देशभक्ति गीत : जो भारत से टकराएगा
“भारत माता की जय”
अब जो भी इस नए भारत से टकराएगा,
देखते देखते वह मिट्टी में मिल जाएगा।
कब हुआ कैसे हुआ क्या हुआ है उसको,
उसकी समझ में यारों कुछ नहीं आएगा।
अब जो भी इस............
मुंहतोड़ जवाब देने को भारत होता तैयार,
कोई शत्रु नहीं सह सकता एक भी प्रहार।
पाकिस्तान ने जो देखा यह एक झांकी है,
जो भी छेड़ेगा इसे, वह बहुत पछताएगा।
अब जो भी इस.............
जिसने देखा है लेते पहलगाम का बदला,
भारत की कारवाई से दिल उसका दहला।
मिसाइल उड़ेंगे और तोप के गोले गिरेंगे,
आंधी में तिनके की तरह बिखर जाएगा।
अब जो भी इस..............
घरों पर उड़ेंगे उसके, बम वर्षक विमान,
चारों ओर दिखेगा उसे मौत का सामान।
गिड़गिड़ाकर वह जान की भीख मांगेगा,
धुंए के तूफान में वह कहीं उड़ जाएगा।
अब जो भी इस.............
संसार देख रहा है पाकिस्तान का हाल,
आतंकी पालता है, पहले से है कंगाल।
पहलगाम ने आज कहीं का नहीं छोड़ा,
जीवित बच भी गया तो क्या खाएगा?
अब जो भी इस.............
पूरे पाकिस्तान में, लगी हुई थी आग,
कहीं अफरातफरी, कहीं है भागमभाग।
साथ देने को कोई भी तैयार नहीं उसे,
आतंकी के लिए, दया कौन दिखाएगा?
अब जो भी इस............
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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