Samajik Shayari-समाज सुधार शायरी
प्रेरणात्मक शायरी इन हिंदी
Samajik Quotes in Hindi-समाज पर शायरी
शायर-ए-दिल, जनाब-ए-जिगर!
आप को क्यो भुलायेंगे हम!?
आप को क्यो भुलायेंगे हम!?
अब न होगा किसी का विकास!?
सिर्फ मन्दिर बनायेंगे हम!?
संस्था पर शायरी
खूब मसजिद बनाओगे तुम!?
खूब मन्दिर बनायेंगे हम!?
खूब मन्दिर बनायेंगे हम!?
आदमी है सभी, हाँ!, मगर
सब को इनसां बनायेंगे हम!!
तुम से अब रूठ कर किस लिए
गंगा उलटी बसायेंगे हम!!
इब्न-ए-आदम है सब,हाँ, मगर
सब को इनसां बनायेंगे हम!!
दैर से होगा किस का विकास?!
काहे मन्दिर बनायेंगे हम ?!
इब्न-ए-आदम है सब आदमी!!
इन को इनसां बनायेंगे हम!!
है अजल आज सर पर खड़ी!?
जीस्त से छूट जायेंगे हम!?
मौत ले जा रही है हमें!?
जा के क्या लौट आयेंगे हम!?
फिर से संगीत गूँजेगा आज!
फिर तराना सुनायेंगे हम!!
समाज सेवा पर शायरी
(गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी भी तहरीर करेंगे हम!)डॉकटर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी,
डॉकटर इनसान प्रेमनगरी हाऊस,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची - 834001
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