तालाब : हिंदी कविता बच्चों के लिए - Taalaab : Poem For Kids Hindi
तालाब
माँ मैं आज नही जाऊंगी पाठशाला
आज दिन भर खेलूंगी सखी संग तालाब में,
तालाब की थोद मिट्टी
चुल्हा,चक्की, टैक्टर बनाऊंगी
फिर तालाब में डुपकी ले
कमलगट्टा, सिगाड़े खाऊंगी
मां आज मैं पाठशाला नहीं जाऊंगी।
मास्टर जी पढ़ाते नही,
बच्चें कोई आते नहीं।
आज दिन भर तालाब में खेलूंगी
अपनी गुड़िया को मिट्टी का दूल्हा बनाऊंगी
बढ़ती गर्मी बहुत है
सेहत का खतरा है
मां में दिन भर तालाब में नहाउगी
अपनी गुड़िया भी यहीं ले आऊंगी
मां आज पाठशाला नहीं जाऊंगी
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश
0 टिप्पणियाँ