ग्रीटिंग कार्ड पर लिखने वाली शायरी
नव वर्ष की शुभकामनाएं पर कविता
पुराने साल पर शायरी
बीते साल पर कविता
विधा:कविता
शीर्षक:अलविदा 2021
ऐ जाने वाले साल!
इतनी सी सुन लो बात
आए न फिर डरावनी अंधेरी काल,
मारे न अब कोई मजदूरों को लात।
फिर कभी न ढाना कहर,
हो जाए खामोश सभी शहर।
इतनी सी सुन लो बात
आए न फिर डरावनी अंधेरी काल,
मारे न अब कोई मजदूरों को लात।
फिर कभी न ढाना कहर,
हो जाए खामोश सभी शहर।
ऐ जाने वाले साल!
इतनी सी सुन लो बात
इतनी सी सुन लो बात
जाना जीवन के तुमसे ही तिलस्मी राज,
पर न अब आए घड़ी मनहूस की रात।
अब न हो जिन्दगी सहमी सी पहर दो पहर,
धार अश्कों की देखें न कभी नजर।
पर न अब आए घड़ी मनहूस की रात।
अब न हो जिन्दगी सहमी सी पहर दो पहर,
धार अश्कों की देखें न कभी नजर।
ऐ जाने वाले साल!
इतनी सी सुन लो बात
इतनी सी सुन लो बात
गूंजे अब मधुर संगीत दे मुसीबतों को मात,
हो खिंची लकीर नव उमंग की सबके हाथ।
हो जाए खत्म जहां से अब सभी जहर,
खुशियों की मोती बिखरने की सुनाना अब खबर।
ऐ जाने वाले साल!
इतनी सी सुन लो बात
रीतु प्रज्ञा
हो खिंची लकीर नव उमंग की सबके हाथ।
हो जाए खत्म जहां से अब सभी जहर,
खुशियों की मोती बिखरने की सुनाना अब खबर।
ऐ जाने वाले साल!
इतनी सी सुन लो बात
रीतु प्रज्ञा
करजापट्टी, दरभंगा, बिहार
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