।

शुबह दस बजे उसने अपने ऑफिस में बड़े बाबू को बुलाया और पूछा सारी तैयारी हो गई क्या बड़े बाबू।

सोमनाथ ने कहा - जी मैडम सब तैयारी हो गई है सब लोग समय पर पहुंच जायेंगे और मीटिंग ठीक साढ़े दस बजे शुरू हो जाएगी।

जूही ने संतुष्टि में सिर हिलाते हुए कहा विधायक जी के साथ मीटिंग तय हुई क्या। उसने आगे पूछा। जी मैडम उनके निजी सचिव से बात हो गई है आज ही दोपहर दो बजे का समय मिला है। मगर वो यहां नही आयेंगे आपको उनके आवास पर जाना होगा मैडम। बड़े बाबू ने बताया। लेकिन उनके आवास पर जाना क्या सही होगा मैडम बड़े बाबू ने चिंतित होकर कहा।

आप चिंता न करे मुझे उनके आवास पर जाने में को दिक्कत नही है। मेरे साथ एक दो आदमी रहेंगे बाकी मैं सब संभाल लूंगी।

जूही ने बड़े बाबू की चिंता दूर करते हुए कहा।
एक काम और करे आज ही शाम चार बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रख ले। इस क्षेत्र के सभी प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को बुला ले। क्योंकि क्षेत्र के लोगों को प्रेस के माध्यम से जागरूक करने में सुविधा होगी।

ठीक है मैडम मैं सबको सूचित करवाता हूं और मीटिंग शुरू होते ही आपको बुलाता हूं सभा कक्ष में इतना कह कर वो चला गया।
साढ़े दस बजे मीटिंग शुरु होते ही जूही ने कहा आप सबको पता ही है आज के मीटिंग का एजेंडा। दरअसल जो गरीबी रेखा का सर्वे किया गया है उसमे बहुत सारी अनियमताएं हुई है। जिनका नाम सूची में होना चाहिए था उनके छोड़ दिया गया है और साधन संपन्न लोगो को जोड़ा गया है। पता चला है ये सभी विधायक जी के आदमी है उनके पार्टी के लोग है।

हम सबको किसी पार्टी से विरोध नही है। किसी भी पार्टी का नागरिक अगर गरीब है तो उसे सूची में शामिल किया जा सकता है। मगर इसमें अधिकांश गरीब छूट गए हैं। आप सबको पता है इसी बीपीएल सूची के आधार पर सबको सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है जैसे राशन, गैस और आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपए तक का फ्री इलाज की सुविधा के अलावा अन्य योजना ओ का लाभ।

आज की मीटिंग का उद्देश है कि आप सबको यह जानकारी और ज्वाबदेही देना की पूर्व की सूची को रद्द किया जा रहा है। अब आप सबको एक महीने के भीतर पूरे प्रखंड के अंतर्गत सभी पंचायतों के गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगो का सर्वे सरकार के नियम और दिशानिर्देश के अनुसार करना है। पुराने राशन कार्ड की भी जांच होगी अगर कोई भी गलत सूचना देकर राशन कार्ड बनवाया होगा तो उसका कार्ड रद्द किया जायेगा और जरूरत पड़ने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।

आप सभी बेफिक्र और निडर होकर इस कार्य को पूरी ईमानदारी और तत्परता से पूरा कर हमारा सहयोग करे।

इस कार्य में सभी मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, आंगनवाड़ी सेविका, प्रार्थमिक विद्यालय के शिक्षक गण और पंचायत सेवक सहयोग करेंगे।

अगर किसी को किसी तरह की समस्या हो तो मेरे ऑफिस के तुरंत सूचित करे।

आप लोगो को कुछ पूछना है तो कुछ सकते है। इतना बोलकर जूही चुप हो गई।

तभी किसी ने कहा मैडम इसमें विधायक के आदमी बिरोध कर सकते है हमलोगो के साथ मार पीट भी कर सकते हैं।

आपने ठीक सवाल किया है। मैं आज विधायक जी से उनके निवास पर दो बजे मीटिंग करने जा रही हूं और उनको समझाने का प्रयास करती हूं अगर मान गए तो ठीक वरना कोई और उपाय करेंगे। फिर क्षेत्र में जो भी विरोध करे आप सभी तुरंत उसके खिलाफ थाना में सरकारी काम में बाधा डालने की शिकायत दर्ज कराए। बाकी मैं सब संभाल लूंगी। आप लोगो को किसी से डरने की जरुरत नही है। इतना कहकर जूही उठ जाती है।

दो बजे जूही विधायक मनमोहन गुप्ता के निवास पर पहुंच गई। उसके साथ बड़े बाबू और कंप्यूटर ऑपरेटर था। उसे विधायक के बैठक खाने में बैठाया गया। थोड़ी देर में विधायक आकर उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठे जाता है। जूही खड़ी होकर उसका अभिवादन करती है।

गुप्ता ने उसे देखते ही उसकी तारीफ करते हुए कहा वाह मैडम आप तो काफी जवान और खूबसूरत हो। बड़ा अफसोस है मैं पहले आप से नही मिल सका।

जी धन्यवाद सर मैं भी आपसे मिली नही थी इसलिए आज आपसे मिलने चली आई जूही ने संयम रखते हुए कहा।

बहुत अच्छा किया मुझसे मिलते रहे फायदे में रहेंगी। गुप्ता ने गंदी हंसी हंसते हुए कहा।

जी सर आप विधायक है आपसे मिलना जुलना तो होता ही रहेगा। जूही ने जवाब दिया।

पहले बताए क्या लेंगी चाय या काफी गुप्ता ने पूछा।

जी धन्यवाद कुछ नही चाहिए बस आपसे कुछ जरूरी बात करनी थी। जूही ने शालीनता से कहा।

ठीक है बताओ क्या बात करनी है गुप्ता अब आप से तुम पर आ गया था। जूही ने ध्यान देकर भी जाहिर नही किया।

जी सर दरअसल मैं बीपीएल सूची के बारे में बात करने आई है। जूही ने मुद्दे पर आते हुए बोलना शुरू किया।

उस सूची में गरीबों को शामिल किया जाना चाहिए था मगर ऐसा नहीं हुआ है लगभग लोग साधन संपन्न है जो सरकार के नियम के खिलाफ है। मुझे पता चला है वे सभी आपके लोग है। अगर यह सूची सरकार के पास गई और जांच हो गई तो सबके लिए मुश्किल हो जायेगी।

मैं चाहती हूं आप इसमें मदद करें और पुरानी सूची को रद्द कर नया सर्वे करवाने दे। जूही ने हिम्मत जुटाकर बड़े शांत लहजे में कहा।

सुनते ही गुप्ता की त्योरी चढ़ गई। उसने कहा पुरानी सूची को मेरी मर्जी के बिना कौन रद्द करेगा। किसकी हिम्मत है। बताओ तुम करोगी या तुम्हारा डी सी करेगा।

सर आप नाराज न हो इसमें अब आप अपने लोगो को शामिल कर सकते हैं। मगर जो बिल्कुल गरीब है। जूही ने अनुरोध किया।

ऐसा हरगिज नहीं होगा। इससे तो मेरी राजनीति ही खत्म हो जायेगी। सभी मेरे वोटर हैं उन्ही के बल पर में हमेशा चुनाव जीतता हूं।

सर अब भी जीत सकते हैं आप अपने लोगो को किसी अन्य योजना का लाभ दिला सकते हैं। लेकिन इससे गरीबों का हक नही मारा जायेगा।

तुम मुझे सिखाओगी मुझे कैसे राजनीति करनी है। अभी चार दिन भी नही हुआ वीडियो बने हुए और मुझे सिखाने चली है गुप्ता ने भड़कते हुए कहा।

अगर मेरे लोगो का नाम सूची से हटाया गया तो मैं आफ़त मचा दूंगा। किसी को नही छोड़ूंगा।

गुप्ता ने झटके से खड़े होते हुए चिल्लाकर कहा।

जूही भी खड़ी हो गई मगर शांत लहजे में कहा सर आप शांत हो मैं तो एक छोटी सी सरकारी नौकर हूं और आप जनप्रतिनिधि है। क्षेत्र के विकाश के बारे में मुझसे बेहतर आप सोच सकते हैं।

बेहतर है आप इस विषय पर पुनः शांति से विचार करे और हमारा सहयोग करे।

इस विषय पर कोई बात नही होगी। सूची जैसी थी वैसी ही रहनी चाहिए। तुम जाओ मैं जिला मुख्यालय में डीसी से बात करता हूं अगर वो भी नही माने तो मैं पूरे प्रखंड का चक्का जाम करा दूंगा। तुम्हारेbब्लॉक ऑफिस में ताला लगा दूंगा। गुप्ता ने गुस्से से कहा।

सर आप अभी गुस्से में है इसलिए मै चलती हूं। फिर आपसे अनुरोध कर के जा रही हूं इतना जल्दी कोई निर्णय लेने से पहले आप अपने लोगो से बात कर ले राय मशवरा कर ले।
मुझे आपका सहयोग चाहिए।

इतना कहकर जूही ने गुप्ता का अभिवादन किया और वहा से निकल गई।

कहानी 

जूही की महक भाग-10

लेखक- श्याम कुंवर भारती

जूही विधायक के घर से बाहर निकलते ही डीडीसी को फोन लगाकर विधायक से मिलने की जानकारी दी।

वाह शाबाश जूही बहुत अच्छा किया। तुम्हारी हिम्मत को दाद देनी पड़ेगी जूही ऐसे आदमी से तुमने बात कर अपना मेसेज दे दिया। फिर भी मेरी सलाह है उससे सावधान रहना। डीडीसी ने सावधान करते हुए कहा।

आप चिंता मत करे सर मुझे कुछ नही होगा। फिर जूही ने आज अपने ऑफिस में हुई मीटिंग के बारे में बताया। डीडीसी ने कहा ऑफिस जाते ही तुम दोनों मीटिंग की रिपोर्ट भेज दो मेरे पास।
ठीक है सर।

इधर विधायक गुप्ता ने जूही के जाते ही डीसी को फोन कर कहा डीसी साहब ये कैसी वीडियो है जूही। उसकी इतनी हिम्मत की मेरे मामले में दखल अंदाजी करे। आप उसे मेरे बारे में अच्छी तरह बता दे और समझा दे। मैंने जो बीपीएल के सर्वे में अपने लोगो का नाम जुड़वाया है उसमे कोई भी फेर बदल हुआ तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा।

डीसी साहब ने उसे समझाते हुए कहा विधायक जी यह जूही के अधिकार क्षेत्र का मामला है अगर उसे किसी योजना में गड़बड़ी होने की आशंका होगी तो वह स्वतंत्र है उसे रद्द करने या पुनर्निरीक्षण कराने की। इस मामले में मैं उसके काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

माफ करे। इतना कहकर डीसी ने फोन काटना चाहा तो गुप्ता ने धमकी भरे लहजे में कहा तो ठीक है डीसी साहब फिर आगे जो भी होगा उसमे मुझे दोष न देना। डीसी ने समझाया आवेश में आकर कोई ऐसा काम न करे जिससे आपको भी बाद में अफसोस करना पड़े विधायक जी।

फोन काटकर डीसी साहब ने डीडीसी साहब को बुलाया और कहा वर्मा जी अब समय आ गया है विधायक को सबक सिखाने का। आप तुरंत सीपी साहब को बुलाए साथ में विधि व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग बुलाए अभी। विधायक पागल आदमी है वो कभी भी पूरे प्रखंड की विधि व्यवस्था बिगाड़ सकता है और हमारी वीडियो जूही भी खतरे में पड़ सकती है।

डीडीसी वर्मा ने जी सर अभी तैयारी करता हूं।
करीब आधे घंटे में सभी अधिकारी डीसी साहब के कक्ष में उपस्थित थे।

डीसी साहब ने वीडियो जूही के मामले की जानकारी देते हुए कहा आप सबको पता है विधायक गुप्ता के बारे में। उसके खिलाफ कितने हत्या, बलात्कार, अपहरण और हमारे ऑफिसर्स के साथ मारपीट का मामला दर्ज है। प्रखंड से लेकर जिला तक सारे विभाग और अधिकारी उसकी गुंडागर्दी और मनमानी से परेशान है।

आज उसने जूही को देख लेने के धमकी दिया है। मुझे भी विधि व्यवस्था बिगाड़ने की धमकी दिया है। यह बिल्कुल गंभीर मामला है।

अब हम सबको जूही को आगे करके उसको सबक सिखाना होगा होगा वरना जिला में हम सबको काम करना मुश्किल होगा। गुप्ता हर योजना में हस्तक्षेप कर मनमानी करता है। जबकि बाकी विधायक और नेता नियमानुसार हम सबसे काम करवाते है और हमे उनका काम करने में कोई दिक्कत नही होती है। मगर गुप्ता ने सबकी नाक मे दम कर रखा है।

वो कभी भी प्रखंड के अंतर्गत उत्पात कर सकता है। वीडियो जूही को जान का भी खतरा हो सकता है।

आप सभी इस मामले में अपनी राय दे उससे कैसे निपटा जाए। 
डीडीसी ने कहा सर अभी जूही ने मुझे फोन कर विधायक से और अपने ऑफिस में अपने अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग के बारे में बताया। फिर वो आज ही चार बजे एक प्रेस कांफ्रेंस कर आम नागरिकों के बीच योजना के बारे में जागरूकता लाना चाहती है ताकि सभी योजना के नियम लाभ और सरकार के दिशा निर्देश को जान सके।

वाह जूही तो एकदम मंजे हुए और अनुभवी अधिकारी की तरह काम काम कर रही है। डीसी ने सुनकर जूही की तारीफ करते हुए कहा।

एसपी सिंह ने कहा सर मेरी राय है क्यों न हमलोग कुछ दिनों के लिए जूही वीडियो को प्रखंड की विधि व्यवस्था का प्रभारी भी बना दिया जाए। आप सबकी बातो से लग रहा है वो काफी बहादुर और सूझबूझ वाली ऑफिसर है। इससे हम लोग दूसरे ऑफिसर को जोखिम में डालने से बचेंगे और चूंकि जूही इतना बड़ा खतरा उठाने जा रही है तो उसके पास लो इन ऑर्डर का भी अधिकार होना चाहिए ताकि समय पर वो अपनी सूझ बूझ से खुद को भी सुरक्षित रख सके, आम नागरिकों को भी सुरक्षित रखे और विधि व्यवस्था भी बिगड़े न पाए वर्ना हम लोगो को राज्य सरकार को जवाब देते नहीं बनेगा। प्रेस और राजनीतिक दल हम पर सवाल उठायेंगे वो अलग।

डिडीसी ने कहा एसपी साहब बिल्कुल सही सुझाव दे रहे हैं सर मुझे पूरा विश्वास है जूही हमारी कसौटी पर पूरा खरा उतरेगी। उसके अंडर एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी नियुक्त कर दिया जाय। साथ ही इस प्रखंड के अंतर्गत सभी थानों को सतर्क कर दिया जाय। बाकी थानों का कंट्रोल खुद एसपी साहब करेंगे। मगर जूही के ब्लॉक ऑफिस के अंदर आने वाले पुलिस थाने को वो खुद नियंत्रित करेगी।

बाकी हम सभी अधिकारी ढाल बनकर उसकी निगरानी करेंगे। क्योंकि विधायक कितना ताकतवर है इसका सबको अंदाजा है इससे भिड़ना किसी जंग से कम भी नहीं है। इसके पास गुंडों की पूरी फौज है।

ठीक है वर्मा जी मैं अभी इससे संबंधित पत्र निर्गत करता हूं। गृह विभाग राज्य सरकार को भी भेजता हूं। जिले के सीआईडी को सतर्क करे वो गुप्ता की निगरानी कर एसपी साहब को रिपोर्ट करता रहे।

ध्यान रहे कोई भी अधिकारी जरा भी न डरे न घबड़ाए। सभी आज से एक जंग के लिए तैयार रहे और जितना हो सके जूही को सहयोग करना है। सरकार की योजनाएं हर हाल में जरूर मंदो तक जानी चाहिए और इसमें जो भी बाधा पहुंचाएगा उसे बक्सा नही जायेगा।

डीडीसी वर्मा ने कहा सर एक काम और करना होगा। जूही की सुरक्षा हेतु उसके आवास, ऑफिस और उसके लिए पुलिस सुरक्षा देने होगी।

डीसी ने एसपी साहब से कहा सिन्हा साहब ऑफिस के लिए फिलहाल दस, आवास के लिए चार और निजी सुरक्षा हेतु दो रायफल सहित पुलिस के जवान नियुक्त करे। मैं इस विषय में एक पत्र निर्गत करता हूं।

अभी जितना निर्णय लिया गया है उसपर आज ही से करवाई शुरू कर दे सभी। उसके बाद बैठक खत्म हो गई।

ठीक चार बजे जूही ने अपने ऑफिस में सभी प्रेस प्रतिनिधियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू कर दिया।

उसने कहा मैं सरकार की एक मामूली सी अधिकारी हूं। मगर सरकार की गरीबों के लिए लगभग कल्याण कारी योजनाएं का सफल निष्पादन और जरूरत मंदो तक पहुंचाना मेरी जिम्मेवारी है। अगर इस कार्य में कोई भी बाधा पहुंचाएगा उससे कानूनी तरीके से निपटा जाएगा।

मैंने जबसे वीडियो के रूप में अपनी कुर्सी संभाली है कभी चैन से बैठ नही पाई हूं। लगातार क्षेत्र में जा जा कर योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में लगी हुई हूं और इसमें काफी सफलता भी मिली है मुझे। दूर दराज के गरीब ग्रामीण काफी राहत महसूस कर रहे हैं।

लेकिन सरकार की सबसे महत्व पूर्ण योजना बीपीएल की सूची में भरी गड़बड़ी हुई है। इस सूची में जिन गरीबों को शामिल करना था उन्हे छोड़कर साधन संपन्न अमीर लोगों को जोडवा दिया गया है जो सरासर सरकार के नियमो के खिलाफ है। जबकि इसी योजना से कई योजनाएं जुड़ी हुई है। अगर कोई गरीब इस सूची से छूट गया तो बाकी योजनाओं का लाभ उसे नही मिल पाएगा।

मगर यह काम तो आपके ही पदाधिकारी और कर्मचारी करते हैं फिर गड़बड़ी कैसे हुई एक पत्रकार ने पूछा।

बिल्कुल सही पूछा आपने। जूही ने जवाब देते हुए कहा सर्वे का कार्य मेरे ही ऑफिस के लोगो ने किया मगर विधायक जी के लोगो ने उनको डरा धमका कर जबरजस्ती करवाया।

जैसे ही मुझे सूची में गड़बड़ी की जानकारी मिली मैंने उसे रद्द कर फिर से सर्वे करवाने का निर्णय लिया। मै चाहती थी की मांन्यनीय विधायक जी को विश्वाश में लेकर पुनः सर्वे करवाया जाए इसलिए आज मैं खुद उनके आवास पर बातचीत करने गई थी मगर वो मानने को तैयार नहीं है। वे इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल समझ रहे हैं। वे अभी भी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। सूची रद्द होने पर देख लेने की धमकी दे रहे हैं। मैंने उनको फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। अब देखते है वे क्या निर्णय लेते हैं।

तबतक मैं चाहती हूं आप सभी गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगो के सर्वे के बारे में अपने प्रेस में छापे और मेरी तरफ से अनुरोध करे की सभी लोग सर्वे में सहयोग करे। साथ ही सरकार की नियमावली भी छापे ताकि आम लोग जागरूक हो सके और इस योजना का पूरा लाभ उठा सके। आप सबको सरकार की नियमावली की कॉपी अभी दे दी जायेगी। जूही ने अपनी बात खत्म कर के बड़े बाबू को सभी प्रेस प्रतिनिधियों को कॉपी उपलब्ध कराने का आदेश देकर अपनी कुर्सी से उठते हुए बड़े बाबू से कहा आप सबको चाय नाश्ता भी करवा देंगे। अभी मैं अपने निवास पर जा रही हूं आप मुझसे वही आकर मिल ले। 
कहानी

जूही की महक भाग -11

लेखक- श्याम कुंवर भारती।

सुधीर अपने साइड पर मजदूरो को कल का काम समझा रहा था। उसने कहा आप सबकी मेहनत रंग लाई सामुदायिक भवन बहुत जल्दी तैयार हो गया। अब कल से इसका रंग रोपन और बिजली पानी का काम शुरू करेंगे। अब आप लोग छुट्टी कर लो। तभी विधायक की बेटी जया का फोन आया। सुधीर के फोन उठाते ही उसने चिल्लाते हुए कहा - सुधीर तुम मेरा फोन क्यों नहीं उठाते हो। क्यों उठाऊं तुम्हारा फोन जब मुझे तुमसे कोई बात ही नहीं करनी है। तुम मेरा पीछा छोड़ क्यों नहीं देती। सुधीर ने नाराज होते हुए कहा।

कैसे छोड़ दूं तुमको तुम तो मेरे दिल में बसे हो। जया अब प्यार जताते हुए बोली।

देखो मैं तुम्हे आखिरी बार समझा रहा हूं मुझसे इस तरह की बाते मत करो। प्यार करने के लिए तुम्हारे पास हजारों लड़के है मुझ गरीब के पीछे क्यों पड़ी हो। सुधीर ने अनुरोध भरे स्वर में कहा।

मुझे तो बस तुम ही पसंद हो मैं तुमसे अभी मिलना चाहती हूं। कहा हो बताओ अभी वही आती हूं। जया ने प्यार जताते हुए कहा।

मगर मैं तुमसे नही मिल सकता मैं अभी जरूरी काम कर रहा हूं। सुधीर ने इंकार करते हुए कहा। इतना सुनते ही जया भड़क गई मैं सब समझ रही हूं तुम मुझसे क्यों नही मिलना चाहते हो। 
सुने है जो नई वीडियो आई है उसका नाम जूही है बड़ी जवान और सुंदर है उससे तुम्हारी खूब दोस्ती चल रही है। जया ने गुस्से मे कहा।

तुम जो समझ रही हो ऐसा कुछ नही है तुम पहले अपनी गंदी नजर ठीक करो। मैं जूही मैडम की बहुत इज्जत करता हूं। वे मेरी अन्न दाता है। उनके बारे में कुछ भी गलत मत बोलना समझी तुम।

सुधीर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा।
बहुत बुरा लग रहा है न सुनकर तुमको। जब तुम दोनों में कुछ नही है तो उसने तुम्हे दस लाख रुपए का भवन निर्माण का काम क्यों दिया। तुम्हे काम ही चाहिए था तो मुझसे कहते मैं तुम्हे अपने पापा से कहकर करोड़ो रूपये का काम दिलवा देती। जूही ने कहा।

अपनी बकवास बंद करो मुझे न तुमसे कोई मदद चाहिए न तुम्हारे विधायक पापा से। सुधीर ने डांटते हुए कहा। अभी तुम मेडम के बारे में नही जानती हो। इसलिए बकवास कर रही हो। अब मैं फोन काट रहा हूं। मुझे तुमसे बात करने में कोई रुचि नहीं है।

इतना कहकर सुधीर ने जया का फोन काट दिया।
लेकिन जया ने फिर फोन लगाया। सुधीर ने फोन उठाते हुए कहा तुमको मेरी बात समझ में नही आ रही है। जब मैने कह दिया कि मुझे तुमसे कोई बात नही करनी है तो फिर क्यों मुझे परेशान कर रही हो।

जया ने कहा तुम जिस वीडियो के घमंड मे कूद रहे हो न बाबू तो सुन लो मेरे पापा के सामने वो कुछ भी नही है। आज आई थी मेरे पापा के पास मगर मेरे पापा ने उसका क्लास लेकर उसे वापस भेज दिया। मेरे पापा जल्दी ही उसका ट्रांसफर करा देंगे फिर तुम जपते रहना जूही मैडम के नाम की माला समझे तुम।

लौट कर फिर तुम मेरे ही पास आओगे। इसलिए ज्यादा उस जूही के घमंड में उड़ो मत। तुमको मैं प्यार से समझा रही हूं आज के बाद उस जूही के चक्कर में मत रहना तुमको जो चाहिए मुझसे मांगो मैं सब दूंगी तुम्हे। नही तो। मेरे पापा उसका जो करेंगे वो करेंगे मैं उस जूही को चुहिया बना दूंगी और तुम्हारी टांग तोड़ दूंगी समझे तुम। अब बोलो मुझसे मिल रहे हो या नहीं।

जया की बात सुनकर सुधीर चौक गया जूही विधायक से मिलने क्यों गई थी और क्या बात हुई जो विधायक ने उल्टा सीधा कहा। उसे जूही की चिंता होने लगी। उसे पता था गुप्ता कैसा आदमी है।

अब साप क्यों सूंघ गया बच्चू बोलो चुप क्यों हो गए। जया ने फोन पर पूछा।

सुधीर ने सोचा बाप बेटी दोनों खतरनाक है। मुझे जया से मिलकर पहले इसे शांत करना होगा। फिर आगे देखेंगे क्या करना है।

उसने कहा ठीक है जया मैं तुमसे मिलने को तैयार हूं बोलो कहा आना है।

अब आए न लाइन पर जया ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा। तुम सिनेमा हॉल के पास जो लवली काफी हाउस है वहा पहुंचो मैं तुरंत आती हूं। चिंता मत करो वहा का सारा खर्चा मैं ही करूंगी।

जया ने कहा और फोन काट दिया।
सुधीर ने फोन कटते ही तुरंत जूही को फोन लगाया। फोन उठाते ही सुधीर ने पूछा आप कहा है मैडम।

मैं अपने आवास पर हूं क्यो क्या हुआ। मेरी याद आ रही थी क्या जूही ने हंसते हुए कहा।

कैसी लड़की है अभी विधायक के घर से पता नही क्या क्या बहस बाजी करके आई है और अभी इसे मजाक सूझ रहा है।

वो सब छोड़िए मैडम विधायक जी के यहां क्यों गई थी आपको बताया था न वो सही आदमी नही है। सुधीर ने चिंता जताते हुए कहा।
क्या बात है मेरे लाल मेरी बड़ी चिंता हो रही है।

मैडम मजाक छोड़िए न बताइए कोई जायदा दिक्कत तो नहीं है वरना मैं एमपी साहब से बात करूंगा। उनसे मेरे बहुत अच्छे संबंध है। उनके चुनाव में मैं और मेरे दोस्त उनको चुनाव जिताने में खूब मदद करते है।

उसकी बात सुनकर जूही जोर जोर से हसने लगी। अरे मेरे लाल कितना चिंता करता है मेरी। कोई बहस बाजी नही हुई है तुम चिंता मत करो।

एक काम करो अगर तुम्हे ज्यादा चिंता हो रही है तो आओ मेरे पास आज मैं बहुत थक गई हूं अपने हाथ से एक कप चाय बनाकर पीला दो जूही उस समय अपने बेड पर लेटी हुई थी।

माफ करे मैडम मैं अभी आपके पास नही आ सकता हूं। सुधीर ने इंकार करते हुए कहा। मुझे किसी से मिलने जाना है।

इतना सुनते ही जूही उठ कर बैठ गई क्या कहा बेटा तुम नही आ सकते। तुमको पता है न मुझे इंकार मंजूर नहीं है।

माफ करे मैडम अभी तो नही लेकिन रात में खाना खाने जरूर आऊंगा और आपके लिए कुछ लेता आऊंगा। बोलिए क्या खाएंगी।

मैं तुम्हारी जान खाऊंगी समझे। तुमने कभी इनकार नही किया। कही तुम अपनी किसी गर्ल फ्रेंड से तो नही मिलने जा रहे हो। अगर ऐसा हुआ न मैं आकर दोनो को कच्चा चबा जाऊंगी। जूही ने गुस्सा करते हुए कहा।

हे भगवान क्या मुसीबत है कोई कुछ समझने को तैयार नहीं है। सुधीर ने मन ही मन सोचा और कहा मैडम आप नाराज मत हो मैं दो घंटे में आ जाऊंगा।

जूही ने गुस्से में फोन काट दिया।

कहानी

जूही की महक भाग -12

 लेखक- श्याम कुंवर भारती।

फोन काटने के बाद जूही बेचैन हो गई वो अपने बेड से उतरकर इधर उधर चहलकदमी करने लगी। फिर उसने सुधीर की मां को फोन लगाया। फोन सुधीर की बहन गुड़िया ने उठाया जी मैडम प्रणाम। गुड़िया ने जूही का अभिवादन किया। खुश रहो जूही ने उसे आशीर्वाद देते हुए पूछा आंटी कहा है। मैडम वो संध्या पूजा कर रही है। ठीक है। तुम एक काम करो अपने भैया को फोन करके पूछो की अभी वो कहा है। जूही ने जल्दी से कहा।

ठीक है मैडम मैं अभी पूछती हूं। फिर गुड़िया ने सुधीर को फोन कर पूछा भईया अभी आप कहा है। सुधीर ने उसको लवली काफी हाउस का पता बता दिया। गुड़िया ने सुनकर तुरंत फोन काट दिया और जूही को फोन कर बता दिया।

अच्छा तो वो काफी हाउस में है। जूही ने कहा गुड़िया तुम और तुम्हारा छोटा भाई जल्दी से तैयार हो जाओ आज हम सब साथ में कॉफी पियेंगे। ठीक है मेडम। गुड़िया ने पूजा घर में जाकर अपनी मां को जूही के साथ हुई बात चीत बता दिया। ठीक हैं तुम दोनो तैयार हो जाओ जब जूही आ जाए तो तुम दोनो साथ में चले जाना।

काफी हाउस में जब सुधीर पहुंचा वहा जया पहले से ही उसका इंतजार कर रही थीं। सुधीर को देखते ही जया ने मुस्कुरा कर उसका स्वागत किया। आओ मेरे हीरो बोलो क्या लोगो जया ने उसे अपनी सामने वाली कुर्सी पर बैठाते हुए पूछा।

कुछ नहीं तुम्हारा दिल रखने के लिए केवल एक कप कॉफी पी लूंगा। जया ने दो कॉपी का ऑर्डर कर दिया।

सुधीर ने पूछा मैं ज्यादा देर तुम्हारे साथ नही रहूंगा जल्दी बोलो तुम मुझसे क्यों मिलना चाहती थी। सुधीर ने जया से पूछा।

इतनी भी जल्दी क्या है मेरे हीरो आराम से बैठो कॉफी पीते हैं फिर बात करते है। जया ने सुधीर का हाथ पकड़कर मुस्कुराते हुए कहा।

तुम बेकार की बात मत करो मैं यहां तुम्हे प्यार जताने नही आया हूं सिर्फ यह बताने आया हूं की मैं जूही मेडम से प्यार नही उनका सम्मान करता हूं। वो एक काबिल ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ ऑफिसर है। मैं चाहता हूं कि तुम भी उनका सम्मान करो और उनका अपमान करने या नुकसान पहुंचाने के बारे मे कभी सोचना भी मत। मैं तुमसे भी प्यार नही करता हूं इसलिए अच्छा होगा तुम मेरे पीछे अपना समय बरबाद मत करो। सुधीर ने साफ शब्दों में कहा।

इतना नाराज मत हो मैं वादा करती हूं जूही मैडम को मैं कोई नुकसान नही पहुंचाऊंगी तुम्हारी कसम मगर अपने पापा के बारे मे कुछ नही कह सकती। जया ने जवाब दिया।

थैंक यू जया सुधीर ने कहा लेकिन आज के बाद मुझे फिर दुबारा तंग मत करना क्योंकि एक तो मेरा भाव तुम्हारे बारे में वैसा नही है जैसा तुम सोचती है। दूसरा की मुझे तुम्हारे पापा से दुश्मनी मोल नही लेनी है।

मुझमें क्या खराबी है बोलो। क्या मैं सुंदर और जवान नहीं हूं जया ने पूछा।

मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं मुझे अभी अपना भविष्य बनाना है मेरे पास प्यार मोहब्बत के लिए समय नही है। सुधीर ने उसे समझाते हुए कहा।

जूही ने बड़े बाबू को फोन कर कहा - आप आज मेरी तीनो मीटिंग की रिपोर्ट रिपोर्ट जिला मुख्यालय ईमेल से भेजवा दे डीडीसी साहब को। मैं बाजार जा रही हूं।

विधायक के आवास पर बैठक चल रही थी। विधायक गुप्ता ने कहा अगर सर्वे सूची रद्द हो गई तो मेरी राजनीति खत्म हो जायेगी ब्लॉक और जिला से मेरा प्रभाव खत्म हो जाएगा। मेरे भोटर हमसे अलग हो जायेंगे इसलिए किसी भी कीमत पर सूची नही होने दूंगा मैं। आप सभी बताए अब हम क्या कर सकते हैं।

एक नेता ने कहा वीडियो अगर नही राजी होती है तो उसे पहले पैसे से खरीदा जाए। इसके बाद धमकी दिया जाए।

तभी एक नेता ने कहा सुने है जूही बहुत ईमानदार और कड़क वीडियो है। वो किसी से एक रुपया घुस नही लेती है और न किसी से डरती है। इसलिए उसे पैसे के लालच से राजी नहीं किया जा सकता।

तीसरे ने कहा विधायक जी जूही का ट्रान्सफर करा दे। नया वीडियो को हम लोग मना लेंगे।

गुप्ता ने कहा मैं कोशिश करूंगा मगर उसका कोई कारण तो होना चाहिए। उसके खिलाफ कोई आरोप भी नही है। डीसी भी लगता है जूही को सपोर्ट कर रहा है। इसलिए उसने हाथ खड़ा कर दिया है।

तब हम लोग सूची को बिना रद्द किए स्वीकृत कराने और वीडियो जूही का ट्रान्सफर कराने के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे। इससे भी हल नही निकला तो हम लोग पूरे प्रखंड का चक्का जाम कर प्रशासन को हमारी मांग मांगने पर मजबूर कर देंगे। किसी नेता ने सलाह दिया।

गुप्ता ने कहां इतना से काम नही चलेगा। चारो तरफ तोड़ फोड़ मारपीट कर इतना हंगामा करना है की पूरा प्रशासन हिल जाए। जरूर पड़े बम गोली भी चलाना होगा। अगर वीडियो जूही सामने आ जाए तो उसे वही पत्थरो से मार डालना सब। गोली बम भी चला देना सब ताकि हर तरफ भगदड़ मच जाए। तभी प्रशासन को मेरी ताकत का अंदाजा लगेगा। हर चौक चौराहे को जाम कर देना सब। गाड़ियों के सीसे तोड़ देना है। जरूरत पड़े तो उनमें आग भी लगा देना। तभी ये लोग झुकेंगे।

इसके लिए जितना पैसा खर्च हो और जितना आदमी लगे सब करना है।

ठीक है विधायक जी पहले जूही को मनाने से शुरू करते है। नही माने तो उसको ही खत्म कर देते है ताकी इतना हो हंगामा करने की जरूरत ही न पड़े एक मोटे और काले से नेता ने कहा। 
जया ने कहा तुम्हारे लिए मैं बदल भी सकती हूं अपनी सारी बुरी आदतें छोड़ सकती हूं लेकिन तुमको नही छोड़ सकती हूं।

तुमको सुधीर को भी छोड़ना पड़ेगा जया तभी जूही सुधीर के भाई और बहन को लेकर उस काफी हाउस में हाउस में पहुंच गई और जया की बात का जवाब देते हुए उनकी टेबल के पास रखी खाली कुर्सी पर बैठते हुए कहा और सुधीर के भाई बहन को भी अपने अगल बगल की कुर्सी में बैठा दिया।

जूही को अचानक आया देखकर सुधीर चौक गया। उसे जूही के इस तरह से अचानक आने की कतई उम्मीद नही थी।

वह उठकर खड़ा हो गया मैडम आप यहां अचानक।

क्यों क्या मैं यहां नही आ सकती क्या हम लोग चाय नहीं पी सकते तुम रोकोगे क्या मुझे जूही ने कहा।

अरे नही मैडम आप वीडियो है आपको कौन रोक सकता है मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था फिर उसने जया से जूही का परिचय कराते हुए कहा जया यही है जूही मैडम यहां की नई वीडियो।

जया ने बड़े गौर से देखा । जूही सच मच बहुत ही सुंदर लड़की थी । उसने सोचा शायद इसलिए सुधीर उसको भाव नही दे रहा है। लेकिन सुधीर तो पहले से ही ऐसा ही है ये तो मुझे ही नही किसी और लड़की को भाव नही देता है। हमेसा अपने काम से मतलब रखता है। हो सकता है जूही ही सुधीर से प्यार कर बैठी हो। या उसका भ्रम हो। ऐसा कुछ भी न हो।

क्या सोच रही हो जया। जायदा दिमाग पर जोर मत दो और मेरी बात सुनो। तुम अगर सुधीर की भलाई चाहती हो तो इससे दूर रहो। तुम अपने पापा को जानती हो। वे तुम दोनों का रिश्ता कभी नही स्वीकार करेंगे। तुम्हारा तो कुछ नही होगा। मगर इसका भविष्य खराब हो जायेगा। जूही ने जया से कहा।

और हो सके तो तुम अपने पापा को समझाओ राजनीति करनी है केवल जोर जबरजस्ती और हो हंगामा से नही शांति और सराफत से भी की जा सकती है।

आज से तुम मुझे अपना दोस्त समझ सकती हो।

अब बाते छोड़ो चलो सब लोग कुछ खाते पीते है। लेकिन पेमेंट सुधीर करेगा। जूही ने कहा और उसके दोनो भाई बहन के लिए आइस क्रीम और बाकी के लिए काफी मांग लिया।

जया भी जूही से काफी प्रभावित हुई। उसने जूही से हाथ मिलाते हुए कहा आपकी दोस्ती मंजूर है हमे।

सुधीर ने राहत की सांस लिया। घर जाते समय जूही ने धीरे से सुधीर के कान में कहा मैं तुम्हारी जान छोड़ने वाली नही हूं बच्चू।
सुधीर हैरत से उसे देखता रह गया।

कहानी

जूही की महक भाग 13

अगले दिन शुबह सारे अखबारों में जूही की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खबर छपी थी। हर तरफ उसी के बारे में चर्चा हो रही थी। कुछ लोग जूही के कार्यों की तारीफ कर रहे थे। कुछ लोग अफसोस भी कर रहे थे बेचारी अभी नई नई आई और आते ही खूंखार विधायक गुप्ता से भिड़ गईं पता नही बेचारी का क्या हाल होगा।

कुछ लोगो को सरकार की इतनी बड़ी कल्याणाकारी योजना की पूरी जानकारी पाकर काफी खुशी हुई की अब इससे सभी लोग जो इसके लायक होंगे उनको इसका लाभ मिल सकेगा।

विधायक ने जैसे ही सभी अखबारों में जूही के बयानों की खबर मिली वो आग बबूला हो उठा। उसने अपने निजी सचिव से कहा - तुम तुरंत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी करो। सारे मीडिया को बुलाओ मुझे जूही के बयान का जवाब देना होगा।

एक घंटे में विधायक के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई थी। गुप्ता ने कहा - जो बीपीएल की सूची सर्वे हुआ है वो बिल्कुल सही है। इसमें सभ गरीब शामिल किए गए हैं। कोई भी अमीर नही है। जिस गुंडागर्दी की बात वीडियो जूही कह रही हैं वो सरासर ग़लत और निराधार है। इसमें मेरा या मेरी पार्टी के किसी आदमी की कोई दखल अंदाजी नही है। इसलिए अगर सूची को रद्द किया गया तो पूरे प्रखंड में बहत बड़ा जन आंदोलन होगा जो प्रशासन के फैसला बदलने पर ही जाकर खत्म होगा। इसमें अगर कोई भी अप्रिय घटना घटती है उसकी पूरी जवाबदेही प्रखंड और जिला प्रशासन की होगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर गुप्ता ने फिर अपने निजी सचिव से कहा तुम मेरी तरफ से एक पत्र वीडियो के नाम भेजो जिसमे दो दिनों के अंदर अपने फैसले को बदलने का अनुरोध हो। अगर मेरे अनुरोध को नही माना गया तो मैं और मेरी पार्टी तीसरे दिन से जन आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेगी। जिसकी पूरी जवाबदेही प्रशासन की होगी

पत्र की कॉपी सभी संबंधित पदाधिकारियों को भी भेज दो।
उसके निजी सचिव ने कहा ठीक है सर मैं अभी पत्र तैयार करता हूं।

उधर जया अपनी मां से बात कर रही थी। मां मुझे सुधीर नाम का एक लड़का बहुत पसंद है। सुधीर गरीब है मगर बेहद शरीफ, जिम्मेवार और गंभीर लड़का है। हालांकि वो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं करता है जबकि मैं उसे कालेज के दिनो से चाहती हूं।

एक तो मेरी आदतों से उसे नाराजगी है दूसरे उसे पापा से भय और नाराजगी है।

तुम ये सब मुझे आज क्यों बता रही हो पहले क्यों नही बताई। उसकी मां गायत्री देवी ने पूछा।

इसलिए की मुझे डर है कही सुधीर मेरे हाथ से न निकल जाए। 
जया ने जवाब दिया।

डर तुम्हे किस बात का डर। सबको पता है तुम किसकी बेटी हो। तुम्हारे पापा के सामने किसकी मजाल है जो सिर उठा सके। गायत्री देवी ने गरूर से कहा।

मां तुम समझ नहीं रही हो वो बात नही है अब सुधीर की जिंदगी में एक नई लड़की आ गई है यहां की नई वीडियो जूही। वो एक ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ पदाधिकारी है। सुंदर और जवान है। वो सुधीर की एक मदद के चलते उस पर पूरा मेहरबान है।

तुम तो जानती हो उसकी और पापा के बीच टकराहट चल रही है आगे चलकर कभी कुछ भी हो सकता है। जया ने गंभीर होकर कहा।

तुम अपने पापा के बारे में चिंता मत करो जया वो सबको देख लेंगे। लेकिन तुमको चिंता किस बात की है जब वीडियो जूही ही नहीं रहेगी तो उसकी क्यों चिंता कर रही हो गायत्री देवी ने फिर अपने अंदाज में कहा।

मेरी बात को ध्यान से सुनो मां मामला बहुत गंभीर होता जा रहा है। जूही एक अच्छी लड़की है मेरी उससे दोस्ती भी हो चुकी है मैं उससे मिल भी चुकी हूं।

सबसे पहले हमदोनो को पापा को समझाना होगा की वो गलत रास्ता छोड़ दे ईमानदारी से सही रास्ते पर चल कर राजनीति करे वरना मुझे डर है कही हमलोग उनको खो न दे।
जया ने अपनी बात रखते हुए कहा।

उसने आगे कहा- मां न तो सुधीर को खोना चाहती हूं न अपने पापा को। मैं अपने आपको इतना बदल देना चाहती हूं की सुधीर मुझे कबूल कर ले। तुम मेरे पापा को सुधारो मां वरना कोई भी शरीफ लड़का या परिवार मुझे स्वीकार नही करेगा। यदि मेरे पापा के डर से कर भी लिया तो मेरी जिंदगी नर्क बन जायेगी। जया की आज इतनी गंभीर बाते सुन कर उसकी मां अचंभित रह गई। क्या किसी के प्यार में कोई इतना बदल सकता है।

तुम बेकार में डर रही हो ऐसा कुछ नही होगा तुम जिस लड़के की तरफ इसारा कर दोगी तुम्हारे तुम्हारे कदमों में डाल देंगे। गायत्री का जरूर अब भी कायम था।

मां तुम बेकार के ख्वाबी पुलाव मत पकाओ और हकीकत की दुनिया में आओ अब भी समय है तुम भी समझ जाओ और पापा को भी समझाओ मुझे आने वाले भयंकर खतरे का एहसास हो रहा है और तुम समझ नही रही हो जया ने चिढ़कर कहा।

पापा से बात करो और उनको समझाने की कोशिश करो। उनसे कहो सरकार के काम में अपने फायदा के लिए गलत तरीके से दखल अंदाजी न करें।

जूही उनको हर संभव मदद करेगी अगर वो शराफत से काम करना चाहे।
तभी वहा गुप्ता आता है जया की मां को खाना लगवाने के लिए बोलता है। खाने की टेबल पर उसकी पत्नी ने कहा - मैं आपसे एक बात बोलना चाहती हूं अगर आप नाराज न हो तो कहूं।
हा बोलो गुप्ता ने खाते हुए कहा।

फिर गायत्री देवी जया पूरी बात सुना दी। इतना सुनते ही गुप्ता भड़क गया। क्या तुम दोनों ने मुझको इतना कमजोर और डरपोक समझ लिया है जो मैं एक मामूली सी वीडियो के सामने झुक जाऊं। कदापि नही अब तुम दोनो देखना मै कैसे कहर बनकर सबपर गिरता हूं।

जया ने कुछ कहना चाहा मगर गुप्ता ने उसे डांट कर चुप करा दिया और धमकी दिया तुम दोनों अपने काम से मतलब रखो। खाओ पियो और ऐस करो जो चाहिए ले लो मगर मेरे काम के बिना बोले हस्तक्षेप मत करना। इतना कहकर गुप्ता उठकर चला गया।

जूही अपने ऑफ़िस में बैठी हुई थी बाकी काम निपटा रही थी तभी बड़ा बाबू आता है और बताता है मैडम अभी जिला से कई पत्र आए हैं उसने जूही को दिखाते हुए कहा। एक पत्र है जिसमे पूरे प्रखंड की विधि व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। इसके तहत आपके अधिकारों और जिम्मेवारी के बारे में बताया गया। दूसरे पत्र में हमारे ऑफिस, आपके आवास और आपकी निजी सुरक्षा हेतु कई पुलिस के सशस्त्र जवान नियुक्त किया गए है। आपको निर्देश दिया गया है की अब आप बिना सुरक्षा जवानों के कही भी अकेले न आए और जाए। तीसरे पत्र में पूरे ऑफिस में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का आदेश दिया गया है।

जूही ने जिला को मेरी इतनी फिक्र करने की क्या जरूरत थी। मुझे कुछ नही होगा।
फिर भी जिला का आदेश है तो मानना पड़ेगा।

इतने में एक स्टाफ ने विधायक का पत्र लाकर जूही के सामने रख दिया उसने उसे ध्यान से पढ़ा और सोमनाथ से कहा बड़े बाबू इस पत्र की कॉपी जिला मुख्यालय भेजकर आदेश प्राप्त करे आगे की कार्रवाई हेतु।

जी ठीक है मैडम मैं पत्र तैयार करवाता हूं। सोमनाथ ने कहा एक और पत्र आया है जिसमे आपके स्टेशन से लेकर शहर तक भेेपर लाइट लगवाने के प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए पंद्रह लाख भी स्वीकृत किया है।

जूही ने खुशी जाहिर करते हुए कहा बहुत अच्छा हुआ बड़े बाबू इससे अब यात्रियों को रात में स्टेशन आने जाने में कोई दिक्कत नही होगी। फिर उसने अपने जेई को बुलवाकर पूछा जेई साहब सामुदायिक भवन निर्माण जो सुधीर कर रहा था वो कब तक तैयार हो जाएगा।

जेई ने खुश होते हुए कहा मैडम होगा नही हो चुका है। सुधीर ने तय समय से पहले तैयार कर दिया और काम भी बहुत अच्छा किया है। आप जब चाहे उसका उद्धघाटन करवा सकती है और आम जनता के उपयोग हेतु पंचायत को सौप सकती है।

बहुत अच्छा है। आप सब उसके उद्धघाटन की तैयारी कर मुझे बताएं। जूही ने खुश होते हुए कहा। फिर उसने जेई से फिर पूछा दस लाख रुपए में से जितना बचा है उसका सुधीर से बिल लेकर पेमेंट कर दे और उद्धघाटन का खर्चा सुधीर को करने बोल दे। साथ ही उससे किसी ने कोई कमीसन तो किया नही है तो उसे ऑफिस के स्टाफ को मिठाई खिलाने बोल दे। एक काम और करे स्टेशन से लेकर शहर तक के लाइटिंग का काम भी सुधीर को दे दे।

जी जरूर मैडम। इतना कह कर जेई चला गया।
तभी जूही का फोन बजता है उसने देखा डीडीसी का फोन था उसने उठाकर उनका अभिवादन किया। डीडीसी ने कहा जूही तुमको जिला का सारा पत्र मिल गया होगा तुम उनको ध्यान से पढ़कर उसके अनुसार कायवाई करो और तुम डीएसपी कुमार से बात कर लो वो तुम्हारे साथ रहकर तुम्हारे आदेश पर विधि व्यवस्था के नियंत्रण में तुम्हारा सहयोग करेगा।

जी सर बिल्कुल मैं करती हूं आप चिंता न करें। फिर डीडीसी ने फोन काट दिया।

जूही ने सोमनाथ को बुलाकर कहा पत्र में जिन पुलिस थानों और पुलिस अधिकारियों का जिक्र किया गया है उनको और उनके प्रभारी डीएसपी कुमार के साथ कल शुबह दस बजे बैठक तय कर मुझे सूचित करे।

 शाम को सात बजे जूही ने सुधीर को फोन कर कहा मेरा बाबू कहा है अभी। मैडम मैं अभी एमपी साहब के निवास पर हूं अपके लिए ही उनसे मिलने आया हूं। सुधीर ने जवाब दिया।

अरे मेरा बाबू मेरी कितना चिंता करता है मगर इसकी क्या जरुरत है। मेरे बारे में ज्यादा सोचोगे तो मुझसे प्यार हो जायेगा और तब क्या करोगे जूही ने मजाकिया अंदाज में कहा।

आप भी मैडम बहुत मजाकिया हैं।
मजाकिया नही बेटा मैं इश्किया बाते भी करती हूं। अब जल्दी से एमपी साहब से मिलकर अपना नूरानी चेहरा मुझे मेरे आवास पर दिखाओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रही हूं। आज मैं तुमको अपने हाथ से बनी प्यारी चाय पिलाऊंगी। मगर आते समय एक आइस क्रीम लेते आना मेरे लाडले जूही ने हंसते हुए कहा। जी जरूर मैडम। सुधीर ने कहा।

उसे जूही की बाते सुनकर बड़ा आश्चर्य होता था कोई इतने गंभीर हालात में भी मजाक कैसे कर सकता है यार।

सुधीर एक दुकान से आइस क्रीम ले ही रहा था की जूही की बहन नेहा का फोन आ गया। उसने बताया मैं जूही दीदी को फोन लगा रही हूं मगर उनका फोन बीजी आ रहा है। मगर बात गंभीर है इसलिए आपको फोन किया है।

कोई बात नही जल्दी बताओ क्या बात है नेहा।
नेहा ने बताया मां को हालत बहुत खराब हो गई है उसे अस्पताल में भर्ती करवाए है। आपको वही से फोन किया है सुधीर भैया।

ठीक है तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारी दीदी के पास ही जा रहा हूं। तुम घबड़ाना नही।


कहानी

जूही की महक भाग-14

लेखक श्याम कुंवर भारती।

सुधीर अभी कुछ ही दूर गया होगा की तभी उसे जया का फोन आया। नही चाहते हुए भी उसने उसका फोन उठा लिया- बोलो क्या बात है।

जया ने घबड़ाई हुई आवाज में कहा सुधीर तुम कहा हो।
मैं अभी बाजार में हूं जूही मैडम के आवास पर जा रहा हूं बोलो क्या काम था।

तुम जल्दी जूही मैडम को फोन कर सावधान करो मेरे पापा ने उनको मारने के लिए अपने आदमी भेज दिए हैं। उन पर कभी भी जानलेवा हमला हो सकता है।

सुनते ही सुधीर का दिमाग चकरा गया। उसके मुंह से निकला क्या बोल रही हो तुम।

मैं सच कह रही हूं जया ने घबड़ाए हुए कहा तुम जल्दी जाओ और जूही मैडम को उनके घर से पहले कही सुरक्षित जगह पर ले जाओ।

ठीक है तुम चिंता मत करो मैं कुछ करता हूं और सुधीर ने फोन काटकर जूही को लगाया मगर उसका फोन बीजी बताया। उसने अपनी बाइक को तेज रफ्तार से जूही के आवास की तरफ दौड़ा दिया।

हो सकता है जया सच कह रही हो। यदि ऐसा हुआ तो जूही मैडम के जान को बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। उसने जूही के लिए आइस क्रीम अपनी बाइक की डिक्की में रख लिया था। उधर उसकी मां की भी तबीयत खराब हो गई है वो अस्पताल में भर्ती है।

जूही ने जैसे ही सुधीर का फोन काटा उसके फोन पर कोई अंजान नंबर से फोन आया।

फोन उठाते हुए किसी ने कहा - मैडम मैं विधायक जी का आदमी बोल रहा हूं।

जी बोलिए क्या काम था जूही ने पूछा।
मैडम आपको जितना पैसा चाहिए हम लोग देने को तैयार हैं आप बीपीएल सूची को रद्द करने का फैसला बदल दे। उधर से कहा गया।

जूही ने कहा आप सबको पता है मैं घुस नही लेती। मुझे पैसे का कोई लालच नहीं है मैं अपना फैसला नही बदल सकती।

सोच ले मैडम इसके लिए आपको पांच दस लाख या जितना कहेंगी उतना लाख रुपए जहां जिस तरह से बोलेंगी आपको मिल जायेगा।
उधर से किसी ने कहा।
इसमें सोचने वाली कोई बात नहीं है आप लोग विधायक जी को समझाए को सरकार के काम में बेवजह दखल न दे। सर्वे चालू है वो नही रुकेगा। दुबारा मुझे इस तरह फोन न करे। माफ करे मैं फोन काट रही हूं।

ठीक है मैडम अगर आप जिद पर अड़ी हुई है तो आपकी जैसी मर्जी। इतना कहकर उधर से फोन काट दिया गया।

जूही ने डीडीसी को फोन कर अभी फोन पर हुई बातचीत का जिक्र बता दिया।

डीडीसी ने उसे सावधान करते हुए कहा तुमने ठीक किया मगर खुद का ख्याल रखना तुम्हारी सुरक्षा हेतु पुलिस के जवान रात दस बजे तक तुम्हारे आवास पर पहुंच जाएंगे अभी रात के नौ बजे है। तुम मुझे जब भी जरूरत पड़े फोन कर लेना और डीएसपी कुमार से भी जरूरत पर बात कर लेना।
जूही ने कहा ठीक है सर।

तभी सुधीर वहा घबड़ाए हुए आया और कहा मैडम आप तुरंत मेरे साथ चले यहां एक मिनट भी मत रुकिए आपकी जान को खतरा है।

आराम से बैठो मेरे लाल मुझे कुछ नही होगा लाओ मेरी आइस क्रीम कहा है।

लाया हूं मैडम मगर अभी आइस क्रीम खाने का समय नही है अब बात मत करे फौरन निकले यहां से सुधीर ने घबड़ाए हुए कहा।

जूही अभी और कुछ कहती इससे पहले सुधीर ने उसकी बांह पकड़ लिया और खींचता हुआ बाहर निकल गया और अपनी बाइक पर पीछे बैठाकर किक मारा और तेजी से निकल गया।

जूही बोलते रह गई तुम क्या कर रहे हो सुधीर मेरा अपहरण कर रहे हो क्या। मगर सुधीर ने कुछ नहीं सुना अपनी बाइक भागता चला गया। वे दोनो अभी कुछ ही दूर गए होंगे कि धाय धाय गोलियों के चलने की आवाज सुनाई देने लगी। जूही ने पीछे मुड़कर देखा उसके आवास पर ही गोलियां चलाई जा रही थी। रात होने के बावजूद खंभे पर लगी लाइट की रोशनी में दो गाड़ियां और कुछ लोग अपने हाथो में बंदूक लिए हुए नजर आ रहे थे।

उसे अब सुधीर की बात पर विश्वाश हो गया था। मगर इसको इस घटना की जानकारी कैसे हो गई जो मुझे नही मिली न मेरे सीआईडी को मिली।

तभी सुधीर ने कहा देख लिया मैडम मैं कह रहा था निकले अपने घर से आपकी जान को खतरा है मगर आप मान नही रही थी। अगर कुछ देर और रुक जाती तो भगवान जाने क्या होता आपके साथ।

जूही ने कहा सॉरी मेरे लाल गलती हो गई माफ कर दो।
आप मुझे कसके पकड़ ले मैडम मैं सीधे अपने घर जाकर रुकूंगा। कोई हमारा पीछा भी कर सकता है। मैंने बाईक की स्पीड बढ़ा दिया है। उसने अपनी बाइक की गति तूफानी गति से बढ़ा दिया। जूही ने दोनो हाथो से सुधीर की कमर को कस के पकड़ लिया। उसने सोचा आज दूसरी बार है जब सुधीर ने उसकी जान बचाई है। आज भी सुधीर और बाइक ने उसका साथ दिया।

जूही उससे पूछना चाहती थी की उसे इस घटना की जानकारी कैसे मिली मगर बाइक की तेज गति और आवाज से पूछ नही सकी। आखिर क्या बात है हर बार सुधीर ही उसकी जिंदगी का रक्षक बनता जा रहा है। जूही ने अपना सिर सुधीर के पीठ पर टिका लिया और उसे कस कर पकड़ लिया था जैसे अब वो उसे अब कभी नहीं छोड़ने वाली है।

शेष अगले भाग -15 में
लेखक - श्याम कुंवर भारती
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कहानी 

जूही की महक भाग -15

लेखक - श्याम कुंवर भारती।
सुधीर के घर पर पहुंचते ही जूही ने सबसे पहले डीडीसी को फोन किया और अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के बारे में बताया।

सुनते ही उन्होंने बड़ी चिंता व्यक्त किया। मगर तुम्हारे आवास की सुरक्षा हेतु पुलिस के जवान नियुक्त किए गए थे क्या वे सब नही थे।

जूही ने बताया मुझे आपने ही बताया था सर सब रात नौ बजे पहुंचेंगे।

डीडीसी ने कहा अभी तुम कहा हो। जूही ने उन्हे सुधीर के घर का पता बता दिया और कहा कि मेरी जान सुधीर ने ही बचाई है।

तुम वही रुको मैं डीसी साहब और एसपी साहब से बात करता हूं। जूही ने कहा ठीक है सर।

सुधीर उसके पास ही बैठा हुआ था। उसने कहा मैडम आप सोच रही होंगी मुझे आपके ऊपर हमला होने की खबर कैसे मिली।
बिल्कुल बताओ जूही ने पूछा।

विधायक की बेटी जया ने मुझे फोन पर बताया था।
सुधीर की बात सुनते ही जूही को बड़ा आश्चर्य हुआ। लगता है लड़की में बदलाव आ गया है उसने मेरी दोस्ती का फर्ज निभाया है। जूही ने गंभीर होते हुए कहा। तभी सुधीर की मां उन दोनो के लिए चाय लेकर आई दोनो को चाय देते हुए जूही के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली- बेटी भगवान का लाख लाख शुक्र है की तुम आज बाल बाल बच गई वरना हमलोग तुम्हारी जैसी ईमानदार वीडियो को खो दिए रहते और मैं अपनी बेटी को।

जूही सुधीर की मां से लिपट कर बोली आंटी आपका बेटा है न सुधीर मुझे कभी कुछ नहीं होने देगा आप चिंता न करो।
फिर उसने सुधीर से कहा मेरा आइस क्रीम कहा है बाबू।

अभी जान जाते जाते बची है और आपको आइस क्रीम खाने को मन कर रहा है। सुधीर ने हल्की नाराजगी जाहिर करते हुए कहा।

पर जान गई तो नही न लाओ कहा है मेरी आइस क्रीम जूही ने मुस्कुराते हुए अपना हाथ सुधीर की तरफ फैलाते हुए कहा।

सुधीर की मां भी हंसते हुए वहा से चली गई।
लाता हूं मैडम आप भी बड़े अजीब लड़की है। इतना कहकर सुधीर ने अपनी बाइक की डिक्की से तीन आइस क्रीम ले आया। एक जूही को दे दिया और दो अपने भाई बहनों को।

डीडीसी ने तुरंत डीसी साहब को फोन कर जूही के साथ घटी घटना की जानकारी दिया। डीसी ने बहुत ही नाराजगी जताते हुए कहा ये बहुत गलत हुआ गनीमत है जूही सही सलामत है। मैं अभी एसपी सिंह से बात करता हूं।

डीसी ने एसपी को फोन कर घटना जी जानकारी देते हुए कहा सिंह साहब आप आपने डीएसपी से पूछिए जब उसको जूही की सुरक्षा की जिम्मेवारी दी गई थी फिर उससे इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।

सर आप चिंता न करे मैं देखता हूं और आपको रिपोर्ट करता हूं। 
एसपी ने डीएसपी कुमार को फोन कर पूरी डांट लगाते हुए कहा तुम और तुम्हारी टीम कहा सो रही है अभी वीडियो पर उसके आवास पर जानलेवा हमला हुआ है वो बाल बाल बची है।

तुमको अंदाजा भी है इसके बाद पुलिस विभाग की कितनी किरकिरी होगी और तुम पर कार्यवाई होगी वो अलग से।

तुरंत वीडियो आवास को पुलिस सुरक्षा घेरे में लो। अपराधियों की तलाशी अभियान शुरू करो। एक भी नही बचना चाहिए। जूही जहा भी है उनको पूरी पुलिस सुरक्षा दो। मुझे तुरंत रिपोर्ट करो।

डीएसपी कुमार ने तुरंत जूही के आवास के नजदीकी थाना के इंचार्ज को फोन कर कहा तीन चार गाड़ियों में पुलिस के जवान भेजकर वीडियो आवास को सुरक्षा घेरे में ले और बाकी जवानों को अपराधियों की तलास में लगा दे मैं भी अभी कुछ जवानों को लेकर वहा पहुंच रहा हूं।

डीएसपी कुमार ने जूही को फोन कर उसका हाल चाल लिया और चूक के लिए माफी मांगा। उसने कहा आप जहा है उसका पता बताए मैं अभी आपके पास पुरे दल बल के साथ पहुंच रहा हूं।

थोड़ी ही देर में जूही के आवास को पुलिस के जवानों से चारो तरफ घेरा बंदी कर दी गई। चारो तरफ पुलिस की गाड़ियां पूरे क्षेत्र में हमला करने वाले अपराधियों की तलास में लग गई।

थोड़ी ही देर में डीएसपी कुमार चार गाड़ियों में पुलिस के जवानों के साथ सुधीर के घर पर पहुंच गया।

कुमार ने कहा जूही मैडम मुझे अफसोस है हमलोग थोड़ा चूक गए क्योंकि अंदाजा नही था आप पर इस तरह जानलेवा हमला हो सकता है। मगर अब आपका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। आप अब अपने आवास पर चल सकती है।

जूही ने कहा कोई बात नही मैं बिल्कुल ठीक हूं चलिए मैं चलने को तैयार हूं। लेकिन सुधीर की मां ने कहा पहले खाना खा लो बेटी और तुम अब अकेली नही जाओगी तुम्हारे साथ मैं भी चलूंगी।

जूही ने मना किया मगर वो नही मानी जब तक जूही ने खाना नही खाया और उसके साथ उसके आवास पर पुलिस की जिप में बैठ कर चली गई।

कहानी

जूही की महक भाग -16

लेखक- श्याम कुंवर भारती।

जूही और अपनी मां के जाते ही सुधीर ने जूही की छोटी बहन नेहा को फोन लगाया और पूछा अब कैसी तबीयत है तुम्हारी मां की। नेहा ने बताया कोई सुधार नहीं हुआ है भईया। जूही दीदी से आपकी बात हुई क्या नेहा ने चिंता जताते हुए कहा।

नही जूही मैडम से अभी बात नही हुई है और तुम उनको मां की बीमारी के बारे में मत बताना। मैं आज ही ट्रेन पकड़ कर आ रहा हूं कल शुबह पहुंच जाऊंगा तुम चिंता मत करना। सुधीर ने नेहा को जूही पर हुए हमले के बारे में नही बताया।

सुधीर ने अपनी मां को फोन कर जूही की मां की बीमारी के बारे में बताया और कहा मां मैं अभी जूही मैडम के गांव जा रहा हूं उनकी मां की तबीयत बहुत खराब है वो अभी अस्पताल में भर्ती है मगर तुम जूही मैडम को कुछ मत बताना वरना वो और भी घबडा जायेंगी। तुम उनका ख्याल रखना। इतना कहकर सुधीर ने बहन गुड़िया को समझाया और एक बैग लेकर घर से निकल गया। रास्ते में उसने फोन कर जया का आभार व्यक्त किया और कहा आज तुमने बहुत बड़ा काम किया है जया। आज तुम्हारी वजह से ही जूही मैडम की जान बच सकी है हालाकि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी फिर भी तुमने जो काम किया है तुम्हारी जितनी तारीफ की जाय कम है। जया ने कहा सुधीर ये सब मैंने तुम्हारी वजह से किया है। तुम्हारा दिल जीतने के लिए किया है। और हमेशा तुम्हारा साथ देती रहूंगी। केवल एक बार कह दो तुमको भी मुझसे प्यार है।

मैं तुम्हारी भावना की कद्र करता हूं जया मगर तुम मेरी मजबूरी को समझो मैं अभी कुछ भी नही हूं अभी मुझे बहुत कुछ बनना है। सुधीर ने जया को समझाते हुए कहा।

मैंने तुमको कहा रोका है मेरे हीरो तुम बनो न तुमको जो बनना है बस तुम मुझे अपना दिल दे दो। जया ने उससे फरियाद करते हुए कहा।

तुमको समझाना बेकार है चलो अब तुम अपना फोन रखो मैं बाद में तुमसे बात करता हूं इतना कहकर सुधीर ने अपना फोन काट दिया।

शुबह सारे अखबारों में जूही के ऊपर जानलेवा हमले की खबर मुख्य पृष्ठ पर प्रार्थमिकता से छपी थी। खबर पढ़ते ही सब तरफ जूही के हमले की चर्चा होने लगी थी। कुछ लोग अफसोस भी कर रहे थे इतनी अच्छी और ईमानदार वीडियो पर जानलेवा हमला बहुत ही शर्मनाक और दुखद है। कुछ लोग दबी जुबान से विधायक गुप्ता पर शक जता रहे थे। मगर उसके नाम की इतनी दहशत थी की कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं था। खबर में आगे यह भी लिखा गया था हमलावरों की तलास अब भी जारी है।

जूही अपने निर्धारित समय पर अपने ऑफिस पहुंच गई। उसके ऑफिस को भी पुलिस सुरक्षा के घेरे में लिया गया था। भवन के अंदर आने वाले हर किसी की पूरी तरह जांच पड़ताल करने के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा था। पूरे भवन में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे थे।

अपने निर्धारित समय पर बैठक शुरू हुई जिसमे जूही, डीएसपी कुमार, उस क्षेत्र के थाना प्रभारी अन्य चार थाना के सभी प्रभारी और प्रखंड स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। 
जूही ने अपनी बात शुरू करते हुए कहा- विधायक और उनकी पार्टी के लोग पूरे प्रखंड में चक्का जाम करने वाले हैं। कारण बीपीएल सूची है। इस सूची में आप सबको पता है विधायक ने कितनी गडबड़िया किया है। मेरे द्वारा रद्द किए जाने पर वो विरोध पर उतर आए है।

रात में मुझे फोन पर लाखो रुपए रिश्वत देने का लालच दिया गया मगर मेरे मना करने पर अधिक मुझपर् जानलेवा हमला किया गया। मेरी जान मेरे एक परिचित सुधीर ने बचाया।

डीएसपी कुमार ने कहा रात की घटना बहुत ही चिंतनीय है अगर एक भी हमलवार पुलिस की गिरफ्त में आ जाएं तो हम लोग असली मुजरिम तक पहुंच सकते हैं शक के आधार पर अगर विधायक गुप्ता पर हाथ डालते हैं तो इससे विवाद बढ़ सकता है हमारी पूरी टीम हमलावरों को तलास में लगी हुई है मुझे उम्मीद है वे शीघ्र ही हमारे हाथों में होंगे।

जूही ने कहा आप अपनी तलास जारी रखे मुझे अपनी जान जाने का डर नहीं है मगर इस घटना से आम लोगो में दहशत फेल गई है हम सबको इस डर को निकालना है। इसके लिए जरूरी है कल विधायक और उनके आदमी चक्का जाम के नाम पर किसी बड़ी घटना को अंजाम न दे दे। जान माल और सरकारी संपत्ति की क्षति न हो आवागमन बाधित न हो।

आंदोलन अगर शांति से चला तो ठीक है मगर उग्र रूप धारण किया तो पुलिस को हरकत में आना पड़ेगा और हर उपद्रव से कड़ाई से निपटना होगा।

डीएसपी कुमार ने कहा - चक्का जाम कल शुबह दस बजे से है। हमारी पुलिस ठीक नौ बजे से पूरे क्षेत्र के चौक चौराहों पर पूरी तैयारी के साथ तैनात रहेगी। किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क रहेगी मैडम आप चिंता न करें।

उसने आगे कहा जिस मुख्य चौराहे पर विधायक खुद अपने लोगो के साथ आंदोलन का नेतृत्व करेगा मैं वहा खुद अपने जवानों के साथ तैनात रहूंगा चूंकि आप विधि व्यवस्था की प्रभारी हैं आप आदेश करे इसमें और कोई फेर बदल करना है तो।

नही कुमार साहब आपकी योजना सही है इसमें एक काम और आज ही से शुरू कर दे जूही ने कहा - बाहर से आने वाले सभी वाहनों को जांच पड़ताल शुरू करवा दे हो सकता है विधायक बाहर से हथियार गुंडे मंगवा ले। हो सकता है उसने बुलवा भी लिया हो मगर सावधानी के लिए अभी से जांच शुरू करवा दे।

जूही की बात सुनते ही डीएसपी कुमार ने सभी थाना प्रभारीयो को बोला आप सभी अपने अपने थाने के सभी उप थाना प्रभारी को बोले वे लोग सभी बाहर से आने वाले प्रवेश द्वार पर आने वाले वाहनों की जांच पूरी कड़ाई से करे। किसी पर जरा भी संदेह होने या संदेह पूर्ण कोई सामग्री या हथियार पाया जाए उसे तुरंत हिरासत में लेकर थाना में बंद करें। सभी थाना प्रभारीयो ने अपने अपने थाने में आदेश दे दिया।

तभी बड़ा बाबू ने जूही को आकार बताया मैडम दो तीन जगहों पर हमारे ऑफिस के स्टाफ को विधायक के आदमी सर्वे करने से डरा धमका कर मना कर रहे हैं। बात नही मानने पर मारने पीटने की भी धमकी दे रहे हैं क्या करे।

बड़े बाबू की बात सुनकर डीएसपी कुमार ने पूछा - कहा - कहा कि घटना है क्षेत्र की जानकारी दे।
बड़े बाबू ने बता दिया।

डीएसपी कुमार ने उस क्षेत्र के थाना प्रभारियों की तरफ देखते हुए कहा आप लोग अपने जवानों को भेज कर सरकारी काम में बाधा डालने के अपराध में विधायक के आदमियों को गिरफ्तार कर तुरंत थाना मंगाए और उनकी जमकर धुलाई कराए चक्का जाम आंदोलन खत्म होने के बाद ही उन्हें छोड़े या जरूरत पड़ने पर जेल भेज दे।

जूही ने बड़े बाबू से कहा- अपने लोगो से कहे किसी को डरने की जरूरत नहीं है। वे निडर होकर अपना काम कर थोड़ी देर में पुलिस वहा पहुंच रही है।

बड़े बाबू ने कहा ठीक है मैडम मैं अभी उनको बोलता हूं।
डीएसपी कुमार ने आगे कहा दो थानों की पुलिस अपने अपने निर्धारित मोर्चे पर तैनात रहेगी। एक थाना की पुलिस जूही मैडम के साथ हरदम तैनात रहेगी। मैडम जहा भी जायेंगी हमेशा इनको सुरक्षा घेरे में रखना है ध्यान रहे मैडम पर जानलेवा हमला हो चुका है किसी से कोई चूक न हो इसलिए एक इंस्पेक्टर रैंक का पुलिस ऑफिसर कल जूही मैडम के साथ रहेगा।
और एक टीम मेरे साथ रहेगी।

इतना कहकर कुमार ने अपने सहायक को पूरी योजना सबको देने का आदेश दिया। उसने कहा आप सभी ध्यान से इसे देख ले। कौन कहा किसके साथ तैनात रहेगा उसकी क्या जिम्मेवारी होगी सब इसमें दिया हुआ है।

आज शाम तक चार एंबुलेंस और पांच अग्निशामक वाहक प्रखंड कार्यालय में पहुंच जायेंगे आकस्मिक सेवा के लिए।

यहां के सरकारी अस्पताल में अतिरिक्त डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ जिला से मंगा लिए गए है जो घायल पुलिस कर्मी और आम जनता का इमरजेंसी इलाज करेंगे।

जूही ने कुमार की तारीफ करते हुए वाह कुमार साहब आपकी तैयारी बहुत पुख्ता है।

कुमार ने उसका आभार प्रकट करते हुए कहा चूंकि जूही मैडम विधि व्यवस्था की प्रभारी है इसलिए इनका आदेश मिलते ही मैं आप सबको आदेश देता रहूंगा।

जबतक मैडम का आदेश नही मिलेगा मैं किसी को लाठी चलाने या गोली चलाने का आदेश नही दूंगा।

मैडम का आदेश मिलते ही सभी उपद्रवियो पर टूट पड़ेंगे। मगर सभी खुद की सुरक्षा का ख्याल रखेंगे।

चार वज्र वाहन भी रहेंगे जिस पर गोली बंदूक या बम का कोई असर नही होता। उस वाहन में पुलिस के जवान अति सबेंदन शील एरिया में भ्रमण करेंगे।
इसके बाद मीटिंग खत्म हो गई।

कहानी

जूही की महक भाग- 17

लेखक - श्याम कुंवर भारती।
सुधीर जूही के गांव पहुंचते ही उसके पिता और दोनो बहनों से मिला उनका हाल चाल लिया और उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा चिंता मत करे अब मैं आ गया हूं मैं सब संभाल लूंगा जूही मैडम की मां को कुछ नही होगा। उसने उनको बताया जूही मैडम अभी थोड़ा काम में काफ़ी बिजी हैं इसलिए मुझे भेजा है। मैं अभी अस्पताल जाकर उनको देखता हूं। मगर उसने जूही पर हुए जानलेवा हमले के बारे में कुछ नही बताया।

अस्पताल पहुंचकर उसने जूही की बहन नेहा से उसकी मां की तबियत के बारे में पूछा। उनको देखा और उनको प्रणाम कर कहा आंटी आप चिंता न करें आप जल्दी ठीक हो जाएंगी। फिर सुधीर ने डॉक्टर के पास जाकर जूही की मां के बारे में पूछा डॉक्टर साहब वो कब तक ठीक हो जाएंगी। उनको क्या तकलीफ है।

डॉक्टर ने कहा- देखिए हम अपने स्तर से जितना बन रहा है उतना इलाज कर रहे है मगर इनको किसी बेहतर अस्पताल में ले जाकर इलाज करवाने से बेहतर होता। हमारे अस्पताल में उतनी बयस्था नही है।

सुधीर ने कहा ठीक है डॉक्टर साहब मैं इनको दूसरे अस्पताल में ले जाने की व्यवस्था करता हूं तब तक आप इलाज करते रहे इनको कुछ नही होना चाहिए।

फिर सुधीर डीडीसी साहब को फोन लगाकर जूही की मां की बिमारी के बारे में बताया और कहा सर आप तो जानते हैं जूही मैडम अभी किस हालत में है इसलिए उनको उनकी मां के बारे में नही बताया ताकि वो परेशान होकर अपने मकसद से भटक न जाए। इसलिए आपसे अनुरोध है जूही मैडम को बताए बिना सिविल सर्जन साहब को बोलकर जिला अस्पताल में इलाज हेतु बोल दे मैं कल तक किसी तरह मैडम की मां को लेकर आता हूं। इससे उनकी मां का इलाज भी बेहतर हो पाएगा और मैं दोनों परिवार की देखभाल भी ठीक से कर पाऊंगा।

सुधीर की बात सुनकर डीडीसी बहुत चिंतित हुए और सुधीर की तारीफ करते हुए कहा तुमने बहुत अच्छा काम किया है। तुम चिंता मत करो मैं अभी सिविल सर्जन को फोन कर बोलता हूं और सारा इंतजाम करवाता हूं। तुम कल जूही की मां को लेकर आ जाओ। डीडीसी ने तुरंत सिविल सर्जन को फोन कर कहा कल वीडियो जूही की मां भर्ती होने आ रही है। आप आज हीं उनके इलाज का सारा इंतजाम करवा दे। ध्यान उनके इलाज में कोई कमी नही होनी चाहिए।

सुधीर ने अस्पयाल से बात कर एक एंबुलेंस बुक किया और नेहा को साथ में लिया जूही की मां को लेकर तुरंत निकल पड़ा।

सुबह दस बजे विधायक ने चक्का जाम का एलान किया था मगर उसके आदमी शुबह आठ बजे ही सड़कों पर उतर आए और वाहनों की तोड़ फोड़ शुरू कर दिया। कई वाहनों में आग लगा दिया। लोगो को मारना पीटना शुरू कर दिया। हर तरफ कोहराम मचा दिया।

विधायक गुप्ता खुद अपने दल बल के साथ बाजार के मुख्य चौराहे पर अपना झंडा गाड़ दिया। उसने माइक से भाषण देना शुरु किया वीडियो जूही की तानाशाही नही चलेगी नही चलेगी। वीडियो गरीबों की घोर विरोधी है। ये तानाशाह वीडियो गरीबों का हक मारना चाहती है इसलिए गरीबों को सूची से हटाकर फिर से नई सूची बनवा रही है। मैं यहां का विधायक हूं। मेरे रहते किसी की तानाशाही नही चलेगी। पुरानी सूची को किसी कीमत पर रद्द होने नही दूंगा। मैं गरीबों का नेता हूं। गरीबों के लिए हमेसा लड़ता रहूंगा। अगर वीडियो ने पुरानी सूची को रद्द करने का फैसला नही बदला तो पूरे क्षेत्र में हंगामा मचा दूंगा। इस वीडियो का तुरंत यहां से ट्रांसफर होना चाहिए। ऐसी तानाशाह वीडियो को एक दिन भी इस प्रखंड में रहने का हक नही है।

जैसे ही जूही को खबर मिली विधायक और उसके लोगो द्वारा चक्का जाम के नाम पर उत्पात मचा रहे है उसने तुरंत डीएसपी कुमार को फोन कर बताया विधायक ने अपने तय समय से पहले उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। आप तुरंत अपने पुलिस बल को लेकर मेरे ऑफिस पहुंचे मैं भी तैयार होकर ऑफिस पहुंच रही हूं। वहा से घटना स्थल पर चलेंगे। तब तक अपने जवानों को मुख्य चौराहे पर भी भेजे ताकि और ज्यादा उत्पात होने से रोक सके।

जूही तैयार होकर बिना कुछ खाए पिए जाने लगी तो सुधीर की मां ने उसे रोकते हुए जबरजस्ती अपने हाथो से दो रोटी खिला दिया और चिन्ता जताते हुए कहा अपना ख्याल रखना बेटी। जूही ने उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए कहा आंटी मुझे आशीर्वाद दो की मैं पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभा सकूं। सुधीर ने कहा जाओ बेटी बिजई होकर लौटो। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी‌।

जूही ने अपने ड्राइवर से कहा तुम मेरी गाड़ी लेकर यही रहो मैं पुलिस की गाड़ी लेकर जा रही हूं।

उसने पुलिस के जवानों को कहा आप सभी पूरी सावधानी से मेरे आवास की निगरानी करना ध्यान रहे आंटी को कोई खरोच न आने पाए।

पुलिस को गाड़ी में बैठते ही उसके दोनो सुरक्षा गार्ड भी पिछली सीट पर बैठ गए।

ऑफिस में डीएसपी कुमार उसका पूरे पुलिस दल बल के साथ उसका इंतजार कर रहा था। जूही ने कहा कुमार साहब विधायक का चक्का जाम नाम का है। दर असल वो अपना आतंक मचाना चाहता है। आप एक पुलिस दल को बाजार के बाहर से घराबंदी करवाए ताकी आंदोलन उग्र होने पर उपद्रवियों को आगे और पीछे दोनों तरफ से घेरा जा सके।

कुमार ने कहा ठीक है मैडम मैं अभी बंदोबस्त करता हूं। फिर उसने अपने एक ऑफिसर को आदेश दिया वो तुरंत वहा से कुछ जवानों को लेकर गाडियों में बैठकर निकल गया।

फिर उसने एक ऑफिसर को कुछ दिशा निर्देश दिया वो भी तुरंत अपने दल बल के साथ वहा से कूच कर गया।

थोड़ी देर बाद जूही और कुमार। भी आपस में कुछ सलाह मशविरा कर निकल गए।

कहानी

जूही की महक भाग - 18

लेखक - श्याम कुंवर भारती।
जब जूही और कुमार अपने दल बल के साथ बाजार के मुख्य चौराहे पर पहुंचे तो देखा विधायक अभी भी माइक पर भड़काऊ भाषण दिए जा रहा है और उसके आदमी गाड़ियों में तोड़ फोड़ किए जा रहे हैं। कई गाड़ियां धू धू कर जल रही है। चौराहे के चारो तरफ गाड़ियों को लंबी कतार लगी हुई है। कई गाड़ियों में पुरुष, औरते और बच्चे बैठे है। सभी परेशान और डरे हुए लग रहे थे।

जूही ने अपनी गाड़ी में लगे हुए लाउडस्पीकर से विधायक को संबोधित कर कहा - विधायक जी आपको सरकार का विरोध करना है करे मगर आंदोलन के नाम पर इस तबाही और उत्पात मचाना सही नही है। सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों का नुकसान मत करवाए। अपना आंदोलन शांति से हमे कोई आपत्ति नहीं है। गाड़ियों को जाने दे। कोई तोड़ फोड़ और आगजनी न होने पाए।

विधायक ने जवाब में कहा हमारा आंदोलन इसी तरह चलेगा मैडम अगर आपने रोकने की कोशिश किया तो अंजाम बहुत बुरा होगा।

जूही ने समझाते हुए कहा मैं आखिरी बार आपसे अनुरोध करती हूं कि आप कानून को तोड़ रहे है। इसका आपको बहुत बड़ा दंड भरना पड़ सकता है। इसलिए शांति से आंदोलन करे और बाकी उत्पात बंद कराए। वरना अब हम जो कदम उठाएंगे उसका आपको अंदाजा भी नहीं है।

जाओ जाओ बहुत देखे हैं तुम्हारे जैसे वीडियो। मेरी ताकत का तुम्हे अंदाजा भी नहीं है। विधायक ने ललकारते हुए कहा। जो करना है करके देख लो।

जूही ने कुमार से कहा आप अपने जवानों से कहे जाम तोड़वाए। गाड़ियों को निलावाए और आवागमन चालू करवाए अगर कोई विरोध करे उसके खिलाफ कड़ा एक्सन ले।

कुमार ने जवानों को जैसे ही आदेश दिया। पुलिस बल हरकत में आ गई। गाड़ियों को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। इससे नाराज होकर विधायक ने अपने लोगो को लाठी डंडों से पुलिस पर हमला करने का ऐलान किया। जूही ने तुरंत कुमार से कहा आप भी पुलिस बल को आदेश दे दंगाइयों पर लाठी चार्ज करने का। पुलिस ने विधायक के आदमियों को लाठियो से पीटना शुरू किया। इससे उन लोगो मे भगदड़ मच गई। कुछ लोगो ने पुलिस बल पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया कई जवानों को चोटे भी आई उन्हें एंबुलेंस से तुरंत अस्पताल भेजा गया।

पुलिस के दूसरे दल ने आंसू गैस के गोले छोड़ना शुरू किया। मगर विधायक के अन्य गुंडों ने फिर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इतने में हथियारों से लैस काफी संख्या में गुंडों का दल ने आकर पुलिस पर बम और गोलियां चलाना शुरू किया।

जूही ने लाउड स्पीकर पर चिल्ला कर कहा - फायर करो सब पर। अब कोई भी आतताई नही बचना चाहिए। इतना सुनते ही कुमार के जवानों ने मोर्चा खोल दिया। दनादन गोलियां चलाना शुरू किया। विधायक के लोगो मे भगदड़ मच गई। मगर विधायक उनको उकसाता रहा। वे लोग फिर पत्थर और गोलियां बरसाने लगे। जूही ने फिर अपने जवानों को ललकारते हुए कहा आज अपलोगो को पुलिस की ताकत दिखा देना है। टूट पड़ो सब पर एक भी गुंडा बचने न पाए। जूही गुस्से से लाल हो गई थी।

पुलिस ने गुंडों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया। कितने गुंडे मारे गए। कितने बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिरने लगे। पुलिस के जवान भी काफी संख्या में घायल हो रहे थे जिनको तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा था। जितने पुलिस बल घायल हो रहे थे उतने पुलिस के दूसरे जवान तुरंत शामिल किए जा रहे थे। गुंडों को पुलिस ने बहुत पीछे तक धकेल दिया था।

जुही ने कुमार से कहा बाजार के बाहर जो जवान तैनात है उनसे कहे वे अब गुंडों को घेरे पीछे से कोई बचना नही चाहिए। या तो सभी जिंदा पकड़े जाएं या अगर वे लोग फायरिंग करते है तो जवाबी कार्रवाई में उनपर भी गोली चला दे। कुमार ने कहा ठीक है मैडम।

जूही ने फिर कहा कुमार साहब अपने लोगो से कहे विधायक को चारो तरफ से घेर कर गिरफ्तार करे।

लेकिन तब तक विधायक फरार हो चुका था। वो कही नजर नहीं आ रहा था। जूही भी काफी आगे निकल आई थी पुलिस बल की अगुवाई करते हुए तभी कही से एक गोली आकर उसके पेट में लगी और वो चीखकर जमीन पर गिर पड़ी। पेट से खून बहना शुरू हो गया था। जमीन उसके खून से तर बतर होने लगी थी।

कुमार ने तुरंत उसको उठाया और एंबुलेंस लाने के लिए चिल्लाया। एंबुलेंस आते ही उसने कुछ जवानों के साथ जूही को अस्पताल भेज दिया।

उसका गुस्सा सातवें आसमान पर था। उसने अपने जवानों को ललकारते हुए सालो को गोलियों से छलनी कर दो एकभी हरामजादा बचने न पाए।

आखिरकार बहुत सारे गुंडे पकड़े गए। कुछ घायल हुए और कुछ मारे भी गए। मगर विधायक का कही पता न चला। पुलिस ने जाम खुलवा दिया। लोगो ने राहत की सांस लिया मगर जूही के घायल होने की खबर से सभी मर्माहत थे। सबलोग ऐसी बहादुर और ईमानदार वीडियो के जिंदगी की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे।

कहानी 
जूही की महक भाग- 19

सुधीर जूही की मां को लेकर जिला अस्पताल शुबह नौ बजे के करीब पहुंच गया। उसके आते ही डॉक्टरों की टीम ने तुरंत जूही की मां को भर्ती किया और उसका जो भी जरूरी जांच करना था शुरू कर दिया। दो तीन घंटे में सारी जांच रियोर्ट आते ही उसका इलाज भी शुरू कर दिया गया। सुधीर ने थोड़ी राहत की सांस लिया।

जूही को घायल अवस्था ने मे जैसे ही अस्पताल लाया गया डॉक्टर पहले से तैयार थे उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया जूही बेहोश हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसका खून बहना बंद कर दिया मगर सबने कहा गोली पेट में कही फंस गई है उसे निकालना बहुत जरूरी। वरना शरीर मे जहर फेल जाने से जाने से इनकी जान भी जा सकती है। यहां ऑपरेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए इनको फौरन जिला अस्पताल ले जाना होगा। ताकि ऑपरेशन कर गोली निकालकर इनकी जान बचाई जा सके। उधर जिला मुख्यालय में जैसे ही डीसी,डीडीसी और एसपी को खबर लगी उन्होंने प्रखंड अस्पताल को कहा और अस्पताल प्रभारी से कहा दो डॉक्टर और नर्स के साथ जूही को एंबुलेंस से तुरंत जिला अस्पताल में भेजे।

डीसी ने खुद सिविल सर्जन को फोन करके कहा आप ऑपरेशन की पूरी तैयारी कर के रखे वीडियो को गोली लगी है उसे हर हाल में बचाना है। फिर डीडी ने मामले की पूरी रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार को भेज दिया। मामला मुख्य सचिव से होते हुए मुख्य मंत्री तक पहुंच गया। पूरी राज्य सरकार हरकत में आ गई। गृह सचिव ने मामले को संज्ञान में लेते हुए विधायक को पाताल से भी खोज निकालने का आदेश एसपी को दे दिया। मुख्य मंत्री ने डीसी से फोन पर कहा वीडियो को हर हाल में बचाना है।

सुधीर की मां को जैसे ही जूही को गोली लगने का पता चला वो रोने लगी उसे आज ही शुवह की घटना याद आ गई कितना प्यार से उसने जूही को अपने हाथो से रोटी खिलाया था। उसने रोते हुए जूही के ड्राइवर से कहा मुझे तुरंत अस्पताल ले चलो। ड्राइवर भी सुनकर रोने लगा। उसने तुरंत गाड़ी निकाली और उसे अस्पताल ले गया लेकिन तब तक जूही को जिला अस्पताल भेज दिया गया था। ड्राइवर सुधीर की मां को लेकर जिला अस्पताल चल दिया। जया को जूही को गोली लगने की खबर मिली तो वो भी अपने आप को रोक नहीं पाई उसने अपनी गाड़ी निकाली और खुद ही ड्राइव करते हुए जिला अस्पताल के लिए चल दी।

अस्पताल में एक तरफ जूही की मां का इलाज चल रहा था। सुधीर अस्पताल के बाहर चाय पी रहा था तभी उसने देखा एक एंबुलेंस बड़ी तेजी से सायरन बजाती हुई अस्पताल में दाखिल हुई। पीछे एक पुलिस की गाड़ी भी थी। उसने चाय पीना छोड़कर एंबुलेंस की तरफ ध्यान दिया और उधर लपका आखिर कौन इतना सीरियस है। पीछे पुलिस की गाड़ी क्यों आई है। अस्पताल के गेट पर रुकते ही तुरंत उसका पीछे का गेट खुला और स्ट्रेचर पर घायल हालत में जूही के देखकर उसका कलेजा मुंह को आ गया। अरे ये तो जूही मैडम है। वो दौड़कर उधर लपका मगर पुलिस ने उसे रोका तभी बड़े बाबू सोमनाथ ने उनको रोकते हुए कहा इसको आने दे ये मैडम का ही आदमी है।

सुधीर ने दौड़कर जूही के पास पहुंच गया और साथ साथ अस्पताल के अंदर इमर्जेसी वार्ड में चला गया। डॉक्टरों ने तुरंत उसे ऑपरेशन थियेटर में पहुंचा दिया। जांच करने पर पता चला खून काफी बह जाने से खून की कमी हो गई है। ऑपरेशन के लिए दो यूनिट खून की जरूरत है। बाहर आकर एक डॉक्टर ने कहा दो यूनिट खून की जरूरत है। मगर उस ग्रुप का बल्ड तत्काल उपलब्ध नही मिला। सुधीर ने कहा डॉक्टर साहब मेरा खून चेक कर ले शायद मेरा ग्रुप मैच कर जाय। जांच करने पर सुधीर का खून जूही के खून से मैच कर गया। सबने राहत कि सांस लिया। सुधीर को ऑपरेशन थियेटर मे लिटाकर खून निकाला जाने लगा और तुरंत ऑपरेशन शुरू किया गया। कई घंटो की मेहनत से डॉक्टरों ने जूही के पेट से गोली निकाल दिया। डॉक्टरों ने भगवान को धन्यवाद दिया और कहा ऑपरेशन सफल रहा। अब मैडम खतरे से बाहर है।

थोड़ी ही देर मे सुधीर की मां और जया भी पहुंच गई। उसकी मुलाकात सुधीर से हुई। उसको देखते ही वो रोने लगी। सुधीर ने उसे चुप कराते हुए कहा मत रो मां जूही मैडम अब बिल्कुल ठीक है। उनका ऑपरेशन सफल रहा है। फिर उसने जूही की मां से अपनी मां को ले जाकर मिलाया। जूही की बहन नेहा ने सुधीर की मां से सुधीर की तारीफ करते हुए बताया सुधीर भैया ने हमारी बहुत मदद किया है आंटी। सुधीर ने नेहा और उसकी मां को जूही के बारे में कुछ नही बताया। इतना कहा मैडम अभी बहुत बीजी है फुर्सत मिलते ही वो आ जायेंगी। अगले दिन सारे अखबारों में जूही के घायल होने और विधायक गुप्ता जैसे दबंग नेता को भागने पर मजबूर करने के उसके बहादुरी भरे कारनामों की खबरे छपी थी। अब हर तरफ जूही के ही चर्चे हो रहे थे।

जया ने भीं सुधीर से मिलकर जूही का हाल चाल लिया। चूंकि जूही इस समय आईसीयू में थी इसलिए किसी से मिलने की मनाही थी। जया ने अपने पिता के बुराइयों के लिए अफसोस जताया और चली गई। दूसरे दिन जूही को होश आया और सामने सुधीर और उसकी मां को पाकर बहुत खुश हुई। पंद्रह दिनों के भीतर जूही और उसकी मां दोनो पहले से काफी बेहतर थे लेकिन दोनो को यह नही पता था कि दोनो एक ही अस्पताल में भर्ती है। इस दरम्यान सुधीर ने दोनो का पूरा ख्याल रखा। सुधीर की मां जूही के पास ही रहकर उसका देख भाल करती रही।

जब दोनो को अस्पताल से छुट्टी हुई और सुधीर सबको एक ही गाड़ी में बैठाने लगा तब जूही ने अपनी मां और बहन को देखा तो उसके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। उसी तरह जूही की मां और बहन को हुआ। दोनो सुधीर की खिंचाई करने लगे तब सुधीर की मां ने सारी सच्चाई बताई। सुनकर दोनों मां बेटी अवाक होकर सुधीर को देखने लगे। बेटा घर चलो मैं तुम्हारी खबर लेती हूं जूही ने जब सुधीर का कॉलर पकड़ कर कहा तो जूही की मां और उसकी मां और बहन सभी हसने लगे। जूही की मां ने सुधीर की तारीफ करते हुए कहा बेटा तुमने जो किया है शायद मेरा सगा बेटा होता तो इतना कभी नहीं कर पाता। तुमने इंसानियत का बहुत बड़ा फर्ज अदा किया है। कोई रिश्ता न रहते हुए भी तुमने जो हम दोनों मां बेटी के किया किया है उसके लिए हम दोनो तुम्हारे आजीवन ऋणी हो गए। इतनी तारीफ मत करे आंटी जूही मैडम ने भी मेरी काफी मदद किया है। भगवान ने तुमको मेरे लिए ही बनाकर भेजा है बच्चू तो क्यों नही करोगे। अब तो मैं तुम्हारी जान कभी नहीं छोड़ने वाली जूही ने सुधीर का हाथ पकड़कर मुस्कुराते हुए कहा। फिर सब हसने लगे। सुधीर ने अब घर चले देर हो रही है।

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जूही की महक भाग - 20

जूही अभी घर जाने के लिए अभी अपनी गाड़ी में बैठने ही वाली थी तभी वहा डीसी, डीडीसी, एसपी और डीएसपी कुमार भी अपनी अपनी गाड़ियों से पहुंच गए। उन सबको देखकर जूही रुक गई और सबका अभिवादन किया। उतरते ही सभी जिला के वरिष्ठ पदाधिकारीयों ने जूही को गुलदस्ता भेंट करते हुए उसके स्वस्थ होने और बहादुरी के लिए बधाइयां दिया।

जूही ने सबका आभार किया और सबका गुलदस्ता स्वीकार किया। डीसी ने कहा जूही तुम्हारी जैसे बहादुर और ईमानदार ऑफिसर पर पूरे जिला को गर्व है। तुमने जो कर दिखाया है उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। प्रखंड से लेकर जिला तक ऑफिसर से लेकर आम जनता ने विधायक के आतंक से राहत की सांस लिया है।

सर सब आप सबके सहयोग से कर पाई। वरना मैं अकेली कुछ नही हूं। जूही ने आभार प्रकट करते हुए कहा।

फिर भी अगुवाई करने का हिम्मत तुमने ही दिखाया है जूही वरना आजतक कोई भी विधायक के खिलाफ बोलने की हिम्मत नही करता था। डीडीसी ने कहा।

सर आपका स्नेह और मार्गदर्शन से मुझे हिम्मत मिली। जूही ने उनका आभार प्रकट करते हुए कहा।

एसपी ने कहा हालांकि विधायक अभी गिरफ्तार नही हुआ है लेकिन उसकी तलास जारी है। लगता है उसने जिला ही छोड़ दिया है वरना अबतक वो पकड़ा जाता। अगर एक सप्ताह के भीतर वो नही पकड़ा गया तो कोर्ट से आदेश लेकर उसके घर की कुड़की जब्ती किया जायेगा। साथ ही उसका घर भी बुलडोजर से गिरवा दिया जायेगा।

जूही ने कहा मेरा आप सबसे अनुरोध है चूंकि मेरे ऊपर जानलेवा हमला की सूचना विधायक की बेटी जया ने ही दिया था जिससे सुधीर ने मुझे समय पर बचा लिया था। इसलिए जया और उसकी मां पर दया दिखाते हुए और प्रशासन का मदद करने के चलते उसका घर कुड़की जब्ती न किया जाय और और न गिराया जाए।

उसकी बात सुनकर डीसी ने एसपी से कहा - सिंह साहब जब जूही अनुरोध कर रही है तो आप ये सब रोक दे। किसी तरह विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेजने का प्रयास करे।

एसपी ने कहा ठीक है सर।
फिर जूही ने सुधीर के साथ अपनी मां,बहन और सुधीर की मां का परिचय सबसे कराया।

डीसी ने सुधीर की पीठ ठोकते हुए कहा बहुत बहादुर हो तुम बहुत अच्छा काम किया है तुमने। इसका इनाम मिलेगा तुमको। तभी वहा सबको आया देख सिविल सर्जन भी दौड़ते हुए आए और सबका अभिवादन किया।

डीडीसी ने उनको शाबाशी देते हुए कहा डॉक्टर साहब आपने जूही की जान बचाई और उसकी मां का बेहतर इलाज किया इसके लिए आपको बधाई। सी एस ने कहा सर ये तो हमारा फर्ज था।

फिर सब लोग वहा से निकल गए। जूही भी सबको लेकर अपने आवास पर आ गई। डॉक्टर ने उसे अभी दस पंद्रह दिन ज्यादा भाग दौड़ करने या भारी काम करने से मना किया इसलिए उसने अपने आवास से ही अपने ऑफिस का काम करना शुरू किया। उसकी मां और बहन अभी उसी के साथ थे। सुधीर वहा रोज आया करता था। उसकी मां कभी कभी आया जाया करती थी उसका हाल चाल लेने के लिए।

सुधीर को सवारी गाड़ी के लिए लोन पास हो गया था। उसने एक ड्राइवर रख कर गाड़ी को स्टेशन और शहर के बीच चलाना शुरू कर दिया था। उसे स्टेशन रोड की लाइटिंग का भी काम मिल गया था। उसने कुछ ही दिनों में उसने बिजली के खंभा गड़वा कर बिजली का तार जोडवाकर भेपर लाइट लगवा दिया। अब उस रास्ते पर रात मे भी दिन जैसा उजाला रहता था। आने जाने वाले यात्री बहुत खुश होते थे।

कुछ दिनों में जूही अब पहले से काफी स्वस्थ हो चुकी थी। अब वो अपने ऑफिस जाने लगी थी।

एक दिन डीएसपी कुमार उसके पास आया और कहा मैडम मुझे आपसे एक बात कहनी थी अगर आप इजाजत दे तो कहूं। 
कुमार साहब इसमें मुझसे पूछने की क्या जरूरत है। आपको जो कहना है बेहिचक कहे।

कुमार ने हिचकिचाते हुए कहा- मैडम मेरे घर वाले मुझ पर शादी करने का दबाव डाल रहे हैं और उन्होंने मेरे लिए कई लड़कियां भी देख रखी है। बस मुझे किसी को पसंद कर हां बोलनी है।

सुनकर जूही ने खुशी जाहिर किया हुए कहा ये क्या बड़ी खुशी की बात है कुमार साहब। मगर मुझे क्यों सुना रहे है आप किसी को पसंद कर हां बोल दे।

मगर मुझे कोई और पसंद है मैडम कुमार ने हिचकिचाते हुए कहा।

वाह बहुत सुंदर तो आप अपनी पसंद सबको बता दें। जूही ने कहा।

अभी नही कह सकता मैडम जबतक लड़की की पसंद न जान लूं। कुमार ने कहा।

तो उस लड़की को बता दे की आप उसे पसंद करते हैं और उससे विवाह करना चाहते है। जूही ने हंसते हुए कहा।

इसलिए तो आपके पास आया हूं मेडम। कुमार ने कहा।
कमाल है इसके लिए आप मेरे पास क्यों आए आप उस लड़की के पास जाए जो आपको पसंद है। जूही ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा।

क्योंकि वो लड़की आप ही है मैडम। मुझे आप बहुत पसंद है इसलिए अगर आप हा कह दे तो मैं आपसे विवाह करना चाहता हूं कुमार ने अपने दिल की बात कहा।

सुनकर जूही चौंक गई। उसे कुमार से ऐसी उम्मीद नही थी। हालांकि कुमार भी काफी सुंदर स्मार्ट और ईमानदार पुलिस ऑफिसर है। अच्छे पद पर है। उसमे कोई बुराई नही है। कोई भी लड़की कुमार के प्रस्ताव को ठुकरा नही सकती। मगर उसने अभी अपनी शादी के बारे में सोचा ही नहीं है। उसने अपने आपको संयत रखते हुए कुमार की भावना का ख्याल रखते हुए कहा - आपका प्रस्ताव सुनकर बहुत अच्छा लगा। मुझे पसंद करने के लिए आपका आभार कुमार साहब। आपका प्रस्ताव हर लड़की के लिए बड़ी खुशी की बात होगी मगर मैने अभी अपनी शादी के बारे मे सोचा ही नहीं है।

सुनकर कुमार थोड़ा उदास हुआ मगर उसने कहा कोई बात नही मैडम मुझे आप पसंद थी इसलिए कह दिया कृपया बुरा मत मानना।

नही नही मैं बिल्कुल नाराज नही हूं बल्कि मैं आपकी भावना की कद्र करती हूं।

जूही ने आगे कहा मगर मेरी नज़र में एक लड़की है अगर आप कहे तो मैं उससे बात करती हूं।

छोड़िए मैडम मुझे किसी और लड़की के बारे में कोई बात नही करनी है कुमार ने इंकार करते हुए कहा।

सुन लीजिए इसके बाद आपको जो मर्जी हो जूही ने अनुरोध करते हुए कहा।

ठीक है बोलिए कुमार ने कहा।
विधायक की बेटी जया को तो आप जानते है। अपने पिता के खिलाफ है वो। बहुत बदल गई है। अपने पिता के फरार होने से बहुत टूट गई है। बेसहारा हो गई है। उसे आप जैसे व्यक्ति के सहारा की जरूरत है। अगर आप कहे तो मैं जया और उसकी मां से बात करती हूं फिर आपको बताती हूं।

ठीक है जैसा आप उचित समझे। इतना कहकर कुमार चला गया। रात को जूही ने सुधीर से बोल कर जया और उसकी मां को अपने आवास पर बुलवाया। साथ में सुधीर की मां को भी।

जैसे ही सबलोग आ गए। जूही ने जया को अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया। जया ने कहा मैडम आपने मुझे दोस्त बनाया और मुझे आपकी बात सही लगी इसलिए आपका साथ दिया और सुधीर की खुशी के लिए।

जूही ने जया की मां से कहा आंटी अगर अब भी आपके पति पुलिस को आत्म समर्पण कर दे तो हम सब उनकी सजा कम करवाने की सिफारिस कर सकते हैं। मगर वो फरार है। उनकी बदनामी की वजह से कोई भी शरीफ लड़का या परिवार आपकी बेटी से शादी नहीं करेगा। लेकिन मेरी नजर में एक लड़का है जो मेरे कहने पर आपकी बेटी से शादी कर सकता है। हमारा पुलिस ऑफिसर डीएसपी कुमार। आंटी आपको इतना अच्छा लड़का कही नही मिलेगा। अभी उसकी पहली पोस्टिंग है। वो एक आईपीएस ऑफिसर है। जल्दी ही उसका प्रमोसन हो सकता है।

आप दोनो अभी सोचकर बताए ताकि मैं कुमार साहब को बता दूं।

जया ने कहा मगर मुझे सुधीर पसंद है मैडम। मैं उसी से शादी करना चाहती हूं।

पागल मत बनो जया जरा दिमाग से सोचो और जिद छोड़ दो। अगर ज्यादा देर की तो यह भी लड़का हाथ से निकल जायेगा।

जया की मां ने कहा जूही बेटी मुझे तुम्हारा प्रस्ताव स्वीकार है। तुम बिल्कुल सही कह रही हो। कुमार से अच्छा लड़का कही नही मिलेगा। इसके पापा का पता नहीं क्या होगा मगर मेरी बेटी का परिवार बस जाए इससे बड़ी खुशी मुझे क्या चाहिए।

जया अभी भी सुधीर के लिए अड़ी हुई थी। उसकी मां ने उसे कस कर डांटा तुम चुप रहो।

जूही ने जया की मां को मना करते हुए कहा इस मत डांटो आंटी मैं अभी सुधीर को बुलाती हूं। जूही ने फोनकर जूही को बुलाया। सुधीर थोड़ी देर में पहुंच गया। जूही ने सुधीर से कहा जया तुमसे शादी करना चाहती है। अब तुम बोलो करोगे जया से शादी।

सुधीर ने बड़े प्यार से जया को समझाते हुए कहा - देखो जया मैंने कितनी बार तुमसे कहा मैं अभी कुछ नहीं हूं। इसलिए अभी न प्यार न शादी कुछ नही कर सकता। तुमको जिससे अपना विवाह करना है कर लो।

उसकी बात सुनकर जया रोने लगीं। उसने सुधीर से कहा तुमने मुझे धोखा दिया है। मेरा दिल दुखाया है सुधीर। मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूं। तुम मुझे शुरू से पसंद थे। अब मैं तुमसे कभी बात नही करूंगी।

जूही ने जया को किसी तरह समझा कर चुप कराया और कहा तुम सुधीर से नाराज मत हो वो जो कह रहा है सही कह रहा है। सुधीर तुमसे प्यार नहीं करता है। उससे शादी करके तुम खुश नही रहेगी।

इसलिए जो तुम्हारी मां कह रही है मान लो। कुमार से शादी के लिए हां कह दो। फिर उसने जया और उसकी मां को अपनी एक योजना बताई। सुनकर सब चौक गए। मगर सब राजी हो गए। सुधीर ने जया की तारीफ करते हुए कहा यह बहुत अच्छा होगा। मैं भी इसमें सब का साथ दूंगा।

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जूही की महक भाग-21

लेखक- श्याम कुंवर भारती
जया और उसकी मां के जाने के बाद जूही की मां ने जूही से कहा बेटी तुमने जया का रिश्ता तो तय कर दिया अब मैं चाहती हूं की मरने से पहले तेरा भी रिश्ता तय कर दूं। तुम्हारे पापा से कहकर जल्दी ही तुम्हारे योग्य कोई लड़का खोजवाती हूं।

अपनी मां की बात सुनकर जूही ने कहा मां गोदी में लड़का और शहर में ढिढोरा। कहा जाओगी लड़का खोजने ये देखो सुधीर की तरफ इशारा करते हुए घर में मेरा दूल्हा पड़ा है।

इतना सुनते ही सब लोग हसने लगे। सुधीर झेंप सा गया।
जूही की मां ने कहा अगर तुम गंभीर होकर बोल रही है बेटी तो मुझे सुधीर तेरे लिए बहुत ही योग्य और सुंदर लड़का होगा। मुझे इसको अपना दामाद बनाकर बहुत खुशी हुई।

मैं सच बोल रही हूं मां मगर मेरा होने वाला दूल्हा बड़ा शर्मिला है वो कभी हां नहीं बोलेगा। पूछकर देख लो।

सुधीर ने कहा मैडम आपकी मजाक करने की आदत गई नही। फिर उसने जूही की मां से कहा आंटी मेडम मजाक कर रही हैं आप इनके लिए कोई दूसरा अच्छा लड़का खोज ले।

नखरे करो न गोरी इतना कहकर जूही ने सुधीर के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा ज्यादा भाव मत मारो समझे न वरना मैं तुम्हारी जान ले लूंगी। जूही सुधीर की गर्दन दबाने लगाती है। यह देखकर फिर सब लोग हसने लगे।

सुधीर की मां ने कहा बेटी तू क्यों मेरे मेरे बेटे को सताती है।
क्या करू आंटी मुझे इसे सताने में बड़ा मज़ा आता है।

जूही की बहन ने कहा मान जाइए न सुधीर भईया मुझे भी आपको जीजा बनाने में बहुत खुशी होगी।

तुम भी नेहा मैडम की बातो में आ गई। जूही की मां ने सुधीर की मां से कहा इन लोगो का हंसी मजाक चलता रहेगा बहन जी आप बताइए क्या आपको मेरी बेटी का रिश्ता आपके बेटे के साथ पसंद है। बहन जी मुझे जूही बेटी शुरू से पसंद है। अगर सुधीर हां बोल दे तो मेरी भी हा है। मां अब चलो घर देर हो रही है। सुधीर ने अपनी मां से कहा।

अच्छा बच्चू यहां मेरी रिश्ते की बात हो रही है और तुमको घर जाने की जल्दी है जाओ मैं अब तुमसे बात नही करूंगी। तुमसे नाराज हो गई। देखो मैंने मुंह फूला लिया है इतना कहकर उसने सबको अपना मुंह फुलाकर दिखा दिया। जूही को देखकर सब लोग ठहाका मार कर हंस पड़े।

सुधीर झुंझलाते हुए बाहर निकल जाता है।
सुधीर अपने एक दोस्त के जन्म दिन की पार्टी मे गया हुआ था। केक कटने के बाद पार्टी करते हूर उसके एक दोस्त ने कहा यारो सुधीर के तो भाग्य ही खुल गए है। हमारी नई वीडियो जूही मैडम सुधीर पर बड़ी मेहरबान है। अपनी महक से मेरे यार की जिंदगी को महका रही है मगर सुधीर इतना भोला है की जूही की महक को समझ ही नहीं पा रहा है।

सुधीर ने कहा ऐसी बात नही है मैं सब समझता हूं यार मगर कहा वो और कहा मैं। फिर कैसे उनसे प्यार जताऊं। मैं भी पुलिस ऑफिसर बन जाऊं तब सोचूं।

एक दोस्त ने कहा यार बन जाना मगर जूही मेडम कब तक तेरा इंतज़ार करेगी। तु उनका प्यार कबुल क्यों नही कर लेता। वो तेरा कितना ख्याल रखती है। यार ऐसी लड़की मुझे मिल जाए तो एक पल गवाए बिना उसका झट से हाथ पकड़ लूं।

तो जा पकड़ ले जूही मैडम का हाथ झट से फिर हर बात के लिए हाथ फैलाते रहना उनके आगे। सुधीर ने नाराज होकर कहा। जबतक लड़के की औकात न हो किसी लड़की का हाथ पकड़ना अपनी बेइज्जती कराना है।

जूही को उसकी एक सहेली का शादी का न्योता आया। उसने सुधीर से कहा साथ में तुम भी चलते तो अच्छा रहता मैं अकेली कैसे जाऊं एक रात का सफर है। सुधीर ने कहा ठीक है मैडम। सुधीर ने एक प्राइवेट कार बुक करा दिया और दोनो जूही की सहेली की शादी के लिए चल दिए। कार की पीछे की सीट पर दोनो बैठे हुए थे। जूही को सुधीर के साथ सफर करने में बड़ा मजा आ रहा था। वो सोच रही थी कास ये जिंदगी के सफ़र में भी सामिल हो जाता है। वो सुधीर से खूब हंसी मजाक कर रही थी। अंत में थक कर वो सुधीर की गोद में सिर रखकर सो गई। अपनी सहेली के घर पहुंचते ही जूही बाकी सहेलियां जो शादी में निमंत्रण पाकर आई हुई थी उनके बीच खो गई। काफी दिनों बाद सबने एक दूसरे को पाकर बहुत खुशी जाहिर किया। एक दूसरे को गले लगाया। आपसे में सब खूब हंसी मजाक करने लगे। तभी उसकी एक सहेली ने पूछा यार अब तो तुम वीडियो बन गई हो। अपनी शादी के बारे में कुछ सोचा है। कोई लड़का पसंद किया या नहीं।

जूही ने कहा क्या बताएं मीना एक लड़का तो पसंद आया है मगर वो मेरे हाथ ही नहीं लग रहा है।

क्या बोल रही हो तुम जूही कोई लड़की किसी लड़के को पसंद करे और वो लड़की को ना कर दे। यार ये तो हद हो गई हम लड़कियों की भारी बेइज्जती वाली बात है। सब सहेलियां हसने लगी।

ऐसी बात नही है वो मेरी बहुत इज्जत करता है। मेरे लिए कुछ भी कर सकता है। उसने मेरी कई बार जान बचाई। मेरे लिए अपना खून दिया। मेरी मां का इलाज करवाया। क्या नहीं करता है मगर मुझे प्यार नही करता है। मुझसे विवाह नही करना चाहता है। उसका कहना है जब तक वो पुलिस ऑफिसर नही बनेगा नो लव नो मैरिज।

मैं उसे इतना सताती हूं उसे पूरी तरह सौप देती हूं फिर भी वो मुझे हाथ तक नहीं लगाता इतना शरीफ है वो।

हाय हाय क्या बात है जूही तुझे तो हीरा मिल गया यार। बड़ी भाग्यशाली है तू। एक सहेली ने कहा तू उसके सामने फेल हो गई। तू एक काम कर अपने सुधीर को अब मुझे सौप दे। मैं मेनका और उर्वशी बन कर विश्वामित्र की तरह उसकी तपस्या न भंग करा दिया तो मेरा नाम बदल देना। फिर सहेलियों की हंसी गुजने लगी।

खबरदार जो तूने सुधीर की तरफ आंख भी उठा कर देखा तो मैं तेरी जान लूंगी। जूही ने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा।

तीसरी सहेली ने कहा महाभारत में तूने सुना होगा श्री कृष्ण ने रुक्कमिनी का और अर्जुन ने कृष्णा की बहन सुभद्रा का हरण कर उनसे विवाह किया था। उसी प्रकार तू भी सुधीर हरण कर उससे जबरजस्ती शादी कर ले। फिर सब हसने लगी।

तुमने ठीक उपाय बताया यार मैंने तो सोचा ही नहीं। अब मैं यही करूंगी। जूही ने हंसते हुए कहा।

लेकिन तेरा हीरो कहा है सबने जूही से पूछा। जूही ने हाथ के इशारे से सुधीर को दिखाया जो मेहमानों के साथ हंस हंस कर बात चीत कर रहा था।

वाह वाह क्या लड़का है यार मेरा दिल तो कर रहा है अभी इसको लेकर भाग जाऊं एक सहेली ने उसे देखते ही कहा। सब फिर हसने लगी।

मैने देखने कहा था नजर लगाने नहीं। फिर वही सहेलियों की हंसी।

जूही अपनी सहेली की शादी से सुधीर को लेकर तीसरे दिन वापस आ गई।

जूही अपने ऑफ़िस में सभी फाइल जांच कर साइन कर रही थी तभी डीडीसी का फोन आया। बधाई हो जूही तुम्हारे कार्यों से खुश होकर राज्य सरकार ने तुम्हारा एसडीओ के पद पर प्रमोसन कर दिया। यह एक मिसाल है अब तक किसी का भी इतनी जल्दी प्रोन्नति नही हुई थी। लेकिन तुम्हारी हो गई। शीघ्र ही तुम्हारे पास सरकार का पत्र पहुंच जायेगा। अब तुम अनुमंडल मुख्यालय में बैठोगी और तुम्हारे अंदर छ वीडियो कार्य करेंगे। तुम्हारे अधिकार जिम्मेवारी और कार्य क्षेत्र बढ़ गया है। जूही ने खुशी जाहिर करते हुए उनका आभार प्रकट किया।

अभी आगे सुनो डीडीसी ने कहा एक सर्वे के द्वारा तुम्हारा कार्य को पूरे राज्य में सबसे उत्तम पाए जाने के कारण तुम्हे केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। उससे पहले मुझे डीसी साहब, एसपी साहब और डीएसपी कुमार को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

दिल्ली के सम्मान समारोह में तुम अपने साथ अपने परिवार के दो सदस्यों को भी ले जा सकती हो। उस सम्मान समारोह मे हम तीनो पदाधीकारियो को भी आमंत्रण मिला है।
और एक खुशखबरी सुनो

तुम्हारे बेहतरीन कार्यों और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर ले जाकर सफलीभुत करने के इनाम के रुप मे केंद्र सरकार ने जिला को अढ़ाई सौ करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया है जिसे जिला मुख्यालय अपने विवेक पर किसी भी विकास कार्य में खर्च कर सकता है। इसलिए जिला की तरफ से तुम्हे भी सवा सौ करोड़ की राशि अपने विवेक के आधार पर विकाश कार्यों में खर्च करने हेतु दिया जा रहा है।
इन सभी विषयों के पत्र तुम्हे भेजे जा रहे हैं।

सुनकर जूही खुशी से उछल पड़ी। उसने राज्य और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया।

तुमने जूही अपने नाम के मुताबिक न केवल अपना प्रखंड महकाया बल्कि जिला, राज्य और केंद्र सरकार तक अपनी महक पहुंचा दिया। सच में जूही तुमने जिला का भी मान बढ़ाया है हार्दिक बधाई हो तुमको।

सुधीर ने प्रखंड के कई काम किया और उनसे जो पैसे बचे अपनी पढ़ाई लिखाई पर खर्च किया और परीक्षा पास करके वो सबसे पहले डीएसपी बनकर जूही के पास आया। जूही ने उसको ढेर सारी बधाइयां दिया। कुछ दिनों के बाद जूही का ट्रान्सफर प्रमोसन के साथ अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हो गया। उसने अनुमंडल मुख्यालय में अपना पद संभाल लिया।

उधर राज्य की विधान सभा ने विधायक ममोहन गुप्ता की पिछले अपराधिक मामलों और भगौड़ा घोषित होने के कारण उसे विधान सभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया और खाली सीट पर पुनः चुनाव कराने की घोषणा कर दिया।

जूही ने सुधीर से बात कर एमपी साहब से अपनी पार्टी से जया को टिकट दिलाने का अनुरोध किया और जीताने मे सहयोग करने को कहा। एमपी ने उसकी बात मान लिया और अपनी पार्टी से जया को टिकट दिला दिया।

जूही ने जिला डीडीसी से अनुरोध किया हम सबको जया को विधान सभा से जिताने में अप्रत्यक्ष रुप से मदद करनी चाहिए ताकि जीतकर विधायक बने और एक ईमानदार युवा नेता के रुप मे सरकार के के कार्यों में भी सहयोग करे। डीडीसी ने उसकी बात मान लिया। जया विधान सभा की सीट जीत कर विधायक बन गई। उसने जूही का बहुत आभार प्रकट किया और भविष्य में हर संभव सहयोग करने का वादा किया। कुछ ही दिनो में जया और डीएसपी कुमार की शादी भी बड़े धूमधाम से हो गई। कुमार भी कुछ ही दिनो मे एसपी बनकर दूसरे जिला में पद संभाल लिया।

एक दिन वो अपने ऑफिस में बैठी हुई अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी तभी वी उसके चपरासी ने उसे मिलने वाले आगंतुकों का एक पुर्जा दिया जिसपर मनमोहन गुप्ता लिखा हुआ था। जूही ने तुरंत अपने सुरक्षा गार्ड को उस व्यक्ति को सुरक्षा घेरे में ले कर अंदर आने का आदेश दिया।

मनमोहन गुप्ता कोई और नहीं भगौड़ा विधायक ही था। उसकी हालत बहुत खराब थी। दाढ़ी बाल बड़े हुए थे। काफी कमजोर भी दिख रहा था।

अंदर आते ही वो जूही के पैरो पर गिरना चाहा मगर सुरक्षा गार्डों ने उसे खड़ा कर दिया। आप मुझसे उम्र में बड़े है मेरे पैर न छुए। जूही ने कहा और पूछा बताइए मेरे पास क्यों आए हैं। मैं अपने आपको आत्म समर्पण करने आया हूं। मै आपको पहचान नही सका मुझसे बहुत भूल हो गई।

मैडम आप एक ईमानदार और बहादुर ऑफिसर तो हो ही एक रहम दिल लड़की भी हो। मैं बहुत भाग चुका अब नहीं भागा जा रहा है। इसलिए आपके सामने करने आया हूं।

इसलिए नही की आप अब एसडीओ बन गई है बल्कि इसलिए कि अपने मेरे भागने के बाद मेरी बेटी का घर बसा दिया। उसे विधायक बना दिया। जबकि मेरी वजह से मेरे परिवार की जिंदगी नर्क बन गई थी। मेरा घर कुड़की होने से ही नही उसे टूटने से भी बचाया। आप महान हो। मेरी बेटी ने मुझसे कहा की मैं आपका अपराधी हूं इसलिए पहले आपसे माफी मांगू। आपके सामने समर्पण करूं। इतना कहकर वो फुट फुट कर रोने लगा।

जूही ने तुरंत जिला के सभी पदाधिकारियों को विधायक के आत्म समर्पण की सूचना दिया एक घंटे के अंदर सारे पदाधिकारी वहा पहुंच गए। फिर मीडिया प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया और सबकी उपस्थिति में विधायक का आत्म समर्पण कराया गया। खबर मिलते ही वहा लोगो का हुजूम उमड़ पडा था। जूही ने आवश्यक कार्रवाई पूरी कर के उसने विधायक को पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। जूही ने कोर्ट से अनुरोध किया चूंकि अपराधी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है और खुद आत्म समर्पण किया है इसलिए उसकी सजा में जितनी हो सके कम की जाए। अगले दिन सारे अखबारों में पूर्व विधायक मन मोहन गुप्ता के आत्म समर्पण जूही द्वारा करवाए जाने की खबर छपी थी।

एक दिन जूही ने सुधीर को अपने घर बुलाया और उसकी रिवाल्वर निकाल कर उसके सीने पर रख कहा अब बोलो बेटा मार दिया जाए या छोड़ दिया जाय।
जल्दी बोलो मुझसे शादी करोगे या नहीं।

सुधीर ने कहा मार दिया जाए। अभी भी मेरी ना है मैडम सुधीर ने जवाब दिया।

धोखेबाज बेईमान वादा खिलाफी करता है, जल्दी हा बोलो हां बोलो वरना आज मैं सचमुच तुम्हारी जान ले लूंगी। जूही ने गुस्सा दिखाते हुए कहा।

सुधीर चुप चाप खड़ा और बोला मैने आपको कोई धोखा नही दिया है मैडम।

धोखा नही दे रहे हो तो क्या कर रहे हो, क्या बोला था पुलिस ऑफिसर बनते ही शादी करोगे बन गए फिर भी ना नुकुर कर रहे हो ये धोखा नही है तो क्या है। जया ने उसकी आंखो में अपनी नजरे गड़ाए हुए कहा।

बन तो गया मगर जब एसपी बन जाऊंगा तब जरूर कर लूंगा सुधीर ने कहा।

वाह बेटा बहुत खूब। फिर कहोगे जब डीआईजी बन जाऊंगा तब डीआईजी बनने के बाद बोलेगे जब आईजी बन जाऊंगा फिर डीजीपी और फिर डायरेक्टर ऑफ पुलिस बन जाऊंगा तब करूंगा। तब तक तो मेरे काले बाल सफेद हो जायेंगे, गाल पिचक जायेंगे, कमर लचक जायेगी, मेरी नाजुक जवानी ढल जायेगी। बोलो तब करूंगी तुमसे शादी। बच्चू तुम्हारी होशियारी अब नही चलेगी आज तो फैसला आर या पार हो के रहेगी। तुम मुझसे शादी ही नही करना चाहते हो इसलिए कोर्ट कि तरह तारीख पर तारीख देकर टाल रहे हो।

आज तो तुमको नही छोडूंगी चलो अब मरने के लिए तैयार हो जाओ। जूही ने रिवाल्वर उसके सीने पर सटाते हुए खुद ही सटती चली गई इतना करीब की दोनो के एक दूसरे की गर्म सांसों का एहसास होने लगा आंखे एक दूसरे की आंखों से लड़ रही थी।

तभी सुधीर ने चिल्लाकर कहा आंटी बचाओ बचाओ बचाओ। सुधीर की चीख सुनकर जूही की मां और बहने नेहा दौड़ते हुए आए।

धत्त तेरे की तुमको बंदूक के बल पर धमका कर कितना अच्छा रोमांस का मूड बना रही थी तुमने सब सत्यानास कर दिया। जूही ने उसे झटके से छोड़ते हुए कहा।

जूही की मां ने कहा इतना सीधा लड़का है बेटी इसको क्यों सताते रहती है।

जबतक शादी के लिए हां नहीं बोलेगा तब तक इसका इससे भी बुरा हाल करूंगी। जूही ने सुधीर को घूरते हुए कहा।

जब सुधीर की मां तैयार है बेटी तो सुधीर भी मान जायेगा। मेरे लाल को मत सताया कर फिर उसने सुधीर के सिर पर प्यार से हाथ फेर दिया।

अच्छा हुआ आंटी आप आ गई वरना मैडम तो आज मेरी जान ही ले लेती।

आज तो बच गए बेटा अगली बार तुम्हारा बुरा हाल करूंगी
देखती हूं तुम कब तक ना नुकुर करते हो।


कहानी

जूही की महक भाग 22

लेखक श्याम कुंवर भारती

होली से दो दिन पहले जूही शुबह में ही सुधीर के घर पर गई। दरवाजे पर दो पुलिस के जवान सुरक्षा में तैनात थे। दरवाजे पर पुलिस उपाधीक्षक लिखा हुआ बोर्ड लगा था।

जवान जूही को जानते थे की वो एसडीओ है और सुधीर के यहां आना जाना लगा रहता है। इसलिए सबने उसे अंदर जाने दिया।

जैसे ही सुधीर की बहन गुड़िया ने जूही को देखा वो दौड़ती हुई उसके पास आई अरे दीदी आज बड़ा सबेरे आई हो क्या बात है उसने आश्चर्य से पूछा। जूही ने धीरे से पूछा सुधीर सो रहा है या जाग रहा है।

भैया तो देर रात ऑफिस से आए थे इसलिए अभी वो सो रहे हैं।

चलो अच्छा है। आओ मेरे साथ चुपचाप जूही ने धीरे से कहा। दोनो सुधीर के कमरे में गई जहां सुधीर बेसुध होकर सो रहा था। जूही ने अपने पर्स से रंग की दो डिबिया निकाली और उसके सिर पर छिड़क दी। गुड़िया ने धीरे से कहा ये क्या रही हो दीदी भईया उठेंगे तो मुझे ही डांटेंगे।

 चुप चाप रहो तुमको कोई कुछ नही रहेगा। मैं अभी यही रहूंगी देखना कितना मजा आयेगा। आज ऑफिस में छुट्टी है। चलो रसोई मे चाय बनाते है फिर सुधीर को उठाते हैं। जूही ने मुस्कुराते हुए कहा। ठीक है दीदी। फिर दोनो रसोई घर में चली गई। सुधीर की मां पूजा पाठ की तैयारी कर रही थी। जूही ने जैसे ही उनको देखा उनका पैर छूकर प्रणाम किया। जूही को आशीर्वाद देते हुए पूछा क्या बात है बेटी आज बड़े सबेरे कोई खास बात है।

हा आंटी बड़ी खास बात है। आप पूजा पाठ कीजिए हमलोग तब तक चाय बनाते हैं जूही ने मुस्कुराते हुए कहा। गुड़िया में हसने लगी।

आज मुझे भईया से डांट सुनवाकर रहोगी दीदी। गुड़िया ने हंसते हुए कहा। कुछ नही होगा मैं हूं न जूही ने कहा।

चाय बनाकर दोनो फिर सुधीर के कमरे में गई वो अभी भी नींद में खर्राटे ले रहा था।

जूही ने चाय उसके सिरहाने टेबल पर रखकर बड़े प्यार से उसे जगाने लगी। उठ जा मेरे लाल देखो भोर हो गई। मगर सुधीर सोता रहा। उसने उसके गाल पर हाथ फेरते हुए फिर कहा उठ जा बेटा नही तो पानी डाल दूंगी और जूही उसे हिलाने डुलाने लगी। तब भी सुधीर नही उठा तो उसने टेबल पर रखा जग का पानी उसके सिर पर डाल दिया सुधीर हड़बड़ा कर उठ बैठा और सिर पर गिरा रंग उसके गालों पर फैलकर गाल लाल करने लगा। जूही खिलखिलाकर हसने लगी।

सामने जूही को देखकर सुधीर ने आश्चर्य करते हुए कहा अरे मैडम आप अभी इस समय कुछ हुआ क्या।

बहुत हुआ है मुझसे दूर दूर रहते हो और देखो कहा किससे रंग लगवा कर आए हो। जूही ने अपनी हंसी दबाते हुए कहा।

रंग कैसा रंग मैने तो किसी से रंग नही लगवाया सुधीर ने भोलेपन से कहा।

वाह बच्चू हमी से होशियारी इतना कहकर उसने सुधीर की एक बांह पकड़ कर बिछावन से नीचे उतारा और आइने के पास ले गई।

अपने सिर और चेहरे पर रंग देखकर सुधीर चौक गया। उसने गुड़िया की तरफ देखा वो दूर खड़ी रही थी।

उसे क्यों देख रहे हो बाबू सच सच बताओ किससे रंग लगवाकर आए हो वरना मैं तुम्हारी जान ले लूंगी। अगर मेरे अलावा किसी और से रंग लगवाया तो। जूही ने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा।

मैं सच कह रहा हूं मैडम पता नही कहा से रंग लग गया। जूही ने भोलेपन से अनजान बनते हुए कहा।

उसकी इस हालत पर जूही और जूही ठहाका मार कर हसने लगी।

गुड़िया ने सुधीर को देखकर जूही की तरफ इशारा किया।

सुधीर समझ गया यह सब जूही की ही करामात है।

आप भी मैडम मजाक करने की आदत गई नही आपकी। भेद खुल जाने से जूही हसने लगी। बोली कैसे पुलिस ऑफिसर हो कोई भीं आकर तुम्हे रंग लगा जाता है। तभी वहा सुधीर की मां भी आ जाती है। सुधीर की हालत देखकर वो भी हसने लगी। यह सब तुम दोनो ने ही किया है न उसने जूही और गुड़िया को देखते हुए कहा। आंटी अपने बेटा से पूछिए एक पुलिस ऑफिसर क्या इसी तरह घोड़ा बेचकर सोता है और हसने लगती है।

 इतना कहकर जूही ने एक तौलिया से उसका चेहरा साफ कर दिया और चाय का प्याला उसकी तरफ बढ़ा दिया।

समझाओ न मां मैडम को आज होली की शांति समिति की बैठक है अगर रंग नही छूटा तो लोग क्या बोलेंगे। सुधीर ने अपनी मां से कहा।

क्या बोलेंगे। अरे भाई होली का महीना है लोग समझेंगे उनका साहब अपनी होने वाली बीबी या साली से होली खेले होंगे। जूही ने हंसते हुए कहा।

मां देखो न सुधीर ने चाय पीते हुए कहा।

क्या मां मां कर रहे हो तुम। अब तुम बच्चे नही हो यहां मैं भी हूं तुम्हारी होने वाली बीबी। जो कहना है मुझसे बोलो। कब तक मां मां करते रहोगे।

सुधीर की मां ने हंसते हुए कहा तुम नही सुधरोगी जूही। मेरे बेटे को तंग मत किया करो।

जूही ने गुड़िया से पूछा बोलो गुड़िया मैं तुम्हारी भाभी बनने लायक हूं या नहीं।

बिल्कुल दीदी गुड़िया ने हंसते हुए कहा।
तो एक बार भाभी बोलकर दिखाओ।
गुड़िया ने कहा जूही भाभी।
वाह रे मेरी प्यारी ननद इतना कहकर जूही ने गुड़िया का माथा चूम लिया।
सुधीर चुपचाप कमरे से निकल गया।
दोनो फिर जोर जोर से हसने लगी। सुधीर की मां भी मुस्कुराने लगी।

शाम को सुधीर की मां ने एक ज्योतिष ब्रहामन को बुलाया और उसने जो कुंडली जया की मां से जया की मंगाई थी और सुधीर की कुंडली देते हुए कहा पंडित जी जरा दोनो कुंडलियों को देखकर बताइए दोनो की जोड़ी कैसी रहेगी।

कुंडलियां देखकर पंडित जी ने कहा माता जी इतना सुंदर संयोग तो बहुत मुश्किल से मिलता है। लड़की बहुत लक्षण दार और शुभ है। इससे विवाह होने से आपके बेटे के जीवन में नाम, यस, धन सुख और शांति सभी का संयोग बन रहा है। इस लड़की के आते ही आपके घर में लक्ष्मी का वास होगा। इसके पैर बड़े शुभ है। इसका जितना मान सम्मान होगा उतना ही आपके घर में उन्नति और सुख शांति बनी रहेगी। पंडित जी की बात सुनकर सुधीर की मां बहुत खुश हुई। उसने कहा पंडित जी आप ठीक कह रहे हैं। जूही के संगत का असर तो विवाह से पहले ही दिख रहा है। जबसे मेरा बेटा इस लड़की के संपर्क में आया है सब कुछ अच्छा ही होता जा रहा है। सबसे बड़ी बात है लड़की मेरे बेटे को बहुत मानती है। मगर मेरा बेटा जिद ठानकर बैठा है की जब तक उसका प्रमोसन नही होगा वो विवाह नही करेगा।

जितना जल्दी हो सके माता जी इन दोनो का गठबंधन करा दे फिर देखना सब शुभ ही शुभ होगा और आपके बेटे से जूही का भी मंगल होगा। पंडित जी ने कहा।

ठीक है पंडित जी मैं देखती हूं। फिर उसने पंडित जी को दान दक्षिणा देकर विदा कर दिया।

सुधीर की मां ने जूही की मां को पंडित जी की सारी बात फोन पर सुनाते हुए कहा अब बोलिए बहन जी मैं क्या करूं।

करना क्या है बहन जी मैं तो बेटी वाली हूं मैं तो चाहूंगी जितनी हो सके बेटी का विवाह कर विदा कर दूं। मगर आप लड़के वाली है आप सुधीर को समझाए। मेरी बेटी जूही सुधीर के सिवा किसी से विवाह नही करेगी। वो तो कबसे तैयार बैठी है सुधीर से विवाह करने के लिए।

कहानी

जूही की महक भाग 23

लेखक श्याम कुंवर भारती
होली की शांति समिति की बैठक शाम के चार बजे जूही के ऑफिस में रखी गई थी। जिसमे उस क्षेत्र से संबंधित सभी थाना प्रभारी,वीडियो, सीओ,समाज सेवी,राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, ब्यवसायिक गण,सभी धर्मो के धर्म गुरु और डीएसपी सुधीर भी उपस्थित था। जूही ने कहा कुछ ही दिनों में होली आने वाली है। यह त्योहार रंगो का त्योहार तो है ही साथ ही मिलने मिलाने और खुशियों का त्योहार है। आज की बैठक इसलिए रखी गई है ताकि होली के अवसर पर कही भी कोई अप्रिय घटना न घटे,सब लोग निडर और निश्चिंत होकर होली खेले इस विषय पर आप सभी का सहयोग चाहिए आप सभी का।

हालांकि पुलिस अपने स्तर पर विधि व्यवस्था को दुरुस्त करने में पूरा प्रवास करेगी लेकिन आप सबका सहयोग भी प्रशासन को चाहिए। माहौल खराब न हो और किसी भी तरह की अफवाह न फैले इसके लिए जरूरी है कि आप सब अपने अपने लोगो को जागरूक करे की वो शांति भंग न होने दे।

सभी वीडियो और थाना प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में शांति समिति की बैठक कर विधि व्यवस्था बनाने की तैयारी करे। इस कार्य में पुलिस दल का नेतृत्व डीएसपी सुधीर साहब संभालेंगे। और सभी सतर्क और सावधान रहेंगे इसके बाद बैठक खत्म हो गई।

होली के दिन जूही ने सुधीर के परिवार को अपने घर पर ही बुला लिया। जूही ने नेहा और गुड़िया के साथ मिलकर सबके लिए खूब पुआ पकवान बनाया। सबलोगो ने एक साथ मिलकर खाना खाया और जूही ने सबके साथ खूब जम कर होली खेली।

सुधीर ने पूरे क्षेत्र में पुलिस के जवान तैनात कर रखे थे। जहा ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र लगा वहा पुलिस बल बढ़ा दिया था।

वो फोन पर क्षेत्र की जानकारी अपने प्दाधिकारियो से लेता रहा। अचानक शाम को उसे खबर मिली दो समुदायों में रंग लगाने को लेकर जबरजस्त मार पीट और हंगामा हो गया है। लाठी डंडों के अलावा तलवार भला गडंसा भी निकल चुका है। अगर जल्दी कंट्रोल नही किया गया तो दंगा भड़क सकता है। सुधीर ने तुरंत उस क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल भेजा और खुद अपने कुछ जवानों को लेकर जाने लगा तभी जूही ने पूछा क्या हुआ कहा जा रहे हो सुधार ने उसे सारी जानकारी दिया। जूही भी उसके साथ जाने लगी लेकिन सुधीर ने उसे रोकते हुए कहा मैडम मैं सब संभाल लूंगा आप चिंता न करे। सुधीर के जाते ही जूही ने जिला मुख्यालय से संपर्क कर सारी जानकारी दिया अगर अगल बगल के थानों को तैयार रहने बोली।

सुधीर जैसे ही घटना स्थल के करीब पहुंचा उसने देखा हालत काफी बिगड़ चुका है। हर तरफ मार पीट मची हुई थी। काफी लोग घायल हो चुके थे। पुलिस बल नाकाम हो रही थी। सुधीर ने तुरत सशस्त्र पुलिस बल को चारो तरफ घेराबंदी करने का हुक्म दिया और लौडस्किपर से घोषणा किया सभी लोग यहां से चुपचाप अपने घरों में लौट जाए अन्यथा हमे बल का प्रयोग करना पड़ेगा। फिर भी लोग आपस में भिड़ते रहे। उसने कुछ पुलिस ऑफिसर से दोनो समुदायों के नेताओ की जानकारी लिया जो सबको भड़का कर लड़ा रहे थे। उसने eउनको लक्ष्य कर उनको घायल करने का आदेश दिया। सभी नेताओ के घायल होते ही और गोलियां चलने से वहा सभी सहम गए। इस मौके का फायदा उठाते हुए सुधीर ने लाठियां चलाने का आदेश दिया। पुलिस तुरंत हरकत में आई और उपद्रवियों पर लाठियां बरसाने लगी और भिड़ तितर बितर होने लगी। घायल नेताओ को गिरफ्तार कर उन्हे अस्पताल भिजवाया और चालीस पचास उपद्रवियों को भी गिरफ्तार करने में सफल रहा सबको बस में भरकर पुलिस थाना भेज दिया। बाकी लोगो को दौड़ा दौड़ा कर पीटते हुए उनके घर में घुसवा दिया। थोड़ी ही देर में पूरा एरिया उसके नियंत्रण में आ गया। सुधीर ने अपना पसीना पोछते हुए राहत की सांस लिया।

अगले दिन सभी अखबारों में सुधीर की काबिलियत और बहादुरी की खबर छपी थी। सुधीर ने बड़ी समझदारी से बहुत बड़ा दंगा होने से बचा लिया था।

जिला में सभी पदाधिकारियों ने सुधीर की काफी तारीफ किया। 
और उसके प्रमोशन किया और उसके कार्यों की एक रिपोर्ट डीसी के द्वारा राज्य सरकार गृह विभाग को भेज दिया गया।

जूही ने भी सुधीर के कार्यों की बहुत तारीफ किया। होली के कुछ दिनों के बाद जूही ने सुधीर से कहा सब लोग अपनी गर्ल फ्रेंड को कही न कही घुमाने ले जाते हैं। खिलाते पिलाते हैं। गिफ्ट देते हैं। एक तुम मेरे ब्वॉय फ्रेंड हो तुम्हे तो मेरी कोई फिक्र ही नही रहती है।

सुधीर की मां ने कहा जूही ठीक कह रही है बेटा इसे ले जाओ न कही घुमा फिरा कर ले आओ। रात दिन काम करके तुम दोनो थक जाते हो थोड़ा दिल भी बहल जाएगा।

थैंक यू आंटी कहकर जूही सुधीर की मां से लिपट जाती है। लेकिन मैं जूही के साथ उसके बाइक जाऊंगी जूही ने ज़िद किया। देखा मां इनकी जिद। इनको पता है मैं डीएसपी और ये एसडीओ है हम दोनो की सुरक्षा की जिम्मेवारी का मांमला बन जायेगा अगर कोई अप्रिय घटना घट गई तो। सुधीर ने समझाते हुए कहा।

वो सब मै नही जानती मैं तो तुम्हारे तुम्हारे बाइक से ही जाऊंगी। सिर्फ मैं और तुम रहेंगे तीसरा और कोई नही। तुम थोड़ी देर के लिए भूल जाना तुम डीएसपी और मैं भूल जाऊंगी की एसडीओ हूं। केवल प्रेमी और प्रेमिका बस जूही ने हठ करते हुए कहा।

सुधीर ने अपनी मां से कहा मां तुम भी बहुत सह देती हो मैडम को। अब मेरी बेटी की इक्षा है तो मान लो न बेटा कोई तुमसे खजाना तो नही मांग रही है।

सुधीर की मां ने जूही के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा।
सुधीर ने हथियार डालते हुए कहा ठीक है मैडम आप कल तैयार हो जाइए जब मां बोल रही है तो मैं आपके अपनी बाइक से वाटर फाल ले चलूंगा वहा देशभर से टूरिस्ट घूमने आते हैं बड़ी भीड़ रहती है वहां झील भी है। सुनकर जूही खुशी से उछल पड़ी वाह तब तो बहुत मजा आयेगा।

सुधीर ने कमरे से निकलकर अपनी किसी ऑफिसर से फोन पर बात किया और उसे कुछ जरूरी हिदायत दिया।

अगले दिन सुधीर अपनी बाइक लेकर जूही के आवास पर पहुंच गया। जूही पहले से ही तैयार थी सुधीर को देखते ही वो दौड़कर उसके पास आ गई। जूही की मां ने सुधीर से कहा बेटा संभलकर जाना और आना माफ करना मेरी बेटी बहुत जिद्दी है। अच्छा किया तुमने इसकी बात मान लिया वर्ना ये तुमको परेशान करते रहती।

रास्ते में जूही ने सुधीर की कमर को कस के पकड़ लिया। वो बहत खुश थी सुधीर के साथ। वाटर फाल पहुंचकर सुधीर ने उसे दिखाया ऊंचे पहाड़ से पानी कितनी ऊंचाई से गिर रहा था। पानी जहा गिर रहा था जहा बड़ी सी झील बन गई थी। झील तक जाने के लिए ऊपर से नीचे तक काफी संख्या में सीढियां बनी हुई थी। सुधीर ने जूही का हाथ पकड़कर धीरे धीरे नीचे झील तक ले गया। झील का अनोरम प्राकृतिक दृश्य देखकर जूही बहुत खुश हो रही थी। फिर उसने सुधीर से नाव पर घुमाने की जिद किया। सुधीर ने एक नाविक को बुलाकर जूही को उसकी नाव पर बैठाकर खुद भी चढ़ गया। जूही ने नाविक को वाटर फाल तक ले जाने को कहा जहा ऊंचे पहाड़ से पानी काफी मात्रा में बड़ी तेज आवाज मे गिर रहा था जिसका नजारा अद्भुत और मनभावन था।

झील की सैर कर दोनो पहाड़ कि तलहटी से फिर सीढियां से उपर आने लगे। कुछ उपर जाकर जूही से चलना मुश्किल होने लगा लेकिन सुधीर ने उसका हाथ पकड़ कर धीरे धीरे ऊपर तक ले आया। जूही काफी थक चुकी थी। सुधीर उसे एक झपड़ीनुमा रेस्टुरेंट में ले गया जहा अंदर में काफी सजावट की गई थी। खाने पीने की सारी चीजे उपलब्ध थी वहा। सुधीर ने जूही का मन पसंद खाना खिलाया। खाना खाकर जूही ने आइस क्रीम खाने की इक्षा जताया। वे दोनो दूसरी दुकान पर गए जहां से सुधीर ने एक आइस क्रीम लिया। जूही आराम से एक कुर्सी पर बैठकर धीरे धीरे खाने लगी।

मैडम जल्दी करे अब शाम होने वाली है घर भी जाना है।
मैं तो चाहती हूं शाम ही न हो और हमर्दोनो यही साथ घूमते रहे। जूही ने आइस क्रीम खाते हुए हंसकर कहा।
सुधीर चुप हो गया।

आइस क्रीम खाकर जूही सुधीर की बाइक पर पीछे बैठ गई। सुधीर तेजी से अपनी बाइक दौड़ा दिया। रास्ते में एक बाजार में सुधीर ने जूही को एक सुंदर सी कलाई घड़ी और कुछ ड्रेस खरीद कर गिफ्ट दिया जूही ने कहा वाह मेरे भोले बलम बड़े सही जा रहे हो अब लग रहा है तुम मेरे सच्चे प्रेमी हो वाह।

इसी तरह ट्रेनिंग ले लो आगे काम आयेगा। जब भी जरूरत पड़ेगी तुम्हारी जेब ढीली करवाती रहूंगी।

आप भी मैडम मजाक करने से बाज नही आती है। फिर दोनो निकल पड़े।

रास्ते में धीरे धीरे अंधेरा होने लगा था। सुधीर रात होने से पहले घर पहुंच जाना चाहता था। रास्ते में घना जंगल भी था।

मगर जूही अपनी धुन में मगन थी उसे तो सुधीर के साथ घूमने में मजा आ रहा था।

जैसे ही सुधीर जंगल के बीच पहुंचा उसपर गोलियों की बौछार शुरू हो गई। सुधीर ने अपनी बाइक को फूल स्पीड में डाल दिया। उसने थोड़ी दूर जाकर अपनी बाइक की हेड लाइट ऑफ कर दिया और बाइक को दो चार पेड़ो के पीछे खड़ा कर जूही को उतारकर कर कहा मेडम आप इन पेड़ों के पीछे छिपे रहे बाहर मत निकलना। इतना कहकर वो सड़क पर आ गया। थोड़ी ही देर में पीछे से पुलिस की दो जिप आकर रूकी और उसमे से कई पुलिस के जवान जिप से उतरकर सुधीर को सलामी ठोका। एक ऑफिसर ने कहा सर आपने जैसे कहा था हम लोग शुरू से आपके पीछे पीछे दूरी बनाकर चल रहे थे। अभी गोलियों की आवाज हम लोगो ने भी सूनी है आप ठीक तो है सर।
मैं बिल्कुल थीं हूं।

दो जवान जूही मैडम के पास जाओ उनकी सुरक्षा में रहो सुधीर ने जूही की तरफ इशारा करते हुए कहा। सभी अपनी रिवाल्वर तैयार रखे एक आदमी सर्च लाइट को तैयार रखे सुधीर ने जल्दी जल्दी सबको तैयार किया तभी फिर गोलियां चलने की आवाज आई।

सुधीर ने कहा जल्दी से अपनी पोजीशन संभाल लो सब जिधर से गोली चलने की आवाज आए उधर गोली चलाओ और अपनी पोजीशन बदलते रहना। दुश्मन को कभी भी तुम्हारी सही पोजीसन का अंदाजा नहीं लगा सके।

फिर काफी देर तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रही। थोड़ी देर के बाद उधर से गोलियों की आवाज आनी बंद हो गई। सुधीर ने कहा सर्च लाइट निकालो सावधानी से जांच करो कही कोई मरा या जख्मी तो नही हुआ है।

तीन लोग मरे पाए गए और पांच जख्मी हालत में पाए गए। सुधीर ने उन सबको गिरफ्तार कर बगल वाले थाने को फोन कर एक एंबुलेंस और एक जीप मंगवा लिया। घायल हमलावरो से हमला करने के कारण के बारे में पूछने पर सबने बताया वे लोग पूर्व विधायक मनमोहन के आदमी हैं। बदला लेने के लिए उन लोगो को जूही को मारने के लिए हमला किया था। जूही के चलते उन लोगो की गुंडा गर्दी बंद हो गई थी उन लोगो से कोई डरता नही था। इसलिए उनकी कमाई भी बंद हो गई थी। जूही के चलते उनके नेता गुप्ता को भगाना पड़ा और आत्म समर्पण करना पड़ा।

बगल वाले थाने से एंबुलेंस आते ही सुधीर ने कुछ जवानों के साथ घायल और मरे हुए हमलावरों को को अस्पताल भेज दिया। उनके इलाज के बाद जेल भेजने और मरे लोगो का पोस्टमार्टम के लिए।

अपनी बाइक उसने अपने दो जवानों को दिया और कहा तुम दोनो आगे आगे चलो। थाने से मंगाई गई जीप में उसने जूही को बैठाकर खुद बैठ गया एक जीप आगे और एक जीप को पीछे आने को कहा।

रास्ते में जूही ने पूछा इतनी जल्दी पुलिस की जिप कैसे आ गई सुधीर मैं समझी नहीं।

आपको जिद पूरी करने के लिए मैं बाइक से आपको लेकर आया मगर दो जिप पुलिस के जवानों को भी हमारे पीछे पीछे आने के लिए बोल दिया ताकि किसी विषम परिस्थिति में हम दोनों को कोई खतरा नहीं हो। याद रहे अब हम लोग कोई साधारण लोग नही है। प्रशासनिक अधिकारी हैं हमे सुरक्षा के नियमो का पालन कर के ही कही आना जाना चाहिए।

जूही ने सुधीर की तारीफ करते हुए कहा वाह डीएसपी साहब आप तो पक्का पुलिस ऑफिसर बन गए। भगवान करे आपका जल्दी प्रमोसन हो और हमारा गठबंधन हो।

शूबह सभी अखबारों में डीएसपी सुधीर और विधायक के नामी गुंडों को मुठभेड़ के बारे में खबर छपी थी जिसमे सुधीर और उसकी पुलिस की टीम की बहादुरी के बारे में विस्तार से लिखा गया था। साथ ही अपनी जान पर खेलकर एसडीओ जूही की जान बचाने के बारे में भी। क्योंकि उनका टारगेट जूही ही थी।

घर पर जब सबको पता चला तो सबने भगवान को शुक्रिया दिया और सुधीर की तारीफ किया।

इसको तो मेरी जान बचाना ही था मां ये मुझे प्यार जो कहता है। मुंह से बोलता नहीं है बडा भोला बनता है मगर मेरा बच्चा वैसा है नही। जूही ने हंसते हुए कहा।

जूही की मां ने उसे डांटते हुए कहा तुम चुप रहो तुम्हारी ही जिद के चलते मेरा बेटा तुझे अपनी बाइक से ले गया वरना पुलिस की गाड़ी में सुरक्षा सहित जा सकती थीं। हर बार तेरी जान यही तो बचाता आ रहा है।

आंटी आप मैडम को मत डांटीये इनका मूझपर बड़ा एहसान है मैं इनके लिए कुछ भी कर सकता हूं।

देखी मां इसकी दिल की बात जुबां पर आ ही गई। इसके सामने अगर कोई मुझे कुछ कहे तो इसको बर्दास्त नही होता है। और अपने प्यार को मेरे एहसान का नाम देता है। वाह बेटा बड़े होशियार हो। अच्छा है मुझे बड़ी खुशी हुई। जूही ने हंसते हुए कहा।

कुछ दिनों में सुधीर के बेहतरीन कार्यों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा उसका प्रोमोशन लेटर आ गया। सबसे ज्यादा खुशी जूही को हुई।

अब उसे अपने विवाह की उम्मीद जग गई थी।
दोनो घर में सब लोग काफी खुश हुए इसलिए नही की सुधीर का प्रमोशन एसपी के पोस्ट पर हो गया है बल्कि इसलिए कि अब सुधीर का कोई बहाना नहीं चलेगा और जूही का विवाह उसके साथ शीघ्र ही हो जायेगा।

जूही ने सुधीर को मिठाई खिलाते हुए कहा लो मिठाई खाओ मेरे लाल और अब जल्दी से दूल्हा बनकर मेरे घर मुझे दुल्हन बनाकर ले जाने की हां कह दो।

सुधीर ने हंसकर कहा ठीक है मैडम अब मैं बड़ी धूमधाम से बारात लेकर आने को तैयार हूं आप भी मेरी दुल्हन बनने को तैयार हो जाओ मैडम।

सुधीर की हां सुनते ही उसकी मां ने तुरंत पंडित जी को बुलवाया और विवाह का शुभ मुहूर्त निकालने को कहा।

पंडित जी ने अपना पंचांग निकालकर बताया माता जी हिंदू नव वर्ष के वैशाख महीने में बहुत ही शुभ मुहूर्त है अंग्रेजी माह का अट्ठारह अप्रैल दो हजार बाइस को रात्रि साढ़े दस बजे।

सुधीर की मां ने खुश होकर पंडित जी को दक्षिणा दिया और कहा पंडित जी आपसे विद्वान ब्रहामण और कौन होगा विवाह संस्कार भी आप ही पूर्ण करे। ठीक है माता जी जैसी आपकी इच्छा।

विधायक जया को जैसे ही जूही और सुधीर के विवाह की खबर मिली और तुरंत सुधीर के आवास पर पहुंची। उसने सुधीर की मां को प्रणाम किया और कहा की आंटी जूही और सुधीर दोनो मेरे दोस्त है और इनका मुझ पर एहसान भी है। इसलिए मैं चाहती हूं जूही का विवाह मेरे घर से हो और सुधीर मेरे घर अपनी बारात लेकर आए और जूही को सिंदूर दान कर बिदा कराके ले जाएं।

मेरा विवाह तो सुधीर के नही हो सका और न वो मेरे लिए बारात लेकर आ सका लेकिन जूही के बहाने ही सही वो मेरे घर बारात लेकर आए। जया ने सुधीर की मां से कहा।

लेकिन इसका फैसला तो जूही और उसकी मां करेंगे। मुझे कोई दिक्कत नहीं है जया बेटी। ठीक है मैं उनसे बात करती हु तुम थोड़ी देर रुको।

सुधीर की मां ने फोन कर जूही और उसकी मां को बुलाया।
उनके आते ही उसने जया की इच्छा उनको बताई। सुनकर जूही ने कहा मेरी सहेली की इच्छा मै कैसे टाल सकती हूं। ठीक है मुझे मंजूर है जया। जब तुमने मेरी बात मानी है तो मैं क्यों नही मानूंगी।

ठीक है तब बारात के ठहराने,खिलाने पिलाने से लेकर टेंट पंडाल और रात्रि गीत संगीत की जिम्मेवारी मेरी रहेगी। बाकी सुधीर और जूही मैडम देख ले।

तभी जूही ने कहा हालांकि मेरे पापा अभी है लेकिन मैं चाहती हूं जब मेरा विवाह तुम्हारे घर से हो रहा है तो मेरा कन्यादान तुम्हारे पिता के हाथो हो।

जूही की बात सुनकर जया की आंखों से आंसू छलक आए। उसने जूही का हाथ पकड़कर कहा मैडम लोगो को सम्मान देना कोई आपसे सीखे। इसी वजह से मैं सुधर गई आज आपकी वजह से ही मैं विधायक बनी हूं। आपने ही मेरा घर बसा दिया।
आप धन्य हो।

ये सब मेरा फर्ज था जूही ने कहा। अब मैं जिला प्रशासन से अनुरोध करूंगी की चाहे एक दिन रात के लिए ही सही तुम्हारे पापा को जेल से मेरे कन्यादान के लिए रिहा किया जाय।

जिला प्रशासन ने जूही का अनुरोध स्वीकार कर लिया और पूर्व गुप्ता को एक दिन के लिए रिहा करने का आदेश दे दिया। साथ ही डीसी और डिडीसी के अलावा जिला के कई पदाधिकारी यो ने जूही के विवाह में हर संभव सहयोग करने और निमंत्रण पर आकर दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने हेतु आने का भी वादा किया।

जूही ने अपनी मां से पूछकर अपने सारे रिश्तेदारों को निमंत्रण भेज दिया। गांव से अपने पापा और बाकी दो बहनों को भी बुला लिया। उसने अपनी सभी सहेलियों को भी न्योता भेज दिया।

सुधीर ने भी अपनी और बहन को बोल दिया सभी सगे संबंधियों को निमंत्रण भेजने के लिए। उसने अपने सभी दोस्तों को भी खुद ही न्योता भेज दिया और कहा सालो सिर्फ खाने नही आना है। विवाह में मदद भीं करनी है और धूम धाम से बारात भी निकालनी है। उसने अपने दोस्तो को ही घोड़ी लाने, बैंड बाजा, गाड़ी घोड़ा और अतिसबाजी का काम सौप दिया।

जूही और अपने दूर के रिश्तेदारों जो बाहर से आनेवाले थे सबके लिए होटल और धर्मशाला आदि बुक करा दिया। जया ने सुधीर के लिए दूल्हा का वस्त्र, शेरवानी आदि खुद गिफ्ट में दिया। जूही को भी साड़ियां और कई गहने गिफ्ट में दिए।

जूही ने सुधीर और दोनो माताओं को लेकर विवाह की सारी खरीदारी खुद की।

ठीक मुहूर्त पर सुधीर अपनी बारात पूरे गाजा बाजा के साथ सजाकर निकला। बारात में सारा मोर्चा उसके दोस्तो ने संभाल लिया था। बाकी कमी उसके पुलिस के जवानों ने संभाल लिया था। बारात में जिला के कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी सामिल थे।

उधर जया के घर पर दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने के लिए प्रखंड स्तर से लेकर अनुमंडल और जिला मुख्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजुद थे।

बारात की अगवानी के लिए ससुर की भूमिका में खुद पूर्व विधायक गुप्ता भी फुल माला आदि लेकर खड़े थे। उनके साथ जया की पार्टी के कई वरिष्ठ और सम्मानित नेता उपस्थित थे।

जूही को दुल्हन के रूप में खुद जया ने अपने हाथो से सजाया था।

दरवाजे पर पहुंचने से पहले ही बारात का भव्य स्वागत किया गया। दूल्हा के पिता के रूप में समधी की भूमिका में खुद एमपी साहब थे। दोनो समधी आपस में गले मिले। एक दूसरे को माला पहनाया।

दरवाजे पर जैसे ही सुधीर घोड़ी पर सवार होकर पहुंचा उसका भी सुंदर स्वागत महिलाओं ने किया। स्वागत और समधी मिलन के बाद बारात को समियाने में ठहराया गया जहा सबको स्वादिष्ट नाश्ता दिया गया।

ठीक समय पर विवाह संस्कार शुरू किया गया। औरतों ने विवाह के मंगल गीत गाने शुरू किए।

एक कर वर माला,फिर सुंदर दान और कन्या दान गुप्ता जी के हाथो संपन्न हुआ। बारात में रात भर सबने नाच गाने का आनंद लिया।

सुबह बारात की बिदाई हुई।
विदाई के समय मां बेटी खूब रोई। जूही की तीनो बहने भी रोने लगी।

आखिरकार जूही की बिदाई हुई और सुधीर उसे लेकर अपने घर आ गया।

जूही जैसे ही दुल्हन बनकर सुधीर के घर आई उसका भी स्वागत सुधीर की मां और उसकी बहन ने किया। गृह प्रवेश करते ही पूरा घर जूही के महक से दमक उठा।

सुहाग रात में जब सुधीर अपनी दुल्हन जूही के कमरे में पहुंचा जूही ने शर्माते सकुचाते हुए उसका स्वागत किया। सुधीर ने कहां मेरे गरीब खाने और मेरे दिल के महल में आपका हार्दिक स्वागत है मैडम।

जूही ने कहा मेरे भोले बलम अब तो मैडम की रट छोड़ दो अब तो तुम्हारी दुल्हन बन चुकी हूं।

आप मेरी प्यारी मैडम थी और हमेसा मैडम बनकर मेरे इस दिल पर और मेरे घर पर हुक्म चलाओगी।

सुनकर जूही भाव विभोर हो गई और सुधीर के सीने से लग गई। उसे इतना सुख और आनंद की अनुभूति हुई जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी। उसे लगा शायद यह क्षण कभी न खत्म हो। यह अद्दभुत अनुपम स्वर्गिक सुख उसे यूं ही मिलता रहे।

समाप्त

लेखक श्याम कुंवर भारती।

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