ग़लत फहमी मत रखना अपने दिमाग़ में प्रेरणादायक कविता
प्रेरणादायक कविता
ग़लत फहमी मत रखना अपने दिमाग़ में
झूठी मुस्कुराहट खुशबू सी बिखर जाती है
रिश्तें की डोर प्रभु जी से जोड़ लें
अपने दिल की आवाज को सुन लीजिए
ग़लत फहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
चुप रहने से गुज़ारा नही होगा
थोड़ी बहुत पहल तो करनी ही होगी
प्रभु जी की भक्ति ही सार है जगत में
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
आज भी वही दिन है वही रात है
सिर्फ आँखो में सपना नया-नया है
क्या कहें और कैसे कहें हम
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
रंक से राजा और राजा से रंक
हमने हैसियत बदलते हुए देखा है इस संसार में
देर नही लगती है घर बर्बाद होने में
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
जीवन के इस आपाधापी में
होठों की वास्तविक मुस्कान छीन रही है
हरि गुण गाओ,जीवन सफल बनाओ
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
जब जुल्म होता है किसी व्यक्ति के ऊपर
तब बहुत याद आते है प्रभु जी
वक्त आज तेरे साथ है, प्रभु जी को याद कर लें
गलतफहमी मत रखना अपने दिमाग़ में।
नूतन लाल साहू
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