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New Year Shayari महकी महकी हवाऐं नये साल की

नये साल की खुशियाँ बिखेरती शायरी

New Year Shayari

नये साल में घटाऐं और खुशी का चाँद

नये साल में अंधेरों को दूर करता खुशी का चाँद

महकी महकी सी चलने लगीं फिर हवाऐं, नये साल की
देखो बरसाने खुशियाँ लगीं फिर घटाऐं, नये साल की

भूल जाएंगे नफरत को हम दोस्तो आज मिलकर सभी
पहले आओ ज़रा यह क़सम साथ खाएं, नये साल की

अब अंधेरों का मिट जाएगा ज़ुल्म कोई परेशाँ न हो
आ रही हैं यहाँ अम्न ले अब ज़ियाऐं, नये साल की

छीन लेना न फिर हर खुशी चाँद कहता है ओ मोदी जी
आपको देते हैं हम सभी इल्तिजाऐं, नये साल की
चाँद आदिल बरेली
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