लोहड़ी पर शायरी Lohri Shayari लोहड़ी पर कविता Poem on Lohri in Hindi
जहां में होगा उजाला
(विजया घनाक्षरी काव्य)
आज है लोहड़ी आई,
खुशियां है संग लाई,
सब बांटेंगे मिठाई,
त्यौहार है ये निराला।
चारों ओर खुशी छाई,
ऋतू ने ली अंगड़ाई,
प्रीत की हो सुनवाई,
मौसम है अलबेला।
निभाकर रीत नई,
दिल से दे दो बधाई,
रूत है बदल गई,
मन हो रंग रंगीला।
नफ़रत को मिटाओ,
खुशियों के गीत गाओ,
ऐसी लोहड़ी मनाओ,
जहां में होगा उजाला।
प्रा.गायकवाड विलास.
मिलिंद महाविद्यालय लातूर.
9730661640
महाराष्ट्र
लोहड़ी पर कविताएं : मिल कर सब लोहड़ी मनाएं
स्वर्णमुखी छंद
त्योहार
मिल कर सब लोहड़ी मनाएं।
प्रेम शाख पर फूल खिला कर,
सब धर्मों को गले लगा कर,
हर उत्सव का जश्न मनाएं।
कभी प्रेम के दीप जलाएं।
सांता बनकर मौज उड़ाएं,
कुछ सेवइयां खा कर आएं,
होली के भी रंग उड़ाएं।
एक गगन है एक धरा है।
वही शशि और वही सितारे,
वायु एक है एक नजारे,
कई फूलों से चमन भरा है।
एक देश में मिलकर रहना।
हम भारतीय मिलकर कहना।
ललिता कश्यप
गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश
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