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New Year Wishes | New Year Shayari | नया साल पर शायरी कविता

Happy New Year Shayari In Hindi | New Year Poetry In Hindi

विधा - चौपाई - गीत
विषय - नए साल का जश्न मनायें
कैसे दिल का हाल बतायें।
कोरोना से जान बचायें।।
कब तक इससे हम घबरायें।
नए साल का जश्न मनायें।।

कोरोना से ही डर लागे।
कहते थे मत आना आगे।।
छुपे हुए थे घर में ऐसे।
शेर छिपा जंगल में जैसे।।
जान बची अब लाखों पायें।
दीपों को त्योहार मनायें।।
कबतक घर में छिप रह पायें।
नए साल का जश्न मनायें।।

फिर से यह दीवाली आयी।
घर में होती सदा सफाई।।
फूटे पटाखे दिए दिखाई।
खुशियाँ फिर जीवन में छाई।।
मन्दिर में भगवन मुस्कायें।
पूजन-अर्चन ध्यान लगायें।।
रक्षा का वर जब हम पायें।
नए साल का जश्न मनायें।।

अब इक्कीस दिवाली आई।
लक्ष्मी पूजन करते भाई।।
दीवाली ने आस जगाई।
नववर्ष आज दिए बधाई।।
गृह कैद आजाद हो जायें।
कोरोना का भूत भगायें।।
नई उमंगे फिर भर जायें।
नए साल का जश्न मनायें।।
राजकुमार छापड़िया

New Year Wishes | New Year Shayari | नया साल पर शायरी कविता

नया साल 2022 की शुभकामनाएं : नव वर्ष..एक सपने जैसा हो

नव वर्ष..एक सपने जैसा हो
नहीं चाहिए ऐसा नववर्ष, जो 1920-21जैसा हो,
इल्तज़ा है रब से, आने वाला वर्ष, एक सपने जैसा हो!
सरहदों पे कंटीली तारों की नहीं, पुष्प लताओं की बाड़ हो,
अमन-चैन की बयार बहे, मन में ना कोई बिगाड़ हो,
दुश्मनी की दीवार गिरे, गले फूल माला का हार हो,
दिलों की कड़वाहट मिटे, इसमें शहद तुल्य प्यार हो,
दूरियां मिट जाएं मुल्कों की, जग एक परिवार जैसा हो,
आने वाला वर्ष का..रब्बा, उदयभान कुछ ऐसा हो!

महामारी का हो विनाश, मौत का ना भय रहे..
समृद्ध खुशहाल रहें सभी, जिंदादिल इंसान रहें,
गले मिल मुस्काएं सभी, दो गज की भी दूरी ना रहे,
खुलकर सांसे ले सभी, मुंह छुपाने की मजबूरी ना रहे,
दुख सहा है अपनों को खोकर, अब ऐसी दुविधा ना रहे,
लूट गया इंसान सब कुछ, अब जिंदगी का सौदा ना रहे,
आरोग्य हो जाए सारा जहां.. स्वस्थ हर जिंद-जान रहे,
आने वाले वर्ष में..मालिक, ऐसी पुरवाईं परवान रहे!

बच्चों की किलकारी..फिर गूंजे, विद्यालय ना सुनसान हों,
मंदिरों के द्वार सदा खुले रहें, सुबह की रोज अज़ान हों,
सैर-सपाटा, भागम दौड़ फिर जद्दोजहद का, घमासान हो,
सतरंगी रंग चढ़े हर घर में, हर दिल में फिर अब शान हो,
पूरे हो सभी के सपने, हासिल सबको मंजिलें हो,
त्योहारों में फिर धूम मचे, फिर ठहाकों की महफिलें हों,
फिर सुहाना जीवन सफर चले, सुगम पथ कुछ ऐसा हो,
मन्नत है..ईश्वर तुझसे, आगत साल ऐसे सपने जैसा हो!!
हरजीत सिंह मेहरा
लुधियाना पंजाब।
85289-96698

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