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हनुमान जी के भजन और आरती हिंदी में Hanuman Ji Ke Bhajan Aur Aarti Lyrics In Hindi

भक्ति गीत : हनुमान जी देखो अयोध्या धाम

“जय श्री राम”
हे वीर बजरंगबली हनुमान, छोड़ो सारे काम,
पधारो, पधारो, जल्दी पधारो अयोध्या धाम।
रामराज आ गया भारत में, आनंद है छाया,
विश्व में घर घर में गूंज रहा है राम नाम।
हे वीर बजरंगबली हनुमान……..

22 जनवरी 2024 की, बात हो गई निराली,
लोगों ने जैसे जीवन की, हर खुशी पा ली।
सारी अयोध्या नगरी राममय हो गई आज,
धर्म और पुण्य कर रहे हैं शान से विश्राम।
हे वीर बजरंगबली हनुमान………..

भक्तों के हाथों में है राम नाम की माला,
सारे जग में अयोध्या से जा रहा उजाला।
कण कण में दिख रही श्रीराम की महिमा,
दूर दूर से भक्त कर रहे, राम को प्रणाम।
हे वीर बजरंगबली हनुमान………..

कलियुग में रामराज होता नहीं है आसान,
तुम यह बात जानते हो महावीर हनुमान।
अयोध्या से ही सारी दुनिया को देखो तुम,
सरयू में स्नान करो, और तट पर आराम।
हे वीर बजरंगबली हनुमान………..

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : राम जहां हनुमान वहां


जय जय श्रीराम, जय बजरंगबली हनुमान,
सृष्टि के कण कण में हैं आप विराजमान।
जहां जहां पधारते हैं प्रभु श्री रामजी,
पीछे पीछे चल देते वहां हनुमान जी।
स्वामी और सेवक का प्रेम है निराला,
एक दूसरे से है दोनों की पहचान जी।
जहां जहां पधारते……….

जिस पर राजा राम कृपा बरसाते हैं,
पवनसुत उसके आगे काम बढ़ाते हैं।
जो किसी को बोलता राम राम जी,
उसके साथ खड़े हो जाते हनुमानजी।
जहां जहां पधारते………..

हनुमान हृदय में राम का स्थान है,
पवनसुत सेवक, श्रीराम भगवान है।
एक की जान में दूजे की जान जी,
स्वामी और सेवक प्रेम समान जी।
जहां जहां पधारते……….

जग में राम जहां हैं हनुमान वहां,
न जाने भक्त ढूंढते हैं कहां कहां।
प्रेम देख झुक जाए आसमान जी,
दोनों साथ जब भक्त परेशान जी।
जहां जहां पधारते…………

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : बसंत पंचमी में हनुमान जी

“या देवी सर्वभूतेषु पद्मासना देवी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।”

जय जय श्रीराम जय बजरंगबली हनुमान,

बसंत पंचमी आ रही, स्वागत है भगवान।
बसंत पंचमी का निमंत्रण भेज रहा हूं मैं,
आना भूलना नहीं तुम, प्रिय हनुमान जी।
खुद भी आना और रामजी को भी लाना,
मां शारदा पूजा में होना विराजमान जी।
बसंत पंचमी का निमंत्रण………

तेरे आने पर, घर आंगन महक उठेगा,
ठिठुरता बदन गर्म होकर चमक उठेगा।
प्रयास करना सीता माता को लाने का,
झुका देना धरा पर ऊंचा आसमान जी।
बसंत पंचमी का निमंत्रण………

तेरे लिए त्रिलोक में सब कुछ है संभव,
तेरे पास है बल और विवेक का वैभव।
निराश नहीं करना बजरंगी, भक्तों को,
सबसे अलग जग में, तेरी पहचान जी।
बसंत पंचमी का निमंत्रण……….

चख कर देखना मां सरस्वती का प्रसाद,
बसंत पंचमी को तुम, रखोगे सदा याद।
इसी दिन बसंत ऋतु का आगमन भी है,
हरे भरे रहते हैं खेत और खलिहान जी।
बसंत पंचमी का निमंत्रण………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : जो पढ़े हनुमान चालीसा

“जय जय श्रीराम जय बजरंगबली हनुमान,
आप संकट हरते, जब भक्त होते परेशान।”

जग में जो इंसान पढ़े हनुमान चालीसा,
भूत और प्रेत से उसका छूट जाए पीछा।
कोई दुष्ट उसके आस पास नहीं फटके,
संग विराजमान रहे वीर हनुमान हमेशा।
जग में जो इंसान पढ़े…………

उसके जीवन से, सारे संकट टल जाए,
जीवन सरोवर में हर कमल खिल जाए।
पड़े न उस पर किसी पिसाच का साया,
हर अनहोनी को बना दे हनुमान तमाशा।
जग में जो इंसान पढ़े………….

रक्षा करे उसकी हर पल हनुमान गोसाई,
राम नाम उसके सारे जीवन में सुखदाई।
आशा और विश्वास लहराते रहे दिल में,
सताए नहीं उसको निराशा और हताशा।
जग में जो इंसान पढ़े………..

नित दिन उसको कोई नई सफलता चूमे,
आगे पीछे उसके सदा सारा जमाना घूमे।
सकारात्मक सोच उसकी बढ़ती जाए नित,
सबके साथ बोले वह इंसान प्रेम की भाषा।
जग में जो इंसान पढ़े………..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

हनुमान जी की आरती - हनुमान भजन : पधारो मेरे घर बजरंगबली!

भजन : पधारो मेरे घर बजरंगबली
पधारो, पधारे मेरे घर, हे बजरंगबली,
बुला लो, बुला लो दर, हे बजरंगबली!
सूना सूना घर आंगन लगता तेरे बिन,
सूनी सूनी लगती पवनसुत, गली गली।
पधारो, पधारो…
तुम जहां, प्रभु श्री राम वहां पर रहते,
तुम बिन राम अधूरे, लोग सारे कहते।
तेरे भय से पाप अधर्म सब भाग जाते,
असुरी शक्ति में, मच जाती खलबली।
पधारो, पधारो…
तेरे लिए क्या मंगलवार, क्या रविवार?
श्री राम के आगे, नतमस्तक संसार है।
तेरी गदा के आगे, हर शक्ति लाचार है,
तेरे आगे, कांटे हो जाते कली मखमली।
पधारो, पधारो…
जो लेता तेरा नाम, दूर हो जाता है डर,
तेरे नाम का है, दुनिया में बड़ा असर।
जहां पर विराजमान तुम होते बजरंगी,
तेरे सेवकों को, हर चीज लगती भली।
पधारो, पधारो…
जग से कोरोना महामारी को भगा दो,
फिर से खुशी लौटा दो हे बजरंगबली!
हे पवनसुत, आज पवन हुई जहरीली,
हवा में प्राण वायु दे दो, हे बजरंगबली!
पधारो, पधारो…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)
जयनगर, मधुबनी, बिहार


भक्ति गीत : रिक्शा पर वीर हनुमान

“जय जय श्रीराम जय बजरंगबली हनुमान,
जग भ्रमण को निकल पड़े सर्वशक्तिमान।”

रामजी की दुनिया लगती है इतनी प्यारी,
हनुमान जी ने कर ली रिक्शे की सवारी।
धन्य धन्य हो गया रिक्शा चालक आज,
पवनसुत की ओर देख रही दुनिया सारी।
रामजी की दुनिया लगती………..

सड़क पर निकले रिक्शा सवार हनुमान,
देवलोक से प्रसन्न हो रहे राम भगवान।
किसको क्या बोलना है, जानते बजरंगी,
उनको नहीं करनी पड़ती है कोई तैयारी।
रामजी की दुनिया लगती………

इस दृश्य को देखकर, लोग होंगे हैरान,
ऊपर से मंद मंद मुस्काएगा आसमान।
भूत प्रेत आदि के लिए बचना मुश्किल,
उनके बीच मच सकती, खूब मारामारी।
रामजी की दुनिया लगती………

चाहे कोई रेल चलाए, या उड़ाए विमान,
हनुमानजी के लिए सारे हैं एक समान।
सम्मान दिया हनुमंत ने रिक्शावाले को,
रिक्शा वाला रहेगा जन्म जन्म आभारी।
रामजी की दुनिया लगती……..

हो गया जैसे गरीब के रिक्शे का उद्धार,
बजरंगी घूमेंगे गांव, शहर, हाट व बाजार।
रुकेंगे, जहां लगे राम नाम का जयकारा,
देख इसे हर्षित हो रहे हैं, सारे नर नारी।
रामजी की दुनिया लगती……..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

हनुमान भजन :राम दुलारे हनुमान भक्ति गीत : राम दुलारे हनुमान

(मंगलवार विशेष रचना)
हे राम दुलारे बजरंगबली हनुमान,
सबसे अलग लगती तेरी पहचान।
कान में कुंडल, कांधे जनेऊ शोभे,
हाथ गदा, हृदय राम विराजमान।
हे राम दुलारे………
ज्ञान विज्ञान में तुम सबसे आगे हो,
सृष्टि में कोई नहीं तुम सा बलवान।
संजीवनी बूटी हेतु पर्वत उठाकर लाए,
संकट से बचाई थी, लखन की जान।
हे राम दुलारे…………..
तुम किसी भी रास्ते आ जा सकते हो,
तेरी उड़ान देखकर घबराता आसमान।
तेरी आहट से ही भूत प्रेत डरा करते,
भक्तों का कर नहीं सकता नुकसान।
हे राम दुलारे………….
राम राज्य को फिर से लाओ इस दुनिया में,
तेजी से इंसान को भूलते जा रहे हैं इंसान।
राम भक्तों की लाज बचाओ, पवन कुमार,
तेरी भक्ति और शक्ति पर, हमें अभिमान।
हे राम दुलारे………….
ठंडी से आज ठिठुर रही राम की दुनिया,
रामभक्त लगते आज, बहुत ही परेशान।
मंगलवार का दिन है और मौसम बेईमान,
अपनी गदा से तोड़ो, ठंडी का अभिमान।
हे राम दुलारे……………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

हनुमान भजन लिरिक्स इन हिंदी Hanuman Ji Ke Bhajan भजन : पधारो बजरंगबली हनुमान

भजन : पधारो बजरंगबली हनुमान
पधारो, पधारो मेरे बजरंगबली हनुमान,
कोरोना महामारी ने मचाया घमासान।
सारी दुनिया रो रही है, खून के आंसू,
घरों में घुटता, हर इंसान है परेशान।
पधारो, पधारो………
अपनी बल बुद्धि से, उबारो जग को,
अपनी राम भक्ति से, बचाओ सबको।
त्रिभुवन में तुम सा, कोई ज्ञानी नहीं,
तेरे जैसा बजरंगी, नहीं हुआ बलवान।
पधारो, पधारो………
तेरी गदा देखकर प्रभु, हर रोग कांपे,
कोई शक्ति नहीं है, जो तुमको भांपे।
भगवान दिनकर से बड़ा कोरोना नहीं,
इस महामारी का, मिटा दो निशान।
पधारो, पधारो………
महामारी के चपेट में, आते सत्संगी,
एक बार गदा घुमाओ, वीर बजरंगी।
रामदूत अतुलित बल धामा कहां हो?
मानवता खोती जा रही है पहचान।
पधारो, पधारो…………….
महामारी के चपेट में, आते सत्संगी,
एक बार गदा घुमाओ, वीर बजरंगी।
रामदूत अतुलित बल धामा कहां हो?
नरक बन रहा, जीवन स्वर्ग समान।
पधारो, पधारो………..
एक नया रोग ओमीक्रोन आ गया है,
इसका संकट सबके ऊपर छा गया है।
क्या करे भक्त समझ नहीं पा रहे हैं,
इस समस्या का आप करो समाधान।
पधारो, पधारो….…….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान स्तुति : जय सियाराम, बजरंगबली हनुमान जी

हनुमान स्तुति
(भक्ति गीत)
जय सियाराम, बजरंगबली हनुमान जी,
राम राम, जय जय राम, हनुमान जी।
जहां प्रभु राम, वहीं आप विराजमान जी,
संकट में जग, बचाईए सबकी जान जी!
जय सियाराम……..
तुम बहुत याद आते, जब आता मंगलवार,
कोरोना ने बंद करा दिए मंदिर के द्वार।
त्रिलोक में तुम से बड़ा कौन बलवान जी?
संकट से मुक्ति मांगते, जग परेशान जी!
जय सियाराम………..
बजरंगी तेरे बिन भगवान श्रीराम हैं अधूरे,
प्रभु राम ही करते हैं, दुनिया के सपने पूरे।
मचा चारों तरफ, कोरोना से घमासान जी,
कुछ तो करो मेरे बजरंगबली हनुमान जी!
जय सियाराम……..
मारुति, संकटमोचन है देवा नाम तिहारो,
पवनसुत, करते तुम ही सदा रक्षा हमारो।
हैं तीनों लोक में तेरी है, बड़ी पहचान जी,
प्रभु केसरी नंदन, लौटा दो मुस्कान की!
जय सियाराम………
महावीर जी जहां जहां तुम हो आते जाते,
वहां से कष्ट अधर्म, जल्दी ही मिट जाते।
जग में जिंदा, हर जगह तोहरे निशान जी,
तुम करते, हर समस्या का समाधान जी!
जय सियाराम……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : संभालो हे बजरंगबली— हनुमान जी के भजन कीर्तन | हनुमान जी के भजन

भक्ति गीत : संभालो हे बजरंगबली
“कल रात श्रीकृष्ण ने फैलाया प्रकाश,
आज हनुमानजी दिखलाएंगे आकाश।“

अनहोनी घूम रही है गली गली,
संभालो इसको तुम बजरंगबली!
जहां जहां यह जाती है भटकती,
मचा देती है वहां यह खलबली।
संभालो इसको तुम……
करो इस पर, अपना गदा प्रहार,
एक ही प्रहार में, कर दो बेकार।
अंदर अंदर यह खाती इंसान को,
लगती बाहर से, यह भली भली।
संभालो इसको तुम……
तेरी गदा से ही उसे लगता डर,
तुम ही ले सकते इसकी खबर।
तेरी नजर से बचना मुश्किल है,
आज डरी लगती है कली कली।
संभालो इसको तुम……
हर रामभक्त को है, तेरी आशा,
हर अनहोनी का पलट दो पाशा।
एकबार तुम अपनी गदा घुमाओ,
बजरंगी तोड़ डालो शत्रु की नली!
संभालो इसको तुम………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान जी, बड़ी प्यारी है गदा तुम्हारी, हनुमान जी के भजन Hanuman Ji Ke Bhajan Lyrics

भजन : बड़ी प्यारी गदा तुम्हारी
हनुमान जी, बड़ी प्यारी है गदा तुम्हारी,
हर असुरी शक्ति पर, पड़ती यह भारी।
एकबार कलियुग में भी, दिखा दो दम,
सियाराम जी की आरती, हमने उतारी।
हनुमान जी, बड़ी प्यारी…
पवन सुत हमेशा तुम तैयार रहते हो,
राम भक्तों से, बहुत प्यार करते हो।
पल में, तुम संकट मोचन पहुंच जाते,
जैसे ही तुमको, मिलती है जानकारी।
हनुमान जी, बड़ी प्यारी…
भारत की भूमि पर जो पाप करता है,
राम सेवक कब उसको माफ करता है?
तेरी नजर में, यह सारा जग होता है,
लम्बी पूंछ तेरी, लगती है चमत्कारी।
हनुमान जी, बड़ी प्यारी…
तेरे विराट रूप से, सारे दानव डर जाते,
गदा को देखते ही, शत्रु आधे मर जाते।
हम सबके, बजरंगी तुम संकटमोचन हो,
सारे संसार पर है, केवल तेरी बलिहारी।
हनुमान जी, बड़ी प्यारी…
दिला दो दुनिया को, कोरोना से मुक्ति,
हम सब रहेंगे तेरे, जन्म जन्म आभारी।
खोजो, कैसे यह महामारी फैली जग में,
कौन है वो दुष्ट, छुपा कहां अत्याचारी?
हनुमान जी, बड़ी प्यारी…
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान गदाधारी हैं बाल ब्रह्मचारी, हनुमान जी की आरती भजन

भक्ति गीत : हनुमान गदाधारी
हनुमान गदाधारी हैं बाल ब्रह्मचारी,
संकट मोचन नाम, काम रखवारी।
पहुंच जाते हैं, हर जगह सूर्य पुत्र,
पवन सुत करते, पवन की सवारी।
हनुमान गदाधारी……
सबसे बलवान हैं अंजनी के लाल,
थर्र थर्र कांपते भूत, प्रेत, बैताल।
पास रहते हैं बजरंगबली सभी के,
प्रार्थना उनकी करते हैं नर नारी।
हनुमान गदाधारी……
कान में कुंडल हृदय बीच श्रीराम,
बनाते जग में सबके बिगड़े काम।
विद्या और बुद्धि में सबसे आगे,
मानती है उनको यह दुनिया सारी।
हनुमान गदाधारी……
राम दास जहां संकट में पड़ जाते,
सुमिरन करते, मारुति पहुंच जाते।
मंगलवार को विशेष कृपा बरसाते,
पाप अधर्म पर, बजरंगबली भारी।
हनुमान गदाधारी……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

संकट मोचन पवन कुमार : हनुमान भजन आरती हिंदी में
भजन : संकट मोचन पवन कुमार

अपनी भी विनती, सुन लो पवन कुमार,
संकट मोचन नाम तुम्हारा, कृपा हजार।
भक्त जहां बुलाते, भागे चले जाते तुम,
विनती सबकी हमेशा, कर लेते स्वीकार।
अपनी भी विनती……

देखकर तुम्हारा रूप विराट और विशाल,
असुरी शक्तियों का, होता है बुरा हाल।
सबके कष्ट संकट हरण है काम तुम्हारे,
दुःख सागर से अपना, करा दो बेड़ा पार।
अपनी भी विनती……

दुनिया में सबेसे अलग है पहचान तेरी,
भगा दो दूर, हमारे जीवन से अंधकार।
नित नित तुम्हारी, मैं करता अराधना,
चाहे मंगलवार हो, या और कोई वार।
अपनी भी विनती……

आज कोरोना से, परेशान हैं भक्त तेरे,
और लड़ाई लड़ रहा है, सारा ही संसार।
जल्दी से छुटकारा दिला दो, हे बजरंगी,
कर दो, जग के राम भक्तों का उद्धार!
अपनी भी विनती……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार


भजन : आप याद आते हनुमान जी Hanuman Bhajan Lyrics Hindi

(मंगलवार विशेष)
जब जब संकट आता है लोगों पर,
आप ही याद आते हैं हनुमान जी!
संकट मोचन है प्रभु नाम आपका,
लोगों की जान बचाते हनुमान जी!
जब जब संकट……
पवनसुत, आप पवन से तेज चलते,
सबका ध्यान रखते हैं हनुमान जी!
जहां राम नाम कोई जपता जग में,
आप तुरंत जान लेते हैं हनुमान जी!
जब जब संकट……
भूत, पिसाच निकट नहीं आते कभी,
ये डरते हैं सिर्फ आपसे हनुमान जी!
रामभक्त आपका बहुत आदर करते,
गदा आपकी पहचान है हनुमान जी!
जब जब संकट……
युग बदला, लेकिन आप नहीं बदले हैं,
आप युग युग की शान हैं हनुमान जी!
कभी दिखते भक्तों को धरती पर आप,
कभी उड़ते, आसमान में हनुमान जी!
जब जब संकट……
कोरोना महामारी को भगाएं दुनिया से,
भक्त आपके परेशान हुए, हनुमान जी!
अपनी गदा चलाएं, विषाणु को मिटाएं,
लोगों में लौटाएं खुशी, हे हनुमान जी!
जब जब संकट……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान आरती लिरिक्स इन हिंदी | हनुमान जी के भजन

संकट ते हनुमान छुड़ावे
(काव्य भजन)
संकट ते हनुमान छुड़ावे और जान बचावे,
जब भी किसी पर, कोई सा संकट आवे।
काल की हर चाल बदल देते बजरंगबली,
राम भक्तों को, अंजनी पुत्र गले लगावे।
संकट ते हनुमान छुडावे…..
अगर देख ले संकट, आ रहे बजरंगबली,
संकट मोचन के भय से, मचे खलबली।
गली गली गूंज रहा नाम अंजनीपुत्र का,
हर दुष्ट को बजरंगी अपना बल दिखावे।
संकट ते हनुमान छुड़ावे……
देकर अपना लाल, प्यारी अंजना माई,
सारी दुनिया की उन्होंने की है भलाई।
इस सृष्टि में कोई नहीं लाल माई का,
जो हनुमंत बलवीरा से, हाथ मिलावे।
संकट ते हनुमान छुड़ावे……
सबसे सुंदर लगत है हनुमान चालीसा,
हर पाठक को, एक नया मार्ग दिखावे।
बागरंगी के भय से, भाग जाए अंधेरा,
हनुमानजी हर शत्रु को सबक सिखावे।
संकट ते हनुमान छुड़ावे……
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

श्री हनुमान भजन | जय केसरी नंदन करूं कोटि वंदन Kesari Nandan - Hanuman Bhajan | Hindi Bhakti Song Lyrics

भजन : जय केसरी नंदन
“आज का दिन मंगलवार है
खुला बजरंगबली का दरबार है”
जय केसरी नंदन, करूं कोटि वंदन,
दर्शन अपने, करा दो वीर हनुमान।
संकट मोचन तुम कहलाते जग में,
कोरोना ने सबको किया है परेशान।
जय केसरी नंदन……
घुट घुटकर आज जी रही है दुनिया,
देखो रक्त के आंसू पी रही दुनिया।
जल्दी से मुक्ति दिला दो सभी को,
तेरे लिए यह काम है बड़ा आसान।
जय केसरी नंदन……
दुनिया में यह कोरोना काल बुरा है,
श्रीराम भक्तों का आज हाल बुरा है।
तेरे सिवा इनका कौन रखेगा ख्याल?
लगता है जग को भूल गए भगवान।
जय केसरी नंदन…….
जब जब सप्ताह में आता मंगलवार,
तेरे मंदिर में भक्तों की लंबी कतार।
एक बार बजरंगी अपनी गदा चलाओ,
बचा दो इस बीमारी कोरोना से जान।
जय केसरी नंदन………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान जी का भजन लिरिक्स : हनुमान बैठे अयोध्या धाम

भजन : हनुमान बैठे अयोध्या धाम
जोरों से चल रहे हैं, राम मंदिर के काम,
बजरंगबली बैठे हैं, जाकर अयोध्या धाम।
फिर से शान लौट आई है राम नगरी की,
सरयू की धारा भी जप रही है राम नाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो……
राम की रामायण कभी हुई नहीं पुरानी,
लेकिन अयोध्या लिख रही नई कहानी।
राम नाम के साथ ही वहां सुबह होती,
राम नाम के साथ ही होती नित शाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो……
हर भक्त आज जाना चाहता अयोध्या,
राम भक्तों को मौका दे रही अयोध्या।
गदा हनुमान की, हटना नहीं चाहती है,
सारी दुनिया कर रही करबद्ध प्रणाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो……
अयोध्या में रमा, हनुमान जी का मन,
यही उनका कर्तव्य, यही उनका जीवन।
राम नाम जपती अच्छी लगती टोलियां,
सच्चा है राम नाम, सुंदर उनका धाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो…….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान जी के भजन : भक्ति गीत : जान बसती राम में

भक्ति गीत : जान बसती राम में
“विचित्र है हनुमान जी, आपकी कहानी,
जहां राम चरण, वहां कटती जिंदगानी।"
हनुमान की जान बसती है श्रीराम में,
इसलिए जाकर बैठे अयोध्या धाम में।
राम मंदिर निर्माण से जुड़ी है आत्मा,
मन नहीं लगता था, किसी काम में।
इसलिए जाकर बैठे……
नहीं मारुति को भूख प्यास की चिंता,
रहती है केवल प्रभु श्रीराम की चिंता।
जो कुछ भी सोचते थे किसी सुबह में,
उसे उसी दिन भूल जाते थे शाम में।
इसलिए जाकर बैठे……
राम से हनुमान का प्रेम, सब जानते,
रामजी को आदर्श, सारे भक्त मानते।
राम की सेवा ही, लक्ष्य है जीवन का,
मारुति आनंद पाते हैं, राम नाम में।
इसलिए जाकर बैठे....
इसलिए जाकर बैठे…………
पाप अधर्म को दंडित करते हैं सदा,
रुकती नहीं है बिलकुल उनकी गदा।
जो भी पवनसुत को याद करता है,
कोई बाधा नहीं आने देते काम में।
इसलिए जाकर बैठे…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार

हनुमान स्तुति भक्ति गीत | हनुमान जी के भजन कीर्तन Lyrics

हनुमान स्तुति
(भक्ति गीत)
जय सियाराम, बजरंगबली हनुमान जी,
राम राम, जय जय राम, हनुमान जी।
जहां प्रभु राम, वहीं आप विराजमान जी,
संकट में जग, बचाईए सबकी जान जी!
जय सियाराम……..
तुम बहुत याद आते, जब आता मंगलवार,
कोरोना ने बंद करा दिए मंदिर के द्वार।
त्रिलोक में तुम से बड़ा कौन बलवान जी?
संकट से मुक्ति मांगते, जग परेशान जी!
जय सियाराम………..
बजरंगी तेरे बिन भगवान श्रीराम हैं अधूरे,
प्रभु राम ही करते हैं, दुनिया के सपने पूरे।
मचा चारों तरफ, कोरोना से घमासान जी,
कुछ तो करो मेरे बजरंगबली हनुमान जी!
जय सियाराम……..
मारुति, संकटमोचन है देवा नाम तिहारो,
पवनसुत, करते तुम ही सदा रक्षा हमारो।
हैं तीनों लोक में तेरी है, बड़ी पहचान जी,
प्रभु केसरी नंदन, लौटा दो मुस्कान की!
जय सियाराम………
महावीर जी जहां जहां तुम हो आते जाते,
वहां से कष्ट अधर्म, जल्दी ही मिट जाते।
जग में जिंदा, हर जगह तोहरे निशान जी,
तुम करते, हर समस्या का समाधान जी!
जय सियाराम……….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

Hanuman Bhajan | हनुमान भजन भक्ति गीत : बजरंगबली की दीपावली

“आप सभी भक्तजनों, मित्रों तथा साथियों को धनतेरस और पावन पर्व दीपावली के शुभ अवसर पर ढेर सारी अग्रिम शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाईयां।"
“आज बड़ा ही खास मंगलवार है,
धनतेरस दीपावली का त्योहार है।
खुला बजरंगबलीजी का दरबार है,
हम राम भक्तों का नमस्कार है।"
हे भगवान श्री राम भक्त, बजरंगबली,
अयोध्या में दीवाली मनाने आ जाना।
तेरी दीवाली से घबराती आज भी लंका,
असुरी ताकतों को, झलक दिखा जाना।
हे भगवान श्री राम………….
जहां जहां तुम जाते हो, हे बजरंगबली,
राक्षसों के खेमे में मच जाती खलबली।
अपने हाथों से दीवाली के दिए जलाकर,
दैत्यों को कोई सबक नया सीखा जाना।
हे भगवान श्री राम…………..
रामनगरी में जब तुम मनाओगे दीवाली,
भक्तों के चेहरे की खिल जाएगी लाली।
पटाखे फोड़ना और फूलझड़ी भी जलाना,
अपने भक्तों का साहस तुम बढ़ा जाना।
हे भगवान श्री राम…………
तेरे इंतजार में जाग रही प्यारी अयोध्या,
नई रामायण में नाम तुम लिखा जाना।
बल, विवेक और ज्ञान के धनी हो तुम,
राम नाम का दीया अनोखा जला जाना।
हे भगवान श्री राम…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

हनुमान जी के भजन : बजरंगबली हनुमान Hanuman Ji Ke Bhajan Hindi Mein

जो संकटमोचन कहलाते और रखे सबका ध्यान,
वो कोई और नहीं, हैं हमारे बजरंगबली हनुमान।
कांधे जनेऊ साजे और हाथ जिनके गदा विराजे,
लंबी पूंछ, कान कुंडल, सिंदूरी तन जाके पहचान।
वो कोई और नहीं………….
राम रस में डूबा जीवन सारा, जो सबका सहारा,
नस नस में जिसके राम, करे राम गुण बखान।
जिससे भूत, प्रेत, मलेछ, वैताल और दानव डरे,
फुले फुले गाल गोल, मुख खिले सुमन समान।
वो कोई और नहीं……………….
कभी जिसका विराट रूप, और कभी सूक्ष्म रूप,
जिनका एक गदा प्रहार, मिटा दे असुरी निशान।
त्रिलोक में नाम जिनका और अमरत्व का वरदान,
पास जिनके हर दर्द, और समस्या का समाधान।
वो कोई और नहीं……………….
डर सतावे भक्तों, या जीवन संकट में पड़ जाए,
मन से सुमिरन करते, वहां पल में होते विराजमान।
देखते ही उनकी गदा, भाग जाते सारे हैं शैतान,
कोई नहीं हुआ दूजा अबतक, जिसके जैसा बलवान।
वो कोई और नहीं………………
कोरोना का संकट भक्तों, शीघ्र दूर होगा दुनिया से,
अंजनी पुत्र महावीर नहीं हैं अब, इस बात से अंजान।
जब दुनिया में साथ छोड़ देते हैं सारे, वे देते साथ,
आने में उनको समय नहीं लगता, जब कोई परेशान।
वो कोई और नहीं……………
जिसके बल, विद्या और बुद्धिका तीनों लोक में,
किसी को भी नहीं हुआ आजतक कोई अनुमान।
जो दिखते तो हैं सेवक, असल में हैं वे भगवान, 
जिसके आगे नतमस्तक होता है, हमेशा आसमान।
वो कोई और नहीं…………
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : वीर बजरंगबली हनुमान

“दिन आज का मंगलमय मंगलवार है,
रामजी को प्रणाम और नमस्कार है।“
सुनो, वीर बजरंगबली हनुमान,
कड़कती ठंड से बचाओ जान।
सूरज गायब रहता सारा दिन,
तेरा हर भक्त हो रहा परेशान।
सुनो, वीर बजरंगबली……….
ले लेकर आज आग का सहारा,
तेरा हर सेवक हो गया बेचारा।
रोज समस्या बढ़ती जा रही है,
दर्द सह रहे राम भक्त इंसान।
सुनो, वीर बजरंगबली……..
हाल बुरा गांव गांव शहर शहर,
हर जगह चलती है शीत लहर।
इंतजार करते करते सूरज का,
घरों में रह जाते रोज किसान।
सुनो, वीर बजरंगबली…….
खत्म नहीं हुआ है कोरोना रोग,
ठंड से इसका है गजब संयोग।
एक के बाद एक नया संकट है,
जीवन मृत्यु में छिड़ा घमासान।
सुनो, वीर बजरंगबली……..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : हनुमान का मिथिला विश्राम

जय श्री राम, जय बजरंगबली हनुमान
“शुभ दिन आज का मंगलमय मंगलवार है,
प्रभु को प्रणाम, हनुमान को नमस्कार है।”

हनुमान, जनकपुर जाते हो तो चले जाना,
रास्ते में रुककर थोड़ा सा विश्राम कर लो!
सुंदर जयनगर मिथिला की हृदयस्थली है,
प्रातः काल कमला नदी में स्नान कर लो!
हनुमान………

सीता जी का मायका, रामजी की ससुराल,
जनक भूमि लगती जग में सबसे खुशहाल।
सियाराम जी की पूजा कर लो जैसे चाहते,
पान, मखान चढ़ाकर, उन्हें प्रणाम कर लो!
हनुमान………..

तेरे दर्शन को तरस रहा है मिथिला धाम,
एक पंथ से बना दो तुम दोनों यहां काम।
प्रभु के समान ही तुम भी तो अंतर्यामी हो,
इस यात्रा में साथ शिलानाथ धाम कर लो!
हनुमान………..

असली रूप में घूमना, सारा मिथिला देश,
घर घर जाकर देना प्रभु रामजी का संदेश।
सारी मिथिला नगरी को अपना घर मानो,
पहले चूड़ा दही चीनी का जलपान कर लो!
हनुमान………
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)


भक्ति गीत : होली में हनुमान जी

“जय जय श्री राम”
“होली में मिथिला धाम बरसे रंग गुलाल,
सीताजी का मायका रामजी की ससुराल।“
केसरी नंदन बजरंगबली हनुमान जी,
मिथिला में होली मनाने आ जाना!
प्रभु श्री राम जी की ससुराल है ये,
अपना एक दरस दिखाने आ जाना!
केसरी नंदन…………….
बड़ी प्यारी लगती है गदा तुम्हारी,
सीता मैया के मायका की है बारी।
रंग गुलाल संग तेरा स्वागत होगा,
बजरंगी मालपुआ खाने आ जाना!
केसरी नंदन………….
निहार लेना अच्छे से मिथिला धाम,
मिथिलावासी करते हैं तुमको प्रणाम।
कमला बलान में नहाना मनोहारी है,
सिया रामजी का भजन सुना जाना!
केसरी नंदन…………..
फूल और फलों से भरे हैं बाग बगीचे,
लोग करते यहां अतिथि के आगे पीछे।
पहना देंगे तुमको यहां पर धोती कुर्ता,
संग मधुर यादें मिथिला की ले जाना!
केसरी नंदन………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : भगवान के सेवक हनुमान

“जय जय श्रीराम जय बजरंगबली हनुमान,
दोनों प्रकट हो जाते जब हो कोई परेशान।“

जो प्रभु का सच्चा सेवक है तन मन से,
जग में केसरी नंदन हनुमान कहलाते हैं।
जो इस पूरे संसार के पालनहार है सच्चा,
वो दशरथ नंदन राम भगवान कहलाते हैं।
जो भगवान के सेवक…….

बनी नहीं फिर शक्ति भक्ति ऐसी जोड़ी,
इस अनुपम जोड़ी ने सारी सीमा तोड़ी।
जो इन दोनों के सेवक और अनुयायी हैं,
वो सारे लोग जग में इंसान कहलाते हैं।
जो भगवान के सेवक………..

एक के लिए धड़का करता दूसरे का दिल,
एक दूजे के जीवन में सदा रहते शामिल।
जो इनके चरण, शरण में स्थान पा लेते,
वो ही जग में सच्चे धनवान कहलाते हैं।
जो भगवान के सेवक……….

हनुमान बिना रामायण, लगती है अधूरी,
राम और हनुमान बीच कोई नहीं है दूरी।
एक जब भी पुकारे तो दूसरे सुन लेते हैं,
राम प्रभु हैं, हनुमान बलवान कहलाते हैं।
जो भगवान के सेवक…………

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर मधुबनी बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

भक्ति गीत : श्रीगणेश हनुमान मिलन

“जय जय हे श्री गणेश गजानन भगवान,
जय जय हे महावीर बजरंगबली हनुमान।”

पहले से हैं भगवान श्री गणेश विराजमान,
आप भी पधारो, वीर बजरंगबली हनुमान। 
गली गली गणेश महोत्सव की मची धूम,
आपके जैसे है, इनकी भी अलग पहचान।
पहले से हैं भगवान………….

बड़ा अच्छा होगा, गणेश जी से मिलना,
स्वाभाविक है भक्तों का चेहरा खिलना।
एक का गज मुखड़ा, दूसरा कपि चेहरा,
दोनों ही बचाते हैं यहां, संकट से जान।
पहले से हैं भगवान…………

पवन कुमार आप ठहरे हवा में उड़ने वाले,
गजानन जी निकले मूसक पर चढ़ने वाले।
चारों तरफ लग रहा, गणपति का जयकारा,
हृदय पूर्वक होगा हनुमान आपका सम्मान।
पहले से हैं भगवान………..

दिन मंगलवार का लगता बहुत मंगलकारी,
बजरंगबली के स्वागत की होती है तैयारी।
गणेश पूजन का धूम, झूमती दुनिया सारी,
दोनों मिलकर बढ़ाएंगे भक्ति की मुस्कान।
पहले से हैं भगवान………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्)

हनुमान जन्मोत्सव पर विशेष भजन Hanuman Janmotsav 2022

बजरंग
जय जय जय लाला हनुमत,
जय जय जय बाबा बजरंग।
तन मन तेरा प्रभु को अर्पित,
प्रभु भी रह गए देखकर दंग।।
जय जय प्रभु हनुमत अवतारी।
हर्षित पुलकित अंजनी महतारी।।
पवन तुम्हारे पिताजी कहलाए।
कारज देख मात पिता हरषाए।।
लाल मुँह तेरे क्रोध के ही लक्षण।
ग्यारह सूरज तुम किये भक्षण।।
बारहवें भक्षण की थी अब बारी।
देव देवी संग पहुँच गये त्रिपुरारी।।
जय जय जय पवनसुत बजरंगी।
सृष्टि में आप न लाएँ कोई तंगी।।
सूरज बिन यह सृष्टि भी अधूरा।
अँधेरे में सृष्टि संभव नही पूरा।।
अंजनी पवन मात पिता तुम्हारे।
संतन भक्तन के तुम हो रखवारे।।
मात पिता आपकी प्रभु हो दुहाई।
जय हो पवन और अंजना माई।।
मत छिनो सृष्टि से यह उजियारा।
तुम्हारी महिमा बहुत है अपारा।।
छाँड़ि दियो सूरज एक आहारा।
तेरे कारण ही यह दिवा है प्यारा।।
होकर खुश सुर गये निज ही धाम।
सृष्टि को मिला सुखद यह इनाम।।
तुम बजरंगी हो राम के ही प्यारे।
तेरे आगे सारे भक्तगण भी हारे।।
तुम्हारी भक्ति में रामभक्ति निहित।
रामभक्ति में तेरी भक्ति भी विदित।।
तुम तो हो प्रभु राम के अतिप्यारे।
भक्तन के हो प्रभु तुमही रखवारे।।
जय जय प्रभुरामभक्त हनुमाना।
पूरण करहु प्रभु मम अरमाना।।
तुम्हरो नाम प्रभु जो ले एक बारा।
भूत पिशाच सब सुनते ही हारा।।
जो भक्त भजते तुमको बारंबारा।
होते भक्त तेरे शीघ्र ही भवपारा।।
जो जपे नाम हनुमत चित्तलाई।
दुःख दरिद्र संशय सब दूर पराई।।
अन्न धन सुख से भरता भण्डार।
तन मन में खुशियाँ छाए अपार।।
अहंकार के दुश्मन प्रभु हनुमाना।
अतिशय दुःख दरिद्रता है आना।।
जय जय जय प्रभु मेरे बजरंगी।
शुभ कर्म लिए बनो जीवन संगी।।
अहंकार मम प्रभु करो आहारा।
दुःख दरिद्रता प्रभु हरो हमारा।।
अरुण दिव्यांश प्रभु करे पुकारी।
सर्व मनोरथ पूरण करो हमारी।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश 9504503560

जय जय जय बजरंग बली : हनुमान भजन आरती हिंदी में

जय जय जय बजरंग बली।
छुपे कहाँ पर तुम किस गली।।
मची है आज धरा पर हाहाकार।
पीड़ित नयनों को तेरा इन्तजार।।
आज तो तेरा है जन्मदिन शुभ।
गिन रहा मानव घड़ियाँ अशुभ।।
जन जन कोरोना से हैं भयभीत।
आओ हनुमत बसो हमारे चित्त।।
आ रहा आज है सब को रोना।
करुणा करो भगाओ कोरोना।।
तुम रामभक्त राम आदर्श हमारे।
रामभक्तों की पीड़ा लगते प्यारे।।
तुमको रामकसम शीघ्र ही आओ।
प्राण हैं संकट में शीघ्र बचाओ।।
आया कोरोना शीघ्रता करो ना।
दिखा करुणा बताओ डरो ना।।
सत्य है तुम सम तो नहीं हैं हम।
दास हैं तुम्हारे दूर तो करो गम।।
राम आदर्श, तुम्हारे भी हम भक्त।
दाने के पड़े लाले रक्षा हो इस वक्त

हनुमत वंदन : हनुमान वंदना

जिनमें बसते श्रीराम,
रोम रोम अंग प्रत्यंग।
वही कहलाते प्रेम से,
जय हनुमत बजरंग।।
जिनकी जुबाँ हर पल बसते,
माँ सीता और श्रीराम हैं।
जीवन के हर बाधा मिटाओ,
पवनपुत्र तुम्हे प्रणाम है।
मौलिक एवं
स्वरचित।
अरुण दिवांशु
छपरा सारण
बिहार

हनुमान वंदना लिरिक्स Hanuman Vandana Lyrics in Hindi

मंगलवार हनुमत वंदन
हे बजरंग बली हे वीर हनुमान,
ज्ञान चक्षु खोल अंदर भर दे ज्ञान।
अंतर्तमस मिटा तू अब मेरा,
ज्ञान रूपी करो अब नया विहान।।
नित्य सुबह तुझे नमन करूँ मैं,
भूत भय रोग बाधा से न डरूँ मैं।
न्यायपथ पर चलकर सदा ही,
अन्याय से भी सदा ही लड़ूँ मैं।।
दे दे मुझे ऐसी शक्ति बल बुद्धि,
अंतर्मन में सब हो जाय शुद्धि।
साहित्य पताका लहराऊँ जगत में,
दूर करो सब दुर्विचार और दुर्बुद्धि।।
अरुण दिव्यांश, 9504503560

मंगलवार हनुमत वंदन Hanuman Ji Ki Vandana

दया करीं हे दयानिधे,
सबके रउआ करीं कल्याण।
सत्कर्म से कभी डिग ना पाईं,
हर बाधा से करीं परित्राण।।
जीवन खातिर युक्ति दे दीं,
अंतर्मन में भी सूक्ति दे दीं।
रउआ नमन हे हनुमत बजरंग,
बुरे कर्मसे भी मुक्ति दे दीं।।
तन में दे दीं शक्ति भक्ति,
मन में दे दीं अद्भुत ज्ञान।
बढ़त रहीं नेकी में आगे,
फईल जाईं विश्व जहान।।

मंगलवार हनुमत वंदन

देव सदृश शक्ति जेकर,
वज्र सदृश जेकर अंग।
रक्षा करीं दीं सफलता,
हे कृपानिधान बजरंग।।
अरुण दिव्यांश
9504503560

हनुमान भजन लिरिक्स इन हिंदी Hanuman Ji Ke Bhajan मंगलवार हनुमत वंदन

 मंगलवार हनुमत वंदन
अंजनी पुत्र पवन नंदन,
जग के मिटायीं करुण क्रंदन।
नित्य राउर उर से अभिनंदन
सहृदय सहर्ष राउर बा वंदन।।
कल्याण करीं सब कष्ट हरीं,
रोग बाधा भय सब नष्ट करीं।
आगे बढ़े के दीहीं हमरा शक्ति
साहित्य सरिता में मस्त करीं।।
अरुण दिव्यांश
9504503560

शंकर सुवन केशरी नंदन: हनुमान भजन लिरिक्स इन हिंदी Hanuman Ji Ke Bhajan

मंगलवार हनुमत वंदन
शंकर सुवन केशरी नंदन,
माथे लगा तिलक चंदन।
करीं प्रदान चक्षु अंधन
जगवंदित जग करे वंदन।।
करुणा बरसाईं करुणानिधान
तम हर अंतर्ज्योति करीं प्रदान।
साहित्य सरिता बहे विश्व में
ज्ञान दीं अलग बनाईं पहचान।।
अरुण दिव्यांश
9504503560

हनुमान जी के भजन लिरिक्स Hanuman Ji Ke Bhajan Lyrics

हिन्दी उर्दू साहित्य संसार के मंच को नमन
मंगलवार हनुमत वंदन
जय जय जय बजरंग बली।
बैठे हो कहाँ तुम किस गली।।
मची है आज धरा पर हाहाकार।
पीड़ित नयनों को तेरा इन्तज़ार।।
जन जन कोरोना से हैं भयभीत।
आओ हनुमत बसो हमारे चित्त।।
आ रहा आज है सबको रोना।
करुणा करो भगाओ कोरोना।।
तुम रामभक्त राम आदर्श हमारे।
क्या रामभक्तों की पीड़ा लगते प्यारे।।
तुमको रामकसम शीघ्र ही आओ।
प्राण हैं संकट में शीघ्र ही तुम बचाओ।।
सता रहा कोरोना शीघ्रता करो ना।
दिखाकर करुणा बता दो डरो ना।।
सत्य है कि तुम सम तो नहीं हैं हम।
दास हैं तुम्हारे दूर तो करो तुम गम।।
राम आदर्श हमारे तुम्हारे भी हम भक्त।
दाने के लाले पड़े रक्षा हो इस वक्त।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

हनुमान जी के भजन हिंदी में लिरिक्स

मंगलवार हनुमत वंदन
वज्र के समान जिनका था अंग।
जीवन में था आया भारी जंग।।
सीता माँ की मुक्ति हेतु नया उमंग।
रावण भी देख जिसे रह गया दंग।।
प्रभु श्रीराम का जिसे मिला था संग।
रावण से था पूरा लंका आया तंग।।
विजय यज्ञ को जिसने किया था भंग।
लंका जला जिसने बनाया था बदरंग।।
पवनसुत हनुमत है तुम्हारो नाम।
मेरा भी अनंत है प्रभु तुम्हें प्रणाम।।
लंका में जिसने था जमाया अद्भुत रंग।
धर्मरक्षा हेतु हनुमत बन गए अपंग।।
जनेऊ से बँधा जिनका अंग प्रत्यंग।
अक्षय करे वीर हनुमत पर व्यंग्य।।
अब बजेगा लंका में खुशी में मृदंग।
लंका ध्वस्त करने हेतु आया नया तरंग।।
जय श्रीराम जय माँ सीता जय माँ गंग।
रक्षा करना अरु मुझे रखना तुम चंग।।
प्रभु कृपा रूपी जिसने पाया इनाम।
मेरा अनंत है प्रभु तुझको प्रणाम।।
अरुण दिव्यांश 9504503560

हे हनुमान ज्ञान के दाता, विनती सुनो हमार : हनुमान भजन आरती हिंदी में

हे हनुमान ज्ञान के दाता, विनती सुनो हमार।
नाव भँवर में डोल रही, आइ लगाओ पार
मैं निर्बल नादान हूँ, कर्म गति नहीं मोर।
चरण शरण में राख लो, विनय करूँ कर जोर।।
इस जालिम संसार के, तुम हीं खेवनहार।
तुझ बिन कौन सुने मेरी, मन में करो विचार।।
हो बिजेन्द्र विह्वल करे, विनती बारम्बार।
रामभक्त हनुमान जी, कर दो भव से पार।।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
बिजेंदर बाबू

हिंदी में हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Arti Lyrics in Hindi

हिंदी में हनुमान जी की आरती | Hanuman Ji Arti Lyrics in Hindi

शक्ति के तुम महापुंज, हनुमानजी की आरती हिंदी में

जय हनुमान

भक्तों में तुम महाभक्त
लिए ह्रदय में राम हो
शक्ति के तुम महापुंज
तुम मेरे हनुमान हो
कैसी भी आये विपत्ति
तुमसे कोसों दूर रहतीं
नहीं दिखें आशा कोई जब
तुम पर ही है रहती दृष्टि
नहीं कोई जिसका जहां में
तुम ही उसके प्राण हो
ये जग है कष्टों का सागर
कैसे जाएं पार उतरकर
तुम ही एक सहारा हो बस
कर दो कृपा प्रभु हम सब पर
कैसे मानूँ भगवन कि तुम
मेरे कष्टों से अनजान हो
शक्ति के तुम महापुंज
तुम मेरे हनुमान हो
डॉ अनिल कुमार बाजपेयी

हनुमान भजन – जय हो बजरंगबली सब कहते है तुमको महाबली

जय हो बजरंगबली।
सब कहते है तुमको महाबली,
जय हो बजरंगबली।
होती है पुजा तेरी हर मंदिर हर गली,
जय हो बजरंगबली।
भगवान राम के सबसे प्यारे थे तुम।
माता सीता के दिल के दुलारे थे तुम।
सामने तेरे बोलो कब किसकी है चली।
जय हो बजरंगबली।
समझ कर फल लाल सूरज को निगला था।
किया प्रहार इन्द्र ने तब तुमने उगला था।
तेरे आने से खिलती है दिल की कली।
जय हो बजरंगबली।
एक ही छलांग तूने सागर को नापा था।
जलाकर लंका अपनी पुंछ से तापा था।
तेरी कृपा से शनिदेव की कुछ न चली।
जय हो बजरंगबली
किसकिंधा पर्वत उठा लिया था हाथो मे।
उड़ पहुंचाया संजीवनी पवन बेग बातो मे।
तेरे प्रहार टुट जाये भूत प्रेतो की नली।
जय हो बजरंगबली।
भारती है भक्त तेरा तुझको प्रणाम करता है।
चढ़ाकर चन्दन सिंदूर दिल तेरे नाम करता है।
उठाकर हाथ रख दो सिर कर दो सबकी भली।
जय हो बजरंगबली।
सब कहते है तुमको महाबली।
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक / गीतकार /समाजसेवी
बोकारो झारखंड,मोब -9955509286

हनुमान जी के भजन लिखित में Hanuman Ji Ke Bhajan Written In Hindi

बजरंग बली के चरणों में एक भजन।
हृदय मोम का देह वज्र का तेज सूर्य का भान जी,
राम काज को तत्पर रहते महावीर हनुमान जी।

बूटी संजीवनी लाना हो या लाना हो सीता सन्देश,
अचल और सागर लांघ के पहुँचे वे रावण के देश।

सब से पहले लिया उन्होंने सीता का सन्धान जी,
राम काज को तत्पर रहते महावीर हनुमान जी

बाग उजाड़े लंका जा कर कर अक्षय का काम तमाम,
लगा के अग्नि मचा दिया था सारे नगर में त्राहिमाम।

राम चन्द्रजी इनका करते अपने मुख गुणगान जी,
ताम काज को तत्पर रहते महावीर हनुमान जी।

कहा राम ने हनुमानजी तुम बिन मेरा काम न होगा,
कथा अधुरी होगी मेरी जब तक तेरा नाम न होगा।

"शबनम"इनको गले लगाते स्वयं से ही भगवान जी,
राम काज को तत्पर रहते महावीर हनुमान जी।।
शबनम मेहरोत्रा

हनुमान जी के भजन लिरिक्स इन हिंदी : हनुमान से मिलना है तो राम कथा को गाते चल

।। जय हनुमान।।
हनुमान से मिलना है तो राम कथा को गाते चल
वे भी नहीं जो कर पाओ तो रामायण दोहराता चल

राम नाम से हनुमान जी पाते हैं आनन्द
चाहे दोहे या चोपाई या गालों तुम छंद
इस बहाने वे आएँगे उनको अब बहलाते चल।
वह भी नहीं जो कर पाओ रामायण दोहराते चल

राम कथा से तुलसी दास जी हनुमंत से मिल पाए
फिर उनकी ही कृपा दृष्टि से राम लखन स्वयं आये
राम मिलन जो चाहो तो हनुमत का नाम उठाते चल
और नहीं कुछ कर पाओ तो रामायण दोहराते चल

जैसे विभीषण तुलसी दास को राम से भेंट कराई
इसी तरह सुग्रीव राम संग मित्रता करवाई
"शबनम"अब ये जान गई है उनकी कृति बढ़ाते चल
वह भी नहीं जो कर पाओ तो रामायण दोहराते चल
शबनम मेहरोत्रा

आज शुभ दिन मंगलवार है,
भगवान महावीर का दरवार है,
सच्चे मन से करें इनकी भक्ति,
हम सबका बेड़ा पार है।

हनुमान जी के भजन फिल्मी तर्ज पर | हनुमान जयंती पर विशेष प्रार्थना घनाक्षरी छंद

प्रभु राम भारत हैं, जनता लखन गोद,
मूर्छित धीरज धरा ओ हनुमान जी।

दुष्ट छली शक्ति मारी, दुष्ट छली ये बी मारी,
टूटे सांस आश तो बँधाओ हनुमान जी।

जाय लंका बिना शंका, राम का बजा के डंका,
डाक्टर ड्यूटी लगाओ हनुमान जी।

द्रोणगिरी जाय संजीवनी बूटी का पहाड़,
गैस का सिलेंडर ले आओ हनुमान जी।।
 गुरू सक्सेना, नरसिंहपुर मध्यप्रदेश

हनुमान जयंती दिवस पर भजन
महावीर
जब-जब पड़ी भक्तों पर‌।
संकट तब-तब आने पर है प्रभु मोचन।।

जय हो हे अंजनी के लाल।
जय हो पवन पुत्र हनुमान।।

तेरी भक्ति आज सारी दुनिया मानी है।
पवन पुत्र के नाम से तुझको जानी है।।

भूत पिशाच तेरे नाम से डरते हैं।
सब मानव तेरी पूजा करते हैं।।

जन्म दिवस यह दुनिया तेरी।
जय-जय कार कर रही।।

कहीं अंजनी लाल कहीं।
महाबली कह रही।।

तुझे चढ़ाऊं सिंदूर और लड्डू के मिष्ठान्न।
तुझे करो पूजिते महावीर लाल।।

अंजनी लाल तुम्हें ऐसी भजन सुनाऊं।
तेरे चरणों में अभिनंदन करता जाऊं।।

करता रहूं तेरा मैं अभिनंदन पूजन वंदन।
तेरे चरणों में राम शरण करता है अभिनंदन।।

डॉ राम शरण सेठ
छटहाॅं मिर्जापुर उत्तर प्रदेश

स्वरचित मौलिक
अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित
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