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Muskurana Shayari | Muskurahat Shayari | Muskurahat Poetry

मुस्कुराना शायरी ग़ज़ल Muskurahat Quotes | Shayari On Muskurahat

गजल : कल मुस्कुराना है तो
कल मुस्कुराना है तो, एक काम कीजिए,
आज अपने सारे आंसू, मेरे नाम कीजिए।
कल मन में खेलेंगी कलियां, हंसेंगे फूल,
आज कांटों को दामन में, सजा लीजिए।
कल मुस्कुराना है तो………..
घबराइए नहीं, थोड़ा सा इंतजार कीजिए,
ग़म के असर को, बेअसर बेकार कीजिए।
हिम्मत दिखाइए, कदम को आगे बढ़ाईए,
ग़म देनेवालों को, गमों में उलझा दीजिए।
कल मुस्कुराना है तो………….

Muskurahat Shayari

आफतों से अपनी सहूलियत से निपटिए,
ग़मजादा होकर, इस कदर मत सिमटिए।
शुरू से ही, बड़ा बेदर्द रहा है यह जमाना,
अपनी सारी उलझनों को सुलझा लीजिए।
कल मुस्कुराना है तो…………
आप भी अब किसी से कम नहीं हैं यहां,
सारे जमाने को बात यह समझा दीजिए।
बुरा न मानें, अपना हमदर्द माने मुझको,
चमन के उदास फूल, फिर खिला दीजिए।
कल मुस्कुराना है तो……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

Muskurahat Shayari

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