दीपावली दरवाजे की शायरी
प्यार के गीत
दीपावली पर ग़ज़ल
प्यार के गीत गायेंगे हम !
एक दुनिया बसायेंंगे हम !!
एक दुनिया बसायेंंगे हम !!
दीपोत्सव पर शायरी
दीपावली स्टेटस शायरी
प्यार के गीत गायेंगे हम!
एक दुनिया बसायेंंगे हम!!
एक दुनिया बसायेंंगे हम!!
मस्त उन को बनायेंगे हम!
गीत अपने जो गायेंगे हम!!
नगमा-ए-हक सुनायेंगे हम!
जजबा-ए-दिल जगायेंंगे हम!!
जाम-ए-उल्फत पिला कर,सनम!
मस्त, सब को बनायेंंगे हम!!
अम्न की होगी दीपावली!
खूब दीपक जलायेंंगे हम!!
यारो! जमाना से जम-जम तलक,
आज गुलशन बनायेंंगे हम!!
गोशे-गोशे को महकायेंंगे!
फूल, दिल के,खिलायेंंगे हम!!
उन के रुख की तजल्ली से अब,
चाँदनी में नहायेंंगे हम!!
कर के आबाद सहरा को अब,
जश्न-ए-वह्शत मनायेंंगे हम!!
यारो! हम को मनायेंंगे वे!
और उन को मनायेंंगे हम!!
एक हो कर रहेंंगे सदा!
अपना वादा निभायेंगे हम!!
फख्र हम पर करेगा जहाँ!
शान अपनी बढायेंंगे हम!!
हाँ!,ब-फज्ल-ए-खुदा, देखना!
बाग-ए-जन्नत में जायेंगे हम!!
हो न तफरीक-ए-दैर-व-हरम!
ऐसा "भारत " बनायेंगे हम!!
हिन्दू- मुस्लिम,सभी एक साथ
ईद, होली, मनायेंंगे हम!!
अपनी चाहत के देहात में
मन को गंगा बसायेंंगे हम!!
तन-दुरुस्ती की खातिर तुम्हे!
आब-ए-जमजम पिलायेंंगे हम!
शैख साहब सभी लोगो को,
गंगा-जल भी पिलायेंंगे हम!
रात-दिन, गुलशन-ए-हिन्द में,
गुन्चा-व-गुल खिलाएंंगे हम!
दोस्तो! आज आकाश पर,
फिर घटा बन के छायेंंगे हम!
हिन्द का यौम-ए-जमहूरियाा,
हर बरस ही मनायेंंगे हम!
हिन्द का यौम-ए-आजादी भी,
हर बरस ही मनायेंंगे हम!!
रामचन्द्र दास प्रेमी राज
यह गजल जारी रहेगी
(गजल जारी रहेगी!,कवि : डॉकटर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी)
जारी रहने वाली इस गजल के सभी शेर-व-सुखन स्कूल और कॉलेज के हसीन-व-जवान छात्र-व-छात्राओं के लिए विशेष तौर पर पेश किए जा रहे हैं
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