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Insurance Policy हेल्थ इन्शुरन्स प्लान क्या है Health Insurance Policy

हेल्थ इन्शुरन्स क्या है? हेल्थ इन्शुरन्स के फायदे Benefits of Health Insurance

हेल्थ इन्शुरन्स प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाए तो फिर वैसी हालत में बहुत काम आ सकता है हेल्थ इन्शुरन्स Health Insurance आइए जानते हैं स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित प्रमुख विशेषताएं और प्रस्तावित योजनाएं।
हमारे परिवार के व्यक्तियों के लिए हेल्थ इन्शुरन्स Health Insurance एक सही और सटीक निवेश है। यह हमारे देश भारत में अभी भी बहुत कम लोगों के पास है और अगर है भी तो वे अंडर कवर हैं अर्थात उनके पास पर्याप्त कवरेज मौजूद नहीं हैं। कोई भी बीमारी कभी किसी को निमंत्रण पत्र भेज कर नहीं आती है। वर्तमान समय में प्रदूषण में लगातार वृद्धि होने और स्वच्छ खाद्य पदार्थों के अभाव के कारण तथा भोजन करने के ग़लत तरीक़े, तनावपूर्ण जीवन शैली, और श्रम की अधिकता, कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहें हैं।
इन गंभीर बीमारियों का इलाज बहुत महंगा होता है। अगर ऐसी कठिन परिस्थितियों में
हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ जाए तो मेडिकल खर्च (Medical Costs) आपकी बचत /
सेविंग्स (Saving) से अधिक आ सकता है। अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी Health Insurance Policy है तो इस प्रकार की चिंताजनक स्थिति में भी आप चिंतामुक्त होकर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। हम और आप सही मेडिकल इन्शुरन्स को अपनाकर अपने और
अपने परिवार के सदस्यों को भविष्य में आनेवाली बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं।

क्या है हेल्थ इन्शुरन्स?

हेल्थ इन्शुरन्स Health Insurance एक विशेष प्रकार का अनुबंध (समझौता) होता है जिसमे बीमा कंपनी (Insurance Company) बीमार होने पर हमारे चिकित्सा खर्चों का भुगतान हॉस्पिटल को करते हैं। इसके द्वारा अस्पताल में भर्ती होने से लेकर उपचार, सर्जरी, अंग प्रत्यारोपण इत्यादि से संबंधित सभी प्रकार के खर्चों का भुगतान भी किया जाता है। इसके लिए इन सुविधाओं को प्राप्त करने हेतु आपको समय समय पर प्रीमियम की राशि ( Premium Amount) देनी होती है।

Health Insurance Policy हेल्थ इंश्योरेंस कौन करा सकता है?

हेल्थ पॉलिसी आप स्वयं का या फिर अपने पति या पत्नी, आश्रितों माता-पिता, बच्चों सहित पूरे परिवार
के दूसरे सदस्यों के लिए भी करा सकते हैं।

हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी क्यों लेनी चाहिए?

पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड-19 की महामारी और चिकित्सा खर्चों में हुई अत्यधिक बढ़ोतरी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कठिनाई पैदा कर सकती हैं। इसलिए हमें अपने और अपने परिवार के सदस्यों की बीमारियों से बचने के लिए एक स्वास्थ्य बीमा कवर अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए। ऐसे समय में हेल्थ इंश्योरेंस ही एकमात्र विकल्प है जो आपको सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस Health Insurance Policy की आवश्यकता और महत्व इसलिए है कि:
• यह पीड़ित व्यक्ति के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर चिकित्सा खर्च की लागत पूरी तरह खत्म कर सकती है।
• कोविड- 19 महामारी के दौरान और दूसरे गंभीर बीमारियों के लिए वरदान।
• आपकी जेब से एक पैसा भी खर्च किए बिना तत्काल कैशलेस महंगें अस्पतालों में भर्ती की सुविधा।
• भारत के आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 80D के द्वारा कर लाभ भी प्राप्त किया जा सकता हैं।
•ऐनुअल चेक-अप से समय समय पर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकता है।
• अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए भी कवरेज प्राप्त किया जा सकता है।

कैसे चुने सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान?

दिनों दिन महंगी होती चिकित्सा सेवाओं एवं गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव हेतु कैसे चुने बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान?
बीमारियों के लगातार बढ़ते नये नये मामलों को देखते हुए हेल्थ इन्शुरन्स लेना आवश्यक होता जा रहा है। ये हमारे मेडिकल एमरजेंसी के समय हर तरह की चिंताजनक स्थिति से और आर्थिक परेशानियों से बचा सकता है। इसके द्वारा आपात स्थिति में इलाज कराने के लिए हमें आर्थिक अभाव की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है। इसी कारण हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स में निवेश करना एक समझदारी भरा कदम है।
सबसे अच्छा हेल्थ इन्शुरन्स का चयन करने हेतु इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

प्रीमियम राशि Premium Amount

प्रीमियम राशि वह होती है जिसे आपको बीमा करते समय दिये गए समय अंतराल के बाद भुगतान करना पड़ता है। यह आपकी आयु, परिवार के सदस्यों, जीवन स्तर, आश्रितों, आय और अपकी मेडिकल हिस्टरी के आधार पर ही सही प्रीमियम राशि का निर्धारण करता है। जिससे कि आप ऐसी पॉलिसी का चुनाव कर सकें जो आपके ऊपर अधिक वित्तीय भार ना डाले और आपके एमर्जेन्सी मेडिकल खर्चों को कवर कर सके।

अधिकतम कवरेज Maximum Coverage

हेल्थ इंश्योरेंस का चयन करते समय विशेष ध्यान देने वाली बात है कि सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में किडनी फेल्योर, दिल का दौरा, स्ट्रोक, कैंसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, जैसी गंभीर बीमारियों को कवर नहीं किया जा सकता है। ये क्रिटिकल इलनेस कवर के अंतर्गत आती हैं और इस कवर के अंतर्गत आने वाली सभी गंभीर बीमारियों के मेडिकल खर्चों की भरपाई की जाती है। इसलिए आपको बीमा योजना प्रारंभ करने से पहले पलांस को देखना चाहिए जो आपको अधिकतम कवरेज दे सके उसी का चुनाव बेहतर होगा।

मिनिमम इक्स्क्लूशन या न्यूनतम बहिष्करण Minimum Exclusion

हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में इक्स्क्लूशन उन परिस्थितियों से संबंधित है जिनमें: मेडिकल प्रोसीजर्स, ट्रीट्मेंट्स, बीमारियाँ इत्यादि हैं जिनके तहत क्लेम प्राप्त नही किया जा सकता है। आज: यह जानना आवश्यक है कि स्थायी रूप से पॉलिसी कवरेज से कौन कौन सी चीजें बाहर रखी गई हैं और निश्चित अवधि (वेटिंग पीरियड) की प्रतीक्षा के पश्चात कौन से इलाज पॉलिसी में कवर किए जाते हैं। उसी योजना का शुभारंभ करना चाहिए जिसमें अधिकतम कवरेज और न्यूनतम इक्स्क्लूशन हों।

प्रतीक्षा अवधि Waiting Period

हेल्थ इंश्योरेंस शुरू करने से पहले से मौजूद बीमारी प्री-एग्ज़िस्टिंग डिसीज़ (pre-existing diseases) में प्रतीक्षा अवधि 48 महीनों का होता है इसलिए ऐसी पॉलिसी सेलेक्ट करें जिसमें वेटिंग पीरियड कम करने का विकल्प भी शामिल हो। जैसे कि किसी किसी हेल्थ इन्शुरन्स में रिडक्षन इन वेट पीरियड ऐड ऑन कवर उपलब्ध है जिसमें 48 महिनों की प्रतीक्षा अवधि को 24 महिनों तक कम किया जा सकता है।

कैशलेस अस्पताल में भर्ती Cashless Hospitalization

कैशलेस अस्पताल में भर्ती यह हेल्थ इंश्योरेंस शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा है। स्वास्थ्य बीमा के लाभों में यह बेहद महत्वपूर्ण है। इस महामारी के समय में उपचार के लिए पैसे की व्यवस्था करनी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। इसलिए भी यह आवश्यक है कि ऐसी योजनाओं का चयन किया जाए जो कैशलेस अस्पताल में भर्ती की सुविधा भी उप्लबध करा सके।

ऐड ऑन की सुविधा Add On Facility

मूल कवरेज Original Converge के साथ यह भी देखना चाहिए कि क्या आवश्यकता पड़ने पर पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने का विकल्प भी मिल सकता है। स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के अंतर्गत कई प्रकार के ऐड ऑन की सुविधा Add On Facility भी दी जाएगी जैसे कि इंटरनॅशनल सेकेंड ओपीनियन (International Second Opinion) ओपीडी कवर, केयर शील्ड, नो क्लेम बोनस सुपर (No Claim Bonus Super) वगैरह की सुविधाएं। ये पॉलिसी कवरेज को बढ़ाकर पर्याप्त इलाज दिलाने में मददगार हैं।

अतिरिक्त लाभ Additional Benefits

बहुत सी हेल्थ इन्शुरन्स अतिरिक्त कवर की सुरक्षा भी प्रदान करने वाली होती हैं। ऐन्यूअल नो क्लेम बोनस (Annual No Claim Bonus) ऐन्यूअल हेल्थ चेकअपक (Annual Health Checkup) कैशलेस हॉस्पीटलाइज़ेशन (cashless hospitalization) एम्बुलेंस कवर रिडक्षन इन वेट पीरियड (Ambulance cover reduction in wait period) कोविड शील्ड (covid shield) इत्यादि कवर के द्वारा आपको पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध करा सकती है।
हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी के अंतर्गत क्या-क्या शामिल है? हेल्थ इन्शुरन्स के मुख्य लाभ हैं:
इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइज़ेशन कवर (inpatient hospitalization cover) अगर दुर्घटनाओं या किसी अन्य बीमारी के कारण हॉस्पिटलाइज़ेशन 24 घंटे से अधिक का हो तो हॉस्पिटलाइज़ेशन कि पूरे खर्च को हेल्थ पॉलिसी कवर करती है।
प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइज़ेशन (Pre and Post Hospitalization) डॉक्टर से परामर्श लेना या निर्धारित डायग्नोस्टिक्स, या अस्पताल में भर्ती होने के 30 दिन के पहले और अस्पताल में भर्ती होने के 60 दिनों के उपरांत तक के ख़र्चों को कवर करती है।
कोविड-19 कवर (covid-19 cover) अगर कोविड की समस्याओं से आप चिंतित हैं तो अब आपको और चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हेल्थ पॉलिसी कोरोनावाइरस के कारण होने वाले हॉस्पिटलाइज़ेशन के खर्चों का भी भुगतान करती है।
एम्बुलेंस कवर (ambulance cover) हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एम्बुलेंस का खर्च भी दिया जाता है। इसके अंतर्गत किसी भी पॉलिसीधारक को सड़क एम्बुलेंस का लाभ प्राप्त होता है।
आईसीयू शुल्क (ICU Fee) हेल्थ इंश्योरेंस में अस्पताल में भर्ती के समय में आपके आईसीयू शुल्क को बिना किसी सीमा के योजना के अनुसार कवर किया जाता है।
डॉमिसीलियरी हॉस्पीटलाइज़ेशन (Domiciliary Hospitalization) कुछ आवश्यक शर्तों को पूरा करने पर डॉमिसीलियरी हॉस्पीटलाइज़ेशन अर्थात घर पर उपचार की सुविधा भी दी जाती है।
आयुष लाभ Ayush Benefits आयुष (आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और
होम्योपैथी) आपको स्थायी उपचार में सहायता करता है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इसके लिए अस्पताल में भर्ती के दौरान आवश्यक खर्च को कवर करती है।
नो क्लेम बोनस (no claim bonus) हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत हर क्लेम-मुक्त वर्ष में नो क्लेम बोनस भी प्राप्त किया जा सकता है। इससे बीमा राशि लगातार 5 वर्षों में अधिकतम 50% तक बढ़ाई जा सकती है।

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