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करवा चौथ पर शायरी | करवा चौथ पर कविता | Karwa Chauth Shayari, Poem Quotes, Status

करवाचौथ पर गीत : करवा चौथ का दिन होता सुहाना

“करवा चौथ की पूर्व संध्या पर समस्त नारी शक्ति को नमन करते हुए सभी विरांगनाओं को अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां।”

करवा चौथ का दिन होता सुहाना,
कल सजना तुम कहीं मत जाना।
मेरी अंखियों के सामने ही रहना,
चाहे कुछ भी कहता रहे जमाना।
करवा चौथ का………

सुहाग मेरा हमेशा रहे सलामत,
बालमा देना मुझे यही नजराना।
तुम हो तो कोई गम नहीं होता,
भरा रहता है मेरा प्रेम खजाना।
करवा चौथ का……….

सोलह श्रृंगार करूंगी कल मैं तो,
कैसी लगूंगी, ये सच बतलाना।
बार बार कल मैं तुमको देखूंगी,
छलक उठेगा कल हर पैमाना।
करवा चौथ का…………

खुशी खुशी नाचूंगी मैं गाऊंगी,
संग संग तुमको भी नचाऊंगी।
पिया पिया दिल धड़केगा मेरा,
समा के साथ झूमेगा परवाना।
करवा चौथ का………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

करवा चौथ पर शायरी | करवा चौथ पर कविता Karwa Chauth Poem in Hindi

गीत : करवा चौथ का चांद
सुन ओ कार्तिक कृष्ण पक्ष चौथ के चंदा,
तू गगन में जल्दी से आज निकल जाना!
मेरी सजनी का निर्जला व्रत है करवा का,
बादलों में छुपने का, करना न तू बहाना।
सुन ओ कार्तिक………
एक साल से तेरा, लंबा इंतजार किया है,
अपने से ज्यादा तुम्ही से प्यार किया है।
हर सुहागिन के साथ, तेरी भी परीक्षा है,
वक्त पर तू सुहागिनों का साथ निभाना।
सुन ओ कार्तिक…………...
अपने साथ लगा लेना, सितारों का मेला,
हृदय बोले तो, चमक सकते हो अकेला।
देर हुई तो, बहुत पछताना पड़ेगा तुमको,
ठीक समय पर नील गगन में छा जाना।
सुन ओ कार्तिक…………..
साजन की विनती को तुम ठुकराना नहीं,
देरी करके, मेरी सजनी को सताना नहीं।
अपनी सजनी को हाथों से जल पिलाकर,
देना है मुझे आज प्रेम का नव नजराना।
सुन ओ कार्तिक………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

कविता : करवाचौथ की शाम, चांद बहुत इंतजार कराता है
करवाचौथ की शाम

(कविता)
करवाचौथ की शाम, चांद बहुत इंतजार कराता है,
सुहागिनों को फिर कहीं, अपना दीदार कराता है।
कभी छुप जाता बादलों में, कभी झांकता वह बाहर,
फिर सजना से सजनी का, आंखें चार कराता है।
करवाचौथ की शाम…………
कभी भाग जाता पेड़ों की ओट में, यह चांद रूठकर जैसे,
फिर दिल के भावों को नयनों से इज़हार कराता है।
बड़ी कठिन परीक्षा लेता है, और जी भरके सताता है,
फिर आंख मिचौनी खेल, दरिया को पार कराता है।
करवाचौथ की शाम………….
जबतक सजनी दिया जलाती, वैरन हवा भी करती तंग,
कड़ी परीक्षा के बाद चांद, सपना साकार कराता है।
एक चांद गगन में ऊपर, दूजा चांद होता है साजन,
छननी के पीछे जलता दिया, वचन स्वीकार कराता है।
करवाचौथ की शाम………………..
हो जाए जब दीदार चांद का, छुपकर छननी के पीछे,
साजन जल पिलाकर सजनी को, त्योहार कराता है।
आज चांद होता साजन और चांदनी होती है सजनी,
चांद छुपे हुए हर राज का, नाज से इकरार कराता है।
करवाचौथ की शाम………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

करवा चौथ व्रत आया : करवा चौथ पर कविता

करवा चौथ
माँ बहनों का है आज,
करवा चौथ व्रत आया।
प्रियतम में ही आज तो,
श्रीकृष्ण भी है समाया।।
प्रियतमा में हैं समाहित,
आज खुशी से राधारानी।
प्रियतमा को आज प्रियतम,
हँसी खुशी से पिलाए पानी।।
राधेकृष्ण का सदा सबपर,
बरसे खुशी से खूब आशीर्वाद।
खुशी से सबका जीवन बीते,
प्रेम भाव से सब रहें आबाद।।
कभी न आवे जीवन में भी,
कोई भी कहीं भी संकट बाधा।
करते रहो खुशी से याद हमेशा,
जय श्रीकृष्ण संग में श्रीराधा।।
एक दूजे के होते हैं दोनों,
आजीवन हेतु जीवन साथी।
आयु हो आपकी लंबी इतनी,
जितना विशाल होता है हाथी।।
हाथी के रंग जैसा ही काला,
माथ पर लगा सुंदर सा टीका।
लग न जाए नजर किसी की,
नजर पड़ जाए उनकी फीका।।
दाम्पत्य जीवन हो सुखमय,
दुःखों का न हो कभी सामना।
यही प्रभु से विनती हमारी,
यही हमारी हार्दिक शुभकामना।।
जय जय जय प्रभु श्रीकृष्ण,
जय जय जय माता राधा रानी।
क्षमा करना अरुण दिव्यांश को,
हो जाय यदि कोई भी नादानी।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

करवा चौथ पर कविता : ऐ चाँद तू जल्दी आना

ऐ चाँद तू जल्दी आना
ह्रदय में मेरे प्रेम भरा है, ऐ चाँद तू जल्दी आना
सोलह शृंगार किया है, इस शाम को न भूलना

सज- धज का आज खड़ी मैं, तेरे दर्शन पाऊँगी
पहले तुझको देखूँगी मैं, अपना शीश झुकाऊँगी
सुहागन के तुम प्रतीक हो, सुंदर कितना तेरा रूप
मन को ठंडक तुमसे मिलती, छोड़ चले दिन की धूप

मनोयोग से व्रत लिया है, चंदा तुमको क्या समझाना
ह्रदय में मेरे प्रेम भरा है, ऐ चाँद तू जल्दी आना

सदियों से चमक रहे हो, इस पल के तुम बने गवाह
मेरी आशा दीप जले हैं, करते तुम सबकी परवाह
मेरे हाथों मेहँदी रची है, पहले तुम्हें दिखाऊँगी
मेरे मन में फूल खिले हैं, तुमको सब बताऊँगी

मन में मेरी उमंग भरी है, प्रियतम को आज मनाना
ह्रदय में मेरे प्रेम भरा है, ऐ चाँद तू जल्दी आना

रोली,अक्षत चन्दन लेकर, थाल आज सजाया है
छत पर छलनी ले खड़ी हूँ, निर्जल दिन बिताया है
लम्बा जीवन पति को देना, देना मुझको तुम वरदान
जोड़ी हमारी बनी रहे, सदा रहे अपनी पहचान

जनम जनम का साथ हमारा, तुम भी साथ निभाना
ह्रदय में मेरे प्रेम भरा है, ऐ चाँद तू जल्दी आना
श्याम मठपाल, उदयपुर

करवा चौथ पर शायरी फोटो- Karwa Chauth Poem Image

करवा चौथ पर शायरी : करवा चौथ है आया Karwa Chauth Shayari

करवा चौथ
करवा चौथ है आया
सुहागनों को भाया
पिया की लम्बी उम्र हो
यही ख्वाहिश रख पूजा थाल सजाया।।

सोलह श्रृंगार कर लाल जोड़े
संग हर रस्म को निभाया
दिन भर भूखी, प्यासी रह पिया
के लिए व्रत रख चांद को रिझाया।।

सुथी कथा, रात को जब चंद्र दर्शन
कर, चांद को अर्घ्य लगाया।।
छलनी से देख चांद को पिया दरस
कर मन प्रसन्न हो पाया।।

पिलाए पिया अपने हाथों से पानी
यही परंपरा मेरा व्रत खुलाया।।
पिया का प्रेम अपने प्रति आज
पिया आंखों में अधिक समाया।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र

करवा चौथ पर शुभकामनाएं

तुम हम साथ, खुशनुमा माहौल हैं।
चाँद छुप न जाये, यहाँ बरसात है।
बादल हटा कर चाँद का दीदार हो,
विधना चेत देखे, हम सदाबहार हैं।
डॉ. कवि कुमार निर्मल

Happy Karwa Chauth

आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक बधाई
रंग कहा से लाऊं जिसमें फीका ओर गहरा हो
प्यार क संग सहरा हो स्नेह से भरा सुनहरा हो
जीवन के हर क्षण को जी लूं जिसमें तेरा साथ हो
प्रीत के रंग में रँगलु इतना रंग मेरा गहरा हो
वर्षा

करवा चौथ के त्यौहार भोजपुरी गीत - ईहे मनुहार

कईके सोरहो सिंगार सजनी करे करवा चौथ के त्यौहार।
करे मनवा मनुहार रहे सदा सुहागन माने सजना हमार।

चान नियन रूपवा जेकर चान के निहारे चनवा लजाला।
नाक नाथिया मथवा प बिंदिया आंख कजरा बड़ा सुहला।
चलनी से झांके पियवा की ओरिया जिया सलवा हजार।

लाली चुनरिया ओढ़ के गोरिया निरखे पियवा के ओरिया।
सजाई पूजवा के थरिया झांके पीयवा अईहे दुअरिया।
भुखल पियासल बरत खूब कईली कटे दुखवा अपार।

सजना बिना सुनी सेजरिया मोर मंगीया ना सुनी होवे।
कईली बरत हम सजना के खातिर कबो बीयोग ना होवे।
हीया बीच रखिहा खाली हमरे के देखिहा इहे मनुहार।
श्याम कुंवर भारती (राजभर)
बोकारो झारखण्ड

करवाचौथ गीत

करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं आप सबों को।
मिथिला पेंटिंग
करवाचौथ गीत
पिया यौ अहाॅ॑ लेयअ करै छी चाॅ॑द देखै वाला करवाचौथ त्योहार यौ,
भैर दिन राएख केअ उपवास यौ ना।

एक दिन पहिले गेलौं बाजार
किनलौं साड़ी,चूड़ी लाल,
पिया यौ अहाॅ॑के देखै लेयअ
किनलौ चलनी चमकदार यौ,
भैरदिन राएखकेअ-------२।

नेहेलौं पिन्हलौं करलौं श्रृॅ॑गार
मेंहदी लगेलौं केलौं हाथ लाल,
अहाॅ॑के लंबी उमर लय करै छी त्योहार यौ
पियाअके पानी तोराबू व्रत हमार यौ ना,
पिया यौ--------२।

करै छी अहाॅ॑के हम प्रणाम्
दियअ अखंड सौभाग्यवती के वरदान,
पिया यौ जब तक जीबी
लाल सिंदूर से भरल रहे कपार यौ
दियअ यहाय आशीर्वाद यौ ना,
पिया यौ -------------२।

ईश्वर सेयअ अहाॅ॑ लेयअ स्वस्थ,दीर्घायु के माॅ॑गै छी वरदान
छूटयअ अहाॅ॑केअ सामना हमर प्राण,
पिया यौ अही लेयअ करैछी करवाचौथ त्योहार यौ
सदा करैत रहब हमरा सेअ प्यार यौ ना,
पिया यौ ---------------२।
नीतू रानी "निवेदिता "
पूर्णियाॅ॑ बिहार।

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