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आँखों की तारीफ में शायरी-Shayari on Eyes-Aankhen Shayari

निगाहें शायरी-Shayari on Eyes

आँखों की तारीफ में शायरी-Shayari on Eyes-Aankhen Shayari

नैनो की शायरी-नैना पर शायरी-Aankhen Shayari

ग़ज़ल
पी लिया जब से जाम आँखों का
हो गया दिल ग़ुलाम आँखों का

है बिसारत भी नाम आँखों का
दिल है यूँ शाद काम आँखों का

इतनी क़ातिल अगर नहीं होतीं
चर्चा होता न आ़म आँखों का

Shayari On Beautiful Eyes

झुक गया दिल ये उनके क़दमों में
जब भी आया सलाम आँखों का

आया इल्ज़ाम क़त्ल का दिल पर
जब के था ये भी काम आँखों का

जी में आता है अब सनम मेरे
मयकदा रख दूँ नाम आँखों का

नूर से जब तलक रहीं रौशन
कौन समझा मुक़ाम आँखों का

हुस्न के जलवे गर नहीं होते
जीना होता ह़राम आँखों का

जान दे कर ख़रीद लूँ अपनी
तुम बताओ जो दाम आँखों का

फर्श से अ़र्श ये दिखातीं हैं
क्या निराला है काम आँखों का

इश्क़ में खो गया वही इनके
जिसने समझा कलाम आँखों का

जो भी डूबा निकल नहीं पाया
कौन समझा निज़ाम आँखों का

राह तकना तुम्हारी ऐ दिलबर
काम है सुबह-शाम आँखों का

उसको पागल कहा गया जग में
जो न समझा कलाम आँखों का

चश्मा काला दिला दिया उनको
कर दिया इन्तिज़ाम आँखों का

रंग मेह़फ़िल में जम गया यारो
जब भी छलका है जाम आँखों का

अब मिला लो फराज़ से नज़रें
अब तो ले लो सलाम आँखों का

दिल भी अब तो फराज़ मेरा यह
हो गया हाय राम आँखों का
सरफराज़ हुसैन फराज़ पीपलसाना मुरादाबबाद यू.पी.

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