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करंट लगने पर घरेलू उपचार | विद्युत आघात के उपचार | बचाव उपाय

 विद्युत आघात के उपचार | बिजली का झटका लगने पर करें यह काम

विद्युत आघात के उपचार | बिजली का झटका लगने पर करें यह काम

जैसे-जैसे हमारा समाज आधुनिकता और विकास की ओर बढ़ते जा रहा है, वैसे-वैसे हम कई तरह की नई-नई दुर्घटनाओं और समस्याओं को भी निमंत्रण देने लगे हैं। इन्हीं में से एक बहुत ही खतरनाक दुर्घटना का नाम है, बिजली या करंट के झटके लगना। सुनने में यह जितना आसान लगता है, इसका परिणाम उतना ही खतरनाक होता है। जब कोई आदमी इसकी चपेट में आ जाता है तो फौरन ही उसकी मौत हो जाती है।

बिजली चालित उपकरणों का प्रयोग करते समय इन बातों पर ध्यान देना जरूरी

हमारे घरों में अधिकतर उपकरण बिजली से चलने वाले होते हैं। इसलिए करंट लगने की संभावना ज्यादातर घरों में ही होती है। लेकिन करंट लगने की इस संभावना या डर से हम इन घरेलू उपकरणों को प्रयोग करना नहीं छोड़ सकते है क्योंकि यह हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में हमें इन उपकरणों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए और साथ ही इस बात की पूर्ण जानकारी रखनी चाहिए कि करंट लगने पर क्या करें और क्या न करें। इसलिए आज हम इस पोस्ट में करंट लगने के घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं।

अधिकतर बिजली उपकरणों में दो पिन वाले कॉर्ड का प्रयोग होता है। बरसात के दिनों में हवा में नमी की वजह से करंट लगने की आशंका अधिक रहती है। करंट से लोगों की मृत्यु तक हो जाती है परन्तु करंट लगने पर अधिकतर मामलों में मृत्यु को टाला जा सकता है।

कार्डियोप्लमनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक क्या है?

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल जी के अनुसार यदि करंट लगने से मृत्यु हो भी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति को कार्डियोप्लमनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक का 10 का फार्मूला अपनाया जा सकता है और मरीज को 10 मिनट में दोबारा होश में लाया जा सकता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति का हृदय प्रति मिनट 100 बार दबाया जाता है।

सावधान रहना अतिआवश्यक है।

सर्वप्रथम तो बिजली से चलने वाले उपकरणों के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। ऐसा करने पर करंट लगने के जोखिम को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। फिर कभी व्यक्ति को संयोगवश करंट लग जाए तो बिजली के स्रोत को तुरंत बंद कर देना चाहिए। हमारे देश में अधिकांशतः मृत्यु अर्थ के ग़लत इस्तेमाल की वजह से होती हैं। हिंदुस्तान जैसे देशों में अर्थिंग या तो स्थानीय स्रोत से हासिल की जाती है या घर पर ही जमीन में गहरा गड्ढा खोदकर स्वयं बनाई जा सकती है।

अर्थिंग के बारे में इन बातों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए

➜ हमेशा तीन पिन के सॉकेट के ऊपर वाले छिद्र में लगी तार अर्थिंग की होती है।

➜ किसी भी बिजली के परिपथ (सर्किट) में हरे रंग की तार अर्थिंग की, काले रंग की तार न्यूट्रल और लाल रंग की तार करंट सप्लाई वाली तार होती है। यह कलर कोड इसलिए होता है ताकि आसानी से पहचान हो सके इसलिए अर्थ की तार प्रारंभ से ही हरी रखी गई है।

➜ अधिकांशतः करंट वाले तार को जब न्यूट्रल तार से जोड़ा जाता है, तब बिजली प्रवाहित होने लगती है। करंट वाले तार को अर्थिंग प्राप्त हो जाने से करंट प्रवाहित होती है। परंतु जब अर्थिंग का तार न्यूट्रल से जुड़ा होगा, तब करंट प्रवाहित नहीं हो सकती है।

➜ अर्थिंग लगाने का मुख्य कारण सुरक्षा प्रदान करना है, यह एक ऐसी प्रणाली है जिससे लीक होने वाला करंट को बिना किसी व्यक्ति को हानि के डायरेक्ट ज़मीन में पहुंचा देती है।

➜ अर्थिंग की पड़ताल हर चार माह के बाद करते रहना अतिआवश्यक है, इसलिए कि समय व मौसम के अनुसार यह घिस-पिट कर कमजोर हो जाती है, विशेषकर बरसात के दिनों में।

➜ करंट टेस्टिंग टूल की सहायता से भी अर्थिंग की जांच पड़ताल की जा सकती है। बिजली और अर्थिंग (न्यूट्रल) वाले तार से बल्ब जलाकर देखना चाहिए। यदि इन दो तारों के जोड़ने से बल्ब न जले तो अर्थिंग में समस्या है।

➜ लोग अर्थिंग को हलके में लेते हैं और दुर्घटनाओं को निमंत्रण देते हैं।

➜ करंट और अर्थिंग के Wire को कई बार एक साथ Joint कर दिया जाता है, जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

करंट से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव हेतु इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।

➜ सभी प्रकार के बिजली चालित उपकरणों में अर्थिंग को सिस्टेमेटिक ढंग से लगाएं।

➜ Green Wire को सदैव स्मरण रखें, इसके बिना किसी भी बिजली चालित उपकरण का इस्तेमाल न करें, खास कर जब यह जल के स्रोत को स्पर्श रहा हो, जल करंट के प्रवाह की Speed को बढ़ा देता है, इसलिए Moisture वाले माहौल में विशेष सतर्कता बरतें।

➜ Two pin socket वाले बिना अर्थिंग के Electronic Appliances का इस्तेमाल न करें, इन पर रोक होनी चाहिए।

➜ हमेशा 3 pin वाले सॉकेट का इस्तेमाल करें और इस बात को अच्छी तरह जांच लें कि हरा, काला और लाल तार अच्छी तरह से Join हो चुके हैं।

➜ कभी भी तारों को सॉकेट में लगाने के लिए माचिस की तीलियों का प्रयोग न करें। ऐसा करते समय करंट आपके हाथ को स्पर्श कर सकता है और आपको बिजली का जोरदार झटका लग सकता है जिससे आपकी जान तक जा सकती है।

➜ तार को छूने से पहले पक्का कर लिया जाए कि बिजली कनेक्शन बंद कर दिया गया है। 

➜ तार को जोड़ने के बाद सभी जोड़ों पर बिजली वाली टेप लगाएं।

➜ स्नानघर में गीजर के जल का इस्तेमाल करने से पूर्व गीजर बंद कर दें।

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