नाते पाक अच्छी-अच्छी-Naat-e-Pak
खूबसूरत नाते पाक-Naat Sharif
नअते-पाक
सुन्नते - मुस्तफ़ा निभाए जा।
मुफ़लिसों को गले लगाए जा॥
कुछ ज़माने में हज़रते इन्सान।
फर्ज़े-इन्सानियत निभाए जा।
इल्मो-अक़्लो-शऊर पाए जा॥
इस्मे-अहमद सजा के होठो पर।
यादे-ख़ालिक में सर झुकाए जा॥
हों मकीं जिसके मुस्तफ़ा अपने।
दिल में क़स्रे-विला बनाए जा॥
आमदे -नूर पर ज़माने में।
महफ़िले-नूर तू सजाए जा॥
पाक हो जाएगी ज़बाँ तेरी।
नअते सरकार गुन-गुनाए जा॥
मिदहते -मुस्तफ़ा से जन्नत में।
बैत अपने लिएं बनाए जा॥
मुझको जामे-शराबे-इश्के-नबी।
साक़िया उम्र भर पिलाए जा॥
तू ग़ुलामे -रसूल है "सादिक़"
दीन-दुखियों के काम आए जा
फूलमियाँ "सादिक़" बुकनालवी
सुन्नते - मुस्तफ़ा निभाए जा।
मुफ़लिसों को गले लगाए जा॥
कुछ ज़माने में हज़रते इन्सान।
फर्ज़े-इन्सानियत निभाए जा।
खूबसूरत नाते पाक
रख दरे-शह्रे-इल्म से निस्बत।इल्मो-अक़्लो-शऊर पाए जा॥
इस्मे-अहमद सजा के होठो पर।
यादे-ख़ालिक में सर झुकाए जा॥
हों मकीं जिसके मुस्तफ़ा अपने।
दिल में क़स्रे-विला बनाए जा॥
आमदे -नूर पर ज़माने में।
महफ़िले-नूर तू सजाए जा॥
पाक हो जाएगी ज़बाँ तेरी।
नअते सरकार गुन-गुनाए जा॥
मिदहते -मुस्तफ़ा से जन्नत में।
बैत अपने लिएं बनाए जा॥
मुझको जामे-शराबे-इश्के-नबी।
साक़िया उम्र भर पिलाए जा॥
तू ग़ुलामे -रसूल है "सादिक़"
दीन-दुखियों के काम आए जा
फूलमियाँ "सादिक़" बुकनालवी
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