Ticker

6/recent/ticker-posts

नए संसद भवन का निर्माण Naye Sansad Bhavan Ka Nirman

नए संसद भवन का निर्माण Naye Sansad Bhavan Ka Nirman


Naye Sansad Bhavan Ka Nirman

मचा हुआ है नेताओं में घमासान

(कविता)

नए संसद भवन का पूर्ण हुआ निर्माण,
खुशी से झूम उठा, हमारा हिन्दुस्तान।
बड़ी अजीब सी है भारत की राजनीति,
पक्ष विपक्ष में मचा हुआ है घमासान।

नकारात्मक सोच नुकसान करवाती है,
विकास की गति को धीमा कराती है।
देश की अखंडता को चोट पहुंचाती है,
दुश्मनों की हमेशा, हिम्मत बढ़ाती है।

नए संसद भवन से, जा रहा है संदेश,
आत्मनिर्भरता से लवरेज हो रहा देश।
आन, बान और शान का प्रति है यह,
किस बात की बहस, कैसा है कलेश?

बहस से हो रहा है, देश का अपमान,
तर्क सुन सुनकर, जनता हुई परेशान।
निजी बातें बीच में आ जा रही आज,
कुछ समझना लगता नहीं है आसान।

बड़ी गौरवशाली है राजदंड की कहानी,
उसे सम्मान देना, बनना स्वाभिमानी।
लोकसभा में इसको स्थान मिल गया,
लोकशाही हो गई आज इसकी दीवानी।

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ