बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली में घपला शुरू
Bihar Mein Assistant Professor Ki Bahali Mein Mein Dhandli Ka Khel
How Is Being Unfair?
बिहार के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए नियमावली जारी कर दी गई है लेकिन यह नियमावली घोर अनियमितता, पक्षपात, और त्रुटियों से भरी हुई हैं।
कैस की जा रही है नाइंसाफी?
इस नियमावली में पी.एच. डी. उपाधि धारकों को नेट की अनिवार्यता से मुक्त रखा गया है इस तरह ये बात साबित हो जाती है कि नेट का विकल्प पी.एच.डी. तथा पी.एच. डी.का विकल्प नेट (NATIONAL ELIGIBILITY TEST) है। जब दोनों ही उपाधियाँ एक दूसरे के विकल्प हैं तो एक को 30 अंक और दूसरे को 5 अंक देना बहुत बड़ा अन्याय है। अन्याय यह भी है कि इस नियमावली के द्वारा पी.एच. डी.और नेट की गुणवत्ता को समानता प्रदान किया गया है लेकिन यह बिल्कुल ग़लत है,अगर कुछ इमानदार लोगों को छोड़ दिया जाए तो पी.एच. डी. की अधिकतर उपाधियों में गुणवत्ता कम और पैसों का खेल ज्यादा होता है लेकिन नेट की उपाधी, इमानदारी, मिहनत, लगन और निरंतर प्रयास का सुखद परिणाम है। सरकार को चाहिए कि इस त्रुटि को ससमय सुधार कर अपनी न्यायप्रियता का सबूत दे।
प्रेमनाथ कुमारधन्यवाद!
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