नये साल पर दुआ शायरी
New Year Dua Shayari
फलती नहीं है या रब मेरी कोई दुआ क्यूँ
हर वक़्त ज़ीस्त में है आहों का सिलसिला क्यूँ
हर वक़्त ज़ीस्त में है आहों का सिलसिला क्यूँ
है इक यही शिकायत दुनिया में हर किसी को
ये ज़िन्दगी किसी से करती नहीं वफ़ा क्यूँँ
दुनिया के वास्ते कुछ तुमने नहीं किया तो
कहते हो तुम जहां को आख़िर भला बुरा क्यूँँ
लड़ने का मुश्किलों से जब हौसला नहीं था
तुमने चुना सदाकत का फिर ये रास्ता क्यूँ
जो काम करते तुमको आयी तनिक न लज्जा
उसको जहां से कहते गर्दन रहे झुका क्यों
बेहतर है बाजुओं पर हीरा यकीन रक्खें
ग़ैरों से ज़िन्दगी में रखना ही आसरा क्यूँ
हीरालाल यादव हीरा
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