ज़िंदगी शायरी
Shayari On Life
Zindagi Sad Shayari In Hindi
Shayari On Zindagi
Zindagi Shayari
दायरा-दायरा ज़िंदगी हो गई
तुम समंदर हुए मैं नदी हो गई।
नींद जाने कहाँ उड़ गई आँख से
आज बैरन बड़ी चाँदनी हो गई।
जब भृमर ने निहारा तो फिर शर्म से
लाल ये पंखुड़ी-पंखुड़ी हो गई।
पत्थरों की शिलाएं पिघलने लगीं
धुन में जब श्याम की बांसुरी हो गई।
किसकी यादों की चलती हैं पुरवाईयाँ
क्यों फ़ज़ाओं में इतनी नमी हो गई।
दे रही हो किसे देर से तुम सदा
अब तो अतिया नई ये सदी हो गई।
अतिया नूर
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