सावित्रीबाई फुले जयंती पर कविता - Savitribai Phule Jayanti Par Kavita
सावित्रीबाई फुले
(कविता)
(जन्म : 03 जनवरी 1831)
(जन्म जयंती पर कोटि कोटि नमन)
सावित्रीबाई फुले एक पहचान है देश की,
आज सारा देश दे रहा है उन्हें सम्मान।
वह प्रथम महिला शिक्षिका बनी देश की,
अपने जीवन में सहना पड़ा था अपमान।
03 जनवरी 1831, उनका जन्म हुआ था,
नईगांव, सातारा, महाराष्ट्र है वह स्थान।
सावित्रीबाई फुले……….
वह शिक्षा की असली देवी थी, सच्चाई है,
जीवन भर पति संग, बांटती रही ज्ञान।
समाज सुधार में बड़ी भूमिका निभाई थी,
जन कल्याण में वह देखती थी भगवान।
पुणे शहर से शुरू हुई थी कहानी उनकी,
देश के कोने कोने में, आज विराजमान।
सावित्रीबाई फुले…………..
उनके पति ज्योतिराव फुले ने साथ दिया,
शिक्षण क्षेत्र में रहा, उनका बड़ा योगदान।
बाल विवाह, सती प्रथा का विरोध किया,
दंपती का गुणगान, हो सकता न आसान।
जबतक गंगा यमुना में पानी रहेगा दोस्तों,
हिंदुस्तान करता रहेगा इस पर अभिमान।
सावित्रीबाई फुले………………
जन्म जयंती है, कोटि कोटि नमन उन्हें,
किया दोनों ने मिलकर, दलित उत्थान।
बहुत सारे स्कूल खोले वे बच्चों के लिए,
कड़ी मेहनत से बनाई, अपनी पहचान।
गुलाम देश में अशिक्षित लोगों के बीच,
बनकर आई थी वह, सबसे बड़ा वरदान।
सावित्रीबाई फुले…………….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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