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संत रविदास पर कविता Poem on Sant Ravidas संत रविदास जी पर शायरी

संत रविदास पर कविता Poem on Sant Ravidas संत रविदास जी पर शायरी 

संत रविदास जयंती पर कविता
संत रविदास जयंती
(माघ पूर्णिमा, चौदहवीं सदी मध्य जन्म)
“संत रविदास जी को कोटि कोटि नमन,
उनके उपदेश से सफल होता है जीवन।“
माघ पूर्णिमा को, चौदहवीं सदी मध्य जन्म हुआ संत का,
पिता गांव के सरपंच थे, था जूते बनाने का कारोबार।
आसान नहीं था, पढ़ना, लिखना और उनका आगे बढ़ना,
सवर्णों की धाक जमी थी, था इनका दलित परिवार।
पंडित शारदानंद ने इनको शिक्षा देने का बीड़ा उठाया,
पाठशाला में सवर्ण बच्चे, साथ बैठने को नहीं थे तैयार।
माघ पूर्णिमा को……………

जन्म जयंती पर, कोटि कोटि नमन है इस महा संत को,
सामाजिक समता और समानता से पूर्ण थे इनके विचार।
वाराणसी के पास, गोवर्धनपुर जन्म स्थान है महा संत का,
उत्तर प्रदेश क्या, पूरे भारत में होता इनका आदर सत्कार।
भगवान राम और कृष्ण के, ये बहुत बड़े भक्त रहे हैं,
इनकी रचनाओं से बहती, भक्ति रस की अविरल धार।
माघ पूर्णिमा को……………..

ये भक्ति रस के बहुत बड़े कवि थे, यह जग विदित है,
पंडित भी आश्चर्य में पड़ जाते थे, देखकर
इनके संस्कार।
संत रविदास जी को, क्रोध बिल्कुल नहीं आता था कभी,
सबके साथ सदा बड़े मधुर रहा करते थे, इनके व्यवहार।
इनके जनेऊ धारण और तिलक लगाने पर विवाद हुआ था,
लेकिन गुरु रविदास जी ने, समाज से मानी नहीं तब हार।
माघ पूर्णिमा को………….

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


मीरा के गुरु संत रविदास जयंती और माघ पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आपको

मुक्तक - संत अवतरित आज
सूर्य का प्रकाश रवि और इश का दास रवि ।
मीरा के गुरु हुए संत अवतरित आज रवि।
सत चित आनंद परम ज्ञान प्रकाश पुंज।
चरण वंदन अभिनंदन दिन है खास रवि।
श्याम कुंवर भारती

संत रविदास पर कविता Poem on Sant Ravidas संत रविदास जी पर शायरी

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