बहन के लिए कविता और शायरी हिंदी में
शीर्षक: मेरी बहना
मेरी बहना क्यों बैठी उदास,
किस बात का तुम्हें आभास।
किसने क्या बोला है तुमसे,
जिससे हो गई तुम निराश।।
तुम तो मेरी प्यारी है बहना,
कभी किसी भ्रम में न रहना।
मैं भी तो हूँ तेरा प्यारा भैया,
कोई भी संकट मुझसे कहना।।
क्या बच्चों ने कुछ कमी की है,
या किसी ने कुछ भी बोला है ?
या कोई कटु बात ही कहकर,
बातों में तुझे कोई भी तोला है ?
सहन नहीं मुझे तेरी ये उदासी,
इसके लिए कुछ कर जाऊँगा।
चाहे पूछना पड़े जीजा से भी,
मौत से भी नहीं मैं डर पाऊँगा।।
कहाँ मिलेगी ऐसी प्यारी बहना,
कौन पूर्ण करेगी मेरा अरमान।
कौन कलाई मेरे बाँधेगी राखी,
कौन देगा मुझे ये मान सम्मान।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।
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