Ticker

6/recent/ticker-posts

एक शाम फिकरे अदब के नाम ऑन लाइन मुशायरे का आयोजन Sab Ki Aawaz

Sab Ki Awaaz Adbi Tanzeem

Online International Mushaira.webp

सबकी आवाज अदबी तन्जीम के बैनर तले जूम ऐप पर एक शाम  फिकरे अदब के नाम ऑन लाइन मुशायरे का आयोजन किया गया। 

Ek Sham fikre adab ke naam

जिसकी अध्यक्षता मशहूर ओ माअरुफ शायर इरफान हमीद काशीपुरी ने की,  संचालन उमर मुख़तार मुरादाबादी ने की और मुख्य अतिथि असदुल्ला असद अमवावी थे।

Online International Mushaira

हम्दो नात के साथ मुशायरा शुरू हुआ।
मुशायरे में पढ़ी गई पसंदीदा पंक्तियां।

मुझको मेरी वफा का मिला वो सिला के बस।
मैं सादगी ए कल्ब पे चिल्ला उठा के बस।
इरफान हमीद उत्तराखंड

स्मार्ट फोन दे के मुझे गिफ्ट में सादिक।
रातों को जागने का हुनर दे गया मुझे।
अताउल्लाह ख़ान सादिक़

तू मसीहा न सही एक सितमगर बन कर।
मुतमयीं दिल को जरा तस्कीन दिलाने आ जा।
काज़िम शीराज़ी जौनपुरी

आप की फुर्कत में जानाँ कुछ तो होना है जरूर।
मयकशी बढ़ जायेगी या शायरी बढ़ जायेगी।
फ़राज़ मुरादाबादी

यह काम भी ऐ जाने तमन्ना किया करो।
दिन भर में एक बार तो बोसा दिया करो।
मुजाहिद लालटेन इलाहाबादी

खुद को सरापा अकल समझते थे आज वो
इल्मो अदब की अब हैं किताबों की खोज में।
गुलनाज सिद्दीकी रामपुरी

अभी तलक तो यहीं था हमारा चारागर।
यह कौन ले के गया है मेरे सिरहाने से।
नदीम सादिक सिद्धार्थ नगरी

बात करने को राजी नहीं जब
दूर शिकवा गिला कैसे होगा।
आबिद नवाब सहारनपुरी

हमारे नेक अमल से हमें खुदा न कहो।
यह काम हम नहीं करते खुदा कराता है।
जौहर नगरौरी बहराइच

खतीब हो तुम, हो तुम सहाफी खड़े हो अब शायरों की सफ में।
सुख़नवरों का इमाम कहना वो आप थीं जो के अब नहीं हैं।
असदुल्लाह असद अमवावी

मुशायरे के आखिर में कनवीनर अता उल्लाह खान सादिक ने सभी शौअरा और सामाईन का शुक्रिया आदा करते हुए मुल्क ओ मिल्लत के हक में दुआओं के साथ मुशायरे के समापन का ऐलान किया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ