हम विश्व गौरैया दिवस क्यों मनाते हैं? | Rashtriy Gauraiya Divas
गौरैया पर शायरी | विश्व गौरैया दिवस | विश्व चिड़िया दिवस
हैप्पी गोरैया डे
"गौरैया दिवस" भले हीं आज सभी मनालो
एक कटोरी पानी छत पर रख मन बहलालो
हर देश में यह पहले देखी पाई जाती थीं
बच्चों का चूं-चूं-चूं कर दिल बहलाती थीं
प्रदूषण बड़ा, इन पर भारी संकट मंडराया
जीव शास्त्रियों की गणना में अंतर आया
भयाक्रांत हो- पिंजरों को खोल उन्हें उड़ाया
समित हुआ कोरोना पर नया संकट गहराया
गौरैया चिड़िया मुंडेर पर देख कर धबड़ाया
प्रकृति बदलती- अणु कण - कण देखो
भय की टोकरी सर से उतार कर फेंको
हत्या कर उनको भूंन कर मत अब तुम प्यारे खाओ
यूं एन ओ में पक्षियों की रक्षा खातिर गुहार लगाओ
शाकाहारी भोजन श्रेष्ठ- बूचड़खाने बंद करवाओ
चूं चूं करती गौरैया की संख्या वृक्ष लगा बढ़ाओ
"गौरैया दिवस" भले हीं आज सभी मनालो
एक कटोरी पानी छत पर रख मन बहलालो
डॉ. कवि कुमार निर्मल
बाल्मिकिनगर और बेतिया
(बिहार प्रदेश)
"गौरैया दिवस" भले हीं आज सभी मनालो
एक कटोरी पानी छत पर रख मन बहलालो
हर देश में यह पहले देखी पाई जाती थीं
बच्चों का चूं-चूं-चूं कर दिल बहलाती थीं
प्रदूषण बड़ा, इन पर भारी संकट मंडराया
जीव शास्त्रियों की गणना में अंतर आया
Poem On Sparrow In Hindi
स्वाइंग फ्लू का एक झटका जब हमने खायाभयाक्रांत हो- पिंजरों को खोल उन्हें उड़ाया
समित हुआ कोरोना पर नया संकट गहराया
गौरैया चिड़िया मुंडेर पर देख कर धबड़ाया
प्रकृति बदलती- अणु कण - कण देखो
भय की टोकरी सर से उतार कर फेंको
हत्या कर उनको भूंन कर मत अब तुम प्यारे खाओ
यूं एन ओ में पक्षियों की रक्षा खातिर गुहार लगाओ
शाकाहारी भोजन श्रेष्ठ- बूचड़खाने बंद करवाओ
चूं चूं करती गौरैया की संख्या वृक्ष लगा बढ़ाओ
"गौरैया दिवस" भले हीं आज सभी मनालो
एक कटोरी पानी छत पर रख मन बहलालो
डॉ. कवि कुमार निर्मल
बाल्मिकिनगर और बेतिया
(बिहार प्रदेश)
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