Ticker

6/recent/ticker-posts

आतंकवाद विरोधी दिवस शायरी | Anti Terrorism Day Shayari Poetry in Hindi

आतंकवाद पर शायरी | Aatankwad Par Shayari



aatankwad-virodhi-diwas-par-kavita-shayari-hindi-anti-terrorism-day-shayari-poetry-in-hindi


आतंकवाद विरोधी शायरी : Anti Terrorism Shayari in Hindi

आतंकवाद छोड़ो
जिंदगी से नाता जोड़ो
खुद भी खुश रहो
और दुनिया को खुश रहने दो


आतंकवादी विरोधी दिवस पर एक कविता 


आतंकवादी भाइयो - एक खुली चिट्ठी

ऐ मेरे आतंकवादी भाइयों, आओ,
थोड़ा बतियाओ
क्यों करते हो खून-खराबा, जरा हमको भी समझाओ

शहीद जवानों की रगों में क्या तेरा खून नहीं था ?
परखच्चों में उड़े चिथड़े वह भी तो तेरा भाई था

क्यों घर से बेघर होते हो, छुप- छुप कर जीओ मत
गिल -हिकमत मत रखो, समझो !
सर्वसम्मत है जनमत

बलात्कार की बातें क्यों जाती हैं सिर पर तेरे भैया
बहन-बेटियांँ सबकी हैं, इज्ज़त-
अस्मत की बनो रखैया

ऐसी भी क्या जिन्दगी दौड़ो, मारो, काटो है जीवन
भूले-भटके मेरे भाई, समरस हो सबका सहजीवन

बेखटके रहो हमेशा, छोड़ो अब तुम भूलभुलैया
नाककटैया क्यों बनते हो ?
सामाजिकता की बनो खेवैया

पस्तहिम्मत मत हो, न माथे पर कोई तोहमत
हुकूमत सबकी रहे यहाँ प्रजातंत्र का है मूलमत

माई रोए, बाबा तड़पे, उजड़े भाई -बहन की दुनिया
आओ, वापस अपने घर को, नवजीवन होए गुड़-धनिया
'मीनू' मीना सिन्हा 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ