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संस्कार पर कविता Sanskar Par Kavita संस्कार शायरी Sanskar Shayari

संस्कार : प्रेरणादायक कविता | Sanskar Motivational Poem in Hindi


विषय : संस्कार
दिनांक : 31 मई, 2023
दिवा : बुधवार

सभ्य शिष्ट निष्ठा विनम्रता,
सादर स्नेह सुंदर सत्कार।
जीवन है सर्वोत्तम बनाता,
करके नव रत्नों से शृंगार।।
जीवन न मांगे धन सम्पदा,
जीवन मांगे उत्तम व्यवहार।
लक्ष्मी शारदा वहीं विराजें,
जहां बरसता सदा है प्यार।।
नव रत्न ही हैं धन सम्पदा,
नव रत्नों से मिलता आहार।
नव रत्नों से ही भाग्य चमकता,
नव रत्न से ही मिलता विहार।।
नव रत्न मन में धारण हैं करते,
नवरत्न में ही बसा यह संसार।
नव रत्नों हेतु ही है यह सृष्टि,
नव रत्न ही कहलाते हैं संस्कार।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

संस्कार पर कविता Sanskar Par Kavita संस्कार शायरी Sanskar Shayari

संस्कार
मिले संस्कार हैं हमें, सबको दो सम्मान।
मात पिता तो देव हैं, इनको दीजे मान।।

आदर कीजे बड़ों का, बच्चों के दें प्यार।
मिलकर सारे हम रहें, ये जीवन का सार।।

क्रोध कभी न कीजिये, रहे दया का भाव।
रहें काम से दूर हम, सब में हो सद्भाव।।

शिक्षा सभी को दीजिये, सबमें बाटों ज्ञान।
कारज ऐसे कीजिये, होय नहीं अपमान।।

रोगी कोई ना रहे, सबका हो उपचार।
पीड़ा सबकी दूर हो, सुख का हो आधार।।

हिंसा कभी ना कीजिये, चाहे जो हो बात।
सबसे ऊपर देश है, करें नहीं आघात।।

नारी देवी तुल्य है, रखिये इसका ध्यान।
इनसे ही जग चल रहा, कहते वेद पुराण।।

चोरी करना पाप है, रहना इससे दूर।
लालच करना है नहीं, चाहे हो मजबूर।।

माटी अपनी पवित्र है, भारत देश महान।
नदियाँ पावन हैं सभी, अपनी ये पहचान।।

संकट आए देश पर, रहना सबको एक।
तन-मन अर्पण हम करें, कारज करना नेक।।
श्याम मठपाल, उदयपुर

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