प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी जी की पूण्यतिथि पर उनको शत्-शत् नमन
"एक परिचय"
रविंद्र नाथ टैगोर ने इंदिरा गांधी को प्रियदर्शिनी नाम दिया था।
प्रियदर्शिनी इंदिरा का जन्म 19 नवंबर सन 1917 में हुआ। इनके पिता भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और माता कमला नेहरू थीं। इंदिरा गांधी ने बचपन से ही राजनीति को करीब से देखा था। 1917 में जब इनका जन्म हुआ, उनके पिता जवाहरलाल नेहरु स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय थे। इंदिरा स्वतंत्रता आंदोलन में अपने पिता की सक्रियता से लेकर आजाद भारत में उनकी राजनीति को करीब से देखते हुए बड़ी हुईं। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके माता-पिता अक्सर जेल में होते थे। उनके घर पर पुलिस की रेड पड़ती रहती थी। घर में पुलिस का आना-जाना लगा रहता था। बचपन में इन सारी बातों के अनुभव ने ही शायद इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व को इतना ताकतवर बनाया।
इंदिरा गांधी ने मात्र 12 वर्ष की आयु में स्वतंत्रता आंदोलन में वानर सेना का नेतृत्व किया
इंदिरा गांधी जब 12 वर्ष की हुई, तो उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में वानर सेना का नेतृत्व किया। वानर सेना का विचार उन्हें रामायण से आया। इंदिरा गांधी की वानर सेना में करीब 60 हजार बच्चे और किशोर आंदोलनकारी थे। इनका काम लिफाफा और झंडे पोस्टर बनाना और आंदोलनकारियों तक संदेश पहुंचाना था। यह काम भी कम खतरनाक नहीं था ।
1930 दशक के अंतिम चरण में इंदिरा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय इंग्लैंड के सोमरविल्ले कॉलेज में अपनी पढ़ाई के दौरान लंदन में आधारित स्वतंत्रता के प्रति कट्टर समर्थक भारतीय लीग की सदस्य बनीं।
यूरोप और ब्रिटेन में रहते समय उनकी मुलाक़ात एक पारसी कांग्रेस कार्यकर्ता, फिरोज़ गाँधी से हुई
यूरोप और ब्रिटेन में रहते समय उनकी मुलाक़ात एक पारसी कांग्रेस कार्यकर्ता, फिरोज़ गाँधी से हुई और अंततः 16 मार्च 1942 को आनंद भवन इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्मं ब्रह्म-वैदिक समारोह में उनसे विवाह किया। ठीक भारत छोडो आन्दोलन की शुरुआत से पहले जब महात्मा गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा चरम एवं पुरजोर राष्ट्रीय विद्रोह शुरू की गई। सितम्बर 1942 में वे ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार की गयीं और बिना कोई आरोप के हिरासत में डाल दिये गये थे। अंततः 243 दिनों से अधिक जेल में बिताने के बाद उन्हें 13 मई 1943 को रिहा किया गया।
1944 में उन्होंने फिरोज गांधी के साथ राजीव गांधी और इसके दो साल के बाद संजय गाँधी को जन्म दिया।
सन् 1947 के भारत विभाजन अराजकता के दौरान उन्होंने शरणार्थी शिविरों को संगठित करने तथा पाकिस्तान से आये लाखों शरणार्थियों के लिए चिकित्सा सम्बन्धी देखभाल प्रदान करने में मदद की। उनके लिए प्रमुख सार्वजनिक सेवा का यह पहला मौका था।
इंदिरा गांधी वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।
इंदिरा गांधी सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल है और सभी को उन पर गर्व है।
प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी जी की पूण्यतिथि पर उनको शत्-शत् नमन
-द्रौपदी साहू
छुरी कला, कोरबा, छत्तीसगढ़
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