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देव-भूमि हिमाचल, धरती पर जन्नत, हिमाचल प्रदेश पर कविता : हरजीत सिंह मेहरा

देव-भूमि हिमाचल, धरती पर जन्नत, हिमाचल प्रदेश पर कविता : हरजीत सिंह मेहरा

श्रेणी-कविता
जीवन के इस कशमकश में,
जी ले सुकून के कुछ पल,
जहां... दुख, चिंताओं से दूर,
शांति मिल जाए..अविरल।
जहां, वसुंधरा ने अपनी ममता से,
वजूद इसका... संवारा है,
हिंदुस्तान की.. जन्नत है जो,
" हिमाचल प्रदेश " हमारा है।

हिम राज का पुत्र है यह,
प्रकृति ने इसे पाला है,
" हिमालय " ने अपनी आगोश में,
बड़े नाजों से.. संभाला है।
बर्फ की धवल चादर से,
निखरा है, हुस्न पहाड़ों का,
तोहफा है ये, इस कुदरत का,
शगुफा, मस्त बहारों का।
कानन की शोभा बढ़ाते जहां,
ऊंचे पेड़ ... " देवदार " के,
फूल " गुलाबी बुरांश " के जहां,
गुलशन...सजाते प्यार के।
जीव जंतु भरपूर हैं, यहां,
औषधि वनस्पतिऔर हरियाली,
पर " जुजुराना " जैसे पखेरू की,
तो, बात ही है निराली।
इस की मधुर आवाज तो,
चितवन..मदहोश बनाती है,
यही संपदा " हिमाचल " की धरती को,
बड़ी ही...खास बनाती है।

देवों का है वास, इस धरती पे,
इसे " देव भूमि " भी कहते हैं,
" हिंदू-सिख-बौद्धों " के देवालय,
इसकी धरती पर मिलते हैं।
" मां चिंतपूर्णी, चामुंडादेवी, ज्वालाजी "
यहां " नैना देवी " के हैं जयकारे,
" बृजेश्वर व लक्ष्मी नारायण " मंदिर के,
दिखते हैं यहां अलग नजारे।
" सतलुज, व्यास, रवि " नदियों की
निर्मल धारा ... बहती है,
अमृत जैसा जल सौंप के
कण-कण को पावन करती है।
" डल, व्यासकुंड, मणिमहेश " जैसी
कई झीलों का डेरा यहां,
ईश्वर की, अनुपम कृपा है,
साधु संतों का, बसेरा यहां।
धर्म परायण लोग यहां के,
मेहनत से..रोटी कमाते हैं,
" देव-भूमि हिमाचल " की माटी,
मस्तक पे अपने लगाते हैं।
" बरसती बर्फ " का मनोरम दृश्य,
सबके मन को..लुभाता है,
" कुल्लू, मनाली, शिमले " का नजारा,
तन-मन शीतल कर जाता है।
" मंडी, मलाना, कुफरी, कसौली "
" वादियों " को... दर्शाती है,
" किन्नौर " की पवित्र धरा तो,
" लैंड ऑफ गॉड " कहलाती है।
आकर्षण का केंद्र है " हिमाचल "
सैलानियों का " स्वर्ग " यहां,
आनंद, उत्सव, मौज-मस्ती के संग
उद्विग्नता का, उत्सर्ग यहां।
सीधे-साधे लोग यहां हैं,
अतिथि का सत्कार, करते हैं,
परोस के लजीज़ " धाम " के व्यंजन,
सब का, आदर ये करते हैं।
बड़ी " कशिश " है इस धरती में,
" रोमांच " में सब खो जाते हैं,
भारत का हिस्सा है " हिमाचल "
गर्व से हम यह कहते हैं।
poetry-on-himachal-pradesh-in-hindi-himachal diwas par kavita
जीवन की है..लंबी लड़ाई,
संघर्ष यहां तो है हर पल,
दे ले विराम, थोड़ा सफर को,
सांस तो ले ले, तू कुछ पल।
बैठजा इस " अचला " के आंचल में
एहसास बहुत ही प्यारा है,
" हिंदुस्तान " की जन्नत है जो,
" हिमाचल प्रदेश " हमारा है!!
हरजीत सिंह मेहरा,
मकान नंबर 179,
गगनदीप कॉलोनी,
ज्योति मॉडल स्कूल लेन,
भटियां बेट, लुधियाना,
पंजाब, भारत।
85289-96698

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