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कतकी सुप्रभात Good Morning Shayari in Hindi गुड मॉर्निंग लव शायरी हिंदी

Good Morning Motivation

कार्तिकी प्रणाम

कतकी सुप्रभात Good Morning Shayari in Hindi गुड मॉर्निंग लव शायरी हिंदी

Good Morning Shayari In Hindi

गुत्थी ऐसी उलझी है कि मन को दिया भरमाय
खुली आंख है लेकिन उससे देता नहीं दिखाय
अंधें मौज में देख रहें हैं बहरा भी सजग सुभाग
कैसी नीति रीति बीच हम हैं मन को रहा सुलाय!
लता प्रासर

शरद की गुनगुनी धूप का स्वागत

शारदीय सुप्रभात

मेरी बस्ती में तेरा ठिकाना होता
मेरी हस्ती में तेरा फ़साना होता

भुलाकर खुद को खोई हूं क्यों
मेरी मस्ती में तेरा तराना होता!
लता प्रासर

स्वाति की बूंदों का स्वागत

सुप्रभात शायरी

प्रेम की मोती सी ओस की बूंदें गिरती हैं
हरियाली से लिपट लिपटकर गीत लिखती है

गुनगुना धूप समाकर उसमें अपनी ओर खींचें
प्रेम विरह के इस पल में दुनिया की आंखें खुलतीं हैं!
लता प्रासर
जिंदगी में मौसम आहिस्ते से रंग बदल रहा है

तकी सुप्रभात

मैं जनता हूं
मैं जनता हूं
काम धंधा कुछ करना चाहूं
आवागमन को राह निहारूं
मैं जनता हूं
मैं जनता हूं
उनकी बातें कहां समझता हूं
तन मन धन से मरता हूं
मैं जनता हूं
मैं जनता हूं!
लता प्रासर

नई फसलों की खुशबू आप तक पहुंचे

कतकी सुप्रभात संदेश

खेत में खड़ी पड़ी धान की बालियां
हौले से इशारा करती है आ जाओ

सुबह-सुबह ढेर सारे ओस की बूंदें
समेटकर रखती हूं तुम्हारे लिए
इसकी शीतलता में तुम खो जाओ

हवा अलखेलियां करती‌ हुई‌ आईं
और धान की बालियों से कहा

तुम्हारे सहेजें शीतलता लेकर
मैं लोगों तक हौले हौले पहुंचाऊंगी

धान तेरे किस्से सबको सुनाऊंगी
सरसराती हुई पत्तियों को छेड़ती

हवा गुनगुनाती जाओ जाओ
धान पहले खलिहान फिर घर जाओ!

लता प्रासर

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