Ticker

6/recent/ticker-posts

Desh Bhakti Shayari | आज़ादी शायरी | स्वतंत्रता दिवस कविता

 Desh Bhakti Shayari | नफ़रत के निशानात हर इक दिल से मिटाओ

desh-bhakti-shayari-desh-bhakti-kavita

Motivational Quotes Shayari Republic Day 

स्वतंत्रता दिवस कविता

आज़ादी के इस जश्न को मिल जुल के मनाओ

है जान अगर प्यारी तो ए दुश्मनों सुन लो
नापाक निगाहें न तिरंगे पे उठाओ
आज़ादी का पैग़ाम हकीक़त में यही है
ये ज़ात धर्म छोड़ो गले सबको लगाओ
है प्यार मुहब्बत ही तरक्की की ज़मानत 
बापू का ये पैग़ाम ज़माने को सुनाओ
जो हमको बांटने की करें कोशिशें उनको
अशफ़ाक भगत सिंह का किस्सा तो सुनाओ
वो नन्हे नन्हे बच्चे हों या नौजवान हों
उन सबको बुजुर्गों तवारीख बताओ
आज़ाद भगत सिंह की ये पाक जमीं है
तुम भूल से इस सिम्त निगाहें न उठाओ
अंग्रेज़ तो ज़ीशान गए हम हुए आज़ाद
अब मुल्क को गुरबत से भी आज़ाद कराओ
ज़ीशान इटावी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ