मुल्को मिल्लत की शान है उर्दू : World Urdu Day Poetry In Hindi
ग़ज़ल
मुल्को मिल्लत की शान है उर्दू।
चाशनी सी ज़ुबान है उर्दू।
इ़श्क़ की तर्जुमान है उर्दू।
मीरो ग़ालिब की जान है उर्दू।
पढ़ के तारीख़ देखिए तो सही।
फ़ख़्रे हिन्दोस्तान है उर्दू।
अपनी तहज़ीब और तमद्दुन की।
हर घड़ी पासबान है उर्दू।
ख़त्म होगी न जो क़यामत तक।
वो अजब दास्तान है उर्दू।
इस में ढलते हैं लफ़्ज़ उल्फ़त के।
गीत ग़ज़लों की खान है उर्दू।
ख़ुश्बू फ़ैली है चार सू जिसकी।
वो ह़सीं अ़तर्दान है उर्दू।
मज़हबो में न बाँटिए इसको।
हिन्द की आन बान है उर्दू।
दर्से उल्फ़त जो सबको देता है।
वो तिरा ख़ानदान है उर्दू।
एक हम ही नहीं तिरे शैदा।
तुझ पे शैदा जहान है उर्दू।
फूल से रुख़ पे भारती तेरे।
तिल के जैसा निशान है उर्दू।
ख़ुश जो करती है क़ल्बे मेहमाँ को।
वो ह़सीं मेज़बान है उर्दू।
पूछ लो तुम फ़िराक़ से जा कर।
शायरों की ज़ुबान है उर्दू।
फ़ानी आतिश ख़ुमार हों के फ़राज़।
सारे शौअ़रा की जान है उर्दू।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद
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