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एलर्जी के कारण लक्षण और उपचार Allergies Causes Symptoms and Treatment in Hindi

एलर्जी के कारण लक्षण और उपचार Allergies Causes Symptoms and Treatment in Hindi

एलर्जी की समस्या। एलर्जी ( Allergy ) एक ऐसी समस्या है जो एक बार किसी व्यक्ति को हो जाए तो जीवन में बार-बार होती रहती है। कुछ मामलों में व्यक्ति को एलर्जी से छुटकारा भी मिल जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह समस्या जीवन भर बनी रहती है। एलर्जी एक ऐसी समस्या है जो हमारे शरीर मे अनचाही चीज़ों के प्रति प्रतिक्रिया के रूप में होती है। जो कभी कभी भंयकर रूप ले लेती जैसे अस्थमा एलर्जी। एलर्जी कारक तत्वों से दूरी बनाकर बचा जा सकता है तो चलिए जानते हैं एलर्जी के बारे में विस्तार से कि एलर्जी क्या है?

एलर्जी क्या है What Is Allergy

यह एक प्रकार से त्वचा की प्रतिक्रिया होती है, जो आमतौर पर किसी विशेष भोजन, कपड़े या दवाई आदि जैसे पदार्थों के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया देती है। एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थ एलर्जन होते हैं जो शरीर से बाहर की वस्तुओं से बनते हैं। एलर्जी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, बड़ों को भी और बच्चों को भी लेकिन कई बार यह देखा गया है यदि बच्चों में एलर्जी है तो बड़े होने के साथ-साथ वह खत्म भी हो जाती है लेकिन कुछ ऐसी एलर्जी होती है जो जीवन भर परेशानी बनी रहती है।


यद्यपि ज्यादातर मामले मामूली भी होते हैं जिनको पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है तथापि कुछ गंभीर भी बन जाते हैं जिसके प्रति हमें सचेत रहना चाहिए। किसी व्यक्ति को किसी खास खाने की चीज से एलर्जी है, किसी को बदलते मौसम से एलर्जी है, किसी को धूल के कणों से और ना जाने इसके कितने ही कारण है जो एलर्जी की समस्या पैदा करते हैं। एलर्जी शरीर की उस पदार्थ या उत्पाद के प्रति प्रतिक्रिया है जिसे वह एक हानिकारक आक्रमणकारी के रूप में देखता है।

एलर्जी के लक्षण Symptoms Of Allergy

उदाहरण के लिए पराग धूल के कण और कोई जानवर या सभी वह चीजें हैं जिनसे हमें कोई परेशानी नहीं होती है। लेकिन कुछ लोगों को इन चीजों के संपर्क में आने से एलर्जी जैसी शारीरिक समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को धुएँ के संपर्क में आने से एलर्जी हो जाती है। साँस लेने में दिक्कत आती हैं, लगातार परेशानी बनी रहे तो अस्थमा जैसी बीमारी होने का डर भी रहता है। एलर्जिक व्यक्ति को खूब छींके आती हैं। नाक में खुजलाहट बनती है, शरीर में लाल लाल चकत्ते बन जाते हैं।

आंखों में भी लालिमा देखी जा सकती है। कुछ बदले मामलों में एलर्जी एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया को जन्म देती है जिसे एनाफिलेक्सिस या एनाफिलेक्टिक शॉक कहा जाता है जो जीवन के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है और एलर्जी के पदार्थों के संपर्क में आने से यह कुछ ही मिनटों में शरीर के भीतर विकसित होने लगता है। एलर्जी गम्भीर समस्या बन जाती हैं।


नाक की एलर्जी के लक्षण

✓ छींक आना।

✓ नाक बहना या रुकना

✓ आंखों से पानी आना या आंखों में खुजली होना।

गले की एलर्जी के लक्षण

✓ गले या कान के छिद्रों में खुजली।
✓ कान बंद होना, कान में दर्द।
✓ गले और कान में दर्द।

अस्थमा एलर्जी के लक्षण

✓ मुंह से बलगम आना।
✓ सांस लेने में परेशानी व खांसी इत्यादि।
पेट की एलर्जी के लक्षण –
✓ पेट में दर्द, मतली या उल्टी दस्त इत्यादि।
✓ पेट दर्द, गैस, कब्ज होना।


स्किन एलर्जी के लक्षण

✓ सूखी लाल या रूखी त्वचा का हो जाना।
✓ स्किन पर खुजली होना।
✓ लाल चकते होना।

एलर्जी के सामान्य लक्षण

✓ सिर दर्द
✓ चक्कर आना।
✓ उलझन
✓ त्वचा या होंठ नीले पड़ जाना।
✓ साईनस
✓ होठ, जीभ, आंखों या चेहरे पर सूजन
✓ खुजली होना।
✓ छीकें, खांसी व जुकाम जैसा महसूस होना।

एलर्जी के प्रकार Type Of Allergy

खाने से एलर्जी – खाने की एलर्जी खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी हैं। जिसे व्यक्ति को कुछ भोज्य पदार्थ सूट नहीं कर पाते है जैसे दूध, बैंगन, गेंहू, ब्लैक चना आदि।

स्किन एलर्जी – यह एक्जिमा एलर्जी एवं खाद्य पदार्थों के सम्पर्क में आने के कारण होता है। इस एलर्जी के कारण स्किन रूखी सूखी होना, लाल चकते के साथ खुजली होना आदि लक्षण पाये जाते है।

पित्ती एलर्जी – यह एलर्जी भोजन, जहरीले कीड़े के काटने, ड्रग्स के कारण स्किन पर खुजली, सूजन एवं दाने उभरना आदि लक्षण होते है।

धूल एलर्जी – यह एलर्जी धूल या मिट्टी, जानवरों की रूसी के कारण होती है। कभी कभी बीजाणु कवक भी कारण बनते है।

कीट एलर्जी – यह एलर्जी किसी प्रकार के किट के डंक जैसे मधुमक्खी, मच्छर के काटने के कारण होती है।
मौसमी एलर्जी – यह एलर्जी मौसम में बदलाव के कारण होती है। इस दौरान कमजोर इम्युनिटी के कारण छीके, खासी, बन्द नाक व हल्का जुकाम जैसे महसूस होता है।

दवा से एलर्जी – यह दवाओं का अधिक सेवन करने के कारण होती है या कभी कभी कोई दवा शरीर को सूट नहीं कर पाती है। जिसे साइड इफेक्ट देखने को मिलते हैं।


एलर्जी के कारण Allergy Causes

एलर्जी को विकसित करने वाले कारणों की यद्यपि कोई सही सही जानकारी नहीं है लेकिन कुछ ऐसे पदार्थ है जो आमतौर पर एलर्जी प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं अगर किसी व्यक्ति को एलर्जी है तो वहां कुछ कारणों से हो सकती है जैसे – पशुओं के बालों की रूसी आदि।

✓ मधुमक्खी या अन्य कीड़ों द्वारा काटना।
✓ कुछ खाद्य पदार्थ जिनमें सीपदार मछली और अनाज शामिल है।
✓ कुछ दवाएं जैसे पेंसिलिन एस्प्रिन आदि।कुछ प्रकार के पौधे पराग या फफूंदी आदि धूल के कण।
✓ शरीर में कोई अनचाही चीज जैसे कि कोई मेडिसिन या अन्य प्रवेश कर जाती है जिसे हमारी बॉडी में हिस्टामिन नाम का एक कपाउंड होता है जो हमारे खून में गतिशील होने कारण एलर्जी हो जाती है। ऐसी स्थिति में एंटीबाडी एक कारगर उपाय है।

मोल्ड बीजाणु – फफूंदी से निकलने वाले बारीक कण कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन जाते हैं। कुछ बातों का ध्यान रखते हुए इनकी रोकथाम करने में मदद मिल सकती है। जैसे – घर की छत के नीचे किसी प्रकार के पौधों को ना लगाया जाए।
घर के अंदर कपड़े ना सुखाए।
घर के अंदर रखी अलमारी में नमी ना होने दें।

खाद्य पदार्थो से एलर्जी – जितना हो सके घर का बना खाना ही खाए। किसी मजबूरी आदि में यदि बाहर का खाना खाते हैं, तो एलर्जी को ध्यान में रखते हुए अपने लिए भोजन तैयार करवाएं।

पराग-ज्वर – पराग से होने वाली एलर्जी को पराग ज्वर कहा जाता है। यह तब होता है जब पेड़ पौधे और घास आदि के छोटे-छोटे कण हवा में मिल जाते हैं। कुछ बातों का ध्यान रखते हुए पराग ज्वर पर नियंत्रण किया जा सकता है जैसे –

✓ आंखों को सुरक्षित एवं बचाने के लिए पूरी तरह से ढकने वाला चश्मा का उपयोग करे।
✓ यदि कहीं बाहर गए हो तो घर आने के बाद नहाए और कपड़े बदले।
✓ घास वाले क्षेत्रों में घूमने फिरने से बचने की कोशिश करें।
✓ पार्क, खेतों आदि में न जाएं।


एलर्जी होने पर डॉक्टर के पास कब जाए

एलर्जी की समस्या यदि ज्यादा बढ़ गई है तो उसे हल्के में कभी नहीं लेना चाहिए। यदि 3 महीने से ज्यादा एलर्जी की समस्या है, आपकी नाक बह रही है या नाक रुकी हुई है, साइनस की समस्या है, खांसी है, आंखों से पानी आ रहा है, ऐसे ऐसे लक्षण आपको महसूस हो रहे है, या काम करने, सोने, बैठने आदि में परेशानी हो रही है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

यदि मेडिकल स्टोर से कुछ दवाइयों का सेवन किया है और उन दवाइयों से एलर्जी की समस्या हुई है तब भी उपचार की अवश्य जरूरत होती है।

यदि साइनस में संक्रमण के कारण, सिर दर्द व नाक रुक गई है और कान में संक्रमण जैसी समस्या है तो डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

Allergy Test

एलर्जी का परीक्षण Allergy Test

यदि आपको गंभीर एलर्जी है या स्पष्ट ही नहीं हो रहा है कि आपको किस प्रकार की एलर्जी है तो ऐसे में एलर्जी के टेस्ट की आवश्यकता पड़ सकती है।

जैसे – स्किन प्रिक टेस्टिंग, स्किन प्रिक टेस्ट एलर्जी के लिए किए जाने वाले टेस्टों में से एक है। इस टेस्ट में मरीज की कलाई में उस पदार्थ के द्रव की एक बूंद डाली जाती है जिससे मरीज को एलर्जी होती है ,उस बूंद को कलाई में सुई की मदद से डाला जाता है, अगर डाला गया पदार्थ मरीज के लिए अलर्जिक है तो 15 मिनट के भीतर खुजली या लाल रंग का उभार दिखाई पड़ सकता है। स्किन प्रिक टेस्टिंग दर्द रहित है और बहुत ही सुरक्षित भी है।

खून टेस्ट – खून टेस्ट के लिए थोड़ा खून सैंपल के रूप में निकाल लिया जाता है और उसमें विशेष एंटीबॉडीज की जांच की जाती है। Allergy in hindi.

धब्बों की जाँच – स्किन एलर्जी के प्रकार की छानबीन करने के लिए पैच टेस्ट किया जाता है जो त्वचा अलर्जिक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण हो सकता है। संदेहयुक्त पदार्थ की कम मात्रा भी एलर्जी का कारण बन सकती है जो हमारी बॉडी पर धब्बे या पैच का रूप ले सकते हैं।


एलर्जी का इलाज हिंदी में Treatment Of Allergy In Hindi

शरीर में एलर्जी के कारण खुजली और हल्की लालिमा, फोड़, फफोले जैसे लक्षण देखने को मिले तो समझ लें कि गम्भीर एलर्जी है। ऐसे में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।

✓ शरीर के अन्य भागों को न छूंएं, खासकर चेहरे को।
✓ एलर्जी वाले हिस्से को लगभग 10 मिनट तक साबुन पानी से धोएं।
✓ संपर्क में आने पर जल्दी से एक बार नहा ले।
✓ खुजली में आराम करने के लिए कैलामाइन या एंटी इंचिंग लोशन त्वचा पर दिन में तीन से चार बार लगाएं।
✓ सूजन और जलन से पीड़ित जगहों को हाइड्रोकॉर्टिजोन क्रीम लगाएं।
✓ अपने कपड़ों और जूतों की साफ सफाई रखे एवं प्रतिदिन गर्म पानी से धोएं।


कीट द्वारा काटने पर एलर्जी होने पर क्या करें ?

जिस जगह पर कीट ने काटा है उस जगह को अच्छी तरह से साबुन से धोएं फिर उस पर एंटीसेप्टिक दवा का प्रयोग करें।
किट द्वारा काटे गए स्थान पर कैलामाइन लोशन लगा ले और उसे पट्टी के साथ ढक कर रखें।

यदि उस जगह पर सूजन आ रही है तो वहां पर बर्फ को किसी कपड़े में लपेटकर लगाएं।

दर्द कम करने के लिए एस्प्रिन ले। अधिक परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना अनिवार्य समझे।

एलर्जी कितने दिन रह सकती है ?

एलर्जी अलग-अलग समय तक शरीर पर रह सकती है। एलर्जी खत्म होने में कुछ घंटे से लेकर कुछ दिन का समय भी लग सकता है। कई बार इलाज के बाद भी एलर्जी का कारण बना रहता है। जैसे – बदलते मौसम के दौरान होने वाली एलर्जी।

इस एनर्जी का असर कुछ सप्ताह या महीनों तक रहता है कई बार इलाज के दौरान भी एलर्जी ठीक होने में कम से कम 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है। एलर्जी से बचने का सबसे आसान तरीका है, उन चीजों से बच कर रहना है जिससे व्यक्ति को एलर्जी की समस्या हो सकती है।


एलर्जी का घरेलू देसी इलाज नुस्खे Allergy Home Remedies In Hindi

✓ धूल के कण एलर्जी के सबसे बड़े कारणों में से धूल के कण होते हैं यह अत्यंत छोटे कण होते हैं जो घर की चीजों में पाए जाते हैं। कुछ तरीकों को अपनाकर हम इन कणों/कीटों की संख्या कम कर सकते हैं

जैसे – घर में जितना हो सके बड़े और भारी मोटे कालीन न बिछाएं, बच्चों के खिलौने टेडी बियर इत्यादि हमेशासाफ-सुथरे रखें उन्हें हमेशा गर्म पानी में धोऐं। घर के तकिए, परदे आदि हमेशा साफ रखें। धूल जब उड़ती है तो सीधा नाक में घुसती हैं जिससे हवा के माध्यम से हमारे नाक के भीतर चली जाती है, अतः सूखी धूल से बचें।

✓ आजकल लोगों को कुछ कुत्ते बिल्ली इत्यादि पालतू जानवर रखने का बहुत शौक होता है। यह जानवर भी एलर्जी का कारण बनते हैं जितना हो सके पालतू जानवरों को बेडरूम में ना आने दे। घर से बाहर रखें।सप्ताह में एक बार उनको अवश्य नहलाएं।

✓ हल्दी का दूध के साथ एक दो बूंद शिलाजीत में एक चम्मच व्यचनप्राशन खाने इम्युनिटी बूस्ट होती है। जिसे एलर्जी से निजात मिलती है।

✓ हल्दी को पानी मे पकाने के बाद जब थोड़ा सा पानी शेष रहता है उनमें दूध मिलाकर पीने से एलर्जी से निजात मिलेगी।

✓ हल्दी, अदरक, तुलसी व गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होगा।

✓ सुबह सुबह भूखे पेट वर्जिन कोकोनट आयल पीने से एलर्जी जैसी प्रॉब्लम से निजात मिलती है।

✓ अपने आसपास का वातावरण साफ रखने के साथ साथ जिन चीजों से एलर्जी होती है उनसे दूर रहे। Allergy in hindi.

✓ यदि एलर्जी किसी खाद्य पदार्थ से हो रही है तो लक्षणों से सुधार को देखने के लिए चिकित्सक मरीज को उस विशेष खाद्य पदार्थ को छोड़ने की सलाह देते हैं। कुछ सप्ताह बाद दुबारा से उन खाद्य पदार्थों को खाने के लिए कहा जा सकता है, ताकि उन प्रतिक्रिया को फिर से होने या ना होने की पुष्टि की जा सके।

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